Vrishchik Raashi Walon Ko Kiski Pooja Karni Chahiye

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वृश्चिक राशि – परिचय

सभी 12 राशियों की संख्या में आठवीं राशि वृश्चिक है. वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है और इष्टदेव भगवान कार्तिकेय, हनुमान जी और राम जी है. वृश्चिक का राशि चिन्ह बिच्‍छू है. मंगल के प्रभाव के कारण इस राशि का स्वभाव उत्तेजनात्मक एवं उग्र होता है. ये किसी के अधीन रहकर कार्य नहीं कर सकते हैं और इस राशि के लोग अपने परिश्रम से जीवन में प्रगति व उन्नति करते हैं. ज्योतिष शास्त्र के जानकारों का मानना है कि अगर वृश्चिक राशि के लोगों के जीवन में कोई परेशानी आ रही है और काफी मेहनत के बाद भी सफलता नहीं मिल रही तो उन्हें कहीं और जाने की जरूरत नहीं है. वे स्वयं अपनी राशि के अनुसार पूजा-पाठ व उपाय कर सफलता पा सकते हैं और हर संकट से मुक्त हो सकते है. आइए जानते हैं वृश्चिक राशि के जातकों को किसकी पूजा करनी चाहिए?, कौन सा व्रत करना चाहिए, किस मंत्र का जाप करना चाहिए, क्या दान करना चाहिए व कौन से उपाय करने चाहिए ताकि उन्हें मनचाहा फल मिल सके-

वृश्चिक राशि वालों को किसकी पूजा करनी चाहिए?

वृश्चिक राशि वालों को किसकी पूजा करनी चाहिए?, Vrishchik Raashi Walon Ko Kiski Pooja Karni Chahiye?
पूजा पाठ करने से ईश्वर का आशीर्वाद मिलता है और हमारे सभी कष्ट दूर हो जाते हैं. लेकिन कई बार हमारे द्वारा की गई पूजा पाठ का फल हमें नहीं मिलता. इसका क्या कारण है? इसका कारण है कि हम पूजा पाठ तो करते हैं पर अपने राशि के अनुसार सही विधि से नहीं. इसलिए जरूरी है कि आप अपने राशि के अनुसार सहीं विधि से सही देवी देवताओं की पूजा करें. वृश्चिक राशि के इष्टदेव भगवान कार्तिकेय, हनुमान जी और राम जी है. इसलिए वृश्चिक राशि के लोगों को अपने इष्टदेव भगवान कार्तिकेय, हनुमान जी और राम जी की विधिवत पूजा करनी चाहिए, ताकि उसका फल उन्हें मिल सकें. आइए जानें वृश्चिक राशि वाले कैसे करें कार्तिकेय, हनुमान जी और राम जी की पूजा-

1. हनुमान जी की पूजा विधि – हनुमान जी की पूजा करने के लिए वृश्चिक राशि के जातक मंगलवार के दिन सुबह उठकर स्नान आदि कर साफ लाल वस्त्र धारण करें. कोशिश करें कि आपने जो वस्त्र पहना है वह सिला हुआ ना हो. अब घर के ईशान कोण में एक चौकी स्थापित करें. चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं, उस पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें. हनुमान जी के साथ भगवान श्री राम और माता सीता की भी प्रतिमा रखें. दीपक और धूप जलाकर भगवान राम और माता सीता की पूजा आराधना करें. अब लाल फूल, लाल सिंदूर और चमेली का तेल हनुमान जी को चढ़ाएं. हनुमान चालीसा का पाठ करें. इसके बाद सुंदर कांड का पाठ करें और हनुमान जी के मंत्र श्री हनुमंते नम: का जाप करें. पूजा के अंत में भगवान जी की आरती उतारें. आरती के बाद हनुमान जी को गुड़, केले और लड्डू का भोग लगाएं तथा परिवार के सदस्यों को प्रसाद दें. ध्यान रखें कि हनुमान जी ब्रम्हचारी थे इसलिए व्रत और पूजा के दौरान महिलाएं उन्हें लाल वस्त्र या सिंदूर ना चढ़ाएं. साथ ही वे अपने शुद्ध दिनों में ही हनुमान जी की पूजा करें.

2. राम जी की पूजा विधि – राम जी की पूजा करने के लिए वृश्चिक राशि के जातक सूर्योदय से पहले उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहन लें. ध्याव रखें कि श्रीराम विष्णु जी के अवतार हैं और भगवान विष्णु को तुलसी बेहद प्रिय है इसलिए भगवान श्रीराम की पूजा में तुलसी का पत्ता अवश्य रखें. सबसे पहले पूजा स्थान (ईशान कोण) पर पूजन सामग्री के साथ आसन लगाकर बैठें. एक चौकी पर लाल वस्त्र बिछाकर श्री राम और माता सीता की मूर्ति स्थापित करें. भगवान के समक्ष दीपक जलाएं और रोली, चंदन, धूप और गंध से रामजी की विधिवत पूजा करें. इसके बाद श्रीराम को मिष्ठान, फल, फूल आदि अर्पित करें. सभी देवी-देवताओं का ध्यान लगाएं और आरती करें. आरती के बाद वृश्चिक राशि के जातक राम जी के मंत्र ॐ नमो भगवते रामचंद्राय: का जाप करें. अगर संभव हो सके तो घर में हवन कराएं. पूजा के बाद वृश्चिक राशि के जातक रामचरितमानस, रामायण और रामरक्षास्तोत्र का पाठ जरूर करें. इसे पढ़ना बहुत शुभ माना जाता है.

3. कार्तिकेय पूजन विधि – सुबह जल्दी उठकर घर की साफ-सफाई करें और स्नानादि कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें. इसके बाद वृश्चिक राशि के जातक एक चौकी लें और उस पर साफ वस्त्र बिछाकर भगवान कार्तिकेय की प्रतिमा या मूर्ति स्थापित करें. भगवान कार्तिकेय जी के साथ मां गौरी और शिव जी की प्रतिमा भी स्थापित करें. अब उन्हें तिलक लगाएं और दीप, धूप जलाएं. उन्हें कलावा, अक्षत, हल्दी, चंदन, गाय का घी, दूध, मौसमी फल, फूल आदि अर्पित करें. लेकिन ध्यान रखें कि शिव जी को हल्दी न चढ़ाएं. पूजा के अंत में भगवान कार्तिकेय की आरती करें. साथ ही भजन-कीर्तन भी करें. भगवान कार्तिकेय के मंत्रों देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव. कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥ का जाप करें.

वृश्चिक राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए?

वृश्चिक राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए, Vrushchik Rashi Vaalon Ko Kaun Sa Vrat Karna Chahiye
पूजा पाठ व व्रत करने वालों की भगवान जल्दी सुनते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं. वृश्चिक राशि का स्वामी मंगल है इसलिए वृश्चिक राशि के लोगों को मंगलवार का व्रत पूरी श्रद्धा से रखना चाहिए. मंगलवार का व्रत श्री हनुमान जी को समर्पित है, यह व्रत करने से भक्तों की कुंडली में मौजूद मंगल ग्रह शुभ फल देता है. यह व्रत करने से व्यक्ति के सारे दुख कष्ट व चिंता दूर हो जाते हैं. यहां जानिए मंगलवार का व्रत की संपूर्ण विधि-
कब से शुरू करें मंगलवार व्रत – मंगलवार का व्रत किसी भी मास के शुक्ल पक्ष के पहले मंगलवार से शुरु किया जा सकता है.
कितनी संख्या में रखें मंगलवार व्रत –  मंगलवार का व्रत कम से कम 21 मंगलवार तक रखना चाहिए और व्रत के अंतिम मंगलवार को खैर की लकड़ी से हवन करना चाहिए.
कैसा वस्त्र पहनें- मंगलवार का व्रत करने वाले साधक को मंगलवार के दिन बगैर सिला हुआ लाल कपड़ा (जैसे लाल रंग की धोती) पहनकर ही श्री हनुमान जी की उपासना करनी चाहिए.

मंगलवार व्रत विधि – मंगलवार का व्रत करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें और स्वच्छ वस्त्र पहन लें. घर के ईशान कोण में चौकी रखें और उसपर साफ कपड़ा बिछाकर अब भगवान हनुमान की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. हनुमान जी के साथ श्री राम और मां सीता की मूर्ति भी जरूर स्थापित करें. हाथ में जल लेकर भगवान हनुमान के सामने व्रत करने का संकल्प लें और प्रार्थना करें. धूप-दीप या दीया जलाकर भगवान राम और माता सीता की पूजा आराधना करें इसके बाद श्री हनुमान की पूजा करें. हनुमान जी को लाल वस्त्र, सिंदूर और लाल फूल अर्पित करें. अब रूई में चमेली का तेल डालकर भगवान हनुमान के सामने रख दें. कथा, सुंदर काण्ड और हनुमान चालीसा का पाठ करने के बाद आरती करें. फिर श्री हनुमान को गुड़ और चना का भोग लगाएं.
मंगलवार के व्रत में क्या खाएं क्या नहीं – मंगलवार व्रत के दौरान आपको गुड़ और गेहूं का भोजन करना चाहिए. मंगलवार व्रत करने के दौरान मीठा भोजन ग्रहण करें. आप फल और दूध का सेवन भी कर सकते हैं. मंगलवार के व्रत में नमक ना खाएं.
मंगलवार व्रत का मंत्र – अगर आप मंगलवार का व्रत कर रहे हैं तो लाल चंदन की माला से 108 बार ऊं क्रां क्रीं क्रौं स: भौमाय नम: मंत्र का जाप करें.
मंगलवार व्रत की उद्यापन विधि- आपने जितने मंगलवार व्रत करने का संकल्प लिया है उसके अगले मंगलवार के दिन उद्यापन कर सकते हैं. यदि आपने 21 मंगलवार व्रत रखने का संकल्प लिया है तो 21 मंगलवार का व्रत रखने के बाद 22वें मंगलवार के दिन उद्यापन करें. विधि-विधान से भगवान हनुमान की पूजा करने के बाद हनुमान जी के लिए हवन करवाएं तथा उन्हें वस्त्र अर्पित करें. इस दिन ब्राह्मण भोजन करवाएं और दान दें.

वृश्चिक राशि के लिए मंत्र, Vrishchik Rashi Ke Liye Mantra

1. ॐ अं अंगारकाय नम: – सुख-शांति के लिए
2. ॐ शं शनैश्चराय नम: – बाधा दूर करने के लिए
3. ॐ ॐ ऐं क्लीं सौं – धन प्राप्ति के लिए
कैसे करें मंत्र जाप – वृश्चिक राशि के जातक प्रातः जल्दी उठकर स्नान आदि कर साफ़ कपड़े पहन लें. अब पूजास्थल पर बैठ कर धुप-दीप आदि लगाकर भगवान का स्मरण करें. इसके पश्चात् मंत्र का जप करें. उपरोक्त मंत्र का जाप कम से कम 21 बार अवश्य करें. मंत्र का जप पूर्ण करने के पश्चात् अपने ईष्ट देव या देवी के मंत्र का जप कर सकते है. वृश्चिक राशि का स्वामी ग्रह मंगल है इसलिए इन राशि वालों को हनुमान के मंत्र ‘ऊँ हनुमते नम:‘ का जाप भी करना चाहिए. इस मंत्र का जप नियमित रूप से करें. एक से दो महीने में ही आपके जीवन में चमत्कारिक बदलाव होने लग जायेंगे.

वृश्चिक राशि के लिए कौन सा पत्थर पहनना चाहिए?

वृश्चिक राशि के लिए कौन सा पत्थर पहनना चाहिए?, Vrishchik Rashi Ke Liye Kaun Sa Patthar Pahanna Chaahie?, Vrishchik Rashi Ke Liye Stone
वृश्चिक राशि के स्वामी मंगल हैं और मंगल का रंग लाल है इसलिए वृश्‍चिक राशि के जातकों को लाल रंग का मूंगा रत्न पहनना चाहिए. मूंगा के प्रभाव से ये जातक अपने लक्ष्‍य को जल्द प्राप्‍त कर पाएंगें. वृश्चिक राशि वाले मंगल को शुभ करने के लिए मूंगा धारण करें तो बेहतर होगा. मंगल की राशि वृश्‍चिक के साथ ही मेष राशि वालों को भी मूंगा पहने की सलाह दी जाती है. लेकिन लेकिन कन्या और मिथुन लग्न वालों को यह रत्न धारण करने से बचना चाहिए. वृश्‍चिक राशि वाले जातकों को मंगलवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद दायें हाथ की कनिष्का या तर्जनी उंगली में मूंगा रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है.
मूंगा पहनने से लाभ – मूंगा मंगल ग्रह का रत्न है. मंगल ग्रह को बल प्रदान करने के लिए मूंगा रत्न पहना जाता है. मूंगा एक ऐसा रत्न है जो जातक की भावनात्मक उथल-पुथल को शांत कर सकता है और अंधेरे की ताकतों को बेअसर कर सकता है. मूंगा रत्न पहनने से आंतरिक शांति मिलती है. मूंगा धारण करने से साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है. वृश्‍चिक राशि वाले मूंगा रत्न धारण करें, तो शारीरिक-मानसिक बल, धन-वैभव, रिश्ते, दोस्त आदि कई सुख मिलते हैं.
वृश्चिक राशि के जातक कौन सा रत्न धारण न करें- वृश्‍चिक राशि वाले जातकों को हीरा धारण करने से परहेज करना चाहिए.

वृश्चिक राशि के उपाय, Vrushchik Rashi Ke Upaay

1. कार्यक्षेत्र में सफलता के लिए वृश्चिक राशि के जातक रविवार को दोपहर के समय दाहिने हाथ में छह चक्कर लगाते हुए कलावा बांधें. इस उपाय को करने से आपकी परेशानियां कम हो जाएंगी.
2. वृश्चिक राशि के लोग अपनी किस्मत चमकाने के लिए कमल के गट्टे की माला लाल वस्त्र में बांधकर अपने गले में धारण करे या मंदिर में रख दें.
3. किस्मत चमकाने के लिए वृश्चिक राशि के लोग प्रतिदिन हनुमान चालीसा का पाठ करें.
4. घर से जब भी बाहर निकलें, जेब में लाल रंग का रूमाल रखकर ही निकलें. दिन ढलने के बाद वृश्चिक राशि के लोग स्‍वामी ग्रह मंगल की कृपा पाने के लिए बच्‍चों में गुड़ बांटें.
5. प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में जाकर बूंदी का प्रसाद चढ़ाकर बांटना शुभ रहेगा. इससे जीवन में आने वाली अकस्मात परेशानियां दूर हो जाएंगी और जीवन में सुखों का आगमन होगा.
6. वृश्चिक राशि के जातकों को मंगलवार के दिन बंदरों को गुण एवं चना खिलाने से मंगल ग्रह का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
7. वृश्चिक राशि के लोग अपनी किस्मत चमकाने के लिए कमल के गट्टे की माला लाल वस्त्र में बांधकर अपने गले में धारण करे या मंदिर में रख दें.
8. मंगलवार के दिन हनुमान मंदिर में सिंदूर चढ़ाने से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
9. यदि जीवन में सुख-समृद्धि पाने के लिए श्मशान के नल या कुएं का पानी लाकर किसी पीपल वृक्ष पर चढ़ा दें. यह प्रयोग नियमित रूप से छह शनिवार करें. इस उपाय को करने से आपको आश्चर्यजनक परिणाम प्राप्त होंगे.
10. वृश्चिक राशि के जातकों को मूंगा रत्न, तीन मुखी रुद्राक्ष और अनंत मूल की जड़ी धारण करना चाहिए. ऐसा करने से जातकों को शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
11. ग्रहों को शांति रखने के लिए बांए हाथ में चांदी का छल्‍ला धारण करें व साधु, संतों, मां और गुरुओं की सेवा करें.
12. अपनी किस्मत चमकाने के लिए वृश्चिक राशि के लोग मसूर की दाल बहते जल में प्रवाहित करें या मंदिर में दान करें.
13. धनलाभ के लिए शुक्रवार के दिन माता लक्ष्मी के मंदिर में गाय के घी का दीपक जलाएं और नवरात्रि में अखंड ज्योति प्रज्जवलित करें.
14. प्रेम संबंध में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए गुरुवार के दिन पीले चंदन में केसर मिलाकर तिलक लगाएं. भगवान विष्णु जी के मंदिर में पीले फल दान करें.
15. वृश्चिक राशि के लोग हाथी के दांत से बनी किसी वस्‍तु का प्रयोग न करें.
16. वृश्चिक राशि के लोग  किसी से कोई वस्‍तु मुफ्त में न लें.

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