चाणक्य नीति अध्याय 14, चाणक्य नीति चौदहवां भाग, चौदहवाँ भाग, Chanakya Niti Adhyay Chaudah, Chanakya Niti Chaudahavaan Adhyay, Chanakya Niti Chapter 14 In Hindi, Chanakya Neeti Fourteenth Chapter, Chanakya Niti Chaudahwa Bhag, चाणक्य नीति चैप्टर दस, चाणक्य नीति चतुर्दशम् अध्याय, सम्पूर्ण आचार्य चाणक्य नीति हिंदी में, Sampurna Chanakya Neeti, Chanakya Niti In Hindi
चाणक्य नीति अध्याय 14, Chanakya Niti Chapter 14 In Hindi
कुशल राजनीतिज्ञ, चतुर कूटनीतिज्ञ, प्रकांड अर्थशास्त्री के रूप में विश्वविख्यात और मौर्य साम्राज्य के संस्थापक आचार्य चाणक्य एक ऐसी महान विभूति थे, जिन्होंने अपनी विद्वत्ता, बुद्धिमता और क्षमता के बल पर भारतीय इतिहास की धारा को बदल दिया। आज हम आपके लिए “चाणक्य नीति” के सभी सत्रह अध्याय लेकर आए हैं. जानकारी के लिए बता दें कि “चाणक्य नीति” आचार्य चाणक्य की नीतियों का अद्भुत संग्रह है, जो आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना वह दो हजार चार सौ साल पहले था, जब इसे लिखा गया था ।
चाणक्य नीति द्वारा मित्र-भेद से लेकर दुश्मन तक की पहचान, पति-परायण तथा चरित्र हीन स्त्रियों में विभेद, राजा का कर्तव्य और जनता के अधिकारों तथा वर्ण व्यवस्था का उचित निदान हो जाता है। जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं कि महापंडित आचार्य चाणक्य की ‘चाणक्य नीति’ में कुल सत्रह अध्याय है, इन्हे आप यहां पढ़ सकते हैं. हमने आपकी सुविधा के लिए हर एक अध्याय के नीचे बाकि के बचे सभी अध्याय की लिंक्स भी प्रकाशित कर दी है, ताकि आप एक ही जगह से संपूर्ण चाणक्य नीति का अध्ययन कर सके.
चाणक्य नीति चौदहवाँ अध्याय, Chanakya Niti Chapter 14
1- गरीबी, दुःख और एक बंदी का जीवन यह सब व्यक्ति के किए हुए पापों का ही फल है.
2- आप दौलत, मित्र, पत्नी और राज्य गंवा कर वापस पा सकते है लेकिन यदि आप अपनी काया गंवा देते है तो वापस नहीं मिलेगी.
3- यदि हम बड़ी संख्या में एकत्र हो जाए तो दुश्मन को हरा सकते है. उसी प्रकार जैसे घास के तिनके एक दूसरे के साथ रहने के कारण भारी बारिश में भी क्षय नहीं होते.
4- पानी पर तेल, एक कमीने आदमी को बताया हुआ राज, एक लायक व्यक्ति को दिया हुआ दान और एक बुद्धिमान व्यक्ति को पढाया हुआ शास्त्रों का ज्ञान अपने स्वभाव के कारण तेजी से फैलते है.
5- वह व्यक्ति क्यों मुक्ति को नहीं पायेगा जो निम्न लिखित परिस्थितियों में जो उसके मन की अवस्था होती है उसे कायम रखता है-
जब वह धर्म के अनुदेश को सुनता है.
जब वह स्मशान घाट में होता है.
जब वह बीमार होता है.
6- वह व्यक्ति क्यों पूर्णता नहीं हासिल करेगा जो पश्चाताप में जो मन की अवस्था होती है, उसी अवस्था को काम करते वक़्त बनाए रखेगा.
7- हमें अभिमान नहीं होना चाहिए जब हम ये बातें करते है-
१. परोपकार २. आत्म संयम ३. पराक्रम ४. शास्त्र का ज्ञान हासिल करना. ५. विनम्रता ६. नीतिमत्ता
यह करते वक़्त अभिमान करने की इसलिए जरूरत नहीं क्यों की दुनिया बहुत कम दिखाई देने वाले दुर्लभ रत्नों से भरी पड़ी है.
8- वह जो हमारे मन में रहता हमारे निकट है. हो सकता है की वास्तव में वह हमसे बहुत दूर हो. लेकिन वह व्यक्ति जो हमारे निकट है लेकिन हमारे मन में नहीं है वह हमसे बहुत दूर है.
9- यदि हम किसी से कुछ पाना चाहते है तो उससे ऐसे शब्द बोले जिससे वह प्रसन्न हो जाए. उसी प्रकार जैसे एक शिकारी मधुर गीत गाता है जब वह हिरन पर बाण चलाना चाहता है.
10- जो व्यक्ति राजा से, अग्नि से, धर्म गुरु से और स्त्री से बहुत परिचय बढ़ाता है वह विनाश को प्राप्त होता है. जो व्यक्ति इनसे पूर्ण रूप से अलिप्त रहता है, उसे अपना भला करने का कोई अवसर नहीं मिलता. इसलिए इनसे सुरक्षित अंतर रखकर सम्बन्ध रखना चाहिए.
11- हम इनके साथ बहुत सावधानी से पेश आये..
१. अग्नि २. पानी ३. औरत ४. मूर्ख ५. साँप ६. राज परिवार के सदस्य.
जब-जब हम इनके संपर्क में आते है.
क्योंकि ये हमें एक झटके में मौत तक पहुँचा सकते है.
12- वही व्यक्ति जीवित है जो गुणवान है और पुण्यवान है. लेकिन जिसके पास धर्म और गुण नहीं उसे क्या शुभ कामना दी जा सकती है.
13- यदि आप दुनिया को एक काम करके जितना चाहते हो तो इन पन्द्रह को अपने काबू में रखे. इन्हें इधर उधर ना भागने दे.
पांच इन्द्रियों के विषय १. जो दिखाई देता है २. जो सुनाई देता है ३. जिसकी गंध आती है ४. जिसका स्वाद आता है. ५. जिसका स्पर्श होता है.
पांच इन्द्रिय १. आँख २. कान ३. नाक ४. जिह्वा ५. त्वचा
पांच कर्मेन्द्रिय १. हाथ २. पाँव ३. मुँह ४. जननेंद्रिय ५. गुदा
14- वही पंडित है जो वही बात बोलता है जो प्रसंग के अनुरूप हो. जो अपनी शक्ति के अनुरूप दूसरों की प्रेम से सेवा करता है. जिसे अपने क्रोध की मर्यादा का पता है.
15- एक ही वस्तु देखने वालों की योग्यता के अनुरूप बिलग-बिलग दिखती है. तप करने वाले में वस्तु को देखकर कोई कामना नहीं जागती. लम्पट आदमी को हर वास्तु में स्त्री दिखती है. कुत्ते को हर वस्तु में मांस दिखता है.
16- जो व्यक्ति बुद्धिमान है वह निम्न लिखित बातें किसी को ना बताये…
वह औषधि उसने कैसे बनायीं जो अच्छा काम कर रही है.
वह परोपकार जो उसने किया.
उसके घर के झगड़े.
उसकी उसके पत्नी के साथ होने वाली व्यक्तिगत बातें.
उसने जो ठीक से न पका हुआ खाना खाया.
जो गालियां उसने सुनी.
17- कोकिल तब तक मौन रहते है. जब तक वह मीठा गाने की काबिलीयत हासिल नहीं कर लेते और सबको आनंद नहीं पहुँचा सकते.
18- हम निम्न लिखित बातें प्राप्त करे और उसे कायम रखे.
हमें पुण्य कर्म के जो आशीर्वाद मिले.
धन, अनाज, वह शब्द जो हमने हमारे अध्यात्मिक गुरु से सुने.
कम पायी जाने वाली दवाइयों.
हम ऐसा नहीं करते है तो जीना मुश्किल हो जाएगा.
19- कुसंग का त्याग करे और संत जानो से मेलजोल बढाए. दिन और रात गुणों का संपादन करे. उस पर हमेशा चिंतन करे जो शाश्वत है और जो अनित्य है उसे भूल जाए.
चाणक्य नीति के सभी अध्याय यहां पढ़ें
- चाणक्य नीति अध्याय 1, चाणक्य नीति पहला भाग, Chanakya Niti Adhyay Ek, Chanakya Niti Pratham Adhyay, Chanakya Niti Chapter 1 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 2, चाणक्य नीति दूसरा भाग, Chanakya Niti Adhyay Do, Chanakya Niti Dwitiya Adhyay, Chanakya Niti Chapter 2 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 3, चाणक्य नीति तीसरा भाग, Chanakya Niti Adhyay Teen, Chanakya Niti Tritiya Adhyay, Chanakya Niti Chapter 3 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 4, चाणक्य नीति चौथा भाग, Chanakya Niti Adhyay Char, Chanakya Niti Chautha Adhyay, Chanakya Niti Chapter 4 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 5, चाणक्य नीति पांचवा भाग, Chanakya Niti Adhyay Paanch, Chanakya Niti Panchwa Adhyay, Chanakya Niti Chapter 5 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 6, चाणक्य नीति छठवाँ भाग, Chanakya Niti Adhyay Chah, Chanakya Niti Chhatwa Adhyay, Chanakya Niti Chapter 6 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 7, चाणक्य नीति सातवाँ भाग, Chanakya Niti Adhyay Saat, Chanakya Niti Saatwa Adhyay, Chanakya Niti Chapter 7 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 8, चाणक्य नीति आठवाँ भाग, Chanakya Niti Adhyay Aath, Chanakya Niti Aathvan Adhyay, Chanakya Niti Chapter 8 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 9, चाणक्य नीति नौवाँ भाग, Chanakya Niti Adhyay Nau, Chanakya Niti Nauvaan Adhyay, Chanakya Niti Chapter 9 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 10, चाणक्य नीति दसवां भाग, Chanakya Niti Adhyay Dus, Chanakya Niti Dasvan Adhyay, Chanakya Niti Chapter 10 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 11, चाणक्य नीति ग्यारहवाँ भाग, Chanakya Niti Adhyay Gyarah, Chanakya Niti Gyarahva Adhyay, Chanakya Niti Chapter 11 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 12, चाणक्य नीति बारहवाँ भाग, Chanakya Niti Adhyay Baarah, Chanakya Niti Barahwa Adhyay, Chanakya Niti Chapter 12 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 13, चाणक्य नीति तेरहवां भाग, Chanakya Niti Adhyay Terah, Chanakya Niti Terwa Adhyay, Chanakya Niti Chapter 13 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 14, चाणक्य नीति चौदहवां भाग, Chanakya Niti Adhyay Chaudah, Chanakya Niti Chaudahavaan Adhyay, Chanakya Niti Chapter 14 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 15, चाणक्य नीति पन्द्रहवां भाग, Chanakya Niti Adhyay Pandrah, Chanakya Niti Pandrahva Adhyay, Chanakya Niti Chapter 15 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 16, चाणक्य नीति सोलहवाँ भाग, Chanakya Niti Adhyay Solah, Chanakya Niti Solahva Adhyay, Chanakya Niti Chapter 16 In Hindi
- चाणक्य नीति अध्याय 17, चाणक्य नीति सतरहवाँ भाग, Chanakya Niti Adhyay Satrah, Chanakya Niti Satrahavaan Adhyay, Chanakya Niti Chapter 17 In Hindi
चाणक्य नीति अध्याय 14, चाणक्य नीति चौदहवां भाग, चौदहवाँ भाग, Chanakya Niti Adhyay Chaudah, Chanakya Niti Chaudahavaan Adhyay, Chanakya Niti Chapter 14 In Hindi, Chanakya Neeti Fourteenth Chapter, Chanakya Niti Chaudahwa Bhag, चाणक्य नीति चैप्टर दस, चाणक्य नीति चतुर्दशम् अध्याय, सम्पूर्ण आचार्य चाणक्य नीति हिंदी में, Sampurna Chanakya Neeti, Chanakya Niti In Hindi