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सांझी माई की आरती, Sanjhi Mata Ki Aarti Lyrics In Hindi
आरता री आरता
मेरी सांझी माई आरता
काहे का दिबला
काहे की बात्ती
सोने का दिबला
रुप की बात्ती
सरसों का तेल
जले सारी राती
क्या मेरी देबी ओढेगी
क्या मेरी देबी पहनेगी
काहे का शीश गुथावेगी
शालू ओढेगी
मिसरु पहनेगी
सोने का शीश गुथावेगी
बरस दिनों मैं आवेगी
नौ दिनो मैं जावेगी
नो नोरते देबी के
सोलह कनागत पितरो के
आये कनागत फुलले कांस
बाहमण कुददे नोनों बांस
गए कनागत सुक्के कांस
बाहमण रोये चूल्हे नात
उठ मेरी देबी खोल किवाड़
बहार खड़े तेरे पूजनहार
भईया है मेरे नो दस बीस
भतीजे है पूरे पच्चीस
भईया क चौपाड़ भरो
भाभो स घर बहार भरो
कोरा करवा शीतल पाणी
राज करो महलो की रानी
जाग सांझी जाग तेरे मात्थे लाग्या भाग
पीली पीली पट्टियां सदा सुहाग
मेरी सांझी नून मांगे, तेल मांगे,
मरसे का साग मांगे, भूरी सी रोटी मांगे
दियो, दियो, दियो
बोलो….सांझी माता की जय
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