Singh Raashi Walon Ko Kiski Pooja Karni Chahiye

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परिचय – सिंह राशि

सभी 12 राशियों की संख्या में सिंह (Leo) राशि पाचवीं है. सिंह राशि का स्वामी सूर्य है और इष्ट देव हनुमान जी और मां गायत्री हैं. सूर्य को नवग्रहों में राजा की उपाधि प्राप्त है. सूर्य के अनुसार ही सिंह राशि वाले जानकों का स्वभाव राजसी व रौबदार होता है. वे बलिष्ठ कद- काठी वाले होते हैं. वे किसी के अधीन रहना पसंद नहीं करते और उनमें नेतृत्व क्षमता बहुत अधिक होती है. ज्योतिष शास्त्र के जानकार कहते हैं कि अगर सिंह राशि के जातकों के जीवन में कोई संकट या कष्ट है और वे हर सम्भव प्रयास करके थक चुके हैं पर सफलता हाथ नहीं लग रही, लगातार एक के बाद दूसरी समस्याएं उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रही है तो सिंह राशि के जातकों को कहीं और किसी के पास जाने की जरूरत नहीं है. आप स्वयं अपनी राशि के अनुसार पूजा-पाठ व उपाय कर शीघ्र सफलता प्राप्त कर सकते हैं और हर प्रकार के संकट से मुक्त हो सकते है. आइए जानते हैं सिंह राशि के जातकों को किसकी पूजा करनी चाहिए?, कौन सा व्रत करना चाहिए, किस मंत्र का जाप करना चाहिए, क्या दान करना चाहिए व कौन से उपाय करने चाहिए ताकि उन्हें मनचाहा फल प्राप्त हो सके-

सिंह राशि वालों को किसकी पूजा करनी चाहिए?

सिंह राशि वालों को किसकी पूजा करनी चाहिए?, Singh Raashi Walon Ko Kiski Pooja Karni Chahiye?
सिंह राशि वालों को अपने जीवन में शांति व सफलता पाने के लिए अपने राशि के इष्ट देव हनुमान जी और मां गायत्री की पूजा करनी चाहिए. यहां जानिए सिंह राशि वाले कैसे करें हनुमान जी और मां गायत्री की पूजा –
1. हनुमान जी की पूजा विधि- हनुमान जी की पूजा के लिए प्रात: काल स्नान-ध्यान से निवृत्त होने के बाद संकटमोचन हनुमान जी की मूर्ति या चि‍त्र को लाल या पीला कपड़ा बिछाकर लकड़ी के पाट पर रखें, पूजा करने के लिए आप कुश के आसन पर शुद्ध और पवित्र वस्त्र पहनकर बैठें. मूर्ति को स्नान कराएं और यदि चित्र है तो उसे अच्छे से साफ कपड़े से साफ कर दें. इसके बाद धूप, दीप प्रज्वलित करके पूजा प्रारंभ करें. हनुमानजी को अनामिका अंगुली से तिलक लगाएं, सिंदूर अर्पित करें, गंध, चंदन आदि लगाएं और फिर उन्हें हार और फूल चढ़ाएं. अच्छे से पंचोपचार पूजा करने के बाद उन्हें प्रसाद या नैवेद्य (भोग) अर्पित करें. नमक, मिर्च और तेल का प्रयोग नैवेद्य में नहीं किया जाता है. अंत में हनुमानी की आरती उतारें और उनकी आरती करें. उनकी आरती करके नैवेद्य को पुन: उन्हें अर्पित करें और अंत में उसे प्रसाद रूप में सभी को बांट दें. उपर दी गई विधि के अनुसार अगर आप हर मंगलवार हनुमान जी की पूजा करें तो अवश्य ही आपको शुभ फल प्राप्त होगा.

2. मां गायत्री पूजन विधि- अथर्ववेद के अनुसार मां गायत्री से आयु, प्राण, संतान, प्रजा, पशु, कीर्ति, धन एवं ब्रह्मवर्चस मिलता है. इसलिए अगर आप इन सब चीजों की कामना रखते है और अपने अच्छे दिन लाना चाहते हैं तो मां गायत्री की पूजा करें. मां गायत्री की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें. स्नान करने के बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें. मां गायत्री का ध्यान करें. मां को पुष्प अर्पित करें. गायत्री मंत्र ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि. धियो यो न: प्रचोदयात्.. का जप करें. मां को भोग लगाएं. इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का ही भोग लगाया जाता है.

सिंह राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए?

सिंह राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए, Singh Rashi Vaalon Ko Kaun Sa Vrat Karna Chahiye
सिंह राशि के जातकों को रविवार का व्रत करना चाहिए. रविवार सूर्य देवता की पूजा का वार है. शास्त्रों के अनुसार जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है. रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से मनुष्य की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं. रविवार का व्रत के करने से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है, संतान की प्राप्ति होती है तथा सभी पापों का नाश होता है. जानिए सिंह राशि के लोग कैसे करें रविवार का व्रत-
कब से शुरू करें रविवार व्रत – रविवार का व्रत किसी भी माह के शुक्ल पक्ष के पहले रविवार से प्रारम्भ करना शुभ होता है.
रविवार के कितने व्रत करना चाहिए – सूर्य देवता का व्रत भक्तजनों को एक वर्ष तक (30 रविवारों तक) या 12 रविवारों तक करना चाहिए. महिलाएं मासिक धर्म के दौरान व्रत न रखें और उसकी गिनती रविवार व्रत में न करें. उसके अगले रविवार को व्रत रखें.

रविवार व्रत की विधि- रविवार को सूर्योदय से पूर्व उठकर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं व स्वच्छ लाल रंग के वस्त्र पहन लें. रोली या लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत, दूर्वा मिश्रित जल आदि से सूर्य को अर्घ्य दें. अर्घ्य देते समय ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः मंत्र का जाप करें. इसके बाद घर के ही किसी पवित्र स्थान यानी ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) पर भगवान सूर्य की स्वर्ण निर्मित मूर्ति, चित्र या सूर्य मंत्र स्थापित करें. इस व्रत को शुरू करने से पहले सूर्यदेव का स्मरण कर संकल्प लें कि -हे सूर्य देवता मैं आने वाले 12 या 30 रविवार तक व्रत करने का संकल्प लेती हूं/लेता हूं, अत: मेरी यह व्रत पूजा स्वीकार करें. इसके बाद आप अपने व्रत की शुरुआत करें.
सबसे पहले जल, कुमकुम, चंदन पुष्प से छींटे देकर सूर्य को स्नान कराएं. इसके बाद सूर्य भगवान को किसी ऋतु फल का भोग लगाएं. लाल चंदन, कुमकुम या रोली का तिलक लगाकर रविवार व्रतकथा सुनने के बाद आरती करें. इसके बाद सूर्य देव का स्मरण करते हुए ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: इस मंत्र का 12 या 5 अथवा 3 माला जप करें. शाम में सूर्यास्त के समय भी एक बार फिर से लोटे में जल, चंदन, चावल (अक्षत) और लाल पुष्प डालकर सूर्यदेवता को अर्ध्य दें.
रविवार व्रत में क्या खाएं क्या नहीं – रविवार के दिन नमक नहीं खाएं. इस व्रत में इलायची मिश्रित गुड़ का हलवा, गेहूं की रोटियां या गुड़ से निर्मित दलिया, दूध, दही, घी और चीनी सूर्यास्त के पूर्व भोजन के रूप में ग्रहण करें. यदि निराहार रहते हुए सूर्य छिप जाये तो दूसरे दिन सूर्य उदय हो जाने पर अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करें.
रविवार व्रत की उद्यापन विधि- रविवार के व्रत वाले दिन सिर्फ गेहूं की रोटी या गेहूं का दलिया गुड़ डाल कर प्रसाद के रूप में सेवन करें. ऐसा करते हुए जब आपके व्रत का संकल्प पूरा हो जाए तो अंतिम रविवार वाले व्रत के दिन उपरोक्त विधि से पूजा करें. हो सके तो किसी योग्य ब्राह्मण को बुलाकर हवन करवाएं. पूजा व हवन के बाद कम से कम चार ब्राह्मण को आदर के साथ भोजन कराएं. भोजन के बाद ब्राह्मणों को लाल कपड़े, लाल फल, लाल मिठाई, लाल पुष्प, नारियल, दक्षिणा आदि देकर उनका आशीर्वाद प्राप्त करें.

सिंह राशि के लिए मंत्र, Singh Rashi Ke Liye Mantra,

ॐ ह्रीं सूर्याय नम: – सुख-शांति के लिए
ॐ शं शनैश्चराय नम: – बाधा दूर करने के लिए
ॐ ह्रीं श्रीं सौं: – लक्ष्मी प्राप्ति के लिए जपें
मंत्र जाप कैसे करें, मंत्र जाप की विधि- सिंह राशि के जातक सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर साफ़ कपड़े धारण कर लें. सबसे पहले जमीन पर शुद्ध आसन बिछाकर अपना मुख पूर्व दिशा की तरफ करके पद्मासन या सुखासन अवस्था में बैठ जाएं. मंत्र जाप करने के लिए घर के मंदिर में भगवान की पूजा करें. धुप-दीप आदि लगाएं इसके पश्चात् उपरोक्त मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें. जप के लिए इस्तेमाल करने से पहले माला को शुद्ध जल से धोएं और तिलक लगाएं. अब मंत्र जप करने का संकल्प लें. माला को दाएं हाथ में रखें और उंगलियों को अंगूठे के पोर से फेरना शुरू करें. माला पर नाखून से स्पर्श न करें. माला को पकड़ते समय उसे नाभि से नीचे न रखें और माला नाक के ऊपर नहीं जानी चाहिए. माला को सीने से 4 अंगुल दूर रखें. जब आप माला फेरे और मंत्रों का जाप करें तो इधर-उधर न देखें.जब आप जाप कर रहे हों तो आंखें भगवान के सामने रखें. आप आंखें मूंद भी सकते हैं. जाप खत्म होने के बाद माला को आसन पर या डिब्बी में रखें. ध्यान रखें कि बिना संकल्प किए मंत्र का जाप करने से किसी को कोई फल नहीं मिलता है.

सिंह राशि के लिए कौन सा पत्थर पहनना चाहिए?

सिंह राशि के लिए कौन सा रत्न/पत्थर पहनना चाहिए?, Singh Rashi Ke Liye Kaun Sa Patthar Pahanna Chaahie?, Singh Rashi Ke Liye Stone
सभी ग्रहों के राजा सूर्यदेव सिंह राशि के स्‍वामी माने जाते हैं और सूर्य का रंग लाल है, इसलिए सिंह राशि के तहत पैदा हुए लोगों को माणिक्‍य रत्न/पत्थर धारण करना चाहिए. माणिक्य सूर्य ग्रह का रत्न है इसलिए माणिक्य रत्न सूर्य को बल प्रदान करने के लिए पहना जाता है. माणिक्य रत्न/पत्थर धारण करने से सिंह राशि के लोगों को लाभ मिलता है. सिंह राशि के जातकों को रविवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद दायें हाथ की कनिष्का उंगली में माणिक्य पहनना चाहिए
माणिक्य पहनने से लाभ और नुकसानअगर आपकी कुंडली में सूर्य अशुभ है तो आपके पिता से संबंध खराब हो सकते हैं और इसके अलावा मान-सम्‍मान में भी कमी आ सकती है. मेहनत करने के बाद भी फल नहीं मिलता है. कुंडली में सूर्य को मजबूत करने के लिए माणिक पहनना चाहिए. ऐसा माना जाता है कि रत्न/पत्थर माणेक लक्ष्यों को प्राप्त करने और जीवन में समृद्धि और सुख को आकर्षित करने की क्षमता को बढ़ाता है. माणिक्य धारण करने वाले सिंह राशि के जातक को बिज़नेस में लाभ, अच्छा स्वास्थ्य, ऊंचा मुकाम और प्रसिद्धि मिलती है. किसी भी व्यक्ति को अपनी राशि के अनुसार ही माणिक्य रत्न पहनाना चाहिए ऐसा न करने पर आपको सिरदर्द हो सकता है, पारिवारिक समस्या बढ़ सकती है और अपयश भी झेलना पड़ सकता है. ज्योतिष के अनुसार, कन्या, तुला, मकर और कुंभ राशि वाले जातकों को माणिक्य नहीं पहनना चाहिए.
सिंह राशि के जातक कौन सा रत्न/पत्थर धारण न करें- सिंह राशि के लोग हीरा रत्न न पहनें. हीरा रत्न/पत्थर को पहनने से आपको नुकसान हो सकता है.

सिंह राशि के उपाय, Singh Rashi Ke Upaay

1. लगाएं. यदि घर में व्यर्थ लोहा पड़ा है तो उसे तत्काल घर से हटा दें. ऐसा करने पर धीरे-धीरे दांपत्य जीवन में सामान्य रिश्ते बनेंगे और फिर बाद में साथी और आपके बीच का प्रेम प्रगाढ़ होगा.
2. संतान सुख की प्राप्ति के लिए सिंह राशि के जातक किसी मंदिर में जाकर देवी-देवताओं की पोशाक दान करना चाहिए. इसके अलावा असहाय और जरूरतमंदों को भोजन कराएं.
3. जीवन में स्थिरता, प्रगति एवं दुविधापूर्ण स्थितियों से बचने के लिए सिंह राशि वालों को सोने का सूर्य बनवाकर गले में धारण करना चाहिए. छह रविवार को निरंतर दोपहर के समय एक निश्चित आक के पौधे को सींचना चाहिए. यह उपाय आपको जीवन में तरक्की दिलाएगा.
4. आप रोजाना सूर्य की उपासना करें. सूर्योदय के समय तांबे के पात्र से सूर्य को जल चढ़ाना भी आपके लिए अति लाभकारी होगा. रविवार के दिन आदित्य हृय स्तोत्र का पाठ करें.
5. सिंह राशि के जातक दुखों से छुटकारा पाने लिए बछड़े वाली गाय की सेवा करें. गाय को मीठी रोटी खिलाएं.
6. प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में जाकर बूंदी का प्रसाद चढ़ाकर बांटना शुभ रहेगा. इससे जीवन में आने वाली अकस्मात परेशानियां दूर हो जाएंगी.
7. सिंह राशि वाले बहन, बुआ और बेटियों को अक्‍सर उपहार देते रहें. इससे अवश्य ही उनके जीवन की परेशानियां कम होंगी.
8. गेहूं, गुड़, लाल पुष्प, लाल चन्दन, तांबा और लाल वस्तुओं का दान करना भी शुभ माना गया है. इससे भी आपके दुखों का निवारण होगा.
9. अपने जीवन में आ रही परेशानियों को दूर करने के लिए सिंह राशि के जातक ॐ ह्रा ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः मंत्र का 7,000 बार जाप करें.

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