Mithun Rashi-ke Acche Din Kab Aaenge

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मिथुन राशि के अच्छे दिन कब आएंगे, Mithun Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge
राशि चक्र की तीसरी राशि मिथुन है. इसका उद्भव मिथुन तारामंडल से माना जाता है. जब चंद्रमा मिथुन राशि पर चलता है, तो उस समय पैदा हुए व्यक्ति की राशि मिथुन होती है. अगर व्यक्ति के नाम का प्रथम अक्षर Kaa, Kee, Koo, Gh, Ang, Chh, Ke, Ko, Haa, का, की, कू, घ, अंग, छ, के, को, हा इत्यादि हो तो उनकी राशि मिथुन होती है. ये सभी अक्षर मिथुन राशि से संबध रखते है. मिथुन राशि का प्रतीक युवा दंपति है. यह चिह्न जातक के आकर्षक और दोस्ताना स्वभाव को दर्शाता है. मिथुन राशि का स्वामी बुध है. बुध को वाणी और बुद्धि का कारक माना जाता है इसीलिए मिथुन लग्न में जन्म लिए जातक बुद्धिमान और वाक्पटु होते हैं. कई बार बहुत अधिक बोलने के कारण इनके बनते काम बिगड़ जाते हैं. अगर आपकी राशि मिथुन है और आप अपने जीवन में अच्छे दिन लाना चाहते हैं तो इस खबर को पूरा पढ़ें. यहां जानिए मिथुन राशि के अच्छे दिन कब और कैसे आएंगे, मिथुन राशि की परेशानी क्या है, मिथुन राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं और परेशानी से छुटकारा पाने के उपाय-

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A – इष्ट देव की पूजा से मिथुन राशि के अच्छे दिन आएंगे
इष्ट देव का अर्थ है अपनी राशि के पसंद के देवता. मिथुन राशि के जातकों को अच्छे दिन लाने के लिए अपने राशिनुसार इष्ट देव की पूजा करनी चाहिए. अरुण संहिता जिसे लाल किताब के नाम से भी जाना जाता है, के अनुसार व्यक्ति के पूर्व जन्म में किए गए कर्म के आधार पर इष्ट देवता का निर्धारण होता है और इसके लिए जन्म कुंडली देखी जाती है. इष्ट देव की पूजा करने से ये फायदा होता है कि कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर इष्ट देव प्रसन्न हैं तो यह सभी दोष व्यक्ति को अधिक परेशान नहीं करते और उन्हें किसी बुरे समय से नहीं गुजरना पड़ता. बता दें कि मिथुन (Gemini) राशि का स्वामी ग्रह बुध है और इष्ट देव गणेशजी और विष्णुजी हैं. इसलिए अगर मिथुन राशि के लोग अपने अच्छे दिन लाना चाहते हैं तो वे नीचे दी जा रही विधि के अनुसार अपने ईष्ट देव गणेशजी और विष्णुजी की पूजा करें-

1. भगवान गणेश की पूजा करने से आएंगे मिथुन राशि के अच्छे दिन
श्रीगणेश पूजा अपने आपमें बहुत ही महत्वपूर्ण व कल्याणकारी है. इसलिए अगर मिथुन राशि के लोग अपने अच्छे दिन लाना चाहते हैं तो वे परम पूज्य गणपति भगवान की विधिवत् पूजा अर्चना करें.
गणेश जी की पूजा विधि – बुधवार के दिन मिथुन राशि के जातक सुबह उठकर अपने नित्यादि क्रियाओं से निवृत्त हो जाएं व स्वच्छ वस्त्र पहन लें. शुद्ध आसन में बैठकर सभी पूजन सामग्री पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि को एकत्रित कर क्रमश: पूजा करें. भगवान श्रीगेश को तुलसी दल व तुलसी पत्र भूल से भी न चढ़ाएं. उन्हें दुर्वा को धोकर ही चढ़ाना चाहिए. श्रीगणेश भगवान को मोदक (लड्डू) अधिक प्रिय होते हैं इसलिए उन्हें देशी घी से बने मोदक का प्रसाद भी चढ़ाएं. श्रीगणेश के दिव्य मंत्र ॐ श्री गं गणपतये नम: का 108 बार जप करें, इससे आपको विशेष फल की प्राप्ति होगी. श्रीगणेश सहित प्रभु शिव व गौरी, नन्दी, कार्तिकेय सहित सम्पूर्ण शिव परिवार की पूजा षोड़षोपचार विधि से करें. गणेश भगवान की पूजा के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करना भी फलदायी है. अगर समय का अभाव है तो 12 वें अध्याय और कुंजीकास्तोत्र का पाठ कर लेना चाहिए, इससे आपको भगवान गणेश व मां दुर्गा का आशीर्वाद प्राप्त होगा, कोई भी दुख आपको परेशान नहीं करेंगे व जल्द ही आपके अच्छे दिन आएंगे.

2. विष्‍णु पूजन से आएंगे मिथुन राशि के अच्छे दिन
मां लक्ष्‍मी के स्‍वामी भगवान विष्‍णु का पूजन करने से मिथुन राशि के लोगों के अच्छे दिन आते हैं. भगवान विष्‍णु ही इस संसार के पालनहार हैं और अगर आप उनकी पूजा सच्‍चे मन और भक्‍तिभाव से करते हैं तो आपको सभी तरह के सांसारिक सुखों की प्राप्‍ति होती है.
अगर आप भगवान विष्‍णु के साथ मां लक्ष्‍मी की भी पूजा करते हैं तो आपको मां लक्ष्‍मी धन और वैभव प्रदान करती हैं और आपके सभी कष्‍ट दूर हो जाते हैं. जो कोई मिथुन राशि का जातक अपने अच्छे दिन लाना चाहता है वो भगवान विष्‍णु के साथ मां लक्ष्‍मी की पूजा अवश्य करें.
विष्‍णु पूजन विधि – विष्‍णु पूजन आरंभ करने से पूर्व व्रत/पूजा का संकल्‍प लें. सबसे पहले हाथों में जल, पुष्‍प और चावल लें. संकल्‍प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस साल, वार, तिथि और उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी मनोकामना बोलें. अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें. किसी भी शुभ कार्य या पूजन में सबसे पहले प्रथम पूज्‍य भगवान गणेश का नाम लिया जाता है. सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें. गणेश जी को स्‍नान कराएं और वस्‍त्र अर्पित करें. अब पुष्‍प और अक्षत अर्पित करें. इसके पश्‍चात् भगवान विष्‍णु की पूजा करें. भगवान विष्‍णु का आवाह्न करें और उन्‍हें आसन दें. अब विष्‍णु जी को स्‍नान करवाएं. पहले पंचामृत और फिर जल से स्‍नान करवाएं. अब विष्‍णु जी को वस्‍त्र पहनाएं. इसके बाद आभूषण और यज्ञोपवीत पहनाएं. फूलों की माला पहनाएं. सुगंधित इत्र अर्पित करें और माथे पर तिलक लगाएं. तिलक के लिए अष्‍टगंध का प्रयोग कर सकते हैं. अब धूप और दीप अर्पित करें. भगवान विष्‍णु को तुलसीदल विशेष प्रिय है इसलिए विष्‍णु पूजन में इसका प्रयोग जरूर करें. भगवान विष्‍णु के पूजन में चावलों का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिए आप इनके स्‍थान पर तिल का प्रयोग कर सकते हैं. घी का दीपक जलाएं और आरती करें. आरती के बाद नेवैद्य अर्पित करें और ऊं नमो नारायणाय नम: मंत्र का जाप करें. इस पूजा से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी अवश्य ही आपको मनचाहा फल देंगे.

B. बुधवार का व्रत करने से आएंगे मिथुन राशि के अच्छे दिन
मिथुन राशि के व्यक्ति को अपने अच्छे दिन लाने के लिए बुधवार का व्रत करना चाहिए. हिंदू मान्यताओं के अनुसार बुधवार को गणेश भगवान का दिन कहा जाता है और इस दिन व्रत करने से घर में सुख, शांति व समृद्धि आती है. गणेश भगवान को हिंदू धर्म शास्त्रों में सर्वप्रथम पूज्य माना गया है. जो व्यक्ति बुधवार का व्रत करता है उसे जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती है तथा अरिष्ट ग्रहों की शांति होती है. बुधवार का व्रत करने वाले व्यक्ति की बुद्धि भी बढ़ती है. इसलिए मिथुन राशि के जातकों को अपने अच्छे दिन लाने के लिए यहां दिए गए विधि अनुसार बुधवार का व्रत करना चाहिए.
बुधवार व्रत विधि – बुधवार के दिन सुबह उठकर संपूर्ण घर की सफाई करें. तत्पश्चात स्नानादि से निवृत्त हो जाएं. इसके बाद पवित्र जल का घर में छिड़काव करें. घर के ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान बुध या शंकर भगवान की मूर्ति अथवा चित्र किसी कांस्य पात्र में स्थापित करें. तत्पश्चात धूप, बेल-पत्र, अक्षत और घी का दीपक जलाकर पूजा करें. इसके बाद निम्न मंत्र से बुध की प्रार्थना करें-
बुध त्वं बुद्धिजनको बोधदः सर्वदा नृणाम्‌,
तत्वावबोधं कुरुषे सोमपुत्र नमो नमः॥
बुधवार की व्रतकथा सुनकर आरती करें. इस व्रत के अंत में शंकर जी की पूजा, धूप, बेल-पत्र आदि से करनी चाहिए. इसके पश्चात गुड़, भात और दही का प्रसाद बांटकर स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें.
ध्यान रखें कि इस व्रत का प्रारंभ शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार से करें. 21 व्रत रखें. इस व्रत में दिन-रात में एक ही बार भोजन करना चाहिए. इस व्रत के समय हरी वस्तुओं का उपयोग करना श्रेष्ठतम है.

मिथुन राशि की किस्मत कब चमकेगी?, Mithun Rashi Ki Kismat Kab Chamkegi?
A. बुध दोष के उपाय से चमकेगी मिथुन राशि की किस्मत
बुधवार का दिन प्रथम पूजनीय भगवान गणेश के अलावा बुध ग्रह को समर्पित है. बुध को ग्रहों का राजकुमार माना जाता है. ज्योतिष में मिथुन राशि का स्वामी बुध है और इसका तत्व पृथ्वी है. कहा जाता है कि किसी की कुंडली में बुध सही तो सब शुद्ध यानी अगर बुध मजबूत हो जीवन में सब ठीक रहता है. लेकिन अगर यही बुध कमजोर हो या नीच का हो तो खुशियां मुंह फेर लेती हैं. जुआ और सट्टे की लत लग जाती है, निर्णय क्षमता कमजोर होती है और देखते ही देखते घर में सब बर्बाद होने लगता है. इसलिए अच्छी किस्मत व सुखी रहने के लिए मिथुन राशि के जातकों का बुध मजबूत होना चाहिए. मिथुन राशि के जातक अपनी किस्मत चमकाने के लिए बुध को मजबूत करने के उपाय करें.
1. बुधवार के दिन हरे रंग की चीजों का प्रयोग करना शुभ होता है, इसलिए यदि आपका बुध कमजोर है तो आप हमेशा अपने पास हरे रंग का रुमाल रखें. साथ ही बुधवार के दिन किसी जरूरतमंद को हरी मूंग की दाल दान करें. ऐसा करने से आपकी अच्छी किस्मत के आड़े आ रहे सभी दुख समाप्त होंगे.
2. यदि कोई व्यक्ति बुध दोष से पीड़ित है तो उसे मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए. रोजाना ‘ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ मंत्र का 5, 7, 11, 21 या 108 बार जाप करने से बुध दोष समाप्त होता है.
3. बुध दोष से निजात पाने के लिए सोने के आभूषण धारण करना लाभकारी माना जाता है.
4. बुध दोष को दूर करने व अपनी किस्मत चमकाने के लिए मिथुन राशि के जातक हाथ की सबसे छोटी उंगली यानि कनिष्ठा उंगली में पन्ना पहनें. लेकिन ऐसा करने से पहले किसी पंडित या ज्योतिष की सलाह ले लें.
5. बुध के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए घर की पूर्व दिशा में लाल रंग का झंडा लगाएं.

B. महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर पूजा करने से चमकेगी मिथुन राशि की किस्मत
भगवान शंकर के पृथ्वी पर 12 ज्योतिर्लिंग हैं. भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों का अपना अलग महत्व है. शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर के ये सभी ज्योतिर्लिंग प्राणियों को दु:खों से मुक्ति दिलाने और उनकी किस्मत को चमकाने में मददगार है. इन सभी ज्योतिर्लिंगों को 12 राशियों से भी जोड़कर देखा जाता है. इस आधार पर मिथुन राशि के व्यक्ति को अपनी किस्मत के सितारें बुलंद करने के लिए महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर पूजा करनी चाहिए. महाकालेश्वर मंदिर मध्यप्रदेश राज्य के उज्जैन नगर में स्थित है जो कि क्षिप्रा नदी के किनारे बसा है. स्वयंभू, भव्य और दक्षिणमुखी होने के कारण महाकालेश्वर मंदिर की अत्यन्त पुण्यदायी महात्मय है. मिथुन राशि के जातकों को अपनी किस्मत को चमकाने के लिए ‘ओम नमो भगवते रूद्राय ’ मंत्र का यथासंभव जप करना चाहिए. हरे फलों का रस, मूंग, बेलपत्र आदि से महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए. महाकालेश्वर कालों के काल हैं. इनकी पूजा करने वाले को अकाल मृत्यु का भय नहीं रहता है. महाकालेश्वर के शिवलिंग को दूध में शहद मिलाकर स्नान कराएं और बिल्व पत्र एवं शमी के पत्ते चढ़ायें. शिव को प्रसन्न कर उनका आशीर्वाद पाने के लिए दूध से अभिषेक करें. माना जाता है कि देवाधिदेव भगवान् महादेव सर्वशक्तिमान हैं. भगवान भोलेनाथ ऐसे देव हैं जो थोड़ी सी पूजा से भी प्रसन्न हो जाते हैं. संहारक के तौर पर पूज्य भगवान शंकर बड़े दयालु हैं. उनके अभिषेक से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

मिथुन राशि की परेशानी, Mithun Rashi Ki Pareshani
1. मिथुन राशि की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि वे बिना सोचे समझे किसी भी काम में तुरंत हाथ डाल देते हैं लेकिन खुद भ्रम में पड़कर काम को अधूरा छोड़ हाथ पीछे खींच लेते हैं. इससे उन्हें कई बार काफी नुकसान झेलना पड़ता है.
2. मिथुन राशि की एक परेशानी यह भी है कि इनको ढोंग और आडम्बर जैसी चीज़ें अधिक प्रिय होती हैं.
3. मिथुन राशि के व्यक्ति अधिक विश्वसनीय नहीं होते हैं. अपने अस्थिर और चंचल स्वभाव के कारण वे कब क्या कर बैठें, इस बारे में कुछ नहीं कहा जा सकता है.
4. इस राशि के लोग अपने विपरीत लिंग की ओर अधिक रुझान रख विपत्तियों को खुद ही आमंत्रित करते हैं.
5. मिथुन राशि की परेशानी है कि ये लोग अपना मूल्य नहीं आंकते और स्वयं को किसी के सामने भी समर्पित कर देते हैं.
6. मिथुन राशि के जातक अनावश्यक चिंता करके अपने आप को हानि पहुंचाते हैं. कई बार यही चिंताएं इनके स्वास्थ्य को खराब कर देती हैं इसलिए इन्हें मानसिक तनाव से बचना चाहिए.
7. अपनी बौद्धिक कौशल के कारण मिथुन राशि वाले कभी-कभी अत्यधिक विश्लेषणात्मक हो जाते हैं जिसके कारण वह निर्णय नहीं ले पाते. उन्हें क्या चुनना चाहिए और क्या नहीं वे इसी में उलझे रह जाते हैं.
8. मिथुन राशि वाले रहस्यों को अपने भीतर रखने में असमर्थ होते हैं. इनके भीतर हर व्यक्ति के बारे में सब कुछ जानने की जिज्ञासा होती है लेकिन ये आमतौर पर रहस्यों को अपने भीतर नहीं रख पाते.
9. मिथुन राशि के जातक थोड़े आवेगी हो सकते हैं. कई बार उनका मन आवश्यकता से अधिक तेजी से बदलता है. उनकी यह आदत उन्हें लापरवाह निर्णय लेने के लिए प्रेरित कर सकती है.
10. मिथुन राशि के लोगों की एक बड़ी खासियत यह होती है कि ये बिना बोले नहीं रह सकते. इनकी यही खासियत कई बार इनकी सबसे बड़ी परेशानी बन जाती है.

मिथुन राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं?, Mithun Rashi Vale Dukhi Kyon Rehte Hain? 
मिथुन राशि के जातक दोहरे व्यक्तित्व वाले होते हैं. मिथुन राशि वालों का दोहरा स्वभाव उनके जीवन के दुखों का कारण बनता है. ये लोग मन और मस्तिष्क की भावनाओं को लेकर काफी कंफ्यूज रहते हैं. जहां एक ओर मिथुन राशि वाले काफी हंसमुख, मिलनसार, और सामाजिक रूप से सक्रिय होते हैं वहीं दूसरी ओर ये गंभीर क्रिया कलापों में व्यस्त, गहन चिंतन करने वाले भी होते हैं. इनका यह बदलता स्वभाव इनकी खुशियों में अड़ंगा डालता रहता है. मिथुन राशि के जातक विद्वान होने के बावजूद भी धन संपत्ति के मामले में कमजोर होते हैं और ये अपनी कमजोर आर्थिक स्थिति के चलते कई बार दुखी हो जाते हैं. मिथुन राशि के लोग साहस-प्रिय नहीं होते हैं, जरा सा कठिन समय आने पर ये घबरा जाते हैं और मुसीबत के सामने अपने घुटने टेक देते हैं. इन्हें एक समय में एक से अधिक प्रेम संबंध बनाने की इच्छा रहती है, जिसकी वजह से इनका सभी प्रेम असफल सिद्ध होता है. प्रेम में विफल होना भी इनके दुखी रहने का बड़ा कारण है. मिथुन राशि के लोगों में एकाग्रता और तात्कालिक निर्णय की कमी होती है. इनका ध्यान शीघ्र ही एक वस्तु से दूसरे वस्तु की ओर आकर्षित हो जाता है. मिथुन राशि के जातकों के भीतर किसी भी कार्य को पूर्ण करने के लिए दृढ़ संकल्प नहीं होता है इसलिए ये कार्य को शुरू करने के पश्चात बीच में छोड़ने का विचार करने लगते हैं. ऐसा करने से इन्हें जीवन में बहुत मुश्किल से सफलता प्राप्त होती है. इसलिए मिथुन राशि के लोगों को सलाह दी जाती है कि वे अपनी असफलता से दुखी होने के बजाय अपने भीतर कार्य को पूर्ण करने का दृढ़ संकल्प लें.

दुखों से छुटकारा पाने के उपाय, Dukho Se Chutkara Paane Ke Upay
1. दुखों से छुटकारा पाने के लिए मिथुन राशि के जातक प्रत्येक बुधवार के दिन गणेश जी को 21 दूब या दूर्वा जरूर चढ़ाएं. ऐसा करने से आपके सारे दुख समाप्त होंगे और गणेश जी का आशीर्वाद सदा आप पर बना रहेगा.
2. जीवन में आ रही परेशानियों से निजात पाने के लिए बुधवार के दिन गाय को घास खिलानी चाहिए.
3. बुधवार के दिन गेंहू के आटे की गोलियां बनाकर उसमें चने की दाल और थोड़ी हल्दी मिलाकर गाय को खिलाने से भी जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलता है.
4. बुधवार के दिन गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से मिथुन राशि के लोगों को विशेष लाभ मिलेगा.
5. बुधवार के दिन 7 साबुत कौड़ियां लें. कौड़ियां बाजार में पूजन सामग्री की दुकानों पर आसानी से मिल जाती हैं. इसके साथ ही एक मुट्ठी हरे खड़े मूंग लें और दोनों को एक हरे कपड़े में बांधकर चुपचाप किसी मंदिर की सीढ़ियों पर रख आएं. लेकिन ध्यान रखें कि इस संबंध में किसी को कुछ न बताएं और पूरी आस्था रखें. ऐसा करने से आपके सारे दुख दूर होंगे और जीवन में सुखों का आगमन होगा.

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