Chanakya Niti

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चाणक्य नीति अध्याय 6, Chanakya Niti Chapter 6 In Hindi
कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विश्वविख्‍यात और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक आचार्य चाणक्य एक ऐसी महान विभूति थे, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता, बुद्धिमता और क्षमता के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया. आज हम आपके लिए “चाणक्य नीति” के सभी सत्रह अध्याय लेकर आए हैं. जानकारी के लिए बता दें कि “चाणक्य नीति” आचार्य चाणक्य की नीतियों का अद्भुत संग्रह है, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना वह दो हजार चार सौ साल पहले था, जब इसे लिखा गया था.

चाणक्य नीति द्वारा मित्र-भेद से लेकर दुश्मन तक की पहचान, पति-परायण तथा चरित्र हीन स्त्रियों में विभेद, राजा का कर्तव्य और जनता के अधिकारों तथा वर्ण व्यवस्था का उचित निदान हो जाता है. जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि महापंडित आचार्य चाणक्य की ‘चाणक्य नीति’ में कुल सत्रह अध्याय है, इन्हे आप यहां पढ़ सकते हैं. हमने आपकी सुविधा के लिए हर एक अध्याय के नीचे बाकि के बचे सभी अध्याय की लिंक्स भी प्रकाशित कर दी है, ताकि आप एक ही जगह से संपूर्ण चाणक्य नीति का अध्ययन कर सके.

चाणक्य नीति छठवाँ अध्याय, Chanakya Niti Chapter 6
1- श्रवण करने से धर्म का ज्ञान होता है, द्वेष दूर होता है, ज्ञान की प्राप्ति होती है और माया की आसक्ति से मुक्ति होती है.
2- पक्षीयों में कौवा नीच है. पशुओ में कुत्ता नीच है. जो तपस्वी पाप करता है वह घिनौना है. लेकिन जो दूसरों की निंदा करता है वह सबसे बड़ा चांडाल है.
3- राख से घिसने पर पीतल चमकता है . ताम्बा इमली से साफ़ होता है. औरते प्रदर से शुद्ध होती है. नदी बहती रहे तो साफ़ रहती है.
4- राजा, ब्राह्मण और तपस्वी योगी जब दूसरे देश जाते है, तो आदर पाते है. लेकिन औरत यदि भटक जाती है तो बर्बाद हो जाती है.
5- धनवान व्यक्ति के कई मित्र होते है. उसके कई सम्बन्धी भी होते है. धनवान को ही आदमी कहा जाता है और पैसेवालों को ही पंडित कह कर नवाजा जाता है.

6- सर्व शक्तिमान के इच्छा से ही बुद्धि काम करती है, वही कर्मों को नियंत्रित करता है. उसी की इच्छा से आस पास में मदद करने वाले आ जाते है.
7- काल सभी जीवों को निपुणता प्रदान करता है. वही सभी जीवों का संहार भी करता है. वह जागता रहता है जब सब सो जाते है. काल को कोई जीत नहीं सकता.
8- जो जन्म से अंध है वह देख नहीं सकते. उसी तरह जो वासना के अधीन है वह भी देख नहीं सकते. अहंकारी व्यक्ति को कभी ऐसा नहीं लगता की वह कुछ बुरा कर रहा है. और जो पैसे के पीछे पड़े है उनको उनके कर्मों में कोई पाप दिखाई नहीं देता.
9- जीवात्मा अपने कर्म के मार्ग से जाता है. और जो भी भले बुरे परिणाम कर्मों के आते है उन्हें भोगता है. अपने ही कर्मों से वह संसार में बँधता है और अपने ही कर्मों से बन्धनों से छूटता है.
10- राजा को उसके नागरिकों के पाप लगते है. राजा के यहाँ काम करने वाले पुजारी को राजा के पाप लगते है. पति को पत्नी के पाप लगते है. गुरु को उसके शिष्यों के पाप लगते है.

11- अपने ही घर में व्यक्ति के ये शत्रु हो सकते है-
उसका बाप यदि वह हरदम कर्ज में डूबा रहता है.
उसकी माँ यदि वह दूसरे पुरुष से संग करती है.
सुन्दर पत्नी.
वह लड़का जिसने शिक्षा प्राप्त नहीं की.
12- एक लालची आदमी को भेट वास्तु दे कर संतुष्ट करे. एक कठोर आदमी को हाथ जोड़ कर संतुष्ट करे. एक मूर्ख को सम्मान देकर संतुष्ट करे. एक विद्वान् आदमी को सच बोल कर संतुष्ट करे.
13- एक बेकार राज्य का राजा होने से यह बेहतर है की व्यक्ति किसी राज्य का राजा ना हो.
एक पापी का मित्र होने से बेहतर है की बिना मित्र का हो.
एक मूर्ख का गुरु होने से बेहतर है की बिना शिष्य वाला हो.
एक बुरी पत्नी होने से बेहतर है की बिना पत्नी वाला हो.
14- एक बेकार राज्य में लोग सुखी कैसे हो? एक पापी से किसी शास्ति की प्राप्ति कैसे हो? एक बुरी पत्नी के साथ घर में कौन सा सुख प्राप्त हो सकता है. एक नालायक शिष्य को शिक्षा देकर कैसे कीर्ति प्राप्त हो?
15- शेर से एक बात सीखे. बगुले से एक. मुर्ग़े से चार. कौवे से पाच. कुत्ते से छह. और गधे से तीन.

16- शेर से यह बढ़िया बात सीखे की आप जो भी करना चाहते हो एकदिली से और जबरदस्त प्रयास से करे.
17- बुद्धिमान व्यक्ति अपने इन्द्रियों को बगुले की तरह वश में करते हुए अपने लक्ष्य को जगह, समय और योग्यता का पूरा ध्यान रखते हुए पूर्ण करे.
18- मुर्ग़े से हे चार बातें सीखे-
१. सही समय पर उठे. २. निडर बने और लड़े. ३. संपत्ति का रिश्तेदारों से उचित बटवारा करे. ४. अपने कष्ट से अपना रोजगार प्राप्त करे.
19- कौवे से ये पाच बातें सीखे- १. अपनी पत्नी के साथ एकांत में प्रणय करे. २. निडरता ३. उपयोगी वस्तुओ का संचय करे. ४. सभी ओर दृष्टि घुमाये. ५. दूसरों पर आसानी से विश्वास ना करे.
20- कुत्ते से ये बातें सीखे १. बहुत भूख हो पर खाने को कुछ ना मिले या कम मिले तो भी संतोष करे. २. गाढ़ी नींद में हो तो भी क्षण में उठ जाए. ३. अपने स्वामी के प्रति बेहिचक ईमानदारी रखे ४. निडरता.
21- गधे से ये तीन बातें सीखे. १. अपना बोझा ढोना ना छोड़ने. २. सर्दी गर्मी की चिंता ना करे. ३. सदा संतुष्ट रहे.
22- जो व्यक्ति इन बीस गुणों पर अमल करेगा वह जो भी करेगा सफल होगा.

चाणक्य नीति के सभी अध्याय यहां पढ़ें

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