Kark Rashi-ke Acche Din Kab Aaenge

कर्क राशि के अच्छे दिन कब आएंगे, Kark Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge, कर्क राशि की किस्मत कब चमकेगी?, कर्क राशि का अच्छा समय कब आएगा?, कर्क राशि की परेशानी, कर्क राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं?, Kark Rashi Ki Kismat Kab Chamkegi?, Kark Rashi Ka Achchha Samay Kab Aaega?, Kark Rashi Ki Pareshani, Kark Rashi Vale Dukhi Kyon Rehte Hain?, कर्क राशि का अच्छा वक्त कब आएगा, Kark Rashi Ka Achchha Vakt Kab Aaega

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कर्क राशि के अच्छे दिन कब आएंगे, Kark Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge
राशि चक्र की चौथी राशि कर्क है. जिनके नाम का प्रथम अक्षर Hee, Hoo, He, Daa, Dee, Doo, De, Do, ही, हू, हे, दा, दी,दू, दे दो इत्यादि होता उनकी राशि कर्क होती है. ये सभी अक्षर कर्क राशि से संबध रखते है. कर्क राशि उत्तर दिशा की द्योतक है तथा जल त्रिकोण की पहली राशि है. इसका चिन्ह केकडा है. इस राशि का स्वामी चन्द्रमा है, इसके तीन द्रेष्काणों के स्वामी चन्द्रमा, मंगल और गुरु हैं. इस राशि के तहत पैदा हुए लोग, अपने घरों, अपनी जड़ों, अपने घोंसले से बहुत प्यार करते हैं. कई बार कर्क राशि का स्वभाव ही उनपर भारी पड़ जाता है, ऐसे में उन्हें अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अगर आपकी राशि कर्क है और किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो यहां जानिए कि कर्क राशि के अच्छे दिन कब और कैसे आएंगे, कर्क राशि की परेशानी क्या है, कर्क राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं और परेशानी से छुटकारा पाने के उपाय-

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A. इष्ट देव की पूजा से कर्क राशि के अच्छे दिन आएंगे
कर्क राशि के जातकों अपने अच्छे दिन लाने के लिए इष्ट देव की पूजा करनी चाहिए. इष्ट देव की पूजा करने से ये फायदा होता है कि कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर इष्ट देव प्रसन्न हैं तो यह सभी दोष व्यक्ति को अधिक परेशान नहीं करते. इष्ट देव/ देवी का अर्थ है अपनी राशि के पसंद के देवी- देवता. अरुण संहिता जिसे लाल किताब के नाम से भी जाना जाता है, के अनुसार व्यक्ति के पूर्व जन्म में किए गए कर्म के आधार पर इष्ट देवी/ देवता का निर्धारण होता है और इसके लिए जन्म कुंडली देखी जाती है. कुंडली का पंचम भाव इष्ट का भाव माना जाता है. इस भाव में जो राशि होती है उसके ग्रह के देवता ही हमारे इष्ट देव कहलाते हैं. बता दें कि कर्क राशि का स्वामी ग्रह चंद्रमा है और इष्ट देवी माता गौरी हैं. मां पार्वती शांति और दया की देवी हैं, इसलिए अगर कोई कर्क राशि का जातक अपने जीवन में अच्छे दिन लाना चाहता है तो उसे अपने राशि की ईष्ट देवी माता गौरी की विधिवत् पूजा करनी चाहिए.

1 . गौरी पूजन से आएंगे कर्क राशि के अच्छे दिन
शास्त्रों के अनुसार मान्यता है कि महागौरी को शिवा भी कहा जाता है. इनके हाथ में दुर्गा शक्ति का प्रतीक त्रिशूल है तो दूसरे हाथ में भगवान शिव का प्रतीक डमरू है. अपने सांसारिक रूप में महागौरी उज्ज्वल, कोमल, श्वेत वर्णी तथा श्वेत वस्त्रधारी और चतुर्भुजा हैं. ये सफेद कर्क यानी बैल पर सवार रहती हैं. इनके समस्त आभूषण आदि भी श्वेत हैं. महागौरी की उपासना करने से व्यक्ति के अच्छे दिन आते हैं और पूर्वसंचित पाप भी नष्ट हो जाते हैं.
गौरी पूजन विधि – गौरी पूजन में सबसे पहले गणपति महाराज का पूजन करें. गणेश जी को सबसे पहले गंगाजल से स्नान कराएं. पंचामृत से फिर दोबारा गंगाजल से स्नान कराकर साफ कपड़े से पोछकर उन्हें आसन पर रखें. इसके बाद मां गौरी को आपके घर आने और आसन पर विराजमान होने के लिए उनका आवाहन करें. इसके बाद मां को सफेद या लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें. लाल रंग शुभ माना जाता है. वहीं मान्यताओं के मुताबिक, सफेद रंग मां गौरी को बेहद पसंद हैं. वस्त्र अर्पित करने के बाद देवी मूर्ति को कुमकुम, रोली लगाएं और पुष्प अर्पित करें. उन्हें धूप-दीप दिखाएं और व दक्षिणा चढ़ाएं. इसके बाद माता महागौरी को पांच तरह के मिष्ठान और फल का भोग लगाएं. ध्यान रखें कि इस पूजन में षोडशोपचार में माता को सुहाग की सामग्री अर्पित करें. ध्‍यान रखें कि इनकी संख्‍या 16 होनी चाहिए. इसमें फल, फूल, माला, मिठाई और सुहाग की वस्‍तुओं को शामिल करें. संख्‍या लेकिन 16 ही हो. पूजन के समय ॐ गौर्ये नम: व ॐ पार्वत्यै नम: मंत्र का जाप करें. पूजन समाप्ति के बाद आरती पढ़ें. मां से अपनी मनोकामना पूर्ति का अनुनय-विनय करें ऐसा करने से शीघ्र कर्क रासि के अच्छे दिन आएंगे.

2. शिव पूजन से आएंगे कर्क राशि के अच्छे दिन आएंगे
हिंदू वेद और पुराणों के अनुसार, सोमवार के दिन जो भक्त शिव शंभू की पूजा करता है वह हर प्रकार की समस्याओं से दूर रहता है. शिवजी की उपासना करने से घर में माता लक्ष्मी की कृपा हमेशा बनी रहती है.आर्थिक समस्याओं से भी शिव के भक्तों को छुटकारा मिलता है. इसलिए कर्क राशि के जो जातक अपने अच्छे दिन लाना चाहते हैं वे पूरी श्रद्धा से विधिवत् भगवान शिव की पूजा करें.
भगवान शिव पूजा विधि – पूजा के दिन प्रात: स्नानादि नित्य कर्मों से निवृत होकर पवित्र हो जायें तत्पश्चात पूजास्थल पर एक चौकी पर भगवान शिव, माता पार्वती और नंदी की मूर्ति या तस्वीर रखें, वहां पर भगवान गणेश की भी मूर्ति रखें. घर के ईशान कोण में ही पूजा करें. पूजा के समय हमारा मुंह ईशान, पूर्व या उत्तर में होना चाहिए. पूजा शुरू करने से पहले संकल्प लें. संकल्प लेने के लिए हाथों में जल फूल व चावल लें, संकल्प में जिस दिन पूजा कर रहे हैं, उस वर्ष, उस वार, तिथि, जगह और अपने नाम को लेकर अपनी इच्छा बोलें, और हाथ में लिए जल आदि को जमीन पर छोड़ दें. सर्वप्रथम भगवान श्री गणेश जी का पूजन करें. गणेश जी को सबसे पहले शुद्ध जल से फिर पंचामृत से और फिर दोबारा शुद्ध जल से स्नान कराएं, साफ कपड़े से पोछकर उन्हें आसन पर रखें. वस्त्र, गंध, पुष्प और अक्षत अर्पित करें. अब भगवान शिव का पूजन शुरू करें. सबसे पहले शिव जी को शुद्ध जल से फिर पंचामृत से और फिर दोबारा शुद्ध जल से स्नान कराएं शिवलिंग पर मिट्टी के बर्तन में पवित्र जल भरकर ऊपर से बिल्वपत्र, आक व धतूरे के पुष्प, चंदन, चावल आदि के साथ चढायें. यदि नजदीक कोई शिवालय न हो तो शुद्ध गीली मिट्टी से ही शिवलिंग बनाकर या शिव मूर्ति की पूजा भी की जा सकती है. श्रद्धानुसार घी या तेल का दीपक जलाएं, धूप बत्ती लगाएं. भगवान शिव जी की आरती करें. इसके बाद परिक्रमा करें और नेवैद्य अर्पित करें. भगवान शिव के पूजन के समय ऊं नम: शिवाय मंत्र का जाप मन में करते रहें. यदि घर में ही शिव पूजन कर रहे हैं तो अपने मंदिर में शिव जी को सम्मान सहिन स्थान व आसन दें.

B. सोमवार का व्रत करने से आएंगे कर्क राशि के अच्छे दिन
सोमवार का व्रत भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिये किया जाता है. आम तौर पर सोमवार का व्रत तीसरे पहर तक होता है यानि के शाम तक ही सोमवार का व्रत रखा जाता है. सोमवार का व्रत प्रति सोमवार भी रखा जाता है, सौम्य प्रदोष व्रत और सोलह सोमवार व्रत भी रखे जाते हैं. सोमवार के सभी व्रतों की विधि एक समान ही होती है. मान्यता है कि चित्रा नक्षत्रयुक्त सोमवार से आरंभ कर सात सोमवार तक व्रत करने पर व्यक्ति को सभी तरह के सुख प्राप्त होते हैं और उनके अच्छे दिन आते हैं. इसके अलावा सोलह सोमवार का व्रत मनोवांछित वर प्राप्ति के लिये किया जाता है. कर्क राशि के जातक अपने अच्छे दिन लाने के लिए नीचे दी गई विधि से करें सोमवार का व्रत.
सोमवार व्रत-पूजन विधि- सोमवार को ब्रह्म मुहूर्त में सोकर उठें. पूरे घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं. गंगा जल या पवित्र जल पूरे घर में छिड़कें. घर में ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान शिव के साथ माता पार्वती की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. पूरी पूजन तैयारी के बाद निम्न मंत्र से संकल्प लें – मम क्षेमस्थैर्यविजयारोग्यैश्वर्याभिवृद्धयर्थं सोमवार व्रतं करिष्ये॥. इसके पश्चात निम्न मंत्र से ध्यान करें –
ध्यायेन्नित्यंमहेशं रजतगिरिनिभं चारुचंद्रावतंसं रत्नाकल्पोज्ज्वलांग परशुमृगवराभीतिहस्तं प्रसन्नम्‌.
पद्मासीनं समंतात्स्तुतममरगणैर्व्याघ्रकृत्तिं वसानं विश्वाद्यं विश्ववंद्यं निखिलभयहरं पंचवक्त्रं त्रिनेत्रम्‌॥
ध्यान के पश्चात ॐ नमः शिवाय से शिवजी का तथा ॐ नमः शिवाय से पार्वतीजी का षोडशोपचार पूजन करें. पूजन के पश्चात व्रत कथा सुनें. तत्पश्चात आरती कर प्रसाद वितरण करें. इसके बाद भोजन या फलाहार ग्रहण करें. इस व्रत में व्रती को दिन में केवल एक समय ही भोजन करना चाहिये.

कर्क राशि की किस्मत कब चमकेगी?, Kark Rashi Ki Kismat Kab Chamkegi?
A. चंद्रमा का जाप करने से चमकेगी कर्क राशि की किस्मत
सोमवार के दिन भोलेनाथ की पूजा के साथ-साथ चंद्र देव की पूजा का भी विशेष महत्व है. इसका एक कारण ये है कि चंद्रमा शिव शंकर के सिर पर विराजमान हैं. मान्यता है कि जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा मजबूत होता है, उनका हर तरह की परिस्थिति में मन नियंत्रण में होता है. वहीं, इसी तरह कुंडली में चंद्रमा के कमजोर होने पर व्यक्ति का मन सदैव अशांत रहता है, मानसिक पीड़ा होती है और जातक का किसी भी कार्य में मन नहीं लगता है. तो अगर आप भी इनकी कृपा पाना चाहते हैं और अपनी किस्मत चमकाना चाहते हैं तो आज यानि सोमवार के दिन शाम को चंद्रमा कवच समेत इन मंत्रों का जाप करें.
श्री चंद्र कवच
श्रीचंद्रकवचस्तोत्रमंत्रस्य गौतम ऋषिः । अनुष्टुप् छंदः।
चंद्रो देवता। चन्द्रप्रीत्यर्थं जपे विनियोगः ।
समं चतुर्भुजं वन्दे केयूरमुकुटोज्ज्वलम् ।
वासुदेवस्य नयनं शंकरस्य च भूषणम् ॥ १ ॥
एवं ध्यात्वा जपेन्नित्यं शशिनः कवचं शुभम् ।
शशी पातु शिरोदेशं भालं पातु कलानिधिः ॥ २ ॥
चक्षुषी चन्द्रमाः पातु श्रुती पातु निशापतिः ।
प्राणं क्षपाकरः पातु मुखं कुमुदबांधवः ॥ ३ ॥
पातु कण्ठं च मे सोमः स्कंधौ जैवा तृकस्तथा ।
करौ सुधाकरः पातु वक्षः पातु निशाकरः ॥ ४ ॥
हृदयं पातु मे चंद्रो नाभिं शंकरभूषणः ।
मध्यं पातु सुरश्रेष्ठः कटिं पातु सुधाकरः ॥ ५ ॥
ऊरू तारापतिः पातु मृगांको जानुनी सदा
अब्धिजः पातु मे जंघे पातु पादौ विधुः सदा ॥ ६ ॥
सर्वाण्यन्यानि चांगानि पातु चन्द्रोSखिलं वपुः ।
एतद्धि कवचं दिव्यं भुक्ति मुक्ति प्रदायकम् ॥
यः पठेच्छरुणुयाद्वापि सर्वत्र विजयी भवेत् ॥ ७ ॥
॥ इति श्रीब्रह्मयामले चंद्रकवचं संपूर्णम् ॥

चंद्र मंत्र
ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।
ॐ ऐं क्लीं सोमाय नम:।
ॐ श्रीं श्रीं चन्द्रमसे नम:।
चंद्रमा का बीज मंत्र
ॐ श्रां श्रीं श्रौं स: चन्द्रमसे नम:।।
चंद्रमा का वैदिक मंत्र:
ॐ इमं देवा असपत्न सुवध्वं महते क्षत्राय महते
ज्यैष्ठयाय महते जानराज्यायेनद्रस्येन्द्रियाय।
इमममुष्य पुत्रममुष्यै पुत्रमस्यै विश
एष वोमी राजा सोमोस्मांक ब्राह्मणाना राजा।।
शिवजी के मंत्र:
ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्‌।
उर्वारुकमिव बन्धनान्मृत्योर्मुक्षीय माऽमृतात्।।

B. ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर पूजा करने से चमकेगी कर्क राशि की किस्मत
शास्त्रों में विभिन्न राशि के व्यक्तियों के लिए अलग-अलग ज्योतिर्लिंगों की पूजा का महत्व बताया गया है. भगवान शंकर के पृथ्वी पर 12 ज्योतिर्लिंग हैं. भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों को अपना अलग महत्व है. शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर के ये सभी ज्योतिर्लिंग प्राणियों को दु:खों से मुक्ति दिलाने व किस्मत चमकाने में मददगार हैं. इन सभी ज्योतिर्लिंगों को 12 राशियों से भी जोड़कर देखा जाता है. इस आधार पर शास्त्रों के अनुसार कर्क राशि के व्यक्ति को ओंकारेश्वर ज्योतिर्लिंग पर पूजा करने से मनचाहे फल की प्राप्ति होती है. श्री ओंकारेश्वर मध्यप्रदेश के खंडवा जिले में स्थित है. यह नर्मदा नदी के बीच मन्धाता व शिवपुरी नामक द्वीप पर स्थित है. यह द्वीप हिन्दू पवित्र चिन्ह ॐ के आकार में बना है. देवाधिदेव भगवान् महादेव सर्वशक्तिमान हैं. भगवान भोलेनाथ ऐसे देव हैं जो थोड़ी सी पूजा से भी प्रसन्न हो जाते हैं. संहारक के तौर पर पूज्य भगवान शंकर बड़े दयालु हैं. उनके अभिषेक से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं और व्यक्ति की सोई किस्मत जाग जाती है. कर्क राशि वाले व्यक्ति महाशिवरात्रि के दिन श्री ओंकारेश्वर की पूजा करें. ओंकारेश्वर का ध्यान करते हुए शिवलिंग को पंचामृत से स्नान कराएं. इसके बाद अपामार्ग और विल्वपत्र चढ़ाएं.

कर्क राशि की परेशानी, Kark Rashi Ki Pareshani
1. कर्क राशि वाले लोगों की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि ये किसी भी व्यक्ति के बहकावे/बातों में आ जाते हैं और अपने पुराने विचारों और मान्यताओं का त्याग कर सकते हैं.
2. इस राशि के जातक विरोधाभासों के प्रतीक होते हैं.
3. कर्क राशि के लोग बहुत कठोर, बहुत विनम्र और बहुत दुर्बल होते हैं. ये थोड़ी सी परेशानी आने पर डर जाते है.
4. चंद्रमा से जुड़े होने के कारण इनका मन थोड़ी-थोड़ी देर में बदलता रहता है
5. इस राशि के जातक अपने बहुत से कामों के लिए स्त्रियों पर आश्रित रहते हैं.
6. ये लोग बहुत जल्दी रो देते हैं
7. इस राशि के लोगों को जुआ खेलने की लत लग सकती है.
8. कर्क राशि के लोग काफी इमोशनल हुआ करते हैं. प्रैक्टिकल नहीं होने से प्रोग्रेस होने में अवरोध आता है.

कर्क राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं?, Kark Rashi Vale Dukhi Kyon Rehte Hain?
इस राशि के जातकों की कुछ असंभव इच्छाएं होती हैं. इनकी भावनाएं एक छोटे बालक के जैसी होती हैं जो मांग पूरी न होने पर निराश और दुखी हो जाते हैं. कर्क राशि वाले दिन-रात अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति के अभाव को लेकर भी चिंतित रहते हैं. इस राशि के लोगों को अपने जन्म स्थान से बेहद मोह होता है, पर चंद्रमा की वजह से इन्हें स्थान परिवर्तन करते रहना पड़ता है. ये चाहे जितनी ही लंबी यात्राएं क्यों न कर लें, इनका मन अपने घर लौटने का करते रहता है. कर्क राशि के लोग बहुत दृढ़ होते हैं और साथ में दुर्बल भी. इनकी मनःस्थिति परिवर्तनशील होती है. कर्क राशि वाले लोग भावुक होते हैं और दूसरों के जीवन से बहुत मतलब रखते हैं. अगर इनके आस पास रहने वाला व्यक्ति, दोस्त या रिश्तेदार दुखी हो तो ये भी उनके दुख से काफी दुखी हो जाते हैं. इस राशि के जातको को मान-सम्मान और आदर की चाह रहती है और ऐसा न होने पर ये दुखी हो जाते हैं.

दुखों से छुटकारा पाने के उपाय, Dukho Se Chutkara Paane Ke Upay
1. दुखों से छुटकारा पाने के लिए कर्क राशि के लोग सोमवार को शिव-पार्वती को खीर का भोग लगायें.
2. गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करने से भी दुखों का अंत होता है.
3. सुखी जीवन के लिये कर्क राशि के जातक अपने घर में पूरे शिव परिवार की स्थापना करें, अकेले शिवलिंग कभी न रखें.
5. लाल या गुलाबी कपड़े पहन कर महिलाएं कनकधारा स्रोत का पाठ करें, इससे उनेक जावन में सुख का आगमन शीघ्र होगा.
6. दुखों से छुटकारा पाने के लिए कर्क राशि के लोग लाल फूलों से शिव जी की पूजा करें.
7. सोमवार का उपवास करना, सोलह सोमवार का व्रत या फिर सत्यनारायण, शिव दत्तात्रय या गणेश जी की पूजा भी कर्क राशि के लोगों का दुख दूर करने और अच्छे दिन लाने में लाभदायक रहेगी.
8. चंद्रमा का जाप भी कर्क रासि के लिए काफी उपयोगी उपाय है, इस उपाय को करने से अवश्य ही आपके जीवन की समस्याएं व कष्ट दूर होंगे.
9. कर्क राशि के लोगों को अपने कष्टों का निवारण करने के लिए श्वेत वस्त्र, चांदी, घी, मोती, सफेद पुष्प, चावल, कपूर और सफेद वस्तुओं का दान करना चाहिए.
10. दुखों के निवारण के लिए ॐ श्रां श्रीं श्रौं सः चंद्रमसे नमः मंत्र का 11,000 जाप करना भी सहायक रहता है.

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