Category: लव प्यार
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हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कुरा देना – अकबर इलाहाबादी, Haya Se Sar Jhuka Lena Ada Se Muskura Dena – Akbar Allahabadi
हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कुरा देना – अकबर इलाहाबादी, Haya Se Sar Jhuka Lena Ada Se Muskura Dena – Akbar Allahabadi हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कुरा देना हसीनों को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना ये तर्ज़ एहसान करने का तुम्हीं को ज़ेब देता है मरज़ में मुब्तला…
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रात-भर सर्द हवा चलती रही, रात-भर हम ने अलाव तापा, Rāt-bhar Sard Havā Chaltī Rahī – Gulzar
रात-भर सर्द हवा चलती रही, रात-भर हम ने अलाव तापा, Rāt-bhar Sard Havā Chaltī Rahī – Gulzar रात-भर सर्द हवा चलती रही रात-भर हम ने अलाव तापा मैं ने माज़ी से कई ख़ुश्क सी शाख़ें काटीं तुम ने भी गुज़रे हुए लम्हों के पत्ते तोड़े मैं ने जेबों से निकालीं सभी सूखी नज़्में तुम ने…
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आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो – राहत इंदौरी, Aankh Mein Pani Rakho Honton Pe Chingari Rakho Rahat Indori
आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो – राहत इंदौरी, Aankh Mein Pani Rakho Honton Pe Chingari Rakho Rahat Indori आँख में पानी रखो होंटों पे चिंगारी रखो ज़िंदा रहना है तो तरकीबें बहुत सारी रखो राह के पत्थर से बढ़ कर कुछ नहीं हैं मंज़िलें रास्ते आवाज़ देते हैं सफ़र जारी रखो एक…
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इस भरे शहर में कोई ऐसा नहीं – अख़्तर-उल-ईमान, Is Bhare Shahr Meñ Koī Aisā Nahīñ Akhatar-ul-iman
इस भरे शहर में कोई ऐसा नहीं – अख़्तर-उल-ईमान, Is Bhare Shahr Meñ Koī Aisā Nahīñ Akhatar-ul-iman इस भरे शहर में कोई ऐसा नहीं जो मुझे राह चलते को पहचान ले और आवाज़ दे ओ बे ओ सर-फिरे दोनों इक दूसरे से लिपट कर वही गिर्द-ओ-पेश और माहौल को भूल कर गालियाँ दें हँसें हाथा-पाई…
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अभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैं – अहमद फ़राज़, Abhi Kuchh Aur Karishme Ghazal Ke Dekhte Hain – Ahmad Faraz
अभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैं – अहमद फ़राज़, Abhi Kuchh Aur Karishme Ghazal Ke Dekhte Hain – Ahmad Faraz अभी कुछ और करिश्मे ग़ज़ल के देखते हैं ‘फ़राज़’ अब ज़रा लहजा बदल के देखते हैं जुदाइयाँ तो मुक़द्दर हैं फिर भी जान-ए-सफ़र कुछ और दूर ज़रा साथ चल के देखते हैं रह-ए-वफ़ा…
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गले लगाएँ करें प्यार तुम को ईद के दिन – अकबर इलाहाबादी, Gale Lagaen Karen Pyar Tumko Eid Ke Din – Akbar Allahabadi
गले लगाएँ करें प्यार तुम को ईद के दिन – अकबर इलाहाबादी, Gale Lagaen Karen Pyar Tumko Eid Ke Din – Akbar Allahabadi गले लगाएँ करें प्यार तुम को ईद के दिन इधर तो आओ मिरे गुल-एज़ार ईद के दिन ग़ज़ब का हुस्न है आराइशें क़यामत की अयाँ है क़ुदरत-ए-परवरदिगार ईद के दिन सँभल सकी…
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मजेदार चुटकुले इन हिंदी, चटपटे चुटकुले इन हिंदी, Latest Chutkule In Hindi, Chutkule In Hindi Very Funny, Jokes Chutkule, Funny Jokes Chutkule
मजेदार चुटकुले इन हिंदी, चटपटे चुटकुले इन हिंदी, Latest Chutkule In Hindi, Chutkule In Hindi Very Funny, Jokes Chutkule, Funny Jokes Chutkule (1 ) वकील: तुम्हारे पति की मौत कैसे हुई? महिला: जहर खाने से। वकील: …फिर ये चोट के निशान कैसे हैं? महिला: पीने से मना कर रहे थे। . (2 ) लड़का- आपका…
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अपने पहलू से वो ग़ैरों को उठा ही न सके – अकबर इलाहाबादी, Apne Pahlu Se Wo Ghairon Ko Utha Hi Na Sake – Akbar Allahabadi
अपने पहलू से वो ग़ैरों को उठा ही न सके – अकबर इलाहाबादी, Apne Pahlu Se Wo Ghairon Ko Utha Hi Na Sake – Akbar Allahabadi अपने पहलू से वो ग़ैरों को उठा ही न सके उन को हम क़िस्सा-ए-ग़म अपना सुना ही न सके ज़ेहन मेरा वो क़यामत कि दो-आलम पे मुहीत आप ऐसे…
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दर्द हल्का है साँस भारी है – गुलज़ार, Dard Halka Hai Sans Bhaari Hai – Gulzar
दर्द हल्का है साँस भारी है – गुलज़ार, Dard Halka Hai Sans Bhaari Hai – Gulzar दर्द हल्का है साँस भारी है जिए जाने की रस्म जारी है आप के ब’अद हर घड़ी हम ने आप के साथ ही गुज़ारी है रात को चाँदनी तो ओढ़ा दो दिन की चादर अभी उतारी है शाख़ पर…
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एयरपोर्ट स्टेशन सड़कों पर हैं कितने सारे लोग – अज़रा नक़वी, Airport Station Sadkon Par Hain Kitne Sare Log – Azra Naqvi
एयरपोर्ट स्टेशन सड़कों पर हैं कितने सारे लोग – अज़रा नक़वी, Airport Station Sadkon Par Hain Kitne Sare Log – Azra Naqvi एयरपोर्ट स्टेशन सड़कों पर हैं कितने सारे लोग जाने कौन से सुख की ख़ातिर फिरते मारे मारे लोग शाम गए ये मंज़र हम ने मुल्कों मुल्कों देखा है घर लौटें बोझल क़दमों से…
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सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता – अमीर मीनाई, Sarakti Jae Hai Rukh Se Naqab Aahista Aahista – Ameer Minai
सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता – अमीर मीनाई, Sarakti Jae Hai Rukh Se Naqab Aahista Aahista – Ameer Minai सरकती जाए है रुख़ से नक़ाब आहिस्ता आहिस्ता निकलता आ रहा है आफ़्ताब आहिस्ता आहिस्ता जवाँ होने लगे जब वो तो हम से कर लिया पर्दा हया यक-लख़्त आई और शबाब आहिस्ता आहिस्ता…
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ऐ दिल वो आशिक़ी के फ़साने किधर गए, अख़्तर शीरानी, Aai Dil Wo Aashiqi Ke Fasane Kidhar Gae – Akhtar Shirani
ऐ दिल वो आशिक़ी के फ़साने किधर गए, अख़्तर शीरानी, Aai Dil Wo Aashiqi Ke Fasane Kidhar Gae – Akhtar Shirani ऐ दिल वो आशिक़ी के फ़साने किधर गए वो उम्र क्या हुई वो ज़माने किधर गए वीराँ हैं सहन ओ बाग़ बहारों को क्या हुआ वो बुलबुलें कहाँ वो तराने किधर गए है नज्द…