Bhishma Ashtami Date Bhishma Ashtami Muhurat Bhishma Ashtami Tarpan Vidhi Bhishma Ashtami Vrat Bhishma Ashtami Katha In Hindi Bhishma Ashtami Mahatva

2021 में भीष्म अष्टमी कब है, भीष्म अष्टमी 2021 पूजा मुहूर्त, 19 फरवरी भीष्म अष्टमी तर्पण विधि, भीष्म अष्टमी व्रत विधि, भीष्म अष्टमी महत्व, भीष्म अष्टमी व्रत कथा, भीष्म अष्टमी के अनुष्ठान, Bhishma Ashtami 2021 Date, Bhishma Ashtami 2021 Muhurat, Bhishma Ashtami Tarpan Vidhi, Bhishma Ashtami Vrat, Bhishma Ashtami Katha In Hindi, Bhishma Ashtami Mahatva

2021 में भीष्म अष्टमी कब है, भीष्म अष्टमी 2021 पूजा मुहूर्त, 19 फरवरी भीष्म अष्टमी तर्पण विधि, भीष्म अष्टमी व्रत विधि, भीष्म अष्टमी महत्व, भीष्म अष्टमी व्रत कथा, भीष्म अष्टमी के अनुष्ठान, Bhishma Ashtami 2021 Date, Bhishma Ashtami 2021 Muhurat, Bhishma Ashtami Tarpan Vidhi, Bhishma Ashtami Vrat, Bhishma Ashtami Katha In Hindi, Bhishma Ashtami Mahatva

2021 में भीष्म अष्टमी कब है, भीष्म अष्टमी 2021 पूजा मुहूर्त
माघ मास में शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को भीष्म अष्टमी के रूप में मनाया जाता है. इस बार भीष्म अष्टमी 19 फरवरी दिन शुक्रवार को पड़ रही है. महाभारत में भीष्म पितामह एक अजेय योद्धा थे. उन्हें इच्छा मृत्यु का वरदान प्राप्त था. शरशैया पर लेटने के 8 दिनों के पश्चात सूर्य के उत्तरायण होने पर माघ मास में अपना शरीर त्यागा था. माना जाता है कि जिस दिन उन्होंने अपना शरीर त्यागा था उस दिन माघ मास के शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि थी. महाभारत के अनुसार पितामह देवी गंगा के और राजा शांतनु के पुत्र थे. माना जाता है कि इस दिन व्रत करने से सुसंस्कारी संतान की प्राप्ति होती है. इस दिन पितामह के निमित्त तर्पण करने से व्यक्ति के पूरे वर्ष के पाप नष्ट हो जाते हैं. यह दिन पितृदोष निवारण के लिए भी उत्तम माना जाता है. महाभारत के अनुसार- शुक्लाष्टम्यां तु माघस्य दद्याद् भीष्माय यो जलम्, संवत्सरकृतं पापं तत्क्षणादेव नश्यति..अर्थात् जो मनुष्य माघ शुक्ल अष्टमी को भीष्म के निमित्त तर्पण, जलदान आदि करता है, उसके वर्षभर के पाप नष्ट हो जाते हैं. तो चलिए जानते हैं 2021 में भीष्म अष्टमी कब है, भीष्म अष्टमी 2021 पूजा मुहूर्त, 19 फरवरी भीष्म अष्टमी तर्पण विधि, भीष्म अष्टमी व्रत विधि, भीष्म अष्टमी महत्व, भीष्म अष्टमी व्रत कथा, भीष्म अष्टमी के अनुष्ठान आदि के बारे में-

19 फरवरी, शुक्रवार, भीष्म अष्टमी का शुभ मुहूर्त
मध्याह्न समय- सुबह 11 बजकर 27 मिनट से दोपहर 01 बजकर 43 मिनट तक
अवधि- 02 घंटे 16 मिनट
अष्टमी तिथि प्रारम्भ- 19 फरवरी, शुक्रवार को सुबह 10 बजकर 58 मिनट से
अष्टमी तिथि समाप्त- 20 फरवरी, शनिवार दोपहर 01 बजकर 31 मिनट तक

भीष्म अष्टमी व्रत विधि , भीष्म अष्टमी पर तर्पण
1. भीष्म अष्टमी को प्रातः किसी नदि या सरोवर नें स्नान करना चाहिए. यदि संभव न हो तो घर पर ही स्नान करें. स्नान के बाद बिना सिले वस्त्र धारण करें
2. इस दिन तर्पण करने के बहुत महत्व माना गया है. इस दिन भीष्म पितामह के निमित्त तर्पण करना चाहिए.
3. स्नान करने के पश्चात हाथ में तिल, जल आदि लेकर आदि लेकर यदि धारण करते हैं तो जनेउ को दाएं कंधे पर लेकर दक्षिणाभिमुख होकर तर्पण करना चाहिए.
4. तर्पण के समय इस मंत्र का जाप करें.
वैयाघ्रपदगोत्राय सांकृत्यप्रवराय च,
गंगापुत्राय भीष्माय सर्वदा ब्रह्मचारिणे,
भीष्म: शान्तनवो वीर: सत्यवादी जितेन्द्रिय,
आभिरभिद्रवाप्नोतु पुत्रपौत्रोचितां क्रियाम्..
5. विधि पूर्वक तर्पण करने के बाद पुन: जनेऊ को बाएं कंधे पर ले लें और गंगापुत्र भीष्म को अर्घ्य दें.
6. पौराणिक मान्यता के अनुसार जो व्यक्ति विधिपूर्वक इस दिन भीष्मपितामह के निमित्त तर्पण करता है उसके पूरे वर्ष के पापों का नाश होता है.

भीष्म के अन्य नाम
भीष्म का मूल नाम देवव्रत था इसके अलावा भीष्म के अन्य लोकप्रिय नाम भीष्म पितामह, गंगा पुत्र भीष्म, शांतनवा और गौरांगा थे.
भीष्म अष्टमी का महत्व
भीष्म अष्टमी का महत्व अधिक माना गया है. यह भाग्यशाली दिन माना जाता है. इस दिन शुभ कार्य किए जा सकते हैं. अगर आप पितृ दोष खत्म करना चाहते हैं तो इसके लिए यह एक अहम दिन माना जाता है. इस दिन संतानहीन दंपत्ति भी व्रत करते हैं. मान्यता है कि इस दिन पुत्र प्राप्ति के लिए व्रत किया जाता है. यह भी माना जाता है कि अगर उन्हें इस विशेष दिन पर भीष्म पितामह का दिव्य आशीर्वाद प्राप्त होता है तो उन्हें संतान प्राप्त होती है. यह संतान अच्छे चरित्र और उच्च आज्ञाकारिता वाली होती है.

ये है भीष्म अष्टमी की पौराणिक कथा
कथा के अनुसार भीष्म पितामह का असली नाम देवव्रत था. वह हस्तिनापुर के राजा शांतनु की पत्नी और मां गंगा की कोख से उत्पन्न हुए थे. एक बार राजा शांतनु शिकार खेलते-खेलते गंगा तट पर पहुंच गए. वहां से लौटते समय उनकी भेंट हरिदास केवट की पुत्री मतस्यगंधा से हुई. जिनकी सुंदरता पर वो मोहित हो गए राजा शांतनु ने मतस्यगंधा के पिता से उनका हाथ मांगा लेकिन मतस्यगंधा के पिता ने उनका प्रस्ताव ठुकरा दिया और कहा कि आपका जयेष्ठ पुत्र देवव्रत है. जो आपके राज्य का उत्तराधिकारी है यदि आप मेरी पुत्री के पुत्र को राज्य का उत्तराधिकारी बनाने की घोषणा करते हैं तो ही मैं अपको अपनी पुत्री का हाथ देने को तैयार हूं.

राजा शांतनु इस बात को मानने से मना कर देते है इस बात को लेकर कुछ समय बीत जाता है पर वो मतस्यगंधा को नही भूल पाते और व्याकुल रहने लगते हैं. यह सब देखकर उनके पुत्र देवव्रत ने उनकी व्याकुलता का कारण पुछा और सब बात जानने के बाद वो केवट हरिदास के पास जाते हैं जिसके बाद उनकी जिज्ञासा को शांत करने के लिए हाथ में गंगाजल लेकर प्रतिज्ञा लेते हैं कि मैं आजीवन अविवाहित ही रहुंगा. पिता के लिए उन्होने ये प्रण लिया. ऐसी कठिन प्रतिज्ञा के लिये उनका नाम भीष्म पड़ा. उनके पिता ने प्रसन्न होकर उनको मनचाही मृत्यु का वरदान दिया महाभारत के युद्ध की समाप्ति के बाद उन्होने अपना शरीर त्यागा.

भीष्म अष्टमी के अनुष्ठान
1. भीष्म अष्टमी की पूर्व संध्या पर, भक्त एकोद्देश श्राद्ध करते हैं. हिंदू धर्मग्रंथों और पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह माना जाता है कि जिन लोगों के पास अपने पिता नहीं हैं वे ही केवल इस श्राद्ध को कर सकते हैं. लेकिन कुछ समुदायों और धर्मों में, ऐसी स्थिति का पालन नहीं किया जाता है और अनुष्ठान का पालन इस तथ्य के बावजूद किया जाता है कि उनके पिता जीवित या मृत हैं.
2. इस विशेष दिन पर, भक्त पवित्र नदियों के तट पर तर्पण करते हैं जिसे भीष्म अष्टमी तर्पणम कहा जाता है. यह अनुष्ठान भीष्म पितामह और प्रेक्षकों के पूर्वजों के नाम पर उनकी आत्मा की शांति के लिए किया जाता है.
3. पवित्र स्नान एक और महत्वपूर्ण अनुष्ठान है जो इस दिन भक्तों द्वारा किया जाता है. पवित्र नदियों में डुबकी लगाना अत्यधिक शुभ माना जाता है. प्रेक्षकों को पवित्र नदी में तिल और उबले हुए चावल चढ़ाने होते हैं.
4. भीष्म पितामह को श्रद्धांजलि देने के लिए भक्त भीष्म अष्टमी का व्रत रखते हैं जहां वे संकल्प (व्रत) लेते हैं, अर्घ्यम् (पवित्र समारोह) करते हैं और भीष्म अष्टमी मंत्र का पाठ करते हैं.

ये भी पढ़े –

  1. शंकर जी, भगवान शिव की पूजा विधि, Shiv Pujan, भगवान शिव जी को प्रसन्न कैसे करें, शिव जी की कथा, शिव पूजन सामग्री, शिव पूजा के दौरान पहने जाने वाले वस्त्र.
  2. सोमवार व्रत कैसे करें, सोमवार व्रत पूजन विधि नियम कथा आरती, प्रति सोमवार व्रत विधि, सोमवार व्रत के नियम, सोमवार व्रत का उद्यापन कैसे करें.
  3. 16 सोमवार व्रत विधि, 16 Somvar Vrat Vidhi In Hindi, 16 सोमवार व्रत कब से शुरू करें, सोलह सोमवार व्रत कथा आरती और उद्द्यापन, 16 Somvar Vrat Kab Se Shuru Kare.
  4. मंगलवार व्रत के नियम, Mangalvar Vrat Ke Niyam, मंगलवार व्रत विधि विधान, मंगलवार व्रत का खाना, मंगलवार के व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं, मंगलवार का व्रत.
  5. बुधवार व्रत विधि विधान, बुधवार का व्रत कैसे किया जाता है, बुधवार व्रत कथा आरती, बुधवार व्रत उद्यापन विधि, बुधवार के व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं.
  6. गुरुवार बृहस्पतिवार वीरवार व्रत विधि, वीरवार की व्रत कथा आरती, गुरुवार व्रत कथा आरती, गुरुवार का उद्यापन कब करना चाहिए, बृहस्पतिवार व्रत कथा उद्यापन.
  7. लक्ष्मी पूजा , शुक्रवार वैभव लक्ष्मी व्रत विधि, वैभव लक्ष्मी पूजा विधि, वैभव लक्ष्मी व्रत कथा, वैभव लक्ष्मी की आरती, वैभव लक्ष्मी व्रत कैसे करें, वैभव लक्ष्मी व्रत फल.
  8. संतोषी माता व्रत विधि , शुक्रवार व्रत विधि , शुक्रवार व्रत कथा आरती, संतोषी माता व्रत कथा, संतोषी माता की आरती, मां संतोषी का व्रत कैसे करें.
  9. शनिवार व्रत पूजा विधि, शनिवार के व्रत का उद्यापन, शनिवार के कितने व्रत करना चाहिए, शनिवार व्रत के लाभ, शनिवार का उद्यापन कैसे होता है.
  10. रविवार व्रत विधि विधान पूजा विधि व्रत कथा आरती, रविवार के कितने व्रत करने चाहिए, रविवार व्रत कब से शुरू करना चाहिए, रविवार के व्रत में क्या खाना चाहिए.
  11. माता पार्वती की पूजा विधि आरती जन्म कथा, Mata Parvati Puja Vidhi Aarti Janm Katha, माता पार्वती की पूजन सामग्री, Maa Parvati Mantra, Parvati Mata Mantra.
  12. बीकासूल कैप्सूल खाने से क्या फायदे होते हैं, बिकासुल कैप्सूल के लाभ, Becosules Capsules Uses in Hindi, बेकासूल, बीकोस्यूल्स कैप्सूल.
  13. जिम करने के फायदे और नुकसान, Gym Karne Ke Fayde, जिम जाने से पहले क्या खाएं, Gym Jane Ke Fayde, जिम से नुकसान, जिम जाने के नुकसान.
  14. मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट, वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट, बाबा रामदेव वेट लॉस डाइट चार्ट इन हिंदी, वेट लॉस डाइट चार्ट.
  15. बच्चों के नये नाम की लिस्ट, बेबी नाम लिस्ट, बच्चों के नाम की लिस्ट, हिंदी नाम लिस्ट, बच्चों के प्रभावशाली नाम, हिन्दू बेबी नाम, हिन्दू नाम लिस्ट.
  16. रेखा की जीवनी , रेखा की बायोग्राफी, रेखा की फिल्में, रेखा का करियर, रेखा की शादी, Rekha Ki Jivani, Rekha Biography In Hindi, Rekha Films, Rekha Career.
  17. प्यार का सही अर्थ क्या होता है, Pyar Kya Hota Hai, Pyar Kya Hai, प्यार क्या होता है, प्यार क्या है, Pyaar Kya Hai, Pyar Ka Matlab Kya Hota Hai, Love Kya Hota Hai.
  18. शराब छुड़ाने की आयुर्वेदिक दवा , होम्योपैथी में शराब छुड़ाने की दवा, शराब छुड़ाने के लिए घरेलू नुस्खे , शराब छुड़ाने का मंत्र , शराब छुड़ाने के लिए योग.
  19. ज्यादा नींद आने की वजह, Jyada Nind Kyon Aati Hai, ज्यादा नींद आना के कारण, ज्यादा नींद आना, शरीर में सुस्ती, शरीर में थकावट.
  20. भगवान राम के नाम पर बच्चों के नाम, भगवान राम के नाम पर लड़कों के नाम, लड़कों के लिए भगवान राम के नाम, भगवान राम से बेबी बॉय नेम्स, राम जी के नाम पर लड़के का नाम.
  21. भगवान शिव के नाम पर बच्चों के नाम, भगवान शिव के नाम पर लड़कों के नाम, लड़कों के लिए भगवान शिव के नाम, शिव जी के नाम पर लड़के का नाम.