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रोमियो और जूलियट की कहानी, Romeo Aur Juliet Ki Kahani
रोमियो जूलियट- रोमियो और जूलियट की कहानी इटली का वेरोना नाम के शहर कि है. शहर के दो परिवार कैपुलेट और मोंटेग्यू के बीच नफरत और शत्रुता है. रोमियो जो कि मोंटेग्यू परिवार का लड़का है, वह रोज़ालिन से प्यार करता हैI रोज़ालिन लार्ड कैपुलेट की भतीजी है. कैपुलेट परिवार की एक दावत और नृत्य पार्टी में रोमियो और उसका चचेरा भाई बेनवोलियो चोरी छुपे शामिल हो जाते हैं. यहाँ रोमियो की मुलाक़ात जूलियट से होती है और दोनों एक दुसरे से प्यार करने लग जाते हैं.
बाद में दोनों को एहसास होता है कि उनके परिवारों के बीच की नफरत के कारण उनकी शादी नहीं हो पायेगी. रोमियो के करीबी फ्रायर लारेंस जो कि एक पादरी हैं वो उन दोनों की चर्च में गुप्त रूप से शादी करवा देते हैं. वो सोचते हैं कि उचित समय आने पर इस शादी के बारे में दोनों परिवारों को बता दिया जायेगा और शायद इस शादी से दोनों परिवारों के मध्य की नफरत भी मिट जाएगी. इस शादी की गवाह जूलियट की एक नौकरानी भी है जो जूलियट के लिए उसकी निजी नर्स की भूमिका भी निभाती है. मरक्युश्यो, रोमियो का खास मित्र है और टिबोल्ट, जूलियट की माँ के भाई का पुत्र है. लेकिन दोनों को उनकी शादी या प्यार के बारे में बिल्कुल नहीं पता. एक दिन दोनों के बीच में लड़ाई हो जाती है. रोमियो आकर बीच बचाव करता है लेकिन टिबोल्ट मौका पाते ही तलवार से मरक्युश्यो को मौत के घाट उतार देता है. अब रोमियो अपना आपा खो देता है और टिबोल्ट का पीछा करता है और उसे तलवार के द्वंद युद्ध में मौत के घाट उतार देता है.
शहर में दो हत्याएं होने की खबर वेरोना के राजकुमार के पास पहुँचती है. राजकुमार रोमियो को अगले दिन का सूरज निकलने से पहले सदा के लिए वेरोना शहर छोड़ कर चले जाने की सज़ा दे देता है जबकि जूलियट की माँ रोमियो के लिए मौत की सज़ा की मांग करती है. उसी रात रोमियो चोरी से जूलियट से मिलने आता है और वो सुबह उस से सदा के लिए विदा लेकर मान्टुआ शहर की ओर चला जाता है. जूलियट बहुत दुखी है लेकिन वो किसी को भी अपनी शादी के बारे में बता नहीं पाती. उसके पिता उसकी शादी वेरोना शहर के राजकुमार के ही एक रिश्तेदार काउंट पेरिस से तय कर देते हैं. जूलियट शादी के लिए राज़ी नहीं होती. वह फ्रायर लारेंस पादरी के पास जाती है और आत्महत्या की इच्छा ज़ाहिर करती है.
इस पर पादरी उसे एक उपाय बताते है और उसे एक विशेष बेहोशी की दवा देते है. ये दवा उसे इस तरह से बेहोश कर देगी कि सभी उसे मरा हुआ समझ लेंगे और इस दवा का असर एक निश्चित समय तक रहेगा. योजना के अनुसार जूलियट को रात को सोने से पहले इसे पीना है और अकेले सोना है , सुबह होते ही सभी उसे मरा हुआ समझेंगे और फिर उसकी लाश को शवगृह में रख दिया जायेगा, और बाद में उसके होश में आने पर उसे रोमियो के पास भेज दिया जायेगा और रोमियो को भी इस योजना के बारे में संदेश भेज कर सूचित कर दिया जायेगा. पूरी योजना समझने के बाद जूलियट ख़ुशी ख़ुशी घर वापस चली जाती है और अपने पिता से माफ़ी मांगती है और काउंट पेरिस से शादी के लिए सहमती दे देती है. अगले दिन के लिए उसकी शादी की घोषणा कर दी जाती है. जूलियट योजना के अनुसार वो दवाई लेती है और सुबह सभी उसे मरा हुआ समझ लेते हैं.
काउंट पेरिस को भी जूलियट की अकस्मात् मौत का पता चलता है. पादरी फ्रायर लारेंस अपने एक सन्देशवाहक को पत्र देकर रोमियो के पास भेज देते हैं. इतने में जूलियट को अंतिम विदाई दी जाती है. बल्थासार, जो कि रोमियो के परिवार का नौकर है, वो जूलियट की मौत की खबर देने के लिए रोमियो के पास जाता है. अब कहानी में महत्वपूर्ण मोड़ आता है कि पादरी फ्रायर लारेंस का भेजा हुआ सन्देशवाहक रोमियो के पास पहुँच नहीं पाता, उसे किसी की चिकित्सा के लिए रास्ते में ही रोक लिया जाता है जबकि बल्थासार रोमियो के पास पहुँच कर उसे जूलियट की मौत की दुखद खबर देता है. ये खबर सुनकर रोमियो को एक सदमा लगता है और वह एक छोटे से पात्र में ज़हर लेकर आता है. बल्थासार को इस ज़हर के बारे में पता नहीं चलता. दोनों वेरोना शहर के लिए रवाना हो जाते हैं. शवगृह के बाहर काउंट पेरिस, जो वहां शोक के लिए आया था, रोमियो को देख लेता है और वो रोमियो को युद्ध के लिए ललकारता है जिसमे काउंट पेरिस मारा जाता है. रोमियो अंदर पहुँच कर जूलियट की लाश को देखता है. भरे हृदय से रोमियो जुलियट को विदाई देता है और ज़हर पी लेता है. इतने में जूलियट को होश आता है और उसे एहसास होता है कि रोमियो ने ज़हर पी लिया. रोमियो में अब इतनी सांसे नहीं बची कि वो कुछ समझ सके. इतने में पादरी फ्रायर लारेंस वहां आ जाता और जूलियट, जो रोमियो की मौत के सदमे में है और फ्रायर लारेंस के रोकने के बावजूद, एक खंजर से आत्महत्या कर लेती है.
बाद में दोनों परिवारों के लोग भी वहां पहुँच जाते हैं. पादरी फ्रायर लारेंस दोनों की शादी और इस योजना में अपनी भूमिका स्वीकार करता है और दोनों की मौत पर अफ़सोस प्रकट करता है. अगले दिन वेरोना शहर का राजकुमार अपने दरबार में दोनों परिवारों की दुश्मनी को रोमियो और जूलियट की दुखदायी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराता है और आगे से मिल जुल कर रहने का आह्वान करता है. दोनों परिवारों के लोग नफरत भुला कर गले मिलते हैं. इस तरह से रोमियो और जूलियट की इस प्रेम कहानी का त्रासदिक अंत हो जाता है.
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