Category: लव प्यार
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बे-क़रारी सी बे-क़रारी है – जौन एलिया, Be-Qarari Si Be-Qarari Hai – Jaun Elia
बे-क़रारी सी बे-क़रारी है – जौन एलिया, Be-Qarari Si Be-Qarari Hai – Jaun Elia बे-क़रारी सी बे-क़रारी है वस्ल है और फ़िराक़ तारी है जो गुज़ारी न जा सकी हम से हम ने वो ज़िंदगी गुज़ारी है निघरे क्या हुए कि लोगों पर अपना साया भी अब तो भारी है बिन तुम्हारे कभी नहीं आई…
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आशिक़ थे शहर में जो पुराने शराब के- आदिल मंसूरी, Aashiq The Sahar Me Jo Purane Sharab Ke – Adil Mansuri Hindi Sher Shayri
आशिक़ थे शहर में जो पुराने शराब के- आदिल मंसूरी, Aashiq The Sahar Me Jo Purane Sharab Ke – Adil Mansuri Hindi Sher Shayri आशिक़ थे शहर में जो पुराने शराब के हैं उन के दिल में वसवसे अब एहतिसाब के वो जो तुम्हारे हाथ से आ कर निकल गया हम भी क़तील हैं उसी…
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दिल मिरा जिस से बहलता कोई ऐसा न मिला – अकबर इलाहाबादी, Dil Mera Jis Se Behalta Koi Aisa Na Mila – Akbar Allahbadi
दिल मिरा जिस से बहलता कोई ऐसा न मिला – अकबर इलाहाबादी, Dil Mera Jis Se Behalta Koi Aisa Na Mila – Akbar Allahbadi दिल मिरा जिस से बहलता कोई ऐसा न मिला बुत के बंदे मिले अल्लाह का बंदा न मिला बज़्म-ए-याराँ से फिरी बाद-ए-बहारी मायूस एक सर भी उसे आमादा-ए-सौदा न मिला गुल…
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आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा – अहमद फ़राज़, Aankh Se Door Na Ho Dil Se Utar Jayega – Ahmad Faraz
आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा – अहमद फ़राज़, Aankh Se Door Na Ho Dil Se Utar Jayega – Ahmad Faraz आँख से दूर न हो दिल से उतर जाएगा वक़्त का क्या है गुज़रता है गुज़र जाएगा इतना मानूस न हो ख़ल्वत-ए-ग़म से अपनी तू कभी ख़ुद को भी देखेगा तो…
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ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता – मिर्ज़ा ग़ालिब, Ye Na Thi Hamari Qismat Ke Visal-e-yaar Hota -Mirza Ghalib Hindi Sher Shayri
ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता – मिर्ज़ा ग़ालिब, Ye Na Thi Hamari Qismat Ke Visal-e-yaar Hota -Mirza Ghalib Hindi Sher Shayri ये न थी हमारी क़िस्मत कि विसाल-ए-यार होता अगर और जीते रहते यही इंतिज़ार होता तिरे वा’दे पर जिए हम तो ये जान झूट जाना कि ख़ुशी से मर न जाते…
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ऐसा ख़ामोश तो मंज़र न फ़ना का होता – गुलज़ार, Aisa Khamosh To Manzar Na Fana Ka Hota – Gulzar Poetry In Hindi
ऐसा ख़ामोश तो मंज़र न फ़ना का होता – गुलज़ार, Aisa Khamosh To Manzar Na Fana Ka Hota – Gulzar Poetry In Hindi ऐसा ख़ामोश तो मंज़र न फ़ना का होता मेरी तस्वीर भी गिरती तो छनाका होता यूँ भी इक बार तो होता कि समुंदर बहता कोई एहसास तो दरिया की अना का होता…
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अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें – अहमद फ़राज़, Ab Ke Hum Bichhde To Shayad Kabhi Khwabon Mein Milen -Ahmad Faraz Hindi Sher Shayri
अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें – अहमद फ़राज़, Ab Ke Hum Bichhde To Shayad Kabhi Khwabon Mein Milen -Ahmad Faraz Hindi Sher Shayri अब के हम बिछड़े तो शायद कभी ख़्वाबों में मिलें जिस तरह सूखे हुए फूल किताबों में मिलें ढूँढ उजड़े हुए लोगों में वफ़ा के मोती ये…
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आँखें मुझे तलवों से वो मलने नहीं देते – अकबर इलाहाबादी, Ankhein Mujhe Talvon Se Wo Malne Nahin Dete -Akbar Allahabadi Hindi Sher Shayri
आँखें मुझे तलवों से वो मलने नहीं देते – अकबर इलाहाबादी, Ankhein Mujhe Talvon Se Wo Malne Nahin Dete -Akbar Allahabadi Hindi Sher Shayri आँखें मुझे तलवों से वो मलने नहीं देते अरमान मिरे दिल के निकलने नहीं देते ख़ातिर से तिरी याद को टलने नहीं देते सच है कि हमीं दिल को सँभलने नहीं…
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अंदाज़ हू-ब-हू तिरी आवाज़-ए-पा का था – अहमद नदीम क़ासमी, Andaaz Hu-Ba-Hu Teri Awaaz-E-Pa Ka Tha By Ahmad Nadeem Qasmi, Hindi Sher Shayri
अंदाज़ हू-ब-हू तिरी आवाज़-ए-पा का था – अहमद नदीम क़ासमी, Andaaz Hu-Ba-Hu Teri Awaaz-E-Pa Ka Tha By Ahmad Nadeem Qasmi, Hindi Sher Shayri अंदाज़ हू-ब-हू तिरी आवाज़-ए-पा का था देखा निकल के घर से तो झोंका हवा का था इस हुस्न-ए-इत्तिफ़ाक़ पे लुट कर भी शाद हूँ तेरी रज़ा जो थी वो तक़ाज़ा वफ़ा का…
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सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं – अहमद फ़राज़, Suna Hai Log Use Aankh Bhar Ke Dekhte Hain By Ahmad Faraz Hindi Sher Shayri
सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं – अहमद फ़राज़, Suna Hai Log Use Aankh Bhar Ke Dekhte Hain By Ahmad Faraz Hindi Sher Shayri सुना है लोग उसे आँख भर के देखते हैं सो उस के शहर में कुछ दिन ठहर के देखते हैं सुना है रब्त है उस को ख़राब-हालों से…
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हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते – गुलज़ार, Haath Chhooten Bhi to Rishte Nahin Chhoda Karate By Gulzar, Hindi Gazal Sher Shayri
हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते – गुलज़ार, Haath Chhooten Bhi to Rishte Nahin Chhoda Karate By Gulzar, Hindi Gazal Sher Shayri हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते वक़्त की शाख़ से लम्हे नहीं तोड़ा करते जिस की आवाज़ में सिलवट हो निगाहों में शिकन ऐसी तस्वीर के टुकड़े नहीं जोड़ा…
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दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है – मिर्ज़ा ग़ालिब, Dil-E-Naadaan Tujhe Hua Kya Hai By Mirza Ghalib, Hindi Gazal Sher Shayri
दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है – मिर्ज़ा ग़ालिब, Dil-E-Naadaan Tujhe Hua Kya Hai By Mirza Ghalib, Hindi Gazal Sher Shayri दिल-ए-नादाँ तुझे हुआ क्या है आख़िर इस दर्द की दवा क्या है हम हैं मुश्ताक़ और वो बे-ज़ार या इलाही ये माजरा क्या है मैं भी मुँह में ज़बान रखता हूँ काश पूछो कि मुद्दआ’…