Category: पाठकों की डायरी से
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व्यंग्य : नेपोकिडनी, Vyangya Nepokidni
अचानक फेसबुक पर मुझे टैग की गयी पोस्ट्स पर मेरी नजर पड़ी तो हैरान रह गया. सयानी नाम के एक काव्य संकलन की चर्चा महाकवि की वाल पर थी. साहित्य में एक नेपो किड का आगमन हो चुका था. जिस तरह सिनेमा के हर नायक का पुत्र नायक बनता है ,राजनीति में नेता का पुत्र…
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हास्य-व्यंग्य: द मोनू ट्रायल
हास्य-व्यंग्य : द मोनू ट्रायल हमारे देश में लीगल ट्रायल, मीडिया जैसे शब्द अक्सर ट्रायल में सुनाई पड़ते हैं. इधर एक नया शब्द सुनायी पड़ रहा है द मोनू ट्रायल. ये एक नए किस्म का ट्रायल है जो गिद्ध पत्रकारिता से उपजा है. ये ट्रायल उसी तरह होता है जैसे राखी सांवत से भारत की…
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व्यंग्य: हैप्पी हिन्दी डे (Hindi Diwas, Happy Hindi Day Vyangya)
व्यंग्य: हैप्पी हिन्दी डे (Hindi Diwas, Happy Hindi Day Vyangya) हे कूल डूड ऑफ़ हिंदी, टुडे इज द बर्थडे ऑफ़ हिंदी, ईट्स आवर मदर टँग एन प्राइड ऑलसो, सो लेट्स सेलेब्रेट। यू आर कॉर्डियाली इनवाइटेड। लेट्स मीट एट 8 पीएम, इंडीड देअर विल भी 8 पीएम, वेन्यू, ब्लैक डॉग हैंग आउट कैफे, ब्लैक डॉग ,,,योर…
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पाठकों की डायरी से: व्यंग्य- बिनोद बावफ़ा है (Binod Bawafa hai Vyangya Satire)
“अक्ल को तन्कीद से फुर्सत नहीं इश्क़ पर आमाल की बुनियाद रख” हाल ही में एक फ़िल्म आयी है चमनबहार जिसमें नायक अपनी जीतोड़ मेहनत से कमायी गयी अल्प पूंजी पर अपने मन के उदगार लिखते हुए दस -दस के नोटों पर अपनी प्रेमिका के प्रति अपनी भड़ास निकालते हुए लिखता है कि फ़िल्म की…
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पाठकों की डायरी से कविता: बादल आए- (Hindi Poem Baadal Aaye)
बादल आए बादल आए बारिश लेकर बादल आए गोलू दौड़ा गीता दौड़ी रोहन साथ संगीता दौड़ी शमशेर दौड़ा गिरा धड़ाम चप्पल छोड़ लोलीता दौड़ी भीग -भीग कर खूब नहाए बादल आए बादल आए काले घने गरजते बादल झम झमा झम बरसते बादल ऊपर नीचे रहे हैं दौड़ धूम धड़ाम कड़कते बादल बन्दी हुई रेनी डे…
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पाठको की डायरी से: चीनी कम (व्यंग्य) (Chini Kam -Vyangya)
कुछ समय पहले टीवी पर एक इश्तहार आता था जिसमें सब झूम झूम कर कहा करते थे कि “जो तेरा है वो मेरा है जो मेरा है वो तेरा” इस थीम को ध्येय वाक्य बना लिया चीन ने और चौदह देशों से सटी अपनी सीमाओं पर यही फार्मूला अपना लिया और हर तरफ हाथ पांव…
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व्यंग्य : चाँद और रोटियां (Vyangy : Chaand Aur Rotiyaan)
प्रगतिशीलता के पुरोधा,परम्पराओं को ध्वस्त करने वाले कवि करुण कालखंडी जी देश में मजदूरों के पलायन से बहुत दुखी थे ,उन्होंने लाक डाउन के पहले दिन से बहुत मर्माहत करने वाली तस्वीरें और करुणा से ओत प्रोत कविताएं लिखी थीं ।वो सरकार पर बरसते ही रहे थे कि सरकार ने ऐसा क्यों किया ?कोई अगर…
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पाठकों की डायरी से: वादा तेरा वादा (लेख)
“परनिंदा जे रस ले करिहैं निसच्य ही चमगादुर बनिहैं” अर्थात जो दूसरों की निंदा करेगा वो अगले जन्म में चमगादड़ बनेगा। परनिंदा का अपना सुख है ,ये विटामिन है ,प्रोटीन डाइट है और साहित्यकार के लिये तो प्राण वायु है। परनिंदा एक परमसत्य पर चलने वाला मार्ग है और मुफ्त का यश इसके लक्ष्य हैं।…
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व्यंग्य: पंडी आन द वे (Pandi On The Way Satire)
जिस प्रकार नदियों के तट पर पंडों के बिना आपको मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती, गंगा मैया आपका आचमन और सूर्य देव आपका अर्ध्य स्वीकार नहीं कर सकते जब तक उसमें किसी पण्डे का दिशा निर्देश ना टैग हो, उसी प्रकार साहित्य में पुस्तक मेलों में कोई काम साहित्यिक पंडों और पण्डियों के बिना…
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व्यंग्य: घर बैठे-बैठे (Coronavirus Lockdown)
“पुल बोये थे शौक से उग आयी दीवार कैसी ये जलवायु है हे मेरे करतार” दुनिया को जीत लेने की रफ्तार में, चीन ने ये क्या कर डाला, जलवायु ने सरहद की बंदिशों को धता बताते हुए सबको घुटनों पर ला दिया है। इस स्वास्थ्य के खतरे ने भस्मासुर की भांति सबको लपेटा और दोस्त-दुश्मन…
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व्यंग्य: ब्लैक स्वान इवेंट (Black Swan Events)
“तुलसी बुरा ना मानिए जौ गंवार कहि जाय जैसे घर का नरदहा भला बुरा बहि जाय ” अर्थात बाबा तुलसीदास कहते हैं कि गंवार व्यक्ति की कही गयी कड़वी बात का बुरा नहीं मानना चाहिए, जिस प्रकार घर की नाली में घर के कूड़े के साथ अच्छी चीजें भी बह जाती हैं, वैसे ही गंवार…
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Valentine’s Special Love Story: आज फिर हुई उनसे मुलाकात…
स्कूल कॉलेज के दिनों का प्यार बड़ा ही नाजुक और स्वार्थहीन होता है, समझदारी से ज्यादा नासमझी होती है, इन्ही दिनों के प्यार का एक प्यारा सा किस्सा आज हम आपके लिए लाए हैं, जब कॉलेज के दिनों के दो प्रेमी का एग्जाम सर पर है और कुछ ही समय बाद दोनों को नौकरी का…