Vrishchik Rashi Ke Ishtdev

वृश्चिक राशि के इष्ट देव कौन है, वृश्चिक राशि के लिए रत्न, वृश्चिक राशि वालों को क्या दान करना चाहिए, वृश्चिक राशि के दोष का उपाय, वृश्चिक राशि के लिए उपाय, Vrishchik Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai, Vrishchik Rashi Ke Liye Ratna, Vrishchik Rashi Walon Ko Kya Daan Karna Chaahie, Vrishchik Rashi Ke Dosh Ka Upaay, Vrishchik Rashi Ke Liye Upaay

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वृश्चिक राशि – परिचय

राशि चक्र की आठवीं राशि वृश्चिक का स्वामी मंगल है. वृश्चिक राशि में जन्म लेने वाले लोग धैर्य और शांति के प्रतीक होते हैं. इन जातकों को जीवन में सफलता पाने के लिए जी तोड़ मेहनत करनी पड़ती है. पर कई बार खूब पसीना बहाने के बाद भी कामयाबी इनके हाथ नहीं आती है. ऐसे में जरूरी है कि वृश्चिक राशि के जातकों को अपने इष्ट देव की पूजा करनी चाहिए तथा अपनी राशि के अनुसार रत्न धारण करना चाहिए. ऐसा करने से उन्हें जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलेगा तथा उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी. यहां जनिए वृश्चिक राशि के इष्ट देव, रत्न और उपाय के बारे में विस्तृत जानकारी-

वृश्चिक राशि के इष्ट देव कौन है, Vrishchik Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai

हर व्यक्ति के लिए ईश्वर की कृपा को पाना सबसे जरूरी है क्योंकि उन्हीं की कृपा से जीवन में सुख शांति समृद्धि आती है और दुखों का सामना करने की शक्ति प्राप्त होती है. लेकिन बहुत कम लोगों को अपने ईष्ट का पता होता है. हमारे इष्ट देवी या देवता कौन हैं और हमें किन की पूजा करनी चाहिए जिससे हमारे सभी दुखों का अंत हो जाए. इसका पता लगाने के लिए जन्मकुंडली का सहारा लिया जाता है और ग्रहों की स्थिति से जातक के इष्ट का पता लगाया जाता है. जन्म कुंडली (kundali) और नाम की राशि से भी व्यक्ति के इष्ट देव का पता लगाया जा सकता है. जन्म कुंडली में जिस भाव में चंद्रमा होता है व्यक्ति की वही राशि होती है. राशि के अनुसार व्यक्ति के ईष्ट देव का पता लगाया जा सकता है. क्योंकि वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है, इसलिए इस राशि के इष्टदेव भगवान कार्तिकेय, हनुमान जी और राम जी है. शास्त्रों के अनुसार इष्ट देव की पूजा करने से व्यक्ति की कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर उनके इष्ट देव प्रसन्न हैं तो यह सभी दोष उन्हें अधिक परेशान नहीं करते. इष्ट देव की पूजा करने से व्यक्ति को अच्छे फल प्राप्त होते हैं. इसलिए वृश्चिक राशि के जातकों को अपने जीवन में सफलता पाने के लिए भगवान कार्तिकेय, हनुमान जी और राम जी को अपना इष्ट देव (Isht Dev) की पूजा करनी चाहिए.
वृश्चिक राशि का स्वामी – मंगल
वृश्चिक राशि की इष्ट देव – भगवान कार्तिकेय, हनुमान जी और राम जी

वृश्चिक राशि के लिए रत्न, Vrishchik Rashi Ke Liye Ratna

ज्योतिष शास्त्र की तरह रत्न शास्त्र में भी रत्न धारण करने के विशेष महत्व को बताया गया है. रत्न शास्त्र में ग्रहों की स्थिति के आधार पर जातक को राशिनुसार रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है. किसी भी रत्न को विधिपूर्वक धारण करने से व्यक्ति के जीवन में तरक्की, खुशहाली व धन लाभ के योग बनते हैं. बता दें कि वृश्चिक राशि के स्‍वामी मंगल हैं जो कि ज्‍योतिष में क्रूर ग्रह के रूप में विख्‍यात हैं. मंगल के बिगड़ने पर दांपत्‍य जीवन में भी खलबली मच जाती हैं तो वहीं शत्रु भी नुकसान पहुंचाना आरंभ कर देते हैं. ऐसे में जरूरी है कि वृश्चिक राशि के जातक सही रत्न को धारण करें. यहां जनिए वृश्चिक राशि के जातक कौन सा रत्न धारण कर अपनी परेशानियों से छुटकारा पाने के साथ ही जीवन में सफलता भी हासिल कर सकते हैं.
वृश्चिक राशि के लोग कौन सा रत्न धारण करें- वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं और मंगल का रंग लाल है इसलिए वृश्‍चिक राशि के जातकों को लाल रंग का मूंगा रत्न पहनना चाहिए. मूंगा के प्रभाव से ये जातक अपने लक्ष्‍य को जल्द प्राप्‍त कर पाएंगें. वृश्चिक राशि वाले मंगल को शुभ करने के लिए मूंगा धारण करें तो बेहतर होगा. मंगल की राशि वृश्‍चिक के साथ ही मेष राशि वालों को भी मूंगा पहने की सलाह दी जाती है. लेकिन लेकिन कन्या और मिथुन लग्न वालों को यह रत्न धारण करने से बचना चाहिए.

मूंगा पहनने से लाभ – मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है. मंगल ग्रह को बल प्रदान करने के लिए मूंगा रत्न पहना जाता है. मूंगा एक ऐसा रत्न है जो जातक की भावनात्मक उथल-पुथल को शांत कर सकता है और अंधेरे की ताकतों को बेअसर कर सकता है. मूंगा रत्न पहनने से आंतरिक शांति मिलती है. मूंगा धारण करने से साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. वृश्‍चिक राशि वाले मूंगा रत्न धारण करें, तो शारीरिक-मानसिक बल, धन-वैभव, रिश्ते, दोस्त आदि कई सुख मिलते हैं.
मूंगा किस हाथ में पहने, मूंगा किस उंगली मे धारण करें, मूंगा किस दिन पहनें – वृश्‍चिक राशि वाले जातकों को मंगलवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद दायें हाथ की कनिष्का या तर्जनी उंगली में मूंगा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है.
वृश्चिक राशि के जातक कौन सा रत्न धारण न करें- वृश्‍चिक राशि वाले जातकों को हीरा धारण करने से परहेज करना चाहिए.

वृश्चिक राशि वालों को क्या दान करना चाहिए?

वृश्चिक राशि वालों को क्या दान करना चाहिए, Vrishchik Rashi Walon Ko Kya Daan Karna Chaahie
शास्त्रों में दान का विशेष महत्व है, कहा जाता है कि एक हाथ से दिया गया दान हजारों हाथों से लौटकर आता है. लेकिन दान का फल तभी मिलता है जब उसे अपनी राशि के अनुसार नि:स्वार्थ भाव से दिया जाए. मंगल के स्वामित्व वाली वृश्चिक राशि के लोगों को भूमि, लाल वस्त्र, सोना, तांबा, केसर, कस्तूरी का दान करना चाहिए. इस तरह के दान उन्हें नि:स्वार्थ भाव से करना चाहिए. ऐसा करने से अवश्य ही उन्हें ईश्वर का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

वृश्चिक राशि के दोष का उपाय, वृश्चिक राशि के लिए उपाय

वृश्चिक राशि के दोष का उपाय, वृश्चिक राशि के लिए उपाय, Vrishchik Rashi Ke Dosh Ka Upaay, Vrishchik Rashi Ke Liye Upaay
वृश्‍चिक राशि के जातकों को अपने कष्ट दूर करने व जीवन में सफलता पाने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए, यह उपाय करने से अवश्य ही आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी.
1. वृश्चिक राशि के जातकों को मंगलवार के दिन बंदरों को गुण एवं चना खिलाने से मंगल ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त होगा. मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर में सिंदूर चढ़ाने से भी आपको लाभ प्राप्त होगा.
2. वृश्चिक राशि के जातकों को मूंगा रत्न, तीन मुखी रुद्राक्ष और अनंत मूल की जड़ी धारण करना चाहिए. ऐसा करने से जातकों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
3. कुंडली में मंगल की शुभ स्थिति के लिए मंगलवार के दिन उपवास करना चाहिए. इस व्रत को कम से कम 21 मंगलवार तक नियमित रूप से करते रहें. उपवास करने के बाद ईशान कोण में ही पूजा-अर्चना करें. मंगल का उपवास करने से आरोग्य की प्राप्ति होती है और मंगल शुभ फल प्रदान करता है.
4. मंगल के शुभ परिणामों के लिए वृश्‍चिक राशि के जातक हर रोज 40 दिन तक सात हजार बार मंगल के बीज मंत्र ‘ॐ क्रां क्रीं क्रौं सः भौमाय नमः.’ का जप करें. मंगल देव के इस प्रार्थना मंत्र से मंगल शीघ्र प्रसन्न होते हैं और मंगल के सभी अशुभ दोष दूर होते हैं. साथ ही इस बीज मंत्र से मंगल देव की कृपा से मनोकामना भी पूरी होती है और जीवन में प्रसिद्धि और तरक्की आती है.
5. मंगलवार के अधिपति देवता कार्तिकेय और हनुमानजी हैं इसलिए इस दिन इनकी पूजा करनी चाहिए और हनुमान चालीसा व सुंदरकांड का पाठ करना चाहिए. साथ ही हनुमानजी को चोला अर्पित करें और हनुमानजी के चरण से सिंदूर लेकर माथे पर लगाएं फिर बूंदी के लड्डू का भोग लगाएं. हनुमानजी की पूजा करने से मंगल शुभ स्थिति में रहते हैं और शनि से संबंधित समस्या से भी निजात मिलती है.

6. मंगल ग्रह के शुभ परिणाम प्राप्त करने के लिए मंगलवार के दिन बड़े भाई का आशीर्वाद लें और उनको कुछ उपहार स्वरूप भी दें. इसके साथ ही दोनों भाई मिलकर लाल कपड़े में दो मुट्ठी मसूर दाल का दान करें. ऐसा करना बहुत उत्तम माना गया है और मंगल की स्थिति हमेशा शुभ रहती है.
7. मंगल ग्रह के शुभ फल के लिए लाल गाय को गुड़ खिलाना चाहिए और लाल कपड़े में सौंफ बांधकर शयनकक्ष में रखना चाहिए. ऐसा करने से भी कुंडली में मंगल की स्थिति शुभ हो जाती है. इसके साथ ही मंगल के 21 नामों का स्मरण करें.
8. वृश्‍चिक राशि के लोगों को प्रतिदिन अपने इष्ट देव राम जी और हनुमान जी की विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए, ऐसा करने से अवश्य ही आपको उनका आशीर्वाद मिलेगा.
9. वृश्‍चिक राशि के जातकों को मंगलवार का व्रत करना चाहिए तथा गरीबों को खाना खिलाना चाहिए, यदि व्रत रखना संभव न हो सके तो इस दिन हनुमान जी की पूजा अवश्य करें.
10. यदि कार्यक्षेत्र में बार-बार रुकावटें आ रही हैं तो उसके समाधान के लिए वृश्‍चिक राशि के जातक रविवार को दोपहर के समय दाहिने हाथ में छह चक्कर लगाते हुए कलावा बांधें. इस उपाय को करने से आपकी परेशानियां कम हो जाएंगी.
11. यदि पर्याप्त धनार्जन के बावजूद धन संचय नहीं हो रहा हो तो वृश्‍चिक राशि के जातक शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के मंदिर में गाय के घी का दीपक जलाएं और नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्जवलित करें. इस उपाय को करने से आपके पास धन की बचत होगी.
12. प्रेम संबंध में रुकावट आ रही है या प्रियतम से रिश्ते नाजुक मोड़ में चल रहे हैं तो गुरुवार के दिन पीले चंदन में केसर मिलाकर तिलक लगाएं. भगवान विष्णु जी के मंदिर में पीले फल दान करें. ऐसा करने से वृश्‍चिक राशि के जातकों के प्रेम जीवन में अनुकूलता आएगी.

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