Meen Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge

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मीन राशि के अच्छे दिन कब आएंगे, Meen Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge
राशि चक्र में अंतिम अर्थात 12वें नंबर की राशि मीन है. जिन लोगों का नाम दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची अक्षर से आरंभ होता है उनकी राशि मीन कहलाती है. मीन संस्कृत भाषा का शब्द है जिसका अर्थ मछली होता है. इसलिए इस राशि का चिन्ह भी मछली है. वैदिक ज्योतिष के अनुसार, मीन द्विस्वभाव राशि है और गुरु बृहस्पति इस राशि के स्वामी हैं. क्योंकि आज हम बात कर रहे हैं मीन राशि की तो यहां जानिए कि मीन राशि के अच्छे दिन कब आएंगे, मीन राशि की परेशानी क्या है, मीन राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं और परेशानी से छुटकारा पाने के लिए मीन राशि के जातक कौन से उपाय कर सकते हैं.

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A. इष्ट देव की पूजा से मीन राशि के अच्छे दिन आएंगे
अरुण संहिता जिसे लाल किताब के नाम से भी जाना जाता है, के अनुसार व्यक्ति के पूर्व जन्म में किए गए कर्म के आधार पर इष्ट देवता का निर्धारण होता है और इसके लिए जन्म कुंडली देखी जाती है. कुंडली का पंचम भाव इष्ट का भाव माना जाता है. इस भाव में जो राशि होती है उसके ग्रह के देवता ही हमारे इष्ट देव कहलाते हैं. इष्ट देव का अर्थ है अपनी राशि के पसंद के देवता. इस आधार पर मीन राशि का स्वामी ग्रह गुरु हैं और इसके इष्टदेव विष्णु जी और लक्ष्मी जी हैं. इष्ट देव की पूजा करने से ये फायदा होता कि कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर इष्ट देव प्रसन्न हैं तो यह सभी दोष व्यक्ति को अधिक परेशान नहीं करते. इसलिए मीन राशि के जातक अगर अपने अच्छे दिन लाना चाहते हैं तो विष्णु जी और लक्ष्मी जी की विधिवत् पूजा करें. यहां जानिए अपने अच्छे दिन लाने के लिए मीन राशि के जातक विष्णु जी और लक्ष्मी जी की पूजा कैसे करें-

1. भगवान विष्णु जी की पूजा से मीन राशि के अच्छे दिन आएंगे
भगवान विष्णु जी की पूजा करने से मीन राशि के लोगों के अच्छे दिन आएंगे. विष्णु जी की पूजा के लिए मीन राशि के लोग गुरुवार के दिन सुर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहन लें. इसके बाद एक चौकी पर साफ कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान विष्णु की तस्वीर या मूर्ति रखें. सबसे पहले प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा करें. गणेश जी को स्नान कराएं, वस्त्र अर्पित करें, तत्पश्चात पुष्प, अक्षत अर्पित करें, फिर उसके बाद ही भगवान विष्णु का पूजन आरंभ करें. विष्णु पूजन के लिए विष्णु जी का आवाहन करें, उन्हें स्नान कराएं, पंचामृत एवं जल से उनको शुद्ध करें. अब विष्णु जी को वस्त्र तथा आभूषण व पहनाएं. विष्णु जी को पीला रंग अधिक प्रिय है. इसलिए उन्हें पीले फूलों की माला पहनाएं और पीले रंग के फलों का भोग भी लगाएं. तुलसीदल भगवान विष्णु को अत्यंत प्रिय है, इसलिए पूजा में तुलसीदल का प्रयोग अवश्य करें, और ध्यान रखें भगवान विष्णु के पूजन में चावलों का प्रयोग सामान्यतः नहीं किया जाता है, तो इसकी जगह पर आप पूजा में तिल का प्रयोग कर सकते हैं. अब सुगंधित इत्र के साथ माथे पर तिलक अर्पित करें. ध्यान रखें कि तिलक में अष्टगंध का प्रयोग किया जाता है. तत्पश्चात धूप, दीप अर्पित करें. इसके बाद विष्णु जी की आरती करें. आरती के बाद मीन राशि के जातक विष्णु जी को नैवेद्य अर्पित करें और ॐ नमः नारायणाय मंत्र का जाप करें. इस विधि से पूजा करने से मीन राशि के लोगों के जल्द ही अच्छे दिन आएंगे.

2. लक्ष्मी जी की पूजा से मीन राशि के अच्छे दिन आएंगे
लक्ष्मी जी की पूजा करने के लिए मीन राशि के लोग शुक्रवार के दिन सुर्योदय से पहले उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहन लें. पूजा की प्रक्रिया शुरू करने से पहले शुद्धिकरण के लिए पूरे घर में और परिवार के सभी सदस्यों पर गंगा जल छिड़कें. पूजा के स्थान पर एक चौकी स्थापित करें, चौकी पर लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर अनाज के दाने फैलाएं. हल्दी पाउडर से एक कमल बनाएं और उस पर मां लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति रखें. तांबे के बर्तन में तीन चौथाई पानी भरकर इसमें सिक्के, सुपारी, किशमिश, लौंग, सूखे मेवे और इलायची डाल दें. बर्तन के ऊपर आम के पत्ते गोलाकार में रखें और इसके बीच में एक नारियल रखें. कलश को सिंदूर और फूलों से सजाएं. सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें और फिर लक्ष्मी जी की पूजा करें. मूर्तियों को शुद्ध जल, पंचामृत, चंदन और गुलाब जल से स्नान कराएं. फिर इन्हें हल्दी पाउडर, चंदन का लेप और सिंदूर से सजाएं. इसके बाद मूर्तियों के चारों ओर माला और फूल चढ़ाएं.
बताशा, लड्डू, सुपारी, सूखे मेवे, नारियल, मिठाई, घर की रसोई में बने व्यंजन का भोग लगाएं. इसके अलावा कुछ सिक्के भी पूजा में रखें. दीपक, अगरबत्ती जलाएं और फूल चढ़ाएं. देवी लक्ष्मी की कहानी पढ़ें. कहानी के अंत में देवी की मूर्ति पर फूल चढ़ाए जाते हैं और मिठाई का भोग लगाया जाता है. आखिर में आरती गाकर पूजा का समापन करें. फिर देवी से अपने अच्छे दिन लाने की प्रार्थना करें और प्रसाद का सेवन किया जाता है. पूजा में स्थापित किये कलश के जल से सिक्का निकाल कर बाकि का जल किसी पेड़ में डाल दें और नारियल व सिक्के को किसी गणेश जी के मंदिर में दान कर दें.

मीन राशि की किस्मत कब चमकेगी?, Meen Rashi Ki Kismat Kab Chamkegi?
बृहस्पतिवार (गुरुवार) का व्रत करने से चमकेगी मीन राशि की किस्मत
ज्योतिष के अनुसार बृहस्पतिवार (गुरुवार) को बृहस्पतिग्रह और भगवान विष्णु का दिन माना जाता है. बृहस्पतिवार (गुरुवार) को भगवान विष्णु की पूजा की जाती है. भगवान विष्णु को ही बृहस्पति भगवान भी कहते हैं. मीन राशि के जो जातक गुरुवार का व्रत और भगवान बृहस्पति की पूजा करते हैं उनकी किस्मत चमक उठती है. आगर आप गुरुवार का व्रत करने की सोच रहे हैं तो पौष माह को छोड़ कर किसी भी हिंदी महीने से इस व्रत की शुरुआत कर सकते हैं. व्रत की शुरुआत शुक्ल पक्ष से करना शुभ माना जाता है. हर व्रत की तरह गुरुवार व्रत का भी अलग विधान होता है. नियम के अनुसार, यह व्रत 16 गुरुवार तक लगातार रखा जाता है और 17 वें गुरुवार को व्रत का उद्यापन किया जाता है. लेकिन यदि महिलाओं को इस बीच मासिक धर्म होता है तो उस गुरुवार को छोड़ कर अगले से व्रत करना चाहिए.
बृहस्पतिवार व्रत की विधि – मीन राशि के जातक बृहस्पतिवार के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र की स्थापना करें. भगवान विष्णु को पीला वस्त्र अर्पित कर, उन्हें पीले फूल, हल्दी तथा गुड़ और चना का भोग लगाएं. हल्दी मिले जल से भगवान का अभिषेक करें. इसके बाद हाथ में गुड़ और चना लेकर बृहस्पति देव की कथा का पाठ करें. बृहस्पतिवार की आरती करें. जो जातक गुरुवार का व्रत कर रहे हैं वे इस दिन केवल फलाहार ही खाएं. व्रत का पारण अगले दिन स्नान और दान के साथ कर दें. बृहस्पतिवार के दिन केला और पीली वस्तुओं का दान करना शुभ माना जाता है.

B. गिरीशनेश्वर ज्योर्तिलिंग पर पूजा करने से चमकेगी मीन राशि की किस्मत
देवाधिदेव भगवान् महादेव सर्वशक्तिमान हैं. भगवान भोलेनाथ ऐसे देव हैं जो थोड़ी सी पूजा से भी प्रसन्न हो जाते हैं. संहारक के तौर पर पूज्य भगवान शंकर बड़े दयालु हैं. उनके अभिषेक से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसलिए मीन राशि के जो जातक अपनी किस्मत चमकाना चाहते हैं वे अपनी राशिनुसार ज्योर्तिलिंग पर पूजा करें. जानकारी हो कि भगवान शंकर के पृथ्वी पर 12 ज्योर्तिलिंग हैं और भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों को 12 राशियों से जोड़कर देखा जाता है. इस आधार पर मीन राशि के जातकों को महाराष्ट्र के औरंगाबाद स्थित को गिरीशनेश्वर ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए. इस ज्योर्तिलिंग का संबंध मीन राशि से हैं. इस राशि वाले जातकों को सावन के महीने में दूध में केसर डालकर शिवलिंग को स्नान कराना चाहिए. स्नान के पश्चात शिव को गाय का घी और शहद अर्पित करें. कनेर का पीला फूल और विल्वपत्र शिव को चढ़ाना चाहिए. गिरीशनेश्वर ज्योतिर्लिंग 12वें ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रसिद्ध है. यह तीर्थ स्थल दौलताबाद (देवगिरि) से 30 किमी की दूरी पर स्थित है जो कि गिरीशनेश्वर ज्योतिर्लिंग वेरूल नामक गांव में स्थित है. औरंगाबाद जो एलोरा गुफाओं के पास है. ऐतिहासिक मंदिर जो कि लाल चटटानों से निर्मित मंदिर जिसमें 5 परतों का सिकारा है. 12 ज्योतिर्लिंग अभिव्यक्ति में से एक के निवास के रूप में प्रतिष्ठित एक प्राचीन तीर्थ स्थान है.

मीन राशि की परेशानी, Meen Rashi Ki Pareshani
1. भय, अत्यधिक भरोसा, और वास्तविकता से मुँह मोड़ना, इनका नकारात्मक पक्ष है.
2. मीन राशि की परेशानी यह भी है कि ये लोग थोड़े आलसी प्रवृत्ति के होते हैं.
3. मीन राशि की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि इस राशि के जातकों को बहुत ज्यादा गुस्सा आता है.
4. मीन राशि के जातकों की एक परेशानी यह भी है कि ये लोग अपने अधिक बोलने की आदत और दुसरो को जानने समझने के चक्कर में कभी-कभी ये ऐसे सवाल पूछ बैठते हैं जो सामने वाले को शर्मिन्दा कर सकते हैं या ठेस पंहुचा सकते हैं.
5. मीन राशि के जातकों में अभिमान पाया जाता है जो कि इनके लिए महान शत्रु सिद्ध होता है.
6. मीन राशि की परेशानी यह भी है कि इस राशि के लोग बेहद ही खर्चीले होते हैं, और इनके हाथ में कभी भी पैसा नहीं टिकता है.
7. किसी भी चीज को लेकर इनका चुनाव बुद्धिमत्तापूर्ण नहीं होता, इसलिए इन्हें भविष्य में इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.

मीन राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं?, Meen Rashi Vale Dukhi Kyon Rehte Hain? 
मीन राशि के जातक दूसरों की अपेक्षा अधिक धन कमाते हैं परंतु फिजूलख़र्ची में भी पीछे नहीं रहते हैं. कई बार तो ऐसा हो जाता है कि फिजूलखर्ची के कारण इन्हें दूसरों से क़र्ज़ लेने की आवश्यकता पड़ जाती है और आर्थिक क्षेत्र में इन्हें बार-बार उतार-चढ़ाव का सामना करना पड़ता है, जिसके चलते ये जातक ज्यादातर समय चिंतित व दुखी रहते हैं. मीन राशि के जातकों को अकेले रहना पसंद नहीं होता और जब ये अकेलेपन से घिर जाते हैं तो दुखी हो जाते हैं. किसी भी काम को लेकर मीन राशि के लोगों का कोई भी चुनाव बुद्धिमत्तापूर्ण नहीं होता. सतर्कता और सावधानी से काम न लेने के कारण ये कई बार मुसीबतों में फंस जाते हैं. मीन राशि के लोग खाने और शराब पीने के मामले में बहुत लापरवाह होते हैं, जिसकी वजह से इन्हें शराब की लत लग सकती है और मोटापा व बीमारी का सामना करना पड़ सकता है.

दुखों से छुटकारा पाने के उपाय, Dukho Se Chutkara Paane Ke Upay
परेशानी और दुखों से छुटकारा पाने के लिए हिन्दू पद्धति में मीन राशि के जातकों के लिए कुछ उपाय बताये गए हैं, जो इस प्रकार हैं.
1. दुखों से छुटकारा पाने के लिए मीन राशि के जातक गुरुवार का व्रत रखें, इस दिन पीले वस्त्र पहने, पीली वस्तुओं का दान करें यथासंभव पीला भोजन ही करें.
2. मीन राशि के लोग भगवान् विष्णु की पूजा अर्चना करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें.
3. मीन राशि के लोग कष्टों से छुटकारा पाने के लिए जल में गुड़ और चने की दाल मिलाकर केले के पौधे में अर्पण करें. इसके साथ ही बृस्पतिदेव की कथा या सत्यनारायण भगवान की कथा सुने. शीघ्र ही दुखों का अंत होगा.
4. मीन राशि के लोग गुरुवार के दिन अपने नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें व नहाते वक्त ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें. मस्तक पर केसर का तिलक लगाएं.
5. गुरुवार के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने और उन्हें दान दक्षिणा देने से मीन राशि के लोगों को दुखों और परेशानियों से छुटकारा मिलता है.
6. शुक्ल पक्ष में बरगद के पत्ते को धोकर साफ करके उस पर कुमकुम से स्वस्तिक (Swastika) बनाकर उस पर थोड़े से अक्षत और सुपारी रखकर सूर्यास्त से पहले किसी मंदिर में अर्पित कर दें. इस उपाय से आपके सारे दुख दूर होंगे और जीवन में सुखों का आगमन होगा.

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