Vrishabh Rashi Ke Ishtdev

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वृषभ राशि – परिचय 

राशि चक्र की दूसरी राशि वृषभ का स्वामी शुक्र है, यह ग्रह शुभ प्रभाव वाले बेहद शांत ग्रह के रूप में माने जाते हैं. शुक्र को धन, वैभव, ऐश्‍वर्य, सुख और ऐशोआराम का कारक माना जाता है. इस राशि में जन्म लेने वाले लोग विलासी और अधिक उत्तम चीजों से प्रभावित होते हैं. ऐसे जातक धैर्यवान होते हैं लेकिन इनमें भावुकता की अधिकता होती है. स्‍वभाव से अत्‍यधिक भावुक होना ही इन जातकों की सबसे बड़ी कमी मानी जाती है. ये लोग किसी पर भी जल्‍दी भरोसा कर लेते हैं. शुक्र कमजोर होने पर व्‍यक्ति का दांपत्‍य जीवन भी सफल नहीं होता और उसे हमेशा तंगी का सामना करना पड़ता है. वृषभ राशि के जातकों को शुक्र की शुभता प्राप्‍त करने के लिए अपने इष्टदेव की पूजा व राशिनुसार रत्न धारण करना चाहिए. यहां जानिए वृषभ राशि के लोग किस देव को अपना इष्ट देव मानकर पूजा करें?, राशिनुसार कौन सा रत्न धारण करें? क्या दान करें और ऐसे कौन से उपाय करें ताकि उन्हें जीवन में सुख व सफलता प्राप्त हो सके.

वृष राशि के इष्ट देव कौन है?, Vrish Rashi Ke Isht Dev Kaun Hai?

अरुण संहिता जिसे लाल किताब के नाम से भी जाना जाता है, के अनुसार व्यक्ति के पूर्व जन्म में किए गए कर्म के आधार पर इष्ट देवता का निर्धारण होता है और इसके लिए जन्म कुंडली देखी जाती है. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इष्ट देव की पूजा करने से व्यक्ति को शुभ फल की प्राप्ति होती है और कुंडली के सारे ग्रह दोष समाप्त हो जाते हैं. वृषभ राशि का ग्रह स्वामी शुक्र है इसलिए वृषभ राशि के जातकों को इष्ट देवी मां लक्ष्मी को अपना इष्टदेव या देवी मानकर पूजा करनी चाहिए. कहा जाता है कि व्यक्ति को हमेशा अपने इष्ट देव (Isht Dev) की पूरे सच्चे मन से आराधना करनी चाहिए. संकट में हमेशा अपने इष्ट देव को ही याद करना चाहिए ताकि आपकी प्रार्थना भटके नहीं और पूजा का फल आपको प्राप्त हो.
वृषभ राशि का ग्रह स्वामी – शुक्र
वृषभ राशि की इष्ट देवी – मां लक्ष्मी

वृषभ राशि के लिए रत्न, Vrishabh Rashi Ke Liye Ratna
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार व्यक्ति के जीवन पर 9 प्रमुख ग्रहों (सूर्य, चंद्र, बुध, शनि और राहु-केतु समेत अन्य ग्रह) का प्रभाव सकारात्मक और नकारात्मक रूप से पड़ता है. ज्योतिष ग्रहों के इन्ही नकारात्मक प्रभाव को कम करने या दूर करने के लिए व्यक्ति को राशिनुसार रत्न धारण करना चाहिए. ज्योतिष में माणिक्य, हीरा, पन्ना और मोती समेत प्रमुख 9 रत्नों के बारे में बताया गया है जिन्हें हमेशा ज्योतिष की सलाह से राशिनुसार ही धारण करना चाहिए, तो आइए जानते हैं कि वृषभ राशि के जातकों को कौन सा रत्न धारण करना चाहिए ताकि वे अपने जीवन से ग्रह दोष को दूर कर सुख समृद्धि पा सके.
वृषभ राशि के लोग कौन सा रत्न धारण करें- वृष राशि का स्वामी शुक्र है. इसलिए इस राशि में जन्म लेने वाले जातकों को शुक्र की शुभता प्राप्‍त करने के लिए हीरा रत्न धारण करना चाहिए. हीरा शुक्र ग्रह का रत्न है जो शुक्र को बलवान बनाता है. हीरा बहुत महंगा रत्न है जो धन-वैभव का प्रतीक भी माना जाता है. हीरे के प्रभाव से वृषभ राशि के जातक बुरी संगत से दूर रहेंगें तथा जीवन में शुभ फल को प्राप्त करेंगे. हीरे की जगह आप ओपल भी पहन सकते हैं.
हीरा किस हाथ में पहने, हीरा किस उंगली मे धारण करें, हीरा किस दिन पहनें – हीरा रत्न को दायें हाथ की मध्यामा उंगली में शुक्रवार की सुबह स्नान करने के बाद धारण करने की सलाह दी जाती है. इस रत्न को शुक्रवार के दिन धारण करने से जातक को अत्यंत लाभ मिल सकता है.

हीरा पहनने के लाभ और नुकसान
लाभ – हीरा शुक्र ग्रह का रत्न है जो अखंडता, विश्वास और पवित्रता का प्रतिनिधित्व करता है. यह रत्न वृषभ राशि के तहत पैदा हुए लोगों को एक बेजोड़ कल्पना शक्ति और एक भव्य जीवन की उम्मीद दे सकती है. हीरा वृष राशि को अधिक भरोसेमंद, धैर्यवान और दृढ़निश्चयी बनाने में सहायता करता है. यह भी माना जाता है हीरा व्यक्ति को ईर्ष्या और लालच से बचाता है साथ ही उनकी आकर्षण शक्ति को बढ़ाता है. हीरा रत्न या पत्थर स्वास्थ्य से जुड़ी समस्याओं को भी दूर करता है. कहते हैं कि यह मधुमेह रोग में लाभदायक है. हीरे के प्रभाव से वृषभ राशि के जातक बुरी संगत से दूर रहेंगें. इसे पहनने से रूप, सौंदर्य, यश व प्रतिष्ठा प्राप्त होती है.
नुकसान – हीरा मालामाल भी कर सकता है और कंगाल भी. लाल किताब के अनुसार तीसरे, पांचवें और आठवें स्थान पर शुक्र हो तो हीरा नहीं पहनना चाहिए. इसके अलावा टूटा-फूटा हीरा भी नुकसानदायक होता है. कुंडली में शुक्र, मंगल या गुरु की राशि में बैठा हो या इनमें से किसी एक से दृष्ट हो या इनकी राशियों से स्थान परिवर्तन हो तो हीरा मारकेश की भांति बर्ताव करता है और वह व्यक्ति को आत्महत्या या पाप की ओर अग्रसर कर सकता है.
वृषभ राशि के जातक कौन सा रत्न धारण न करें- वृषभ राशि के व्यक्ति को माणिक्य और मूंगा रत्‍न न पहनने की सलाह दी जाती है.

वृषभ राशि वालों को क्या दान करना चाहिए?

वृषभ राशि वालों को क्या दान करना चाहिए, Vrishabh Rashi Walon Ko Kya Daan Karna Chaahie
शास्त्रों में दान देने का विशेष महत्व है लेकिन जीवन की तमाम परेशानी और कुंडली के दोषों को दूर करने व सौभाग्‍य पाने के लिए जरूरी है कि आप राशि अनुसार दान करें. यहां हम बात कर रहे हैं वृषभ राशि की, तो वृषभ राशि के जातकों का स्वामी शुक्र है अत: वृषभ राशि के लोगों को चांदी के आभूषण, सफेद कपड़े, काले वस्त्र, घी, सोना, तेल, हल्दी, लोहा, दही एवं तिल का दान करना चाहिए. इसके अलावा इस राशि के जातक सात प्रकार के अनाज और चरी का दान भी कर सकते हैं.

वृष राशि के दोष का उपाय, वृष राशि के लिए उपाय

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वृषभ राशि के जातकों को अपने कष्ट दूर करने व जीवन में सफलता पाने के लिए निम्न उपाय करने चाहिए, यह उपाय करने से अवश्य ही आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी.
1. वृषभ राशि के लोगों को प्रतिदिन अपनी इष्टदेवी श्री लक्ष्मी जी की विधिवत पूजा अर्चना करनी चाहिए, ऐसा करने से माता लक्ष्मी का आशीर्वाद अवश्य ही आपको मिलेगा.
2. वृषभ राशि के जातकों को शुक्रवार का व्रत करना चाहिए तथा गरीबों को खाना खिलाना चाहिए, यदि व्रत रखना संभव न हो सके तो मां लक्ष्मी की पूजा अवश्य करें.
3. पैतृक धन एवं कुटुंब से जुड़ी परेशानियों को हल करने के लिए सफेद आक की जड़ लाकर बुधवार के दिन दाहिनी भुजा पर हरे रंग के धागे से बांधें, लाभ मिलेगा तथा मनोकामना पूर्ण होगी.
4. धनार्जन या धन संचय करने के लिए वषभ राशि के लोग अपनी जेब या बटुएं में विधारा की जड़ को बुधवार के दिन रखें.
5. यदि वृषभ राशि के लोगों को संतान पक्ष से चिंताएं हो तो संतान सुख के लिए बुधवार के दिन मौन व्रत रखें.
6. मनोकामना पूर्ति के लिए अपनी मन की इच्छा या कामना को भोजपत्र पर हल्दी से लिखकर पवित्र जल में विसर्जित कर दें. मनोकामना जल्द पूर्ण होगी.

7. यदि धनमार्ग अवरुद्ध हो रहे हों तो केसर तथा पीले चंदन का तिलक माथे पर लगाने से आमदनी के स्रोत खुल जाते हैं. साथ ही मंदिर में जाकर राम दरबार के समक्ष दण्डवत प्रणाम करना चाहिए.
8. यदि वृषभ राशि के जातक कर्ज के बोझ तले दबे हुए हैं तो लक्ष्मी पूजन के दौरान माता लक्ष्मी को कमल गट्टे की माला को पहनाएं या अर्पित करें. पूजन के बाद उस माला को लाल कपड़े में बांधकर साथ में कुछ मुद्रा रखकर उसे धन स्थान में रख दें. इससे आपका जीवन कर्जमुक्त हो जाएगा.
9. प्रत्येक 16 शुक्रवार तक छोटी कन्याओं को सफेद रंग की मिठाई, चावल की खीर, या फिर बताशे प्रसाद के रूप में बांटें व उनका आशीर्वाद लें. ऐसा करने से आपका पढ़ाई में मन लगेगा और परीक्षा में अच्छे अंक प्राप्त होंगे.
10. हर दिन किसी न किसी ग्रह को समर्पित होता है, उसी तरह मंगलवार का दिन मंगल ग्रह का माना गया है. इस दिन मंगल की पूजा और मंगल स्त्रोत का पाठ करना चाहिए. ऐसा करने से कुंडली में मंगल की स्थिति शुभ रहती है और जीवन में सब मंगल ही मंगल होता है.

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