Sai Baba Pooja

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साईं बाबा की व्रत कथा कहानी, Sai Baba Vrat Kath In Hindi
शिरड़ी के साईं बाबा की जो भी मन से पूजा करता है या फिर केवल याद करता है, वह उनकी झोली भर देते हैं। आज के दौर में साईं बाबा के बड़ी संख्या में भक्त हैं। गुरुवार का दिन साईं बाबा को समर्पित है और अपनी मनोकामना की पूर्ति के लिए आप इस दिन व्रत रख सकते हैं। साईं बाबा की हर कोई पूजा करता है, चाहें वो किसी भी जाति या धर्म से क्यों ना हो, वह हर किसी की मनोकामना पूरी करते हैं। लेकिन गुरुवार के दिन व्रत रखने वाले जातकों पर उनकी विशेष कृपा बनी रहती है। अगर आप साईं बाबा की विशेष कृपा बनाए रखना चाहते हैं तो यहीं जानिए साईं बाबा का व्रत कैसे रखें और साईं बाबा व्रत कथा के बारे में-

कैसे रखें व्रत
साईं बाबा का व्रत कोई भी कर सकता है, चाहें वह बच्चा हो, बुजुर्ग हो या फिर महिला। उनके व्रत की संख्या 9 गुरुवार होनी चाहिए। व्रत के दौरान आप फलाहार ले सकते है। आप समय-समय पर चाय, फल आदि का सेवन कर सकते हैं। शाम में साईं बाबा के सामने दीपक जलाकर उनके मंदिर में दर्शन करने जाएं और एक समय भोजन कर सकते हैं। व्रत के दौरान अगर स्त्रियों को मासिक समस्या आए या फिर अन्य कारणों से आप व्रत नहीं कर सकते तो आप दूसरे गुरुवार को व्रत कर सकते हैं। अंतिम व्रत के दौरान आप गरीबों को खाना खिलाएं और दान करें। आप रिश्तेदारों और पड़ोसियों को साईं बाबा के व्रत की किताबें दे सकते हैं। इनकी 5, 11 या फिर 21 हो। इससे आपको उद्यापन भी पूरा हो जाएगा।

साईं बाबा व्रत कथा
कोकिला नाम की महिला और उनके पति महेशभाई गुजरात के एक शहर में रहते थे। वे दोनों एक-दुसरे के साथ प्रेमभाव से रहते थे। लेकिन महेशभाई का स्वाभाव झगड़ालू था। वहीं कोकिला बहन बहुत ही धार्मिक स्त्री थी, भगवान पर हमेशा विश्वास रखती थीं। झगड़ालू स्वाभाव के कारण उनके पति का धंधा-रोजगार ठप होने लगा और दूसरा कमाई को कोई जरिया नहीं था। रोजगार ठप हो जाने की वजह से महेशभाई अब दिनभर घर पर ही रहने लगे और अब उन्होंने गलत राह पकड़ ली। खाली रहने के कारण उनका स्वभाव भी अधिक चिड़चिड़ा हो गया।Sai Baba Pooja Vrat Vidhi And Katha On Thursday
एक दिन दोपहर का समय था। एक बुजुर्ग इंसान दरवाजे पर आकार खड़े हो गए और उन्होंने दल-चावल की मांग की। धार्मिक स्वभाव की कोकिला बहन ने दल-चावल दिए और दोनों हाथों से उस बुजुर्ग इंसान को प्रणाम किया। बुजुर्ग ने कहा साईं सुखी रखे, तब कोकिला बहन ने कहा बाबा सुख मेरी किस्मत में नहीं है और फिर उन्होंने अपने बारे में सभी जानकारी दी।

तब बुजुर्ग इंसान ने कोकिला बहन को साईं बाबा के व्रत के बारे में जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इस व्रत के करने से सभी मनोकामना पूरी होगी और बाबा का आशीर्वाद हमेशा उसके घर पर बना रहेगा। बुजुर्ग की बात मानकर कोकिला बहन ने 9 गुरुवार व्रत किया। जैसे बाबा ने बताया सभी कार्य किए। उसके थोड़े समय के बाद घर में सुख समृधि बढ़ गई। दोनो पति-पत्नी सुख-शांति से रहने लगे। उनका धंधा-रोजगार फिर से चालू हो गया और महेशभाई का स्वाभाव भी बदल गया।
एक दिन कोकिला बहन के जेठ-जेठानी सूरत से आए। बातों-बातों में उन्होंने बताया कि उनके बच्चें पढ़ाई-लिखाई में ध्यान नहीं देते हैं, जिसकी वजह से वह परिक्षा में फेल भी हो जाते हैं। तब कोकिला बहन ने 9 गुरुवार साईं बाबा का व्रत रखने को कहा और उनकी महिमा के बारे में बताया। साईं बाबा के भक्ति से बच्चे अच्छी तरह पढ़ाई-लिखाई कर पाएंगे लेकिन इसके लिए साईं बाबा पर विश्वास रखना बहुत जरूरी है।
सूरत से उनकी जेठानी का थोड़े दिनों में पत्र आया कि उनके बच्चे साईं व्रत करने लगे है और बहुत अच्छे तरह से पढ़ते है। उन्होंने भी व्रत किया था और व्रत की किताबें जेठ के ऑफिस में दी थी। फिर एक के बाद ऐसे कई अद्भुत चमत्कार हुए। हे साईं बाबा आप जैसे सभी लोगों पर प्रसन्न होते है, वैसे हम पर भी होना और अपना आशीर्वाद हमेशा बनाए रखना।Sai Baba Pooja Vrat Vidhi And Katha On Thursday

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