Category: शायरी
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तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे – क़ैसर-उल जाफ़री, Tumhaare Shahr Ka Mausam Bada Suhana Lage – Qaisarul Jafri
तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे – क़ैसर-उल जाफ़री, Tumhaare Shahr Ka Mausam Bada Suhana Lage – Qaisarul Jafri तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे तुम्हारे बस में अगर हो तो भूल जाओ मुझे तुम्हें भुलाने में शायद मुझे ज़माना लगे जो डूबना है…
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अपने हाथों की लकीरों में सजा ले मुझ को – क़तील शिफ़ाई , Apne Hathon Ki Lakiron Mein Saja Le Mujhko – Qateel Shifai
अपने हाथों की लकीरों में सजा ले मुझ को – क़तील शिफ़ाई , Apne Hathon Ki Lakiron Mein Saja Le Mujhko – Qateel Shifai अपने हाथों की लकीरों में सजा ले मुझ को मैं हूँ तेरा तू नसीब अपना बना ले मुझ को मैं जो काँटा हूँ तो चल मुझ से बचा कर दामन मैं…
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जब से तू ने मुझे दीवाना बना रक्खा है – हकीम नासिर, Jab Se Tu Ne Mujhe Diwana Bana Rakkha Hai – Hakeem Nasir
जब से तू ने मुझे दीवाना बना रक्खा है – हकीम नासिर, Jab Se Tu Ne Mujhe Diwana Bana Rakkha Hai – Hakeem Nasir जब से तू ने मुझे दीवाना बना रक्खा है संग हर शख़्स ने हाथों में उठा रक्खा है उस के दिल पर भी कड़ी इश्क़ में गुज़री होगी नाम जिस ने…
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वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो – मोमिन ख़ाँ मोमिन, Wo Jo Hum Mein Tum Mein Qarar Tha Tumhein Yaad Ho Ki Na Yaad Ho – Momin Khan Momin
वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो – मोमिन ख़ाँ मोमिन, Wo Jo Hum Mein Tum Mein Qarar Tha Tumhein Yaad Ho Ki Na Yaad Ho – Momin Khan Momin वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो वही या’नी…
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रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ – अहमद फ़राज़, Ranjish Hi Sahi Dil Hi Dukhane Ke Liye Aa – Ahmad Faraz
रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ – अहमद फ़राज़, Ranjish Hi Sahi Dil Hi Dukhane Ke Liye Aa – Ahmad Faraz रंजिश ही सही दिल ही दुखाने के लिए आ आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ कुछ तो मिरे पिंदार-ए-मोहब्बत का भरम रख तू भी तो कभी मुझ…
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इक पल में इक सदी का मज़ा हम से पूछिए – ख़ुमार बाराबंकवी, Ek Pal Mein Ek Sadi Ka Maza Humse Puchhiye – Khumar Barabankavi
इक पल में इक सदी का मज़ा हम से पूछिए – ख़ुमार बाराबंकवी, Ek Pal Mein Ek Sadi Ka Maza Humse Puchhiye – Khumar Barabankavi इक पल में इक सदी का मज़ा हम से पूछिए दो दिन की ज़िंदगी का मज़ा हम से पूछिए भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में हम क़िस्तों में ख़ुद-कुशी…
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बे-ख़याली में यूँही बस इक इरादा कर लिया – मुनीर नियाज़ी , Be-khayali Mein Yunhi Bas Ek Irada Kar Liya – Muneer Niyazee
बे-ख़याली में यूँही बस इक इरादा कर लिया – मुनीर नियाज़ी, Be-khayali Mein Yunhi Bas Ek Irada Kar Liya – Muneer Niyazee बे-ख़याली में यूँही बस इक इरादा कर लिया अपने दिल के शौक़ को हद से ज़ियादा कर लिया जानते थे दोनों हम उस को निभा सकते नहीं उस ने वा’दा कर लिया मैं…
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अपना दिल पेश करूँ अपनी वफ़ा पेश करूँ – साहिर लुधियानवी, Apna Dil Pesh Karun Apni Vafa Pesh Karun – Sahir Ludhianvi
अपना दिल पेश करूँ अपनी वफ़ा पेश करूँ – साहिर लुधियानवी, Apna Dil Pesh Karun Apni Vafa Pesh Karun – Sahir Ludhianvi अपना दिल पेश करूँ अपनी वफ़ा पेश करूँ कुछ समझ में नहीं आता तुझे क्या पेश करूँ तेरे मिलने की ख़ुशी में कोई नग़्मा छेड़ूँ या तिरे दर्द-ए-जुदाई का गिला पेश करूँ मेरे…
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सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है – शहरयार, Sine Mein Jalan Aankhon Mein Tufan Sa Kyun Hai – Shahryar
सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है – शहरयार, Sine Mein Jalan Aankhon Mein Tufan Sa Kyun Hai – Shahryar सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है इस शहर में हर शख़्स परेशान सा क्यूँ है दिल है तो धड़कने का बहाना कोई ढूँडे पत्थर की तरह बे-हिस ओ बे-जान सा…
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बस एक बार किसी ने गले लगाया था – ज़फ़र इक़बाल, Bas Ek Bar Kisi Ne Gale Lagaya Tha – Zafar Iqbal
बस एक बार किसी ने गले लगाया था – ज़फ़र इक़बाल, Bas Ek Bar Kisi Ne Gale Lagaya Tha – Zafar Iqbal बस एक बार किसी ने गले लगाया था फिर उस के बा’द न मैं था न मेरा साया था गली में लोग भी थे मेरे उस के दुश्मन लोग वो सब पे हँसता…
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कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता – निदा फ़ाज़ली, Kabhi Kisi Ko Mukammal Jahan Nahin Milta – Nida Fazli
कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता – निदा फ़ाज़ली, Kabhi Kisi Ko Mukammal Jahan Nahin Milta – Nida Fazli कभी किसी को मुकम्मल जहाँ नहीं मिलता कहीं ज़मीन कहीं आसमाँ नहीं मिलता तमाम शहर में ऐसा नहीं ख़ुलूस न हो जहाँ उमीद हो इस की वहाँ नहीं मिलता कहाँ चराग़ जलाएँ कहाँ गुलाब रखें…
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पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है – मीर तक़ी मीर, Patta Patta Buta Buta Haal Hamara Jaane Hai -Meer Taqi Meer
पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है – मीर तक़ी मीर, Patta Patta Buta Buta Haal Hamara Jaane Hai -Meer Taqi Meer पत्ता पत्ता बूटा बूटा हाल हमारा जाने है जाने न जाने गुल ही न जाने बाग़ तो सारा जाने है लगने न दे बस हो तो उस के गौहर-ए-गोश को बाले तक…