Category: शायरी
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जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने – शहरयार, Justuju Jis Ki Thi Usko To Na Paya Humne – Shahryar
जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने – शहरयार, Justuju Jis Ki Thi Usko To Na Paya Humne – Shahryar जुस्तुजू जिस की थी उस को तो न पाया हम ने इस बहाने से मगर देख ली दुनिया हम ने सब का अहवाल वही है जो हमारा है आज ये अलग…
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तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम – साहिर लुधियानवी, Tang Aa Chuke Hain Kashmakash-e-zindagi Se Hum – Sahir Ludhianvi
तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम – साहिर लुधियानवी, Tang Aa Chuke Hain Kashmakash-e-zindagi Se Hum – Sahir Ludhianvi तंग आ चुके हैं कशमकश-ए-ज़िंदगी से हम ठुकरा न दें जहाँ को कहीं बे-दिली से हम मायूसी-ए-मआल-ए-मोहब्बत न पूछिए अपनों से पेश आए हैं बेगानगी से हम लो आज हम ने तोड़ दिया रिश्ता-ए-उमीद लो…
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आप की याद आती रही रात भर – फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, Aap Ki Yaad Aati Rahi Raat Bhar – Faiz Ahmad Faiz
आप की याद आती रही रात भर – फ़ैज़ अहमद फ़ैज़, Aap Ki Yaad Aati Rahi Raat Bhar – Faiz Ahmad Faiz आप की याद आती रही रात भर चाँदनी दिल दुखाती रही रात भर गाह जलती हुई गाह बुझती हुई शम-ए-ग़म झिलमिलाती रही रात भर कोई ख़ुशबू बदलती रही पैरहन कोई तस्वीर गाती रही…
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भुलाता लाख हूँ लेकिन बराबर याद आते हैं – हसरत मोहानी, Bhulata Lakh Hun Lekin Barabar Yaad Aate Hain – Hasrat Mohani
भुलाता लाख हूँ लेकिन बराबर याद आते हैं – हसरत मोहानी, Bhulata Lakh Hun Lekin Barabar Yaad Aate Hain – Hasrat Mohani भुलाता लाख हूँ लेकिन बराबर याद आते हैं इलाही तर्क-ए-उल्फ़त पर वो क्यूँकर याद आते हैं न छेड़ ऐ हम-नशीं कैफ़ियत-ए-सहबा के अफ़्साने शराब-ए-बे-ख़ुदी के मुझ को साग़र याद आते हैं रहा करते…
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चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है – हसरत मोहानी, Chupke Chupke Raat Din Aansu Bahana Yaad Hai – Hasrat Mohani
चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है – हसरत मोहानी, Chupke Chupke Raat Din Aansu Bahana Yaad Hai – Hasrat Mohani चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है बा-हज़ाराँ इज़्तिराब ओ सद-हज़ाराँ इश्तियाक़ तुझ से वो पहले-पहल दिल का लगाना याद है बार…
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कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे – राहत इंदौरी, Kahin Akele Mein Mil Kar Jhinjhod Dunga Use – Rahat Indori
कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे – राहत इंदौरी, Kahin Akele Mein Mil Kar Jhinjhod Dunga Use – Rahat Indori कहीं अकेले में मिल कर झिंझोड़ दूँगा उसे जहाँ जहाँ से वो टूटा है जोड़ दूँगा उसे मुझे वो छोड़ गया ये कमाल है उस का इरादा मैं ने किया था कि छोड़…
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किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई – मुनव्वर राना, Kisi Ko Ghar Mila Hisse Mein Ya Koi Dukan Aai – Munawwar Rana
किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई – मुनव्वर राना, Kisi Ko Ghar Mila Hisse Mein Ya Koi Dukan Aai – Munawwar Rana किसी को घर मिला हिस्से में या कोई दुकाँ आई मैं घर में सब से छोटा था मिरे हिस्से में माँ आई यहाँ से जाने वाला लौट कर कोई…
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आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए – मुनव्वर राना, Aapko Chehre Se Bhi Bimar Hona Chahiye – Munawwar Rana
आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए – मुनव्वर राना, Aapko Chehre Se Bhi Bimar Hona Chahiye – Munawwar Rana आप को चेहरे से भी बीमार होना चाहिए इश्क़ है तो इश्क़ का इज़हार होना चाहिए आप दरिया हैं तो फिर इस वक़्त हम ख़तरे में हैं आप कश्ती हैं तो हम को पार…
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तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो – कैफ़ी आज़मी, Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho – Kaifi Azmi
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो – कैफ़ी आज़मी, Tum Itna Jo Muskura Rahe Ho – Kaifi Azmi तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो क्या ग़म है जिस को छुपा रहे हो आँखों में नमी हँसी लबों पर क्या हाल है क्या दिखा रहे हो बन जाएँगे ज़हर पीते पीते ये अश्क जो पीते जा…
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झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं – कैफ़ी आज़मी, Jhuki Jhuki Si Nazar Be-qarar Hai Ki Nahin – Kaifi Azmi
झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं – कैफ़ी आज़मी, Jhuki Jhuki Si Nazar Be-qarar Hai Ki Nahin – Kaifi Azmi झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं तू अपने दिल की जवाँ धड़कनों को गिन के बता मिरी तरह तिरा दिल बे-क़रार…
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अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा – बशीर बद्र, Agar Talash Karun Koi Mil Hi Jaega – Bashir Badr
अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा – बशीर बद्र, Agar Talash Karun Koi Mil Hi Jaega – Bashir Badr अगर तलाश करूँ कोई मिल ही जाएगा मगर तुम्हारी तरह कौन मुझ को चाहेगा तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा न जाने कब तिरे दिल पर नई सी…
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नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम – जौन एलिया, Naya Ek Rishta Paida Kyun Karen Hum Jaun Eliya
नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम – जौन एलिया, Naya Ek Rishta Paida Kyun Karen Hum Jaun Eliya नया इक रिश्ता पैदा क्यूँ करें हम बिछड़ना है तो झगड़ा क्यूँ करें हम ख़मोशी से अदा हो रस्म-ए-दूरी कोई हंगामा बरपा क्यूँ करें हम ये काफ़ी है कि हम दुश्मन नहीं हैं वफ़ा-दारी का दावा…