सिगरेट का इतिहास, सिगरेट का आविष्कार, सिगरेट का हिंदी नाम, History Of Cigarette In Hindi, Cigarette Ki Khoj Kisne Ki, Cigarette Ka Itihas, Cigarette Meaning In Hindi, Who Invented Cigarette, Cigarette History In Hindi, When Were Cigarettes Invented, Cigarette In Hindi
अर्थ – सिगरेट का हिंदी अर्थ, Cigarette In Hindi
सवाल – सिगरेट को शुद्ध हिंदी में क्या कहते है और इस के आविष्कारक कौन है ?, Cigarette Ko Hindi Mein Kya Kahate Haini
उत्तर – सिगरेट को शुद्ध हिंदी में धूम्रपान दंडिका कहा जाता है. वैसे तो सिगरेट सबसे पहले कब कब बनी कोई सही खबर नहीं लेकिन पहली मशीन अमेरीका के जेम्स अल्बर्ट बोन्सैक ने बनाई थी और अमेरीका के जेम्स बुकानन ड्यूक ने सिगरेट को मशीन से बनवाना शुरू किया था इससे पहले सिगरेट हाथ से बनती थी.
इतिहास – सिगरेट का इतिहास, History Of Cigarette In Hindi
एज़्टेक (Aztecs) जो की अमेरिकन कॉन्टिनेंट के मूल निवासी थे, तम्बाकू से भरी एक टुब(Tube) का इस्तेमाल स्मोकिंग करने के लिए करते थे. मैक्सिको, मध्य अमेरिका, और दक्षिण अमेरिका के कुछ हिस्सों में तम्बाकू के पत्तों को कुचल दिया जाता है और मकई (मक्का) की भूसी या अन्य सब्जियों के रैपरों में रोल किये जाते थे. लेकिन यह सिगरेट के इस प्रोटोटाइप के बजाय सिगार था जिसे स्पेन के लोग लक्जरी के रूप में स्पेन वापस लाये.
16 वीं शताब्दी के शुरुआती दिनों में सेविले Seville (Spain) में भिखारी फेके हुए सिगार बट्स उठाते , उन्हें मसल के धूम्रपान के लिए कागज (स्पेनिश पपीलेट्स) के स्क्रैप में रोल करके प्रयोग करने लगे , इस प्रकार पहली सिगरेट बनी. इन गरीबों के धूम्रपान को सिगरिलोस (स्पेनिश: “सिगार”) के रूप में जाना जाता था. 18 वीं शताब्दी के उत्तरार्ध में सिगरेट थोड़ा पॉपुलर होने लगी और सिगरेट का उपयोग इटली और पुर्तगाल में भी फैल गया; उन्हें पुर्तगाली व्यापारियों द्वारा लेवेंट और रूस में ले जाया गया. नेपोलियन युद्धों में फ्रांसीसी और ब्रिटिश सेना सिगरेट से परिचित हो गई; फ्रांस ने इसको सिगरेट का नाम दिया. चालीस साल बाद फ्रांसीसी और ब्रिटिश सैनिकों की एक और पीढ़ी, जो कि क्रीमियन युद्ध में लड़ रही थी, का तुर्की की सिगरेट से परिचय हुआ. इसी समय, संयुक्त राज्य अमेरिका में भी सिगरेट लोकप्रिय हो रही थी. ब्रिटिश वर्जीनिया तंबाकू से भरी सिगरेटों को पसंद करने लगे, लेकिन अमेरिकी बाजार ने कुछ तुर्की तंबाकू का भी मिश्रण करके सिगरेट विकसित की.
पहले सभी सिगरेट हाथ से ही बनाई जाती थीं. कारखाने की प्रक्रिया में टेबल पर रोल करना, चिपकाना और पैकेजिंग शामिल थी. 1880 में जेम्स अल्बर्ट बोन्सैक को सिगरेट मशीन के लिए अमेरिकी पेटेंट मिल गया था , जिसमें तम्बाकू को कागज की एक प्लेन पट्टी पर बिछाया जाता था और मशीन ही सिगरेट बनाना , चिपकना, बंद करना और काटना सारा काम आटोमेटिक कर देती थी. 1883 में बोंसैक मशीन को इंग्लैंड में आयात किया गया था. अगले कुछ वर्षों में सिगरेट उद्योग कई यूरोपीय देशों में विकसित हुआ.
खेती में और प्रोसेसिंग में सुधार से सिगरेट की तम्बाकू से एसिड सामग्री को कम किया गया , इसको पीना आसान हो गया. सिगरेट धूम्रपान में बड़ी तेजी आने लगी. प्रथम विश्व युद्ध के दौरान महिलाओं द्वारा धूम्रपान करना शुरू किया और ये 1920 के दशक में यूरोप और संयुक्त राज्य अमेरिका में महिलाओं के बीच व्यापक हो गई.
1950 और 1960 के दशक के शोध में ऐसे प्रमाण मिले, जो सिगरेट के धुएं को स्वास्थ्य के खतरों से जोड़ते थे, विशेषकर फेफड़ों के कैंसर,और हृदय रोग के साथ. कुछ देशों में, विशेष रूप से यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका, सिगरेट के उपयोग को कम करने के लिए उपाय किए गए थे. 1980 के दशक और 90 के दशक में, इसमें शामिल स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूकता बढ़ने के बावजूद, धूम्रपान का बढ़ना जारी रहा, कम-विकसित देशों में अधिक खपत थी.
जेम्स बुकानन ड्यूक, James Buchanan Duke
जेम्स बुकानन ड्यूक (23 दिसंबर, 1856 – 10 अक्टूबर, 1925) एक अमेरिकी तंबाकू और इलेक्ट्रिक पावर उद्योगपति थे, जिन्हें आधुनिक सिगरेट निर्माण, विज्ञापन और मार्केटिंग की शुरुआत के लिए जाना जाता है, और ड्यूक विश्वविद्यालय के साथ भी उनकी भागीदारी थी. जेम्स बुकानन ड्यूक 1890 में अमेरिकन टोबैको कंपनी के संस्थापक भी थे. मशीन लगाने से पहले ड्यूक के कारखाने में जहां लड़कियां एक शिफ़्ट में हाथ से लगभग 200 सिगरेट बनाती थीं, वहीं मशीन लगने से एक दिन में 120,000 सिगरेट तैयार होने लगीं जबकि उस समय अमरीका में सिर्फ़ 24,000 सिगरेट की ही खपत होती थी.
ड्यूक के पिता, वाशिंगटन के पास एक तम्बाकू कंपनी थी, जिसे उनके पुत्र जेम्स और बेंजामिन (1855-1929) ने 1880 के दशक में संभाला था. 1885 में, जेम्स बुकानन ड्यूक ने पहली स्वचालित सिगरेट बनाने की मशीन (जेम्स अल्बर्ट बोन्सैक द्वारा आविष्कार) का उपयोग करने के लिए एक लाइसेंस प्राप्त किया, और 1890 तक ड्यूक ने अमेरिकी सिगरेट बाजार का 40% (तब प्री-रोल्ड तंबाकू के रूप में जाना जाता है) की आपूर्ति की. उस वर्ष में, ड्यूक ने एक कॉरपोरेट इकाई, अमेरिकन टोबैको कंपनी के तहत अपने चार प्रमुख प्रतिस्पर्धियों पर नियंत्रण किया, जो कि एकाधिकार था, क्योंकि उन्होंने अमेरिकी सिगरेट बाजार में 90% से अधिक का नियंत्रण किया था.
विज्ञापन और मार्केटिंग
जेम्स बुकानन ड्यूक ने सिगरेट को पॉपुलर करने के लिए मार्केटिंग का सहारा लिया और कही तो सिगरेट फ्री में भी बांटी गयी. जेम्स ने घुड़-दौड़ को प्रायोजित किया, सौंदर्य प्रतियोगिताओं में मुफ़्त सिगरेट बांटे और पत्रिकाओं में विज्ञापन देना शुरु किया. आपको ये जानकार हैरानी होगी की वर्ष 1889 में ही सिगरेट की मार्केटिंग पर उन्होंने आठ लाख डॉलर खर्च किए जो आज लगभग दो करोड़ पचास लाख डॉलर के बराबर है.
जेम्स बुकानन ड्यूक ने लोगो को बताया की उनकी सिगरेट साफ़ सफाई से बनायीं गयी है , सफ़ाई से बनी सिगरेट और उनके सही प्रचार, ये दो ख़ास वजह थीं जेम्स ड्यूक की शुरुआती कामयाबी की. एक विज्ञापन में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि हाथ से और थूक के इस्तेमाल से बनाई जाने वाली सिगार के मुकाबले मशीन से बनाई सिगरेट ज़्यादा साफ़-सफ़ाई से बनाई जाती है, और जेम्स ड्यूक की उम्मीद के मुताबिक लोगों को मशीन से बनी सिगरेट ही ज़्यादा पसंद आईं.
अमरीका में पांव कारोबार जम जाने के बाद जेम्स ड्यूक ने विदेश का रूख किया. वर्ष 1902 में उन्होंने ब्रिटेन की इंपीरियल टोबैको कंपनी के साथ मिलकर ब्रिटिश अमेरिकन टोबैको नाम की कंपनी स्थापित की.
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