Category: शायरी
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किस पे झपटा मुआ शिकारी आज – मोहसिन ख़ान मोहसिन, Kis Pe Jhapta Mua Shikari Aaj Mohsin Khan Mohsin Shayri
किस पे झपटा मुआ शिकारी आज – मोहसिन ख़ान मोहसिन, Kis Pe Jhapta Mua Shikari Aaj – Mohsin Khan Mohsin किस पे झपटा मुआ शिकारी आज चीख़ पर चीख़ किस ने मारी आज आधी बर-सर तुम्हारी सारी आज देख ली हम ने सारी प्यारी आज सौत को भेजिए सवारी आज है उसी रू-सियह की बारी…
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अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है – अमीर मीनाई, Achchhe Isa Ho Marizon Ka Khayal Achchha Hai – Ameer Minai
अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है – अमीर मीनाई, Achchhe Isa Ho Marizon Ka Khayal Achchha Hai – Ameer Minai अच्छे ईसा हो मरीज़ों का ख़याल अच्छा है हम मरे जाते हैं तुम कहते हो हाल अच्छा है तुझ से माँगूँ मैं तुझी को कि सभी कुछ मिल जाए सौ सवालों से यही…
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ख़याल-ओ-ख़्वाब हुई हैं मोहब्बतें कैसी – उबैदुल्लाह अलीम, Ḳhayāl-o-ḳhvāb Huī Haiñ Mohabbateñ Kaisī – Obaidullah Aleem
ख़याल-ओ-ख़्वाब हुई हैं मोहब्बतें कैसी – उबैदुल्लाह अलीम, Ḳhayāl-o-ḳhvāb Huī Haiñ Mohabbateñ Kaisī – Obaidullah Aleem ख़याल-ओ-ख़्वाब हुई हैं मोहब्बतें कैसी लहू में नाच रही हैं ये वहशतें कैसी न शब को चाँद ही अच्छा न दिन को मेहर अच्छा ये हम पे बीत रही हैं क़यामतें कैसी वो साथ था तो ख़ुदा भी था…
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इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है – जिगर मुरादाबादी, Ek Lafz-e-mohabbat Ka Adna Ye Fasana Hai – Jigar Moradabadi
इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है – जिगर मुरादाबादी, Ek Lafz-e-Mohabbat Ka Adna Ye Fasana Hai – Jigar Moradabadi इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है ये किस का तसव्वुर है ये किस का फ़साना है जो अश्क है आँखों में तस्बीह का दाना है दिल संग-ए-मलामत…
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सौ बार चमन महका सौ बार बहार आई – सूफ़ी तबस्सुम, Ghazal -Sau Bar Chaman Mahka Sau Bar Bahaar Aai – Sufi Tabassum
सौ बार चमन महका सौ बार बहार आई – सूफ़ी तबस्सुम, Ghazal -Sau Bar Chaman Mahka Sau Bar Bahaar Aai – Sufi Tabassum सौ बार चमन महका सौ बार बहार आई दुनिया की वही रौनक़ दिल की वही तन्हाई इक लहज़ा बहे आँसू इक लहज़ा हँसी आई सीखे हैं नए दिल ने अंदाज़-ए-शकेबाई इस मौसम-ए-गुल…
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ख़्वाबों से न जाओ कि अभी रात बहुत है – साबिर दत्त, Khwabon Se Na Jao Ki Abhi Raat Bahut Hai – Sabir Dutt
ख़्वाबों से न जाओ कि अभी रात बहुत है – साबिर दत्त, Khwabon Se Na Jao Ki Abhi Raat Bahut Hai – Sabir Dutt ख़्वाबों से न जाओ कि अभी रात बहुत है पहलू में तुम आओ कि अभी रात बहुत है जी भर के तुम्हें देख लूँ तस्कीन हो कुछ तो मत शम्अ बुझाओ…
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मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा – सईद राही, Mere Jaise Ban Jaoge Jab Ishq Tumhen Ho Jaega – Saeed Rahi
मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा – सईद राही, Mere Jaise Ban Jaoge Jab Ishq Tumhen Ho Jaega – Saeed Rahi मेरे जैसे बन जाओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा दीवारों से सर टकराओगे जब इश्क़ तुम्हें हो जाएगा हर बात गवारा कर लोगे मिन्नत भी उतारा कर लोगे ता’वीज़ें भी बंधवाओगे…
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तुम को भुला रही थी कि तुम याद आ गए – अंजुम रहबर, Tumko Bhula Rahi Thi Ki Tum Yaad Aa Gae – Anjum Rehbar
तुम को भुला रही थी कि तुम याद आ गए – अंजुम रहबर, Tumko Bhula Rahi Thi Ki Tum Yaad Aa Gae – Anjum Rehbar तुम को भुला रही थी कि तुम याद आ गए मैं ज़हर खा रही थी कि तुम याद आ गए कल मेरी एक प्यारी सहेली किताब में इक ख़त छुपा…
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समुंदर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं – वसी शाह, Samundar Mein Utarta Hun To Aankhen Bhig Jati Hain – Wasi Shah Complete Ghazal In Hindi
समुंदर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं – वसी शाह, Samundar Mein Utarta Hun To Aankhen Bhig Jati Hain – Wasi Shah Complete Ghazal In Hindi समुंदर में उतरता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं तिरी आँखों को पढ़ता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं तुम्हारा नाम लिखने की इजाज़त छिन गई जब…
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कहाँ आ के रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा – अमजद इस्लाम अमजद , Kahan Aa Ke Rukne The Raste Kahan Mod Tha Use Bhul Ja – Amjad Islam Amjad
कहाँ आ के रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा – अमजद इस्लाम अमजद , Kahan Aa Ke Rukne The Raste Kahan Mod Tha Use Bhul Ja – Amjad Islam Amjad कहाँ आ के रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा वो जो मिल गया उसे याद रख जो नहीं मिला…
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कोई फ़रियाद तिरे दिल में दबी हो जैसे – फ़ैज़ अनवर, Koi Fariyaad Tere Dil Mein Dabi Ho Jaise – Faiz Anwar
कोई फ़रियाद तिरे दिल में दबी हो जैसे – फ़ैज़ अनवर, Koi Fariyaad Tere Dil Mein Dabi Ho Jaise – Faiz Anwar कोई फ़रियाद तिरे दिल में दबी हो जैसे तू ने आँखों से कोई बात कही हो जैसे जागते जागते इक उम्र कटी हो जैसे जान बाक़ी है मगर साँस रुकी हो जैसे हर…
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चेहरे पे मिरे ज़ुल्फ़ को फैलाओ किसी दिन – अमजद इस्लाम अमजद, Chehre Pe Mere Zulf Ko Phailao Kisi Din – Amjad Islam Amjad
चेहरे पे मिरे ज़ुल्फ़ को फैलाओ किसी दिन – अमजद इस्लाम अमजद, Chehre Pe Mere Zulf Ko Phailao Kisi Din – Amjad Islam Amjad चेहरे पे मिरे ज़ुल्फ़ को फैलाओ किसी दिन क्या रोज़ गरजते हो बरस जाओ किसी दिन राज़ों की तरह उतरो मिरे दिल में किसी शब दस्तक पे मिरे हाथ की खुल…