santoshi mata vrat

संतोषी माता व्रत विधि, शुक्रवार व्रत विधि, शुक्रवार व्रत कथा आरती, संतोषी माता व्रत कथा, संतोषी माता की आरती, मां संतोषी का व्रत कैसे करें, शुक्रवार व्रत में क्या खाना चाहिए, संतोषी माता व्रत उद्यापन विधि, संतोषी माता व्रत के नियम, Shukravar Vrat Vidhi In Hindi, Santoshi Mata Vrat Vidhi In Hindi, Santoshi Mata Ki Aarti, Maa Santoshi Vrat Katha, Santoshi Mata Vrat Udyapan Vidhi In Hindi

संतोषी माता व्रत विधि, शुक्रवार व्रत विधि, शुक्रवार व्रत कथा आरती, संतोषी माता व्रत कथा, संतोषी माता की आरती, मां संतोषी का व्रत कैसे करें, शुक्रवार व्रत में क्या खाना चाहिए, संतोषी माता व्रत उद्यापन विधि, संतोषी माता व्रत के नियम, Shukravar Vrat Vidhi In Hindi, Santoshi Mata Vrat Vidhi In Hindi, Santoshi Mata Ki Aarti, Maa Santoshi Vrat Katha, Santoshi Mata Vrat Udyapan Vidhi In Hindi

संतोषी माता व्रत विधि, Santoshi Mata Vrat Vidhi In Hindi

ज्योतिष विद्या के अनुसार शुक्रवार का दिन भगवान गणेश और रिद्धि-सिद्धि की पुत्री माता संतोषी को समर्पित है. इस दिन पूरे विधि विधान से मां संतोषी की पूजा-अराधना की जाती है तथा व्रत रखा जाता है. इस व्रत को पुरुष, महिला व बच्चे कोई भी कर सकते हैं. इस दिन उपवास करने से घर में सुख-शांति और धन-समृद्ध‍ि आती है. मां की कृपा से सारी चिंताओं से मुक्ति मिलती है, संतान सुख की प्राप्ति होती है और कष्टों का निवारण होता है. इस दिन नियमपूर्वक उपवास करने वालों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. अगर आप भी मां संतोषी का व्रत रखना चाहते हैं, तो यहां विस्तार से जानिए संतोषी माता का व्रत कब करें, कैसे करें, संतोषी मां के व्रत की पूजा विधि, नियम, कथा, आरती और उद्यापन विधि की संपूर्ण जानकारी.

संतोषी माता कौन है?

संतोषी माता के पिता का नाम गणेश और माता का नाम रिद्धि-सिद्धि है। संतोषी माता के पिता गणेश और माता रिद्धि-सिद्धि धन, धान्य, सोना, चांदी, मूंगा, रत्नों और ज्ञान से भरा पूरा परिवार है। इसलिए उनकी प्रसन्न करके ये फल मिलता है कि वो परिवार में सुख-शांति और मनोंकामनाओं की पूरा कर शोक, विपत्ति, चिंता परेशानियों को दूर कर देती हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सुख-सौभाग्य की कामना के लिए माता संतोषी के 16 शुक्रवार तक व्रत किए जाने का विधान है।
मां संतोषी ,संतोष की देवी हैं। मां संतोषी प्रेम, संतोष, क्षमा, खुशी और आशा की प्रतिक हैं जो उनके शुक्रवार की व्रत कथा में कहा गया है। यह बहुत माना जाता है की लगातार 16 शुक्रवार को व्रत और प्रार्थना करने से भक्तों के जीवन में शांति और समृद्धि व्याप्त हो जाती है। मां संतोषी व्यक्ति को पारिवारिक मूल्यों का और दृढ़ संकल्प के साथ संकट से बाहर आने के लिए प्रेरित करती हैं। संतोषी मां भी मां दुर्गा का ही अवतार मानी जाती हैं और व्यापक रूप से पुरे भारत में और भारत के बाहर भी पूजी जाती हैं।

संतोषी माता का जन्म और परिवार 

संतोषी माता का जन्म 
ऐसा माना जाता है कि एक बार भगवान गणेश की बहन मनसा देवी रक्षा बंधन पर गणेश को राखी बांधने आई उस समय गणेश के दो पुत्र शुभ और लाभ भी थे ।पिता के हाथों में राखी बधते देख शुभ और लाभ ने गणेश जी से एक बहन की कामना की।
फिर गणेश जी अपने पुत्रों की बात मानते हुए एक देवी को उत्तपन्न की जिनको आज हमलोग संतोषी माता के नाम से जानते है।
संतोषी माता का परिवार 
1- दादाजी- भगवान शिव
2- दादीजी- देवी पार्वती
3- पिता- भगवान गणेश
4- मां- या तो रिद्धी या सिद्धी
5- भाई- शुभ और लाभ

संतोषी माता व्रत के नियम

1- इस दिन व्रत रखने वाले और घर के किसी भी सदस्य को कोई भी खट्टी चीज, खट्टी फल या अचार नहीं खाना चाहिए। व्रती को इस दिन किसी भी खट्टी चीज को स्पर्श करने से भी बचना चाहिए.
2- जिस घर का कोई सदस्य व्रती है उस दिन घर के किसी सदस्य को मदिरा पान नहीं करना चाहिए.
3- माता संतोषी को भोग लगाने वाला प्रसाद गुड़ और चने स्वयं भी अवश्य खाने चाहिए.
4- व्रत के दौरान गाय को गुड़ और चना खिलाना भी शुभ माना जाता है.
कब से शुरू करें संतोषी माता का व्रत, Santoshi Mata Ka Vrat Kab Se Shuru Kare
शुक्रवार का व्रत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार से प्रारंभ करना चाहिए.
कितनी संख्या में करें मां संतोषी का व्रत, Santoshi Mata ke kitne Vrat Kare
लगातार 16 शुक्रवार तक संतोषी माता का व्रत करना फलदायी होता है.

शुक्रवार संतोषी माता व्रत पूजा विधि, Maa Santoshi Vrat Puja Vidhi in Hindi

शुक्रवार के दिन सूर्योदय से पहले उठकर घर की साफ-सफाई कर स्नान कर लें. इसके बाद घर के ईशान कोण में संतोषी मां का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें. इसके बाद पहले शुक्रवार के दिन माता के समक्ष हाथ जोड़कर 16 शुक्रवार व्रत करने का संकल्प लें. अब अपना व्रत आरंभ करें. सबसे पहले जल से भरा एक बर्तन लें. जल से भरे उस बर्तन के उपर एक कटोरी रखकर उसमें गुड़ और चना रखें. अब मां के समक्ष घी का दीपक जलाएं. इसके बाद माता संतोषी का नाम लेकर उनकी व्रत कथा पढ़ें. कथा के बाद माता संतोषी की आरती करें. जल का बर्तन जो पूजा से पहले स्थापित किया गया था उसके जल का छिड़काव पूरे घर में करें जो जल बच जाए उसे किसी पौधे में डाल दें. अब गुड़-चने का प्रसाद घर के सभी सदस्यों को दें व खुद भी खाएं.

माता संतोषी को प्रसन्न करने के मंत्र और महामंत्र

1- माता संतोषी को प्रसन्न करने के मंत्र
आप शुक्रवार व्रत के दौरान यहां दिए किसी भी मंत्र का जप कर मां संतोषी को प्रसन्न कर सकते हैं.
ॐ श्री संतोषी महामाया गजानंदम दायिनी शुक्रवार प्रिये देवी नारायणी नमोस्तुते!
जय माँ संतोषी देवी नमो नमः
2- संतोषी माँ महामंत्र 
श्री संतोषी देव्व्ये नमः
ॐ श्री गजोदेवोपुत्रिया नमः
ॐ सर्वनिवार्नाये देविभुता नमः
ॐ संतोषी महादेव्व्ये नमः
ॐ सर्वकाम फलप्रदाय नमः
ॐ ललिताये नमः

शुक्रवार व्रत में क्या खाना चाहिए, संतोषी माता के व्रत में क्या खाना चाहिए

शुक्रवार व्रत के दौरान शाम में एक समय भोजन ग्रहण करें. इस दिन खट्टे फल, सब्जी आदि किसी भी प्रकार की खट्टी चीजों का सेवन न करें. आप फल, दूध, रोटी, हलवा, गुड़, चना आदि चीजों का सेवन कर सकती हैं.

शुक्रवार संतोषी माता व्रत उद्यापन विधि, Maa Santoshi Vrat Udyapan Vidhi in Hindi

16 शुक्रवार विधिवत तरीके से पूजा करने पर ही संतोषी माता व्रत का शुभ फल मिलता है. इसके बाद व्रत का उद्यापन करना जरूरी होता है. उद्यापन के लिए 16वें शुक्रवार यानी अंतिम शुक्रवार को बाकि के दिनों की तरह ही पूजा, कथा व आरती करें. इसके बाद 8 बालकों को खीर-पूरी-चने का भोजन कराएं तथा दक्षिणा व केले का प्रसाद देकर उन्हें विदा करें. अंत में स्वयं भोजन ग्रहण करें. इस दिन घर में कोई खटाई ना खाए, ना ही किसी को कुछ भी खट्टा दें.

मां संतोषी की व्रत-कथा, Santoshi Mata Ki Vrat Katha

एक बुढ़िया थी और उसका एक ही पुत्र था। बुढ़िया पुत्र के विवाह के बाद बहू से घर के सारे काम करवाती थी लेकिन उसे ठीक से खाना नहीं देती थी। यह सब लड़का देखता पर मां से कुछ भी कह नहीं पाता था। काफी सोच-विचारकर एक दिन लड़का मां से बोला- मां, मैं परदेस जा रहा हूं।´मां ने बेटे जाने की आज्ञा दे दी। इसके बाद वह अपनी पत्नी के पास जाकर बोला- मैं परदेस जा रहा हूं, अपनी कुछ निशानी दे दे।´बहू बोली- `मेरे पास तो निशानी देने योग्य कुछ भी नहीं है। यह कहकर वह पति के चरणों में गिरकर रोने लगी। इससे पति के जूतों पर गोबर से सने हाथों से छाप बन गई।

पुत्र के जाने बाद सास के अत्याचार और बढ़ते गए। एक दिन बहू दु:खी हो मंदिर चली गई, वहां बहुत-सी स्त्रियां पूजा कर रही थीं। उसने स्त्रियों से व्रत के बारे में जानकारी ली तो वे बोलीं कि हम संतोषी माता का व्रत कर रही हैं। इससे सभी प्रकार के कष्टों का नाश होता है, स्त्रियों ने बताया- शुक्रवार को नहा-धोकर एक लोटे में शुद्ध जल ले गुड़-चने का प्रसाद लेना तथा सच्चे मन से मां का पूजन करना चाहिए। खटाई भूल कर भी मत खाना और न ही किसी को देन। एक वक्त भोजन करना, व्रत विधान सुनकर अब वह प्रति शुक्रवार को संयम से व्रत करने लगी। माता की कृपा से कुछ दिनों के बाद पति का पत्र आया, कुछ दिनों बाद पैसा भी आ गया। उसने प्रसन्न मन से फिर व्रत किया तथा मंदिर में जा अन्य स्त्रियों से बोली- संतोषी मां की कृपा से हमें पति का पत्र तथा रुपया आया है।´ अन्य सभी स्त्रियां भी श्रद्धा से व्रत करने लगीं। बहू ने कहा- हे मां! जब मेरा पति घर आ जाएगा तो मैं तुम्हारे व्रत का उद्यापन करूंगी।
´
अब एक रात संतोषी मां ने उसके पति को स्वप्न दिया और कहा कि तुम अपने घर क्यों नहीं जाते? तो वह कहने लगा- सेठ का सारा सामान अभी बिका नहीं. रुपया भी अभी नहीं आया है। उसने सेठ को स्वप्न की सारी बात कही तथा घर जाने की इजाजत मांगी, पर सेठ ने इनकार कर दिया। मां की कृपा से कई व्यापारी आए, सोना-चांदी तथा अन्य सामान खरीदकर ले गए। कर्जदार भी रुपया लौटा गए, अब तो साहूकार ने उसे घर जाने की इजाजत दे दी। घर आकर पुत्र ने अपनी मां व पत्नी को बहुत सारे रुपये दिए। पत्नी ने कहा कि मुझे संतोषी माता के व्रत का उद्यापन करना है. उसने सभी को न्योता दे उद्यापन की सारी तैयारी की, पड़ोस की एक स्त्री उसे सुखी देख ईष्र्या करने लगी थी। उसने अपने बच्चों को सिखा दिया कि तुम भोजन के समय खटाई जरूर मांगना।

उद्यापन के समय खाना खाते-खाते बच्चे खटाई के लिए मचल उठे, तो बहू ने पैसा देकर उन्हें बहलाया। बच्चे दुकान से उन पैसों की इमली-खटाई खरीदकर खाने लगे। तो बहू पर माता ने कोप किया। राजा के दूत उसके पति को पकड़कर ले जाने लगे। तो किसी ने बताया कि उद्यापन में बच्चों ने पैसों की इमली खटाई खाई है तो बहू ने पुन: व्रत के उद्यापन का संकल्प किया। संकल्प के बाद वह मंदिर से निकली तो राह में पति आता दिखाई दिया। पति बोला- इतना धन जो कमाया है, उसका टैक्स राजा ने मांगा था। अगले शुक्रवार को उसने फिर विधिवत व्रत का उद्यापन किया। इससे संतोषी मां प्रसन्न हुईं। नौमाह बाद चांद-सा सुंदर पुत्र हुआ। अब सास, बहू तथा बेटा मां की कृपा से आनंद से रहने लगे।

शुक्रवार आरती, सन्तोषी माता की आरती, Santoshi Mata Ki Aarti
जय सन्तोषी माता, मैया जय सन्तोषी माता।
अपने सेवक जन को, सुख सम्पत्ति दाता॥
जय सन्तोषी माता॥
सुन्दर चीर सुनहरी माँ धारण कीन्हों।
हीरा पन्ना दमके, तन श्रृंगार कीन्हों॥
जय सन्तोषी माता॥
गेरू लाल छटा छवि, बदन कमल सोहे।
मन्द हंसत करुणामयी, त्रिभुवन मन मोहे॥
जय सन्तोषी माता॥
स्वर्ण सिंहासन बैठी, चंवर ढुरें प्यारे।
धूप दीप मधुमेवा, भोग धरें न्यारे॥
जय सन्तोषी माता॥
गुड़ अरु चना परमप्रिय, तामे संतोष कियो।
सन्तोषी कहलाई, भक्तन वैभव दियो॥
जय सन्तोषी माता॥
शुक्रवार प्रिय मानत, आज दिवस सोही।
भक्त मण्डली छाई, कथा सुनत मोही॥
जय सन्तोषी माता॥
मन्दिर जगमग ज्योति, मंगल ध्वनि छाई।
विनय करें हम बालक, चरनन सिर नाई॥
जय सन्तोषी माता॥
भक्ति भावमय पूजा, अंगीकृत कीजै।
जो मन बसै हमारे, इच्छा फल दीजै॥
जय सन्तोषी माता॥
दुखी दरिद्री, रोग, संकट मुक्त किये।
बहु धन-धान्य भरे घर, सुख सौभाग्य दिये॥
जय सन्तोषी माता॥
ध्यान धर्यो जिस जन ने, मनवांछित फल पायो।
पूजा कथा श्रवण कर, घर आनन्द आयो॥
जय सन्तोषी माता॥
शरण गहे की लज्जा, राखियो जगदम्बे।
संकट तू ही निवारे, दयामयी अम्बे॥
जय सन्तोषी माता॥
सन्तोषी माता की आरती, जो कोई जन गावे।
ऋद्धि-सिद्धि, सुख-सम्पत्ति, जी भरकर पावे॥
जय सन्तोषी माता॥

ये भी पढ़े –

  1. शंकर जी, भगवान शिव की पूजा विधि, Shiv Pujan, भगवान शिव जी को प्रसन्न कैसे करें, शिव जी की कथा, शिव पूजन सामग्री, शिव पूजा के दौरान पहने जाने वाले वस्त्र.
  2. सोमवार व्रत कैसे करें, सोमवार व्रत पूजन विधि नियम कथा आरती, प्रति सोमवार व्रत विधि, सोमवार व्रत के नियम, सोमवार व्रत का उद्यापन कैसे करें.
  3. 16 सोमवार व्रत विधि, 16 Somvar Vrat Vidhi In Hindi, 16 सोमवार व्रत कब से शुरू करें, सोलह सोमवार व्रत कथा आरती और उद्द्यापन, 16 Somvar Vrat Kab Se Shuru Kare.
  4. मंगलवार व्रत के नियम, Mangalvar Vrat Ke Niyam, मंगलवार व्रत विधि विधान, मंगलवार व्रत का खाना, मंगलवार के व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं, मंगलवार का व्रत.
  5. बुधवार व्रत विधि विधान, बुधवार का व्रत कैसे किया जाता है, बुधवार व्रत कथा आरती, बुधवार व्रत उद्यापन विधि, बुधवार के व्रत में नमक खाना चाहिए या नहीं.
  6. गुरुवार बृहस्पतिवार वीरवार व्रत विधि, वीरवार की व्रत कथा आरती, गुरुवार व्रत कथा आरती, गुरुवार का उद्यापन कब करना चाहिए, बृहस्पतिवार व्रत कथा उद्यापन.
  7. लक्ष्मी पूजा , शुक्रवार वैभव लक्ष्मी व्रत विधि, वैभव लक्ष्मी पूजा विधि, वैभव लक्ष्मी व्रत कथा, वैभव लक्ष्मी की आरती, वैभव लक्ष्मी व्रत कैसे करें, वैभव लक्ष्मी व्रत फल.
  8. संतोषी माता व्रत विधि , शुक्रवार व्रत विधि , शुक्रवार व्रत कथा आरती, संतोषी माता व्रत कथा, संतोषी माता की आरती, मां संतोषी का व्रत कैसे करें.
  9. शनिवार व्रत पूजा विधि, शनिवार के व्रत का उद्यापन, शनिवार के कितने व्रत करना चाहिए, शनिवार व्रत के लाभ, शनिवार का उद्यापन कैसे होता है.
  10. रविवार व्रत विधि विधान पूजा विधि व्रत कथा आरती, रविवार के कितने व्रत करने चाहिए, रविवार व्रत कब से शुरू करना चाहिए, रविवार के व्रत में क्या खाना चाहिए.
  11. माता पार्वती की पूजा विधि आरती जन्म कथा, Mata Parvati Puja Vidhi Aarti Janm Katha, माता पार्वती की पूजन सामग्री, Maa Parvati Mantra, Parvati Mata Mantra.
  12. बीकासूल कैप्सूल खाने से क्या फायदे होते हैं, बिकासुल कैप्सूल के लाभ, Becosules Capsules Uses in Hindi, बेकासूल, बीकोस्यूल्स कैप्सूल.
  13. जिम करने के फायदे और नुकसान, Gym Karne Ke Fayde, जिम जाने से पहले क्या खाएं, Gym Jane Ke Fayde, जिम से नुकसान, जिम जाने के नुकसान.
  14. मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट, वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट, बाबा रामदेव वेट लॉस डाइट चार्ट इन हिंदी, वेट लॉस डाइट चार्ट.
  15. बच्चों के नये नाम की लिस्ट, बेबी नाम लिस्ट, बच्चों के नाम की लिस्ट, हिंदी नाम लिस्ट, बच्चों के प्रभावशाली नाम, हिन्दू बेबी नाम, हिन्दू नाम लिस्ट.
  16. रेखा की जीवनी , रेखा की बायोग्राफी, रेखा की फिल्में, रेखा का करियर, रेखा की शादी, Rekha Ki Jivani, Rekha Biography In Hindi, Rekha Films, Rekha Career.
  17. प्यार का सही अर्थ क्या होता है, Pyar Kya Hota Hai, Pyar Kya Hai, प्यार क्या होता है, प्यार क्या है, Pyaar Kya Hai, Pyar Ka Matlab Kya Hota Hai, Love Kya Hota Hai.
  18. शराब छुड़ाने की आयुर्वेदिक दवा , होम्योपैथी में शराब छुड़ाने की दवा, शराब छुड़ाने के लिए घरेलू नुस्खे , शराब छुड़ाने का मंत्र , शराब छुड़ाने के लिए योग.
  19. ज्यादा नींद आने की वजह, Jyada Nind Kyon Aati Hai, ज्यादा नींद आना के कारण, ज्यादा नींद आना, शरीर में सुस्ती, शरीर में थकावट.
  20. भगवान राम के नाम पर बच्चों के नाम, भगवान राम के नाम पर लड़कों के नाम, लड़कों के लिए भगवान राम के नाम, भगवान राम से बेबी बॉय नेम्स, राम जी के नाम पर लड़के का नाम.
  21. भगवान शिव के नाम पर बच्चों के नाम, भगवान शिव के नाम पर लड़कों के नाम, लड़कों के लिए भगवान शिव के नाम, शिव जी के नाम पर लड़के का नाम.

संतोषी माता व्रत विधि , शुक्रवार व्रत विधि , शुक्रवार व्रत कथा आरती, संतोषी माता व्रत कथा, संतोषी माता की आरती, मां संतोषी का व्रत कैसे करें, शुक्रवार व्रत में क्या खाना चाहिए, संतोषी माता व्रत उद्यापन विधि, संतोषी माता व्रत के नियम , Shukravar Vrat Vidhi In Hindi, Santoshi Mata Vrat Vidhi In Hindi, Santoshi Mata Ki Aarti, Maa Santoshi Vrat Katha, Santoshi Mata Vrat Udyapan Vidhi In Hindi