Kanya Rashi Santan Prapti K Upay

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कन्या राशि संतान प्राप्ति, Kanya Rashi Santan Prapti Yog
माँ शब्द सुनना हर स्त्री के लिए अलग ही एहसास होता है, जिसे शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. संतान तो जीवन की वो खुशी है जिसे हर कोई पाना चाहता है. हर इंसान की चाहत होती है कि उसके घर-आँगन में बच्चे की किलकारी गूंजे. परंतु किसी किसी दंपति के जीवन मे, उसके आंगन में उस किलकारी की कमी रह जाती है जिसका वो सुख चाहती है. ज्योतिषी मानते हैं कि अगर निसंतान दंपत्ति अपनी राशि के अनुसार देवी-देवताओं की पूजा व उपाय करें तो उनकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होगी व संतान सुख की प्राप्ति होगी. आज यहां हम बात कर रहे हैं कन्या राशि की. तो अगर आपकी राशि कन्या है और शादी के कई साल बाद भी अब तक आपको संतान सुख की प्राप्ति नहीं हुई है तो यहां दिए जा रहे पूजा पाठ व उपाय कर आप संतान सुख को पा सकते हैं.

कन्या राशि के लोगों को संतान प्राप्ति न होने के कारण
1. दंपति की कुण्डली में नाड़ी दोष होने पर संतान नहीं होती यदि होती भी है तो उनमें शारीरिक विकार होता है.
2. परिवार में पितृ दोष लगने के कारण संतान प्राप्ति में विघ्न उत्पन्न होते है.
3. यदि बुध ग्रह कमजोर हो तो संतान का सुख नहीं मिलता है.
5. पूर्व जन्म में हुए सर्पशाप, पितृश्राप, माताश्राप, भ्राताश्राप, प्रेतश्राप या कुलदेवता श्राप आदि के चलते संतान विलंब से होती है या नहीं भी होती है.
6. पिछले जन्म में अगर आपने पेड़-पौधे भी कटवाये हैं, तो यह स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इसलिए रासिनुसार पूजा-पाठ कर इसका उपाय करना जरूरी है.

कन्या राशि संतान प्राप्ति के उपाय, Kanya Rashi Santan Prapti Ke Upay
A . कन्या राशि के लोग संतान प्राप्ति के लिए इष्टदेव की करें पूजा
इष्ट देव का अर्थ है अपनी राशि के पसंद के देवता. इष्ट देव की पूजा करने से ये फायदा होता कि कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर इष्ट देव प्रसन्न हैं तो यह सभी दोष व्यक्ति को अधिक परेशान नहीं करते. इसलिए अगर कोई दंपति संतान सुख से वंचित है तो वह अपने राशि के अनुसार ईष्ट देव की पूजा कर संतान सुख पा सकता है. इष्ट देव का संबंध हमारे कर्मों और हमारे जीवन से होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इष्ट देव की पूजा करने से व्यक्ति को अच्छे और शुभ फल की प्राप्ति होती है. साथ ही जिन्हें संतान नहीं हो रही है उन राशियों के जातक को संतान सुख की प्राप्ति होती है. इसलिए अगर कन्या राशि के जातक संतान सुख चाहते हैं तो उन्हे अपने इष्ट देव (Isht Dev) की पूजा करनी चाहिए. कन्या (Virgo) राशि का स्वामी ग्रह बुध है और इसलिए उनके इष्ट देव गणेशजी और विष्णुजी हैं और उन्हें इनकी पूजा करनी चाहिए.
कन्या राशि का स्वामी ग्रह- बुध है
कन्या राशि इष्टदेव- गणेशजी और विष्णुजी
यहां जानिए संतान प्राप्ति के लिए कैसे करें भगवान गणेश और विष्णु जी की पूजा

1- भगवान गणेश की पूजा से मिलेगा कन्या राशि वालों को संतान सुख
भगवान गणेश को अतिप्रिय है बुधवार का दिन. शीघ्र फलदायी होती है बुधवार की गणेश पूजा. शास्त्रों में भगवान गणेश जी को विघ्नहर्ता अर्थात सभी तरह की परेशानियों को खत्म करने वाला बताया गया है. इसलिए कन्या राशि के लोगों को संतान सुख की प्राप्ति के लिए बुधवार के दिन भगवान गणेश की विधिवत् पूजा अर्चना करनी चाहिए.
भगवान गणेश पूजा विधि- प्रातः काल स्नान ध्यान आदि से निवृत्त होकर पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की और मुख कर के आसन पर विराजमान होकर सामने श्री गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. शुद्ध आसन पर बैठकर सभी पूजन सामग्री को एकत्रित कर पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि गणेश भगवान को समर्पित कर, गणेशजी को सूखे सिंदूर का तिलक लगाएं और इनकी आरती करें. अंत में भगवान गणेश जी का स्मरण कर ॐ गं गणपतये नमः का 108 नाम मंत्र का जाप करना चाहिए. ध्यान रखें कि भगवान श्रीगेश को तुलसी दल व तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए. उन्हें दुर्वा को धोकर ही चढ़ाना चाहिए. श्रीगणेश भगवान को मोदक (लड्डू) अधिक प्रिय होते हैं इसलिए उन्हें देशी घी से बने मोदक का प्रसाद भी चढ़ाना चाहिए. श्रीगणेश सहित प्रभु शिव व गौरी, नन्दी, कार्तिकेय सहित सम्पूर्ण शिव परिवार की पूजा षोड़षोपचार विधि से करना चाहिए. गणेश भगवान की पूजा के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करना फलदायी माना जाता है. अगर समय का अभाव है तो 12 वें अध्याय और कुंजीकास्तोत्र का पाठ कर लेना चाहिए, इससे आपको भगवान गणेश व मां दुर्गा के आशीर्वाद से संतान सुख की प्राप्ति होगी.

2- विष्‍णु पूजन से होगी कन्या राशि वालों को संतान प्राप्ति
मां लक्ष्‍मी के स्‍वामी भगवान विष्‍णु ही इस संसार के पालनहार हैं और अगर आप उनकी पूजा सच्‍चे मन और भक्‍तिभाव से करते हैं तो आपको इस संसार के सबसे बड़े सुख अर्थात् संतान की प्राप्ति होगी. अगर आप भगवान विष्‍णु के साथ मां लक्ष्‍मी की भी पूजा करते हैं तो आपको गृहस्‍थ जीवन का सुख मिलता है. मां लक्ष्‍मी धन और वैभव प्रदान करती हैं और भगवान विष्‍णु के साथ उनकी पूजा करने से आपके सभी कष्‍ट दूर हो जाते हैं. जो कोई संतान सुख की चाह रखता है उन्हें भगवान विष्‍णु के साथ मां लक्ष्‍मी की पूजा जरूर करनी चाहिए. शास्‍त्रों के अनुसार बृहस्‍पतिवार के दिन विष्‍णु पूजन का विशेष महत्‍व है. यहां जानिए भगवान विष्‍णु की पूजन विधि-
विष्‍णु पूजन विधि – संतान सुख की प्राप्ति के लिए विधिवत् भगवान विष्णु की पूजा करें. विष्‍णु पूजन करने के लिए सबसे पहले व्रत का संकल्‍प लें. व्रत का संकल्‍प लेने के लिए हाथों में जल, पुष्‍प और चावल लें. संकल्‍प में पूजन का साल, वार, तिथि, जगह और अपने नाम को लेकर अपनी मनोकामना बोलें. अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें.
किसी भी शुभ कार्य या पूजन में सबसे पहले भगवान गणेश का नाम लेना मंगलकारी रहता है. क्योंकि गणेश जी प्रथम पूज्‍य हैं और इसीलिए सबसे पहले इनका पूजन करना चाहिए. गणेश जी को स्‍नान करें और वस्‍त्र अर्पित करें. अब पुष्‍प और अक्षत अर्पित करें. इसके पश्‍चात् भगवान विष्‍णु की पूजा करें. भगवान विष्‍णु का आवाह्न करें और उन्‍हें आसन दें. अब विष्‍णु जी को स्‍नान करवाएं. पहले पंचामृत और फिर जल से स्‍नान करवाएं. अब विष्‍णु जी को वस्‍त्र पहनाएं. इसके बाद आभूषण और यज्ञोपवीत पहनाएं. फूलों की माला पहनाएं. सुगंधित इत्र अर्पित करें और माथे पर तिलक लगाएं. तिलक के लिए अष्‍टगंध का प्रयोग कर सकते हैं. अब धूप और दीप अर्पित करें. भगवान विष्‍णु को तुलसीदल विशेष प्रिय है इसलिए विष्‍णु पूजन में इसका प्रयोग जरूर करें. भगवान विष्‍णु के पूजन में चावलों का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिए आप इनके स्‍थान पर तिल का प्रयोग कर सकते हैं. घी का दीपक जलाएं और आरती करें. आरती के बाद नेवैद्य अर्पित करें और ऊं नमो नारायणाय नम: मंत्र का जाप करें. इस पूजा से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी अवश्य ही आपकी झोली में संतान सुख डालेगी.

B. संतान सुख के लिए करें बुधवार का व्रत
मान्यताओं के अनुसार, बुधवार का व्रत करना हर एक इंसान के लिए लाभदायक होता है. बुधवार का व्रत करने से सुख-शांति समृद्धि के साथ संतान सुख की भी प्राप्ति होती है. मान्यता है कि जिन लोगों की कुण्डली में बुध अनुकूल परिणाम देने के लिए सक्षम नहीं है उन्हें इस व्रत का पालन करना चाहिए. इसलिए कन्या राशि के जो जातक संतान सुख चाहते हैं वे विधिवत् बुधवार का व्रत करें, इससे उन्हे अनुकूल परिणाम मिलेगा. बताते चलें कि बुधवार व्रत को शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से शुरू करना शुभ माना जाता है. यह व्रत लगातार सात बुधवार तक किया जाना चाहिए. व्रत शुरु करने से पहले गणेश जी सहित नवग्रह पूजन की जाती है. ध्यान दें कि बुधवार व्रत के दौरान भागवत महापुराण का पाठ अवश्य करना चाहिए. बुधवार व्रत करने से व्यक्ति का जीवन में सुख-शांति से और घर धन-धान्य से भरा रहता है तथा व्यक्ति की सभी मनेकामनाएं पूर्ण होती है.
बुधवार व्रत विधि- सुबह स्नान के बाद भगवान बुध की पूजा करनी चाहिये. इस दिन हरे रंग के वस्त्रों का प्रयोग करना चाहिये. यदि पूजा के लिये भगवान बुध की प्रतिमा न मिले तो भगवान शिव शंकर की प्रतिमा से भी पूजा की जा सकती है. बुध की पूजा के लिए घर के ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान बुध या शंकर भगवान की मूर्ति अथवा चित्र किसी कांस्य पात्र में स्थापित करें. तत्पश्चात धूप, बेल-पत्र, अक्षत और घी का दीपक जलाकर पूजा करें. इस दिन भगवान को सफेद फूल तथा हरे रंग की वस्तुएं चढ़ाएं. इसके बाद निम्न मंत्र से बुध की प्रार्थना करें-
बुध त्वं बुद्धिजनको बोधदः सर्वदा नृणाम्‌.
तत्वावबोधं कुरुषे सोमपुत्र नमो नमः॥
बुधवार की व्रतकथा सुनकर आरती करें. इसके पश्चात गुड़, भात और दही का प्रसाद बांटकर स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें. यथाशक्ति ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें दान दें. व्रती एक समय ही भोजन करें.

C. संतान प्राप्ति के लिए बुधवार के दिन करें ये उपाय
1- बुधवार को भगवान गणेश का दिन माना जाता है. बुधवार के दिन गणेश जी को दूब या दूर्वा जरूर चढ़ानी चाहिए. यदि आप प्रत्येक बुधवार को 21 दूर्वा गणेश जी को चढ़ाएंगे तो आपको अवश्य ही संतान सुख की प्राप्ति होगी और गणेश जी का आशीर्वाद सदा आप पर बना रहेगा.
2- बुधवार के दिन गेंहू के आटे की गोलियां बनाकर उसमें चने की दाल और थोड़ी हल्दी मिलाकर गाय को खिलाए.
3- साल में कम से कम एक बार बुधवार के दिन अपने वजन के बराबर घास खरीदकर गौशाला में दान करें, इससे भगवान गणेश प्रसन्न होकर आपको संतान प्राप्ति का आशीर्वाद देंगे.
4- बुधवार के दिन गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से विशेष लाभ मिलेगा. इसके अलावा आप गणेश मंदिर जाकर उन्हें दूर्वा अर्पित करें और लड्डू का भोग जरूर लगाएं.
5- बुधवार के दिन 7 साबुत कौड़ियां लें. कौड़ियां बाजार में पूजन सामग्री की दुकानों पर आसानी से मिल जाती हैं. इसके साथ ही एक मुट्ठी हरे खड़े मूंग लें और दोनों को एक हरे कपड़े में बांधकर चुपचाप किसी मंदिर की सीढ़ियों पर रख आएं. लेकिन ध्यान रखें कि इस संबंध में किसी को कुछ न बताएं और पूरी आस्था रखें.

D. बुध दोष का उपाय कर पाएं संतान सुख
बुधवार का दिन प्रथम पूजनीय भगवान गणेश के अलावा बुध ग्रह को समर्पित है. बुध को ग्रहों का राजकुमार माना जाता है. ज्योतिष में कन्या राशि का स्वामी बुध है और इसका तत्व पृथ्वी है. कहा जाता है कि किसी की कुंडली में बुध सही तो सब शुद्ध यानी अगर बुध मजबूत हो जीवन में सब ठीक रहता है. लेकिन अगर यही बुध कमजोर हो या नीच का हो तो खुशियां मुंह फेर लेती हैं. जुआ और सट्टे की लत लग जाती है, निर्णय क्षमता कमजोर होती है, संतान सुख में बाधा आती है, संतान कष्ट में रहती है और देखते ही देखते घर में सब बर्बाद होने लगता है. इसलिए संतान प्राप्ति के लिए बुध मजबूत होना चाहिए, यहां कन्या राशि के जातक जानिए बुध को मजबूत करने के आसान तरीके ताकि आप भी पा सके संतान सुख के साथ खुशहाल जीवन भी.
1- बुधवार के दिन हरे रंग की चीजों का प्रयोग करना शुभ होता है. यदि आपका बुध कमजोर है तो हमेशा अपने पास हरे रंग का रुमाल रखें.
2- बुधवार के दिन किसी जरूरतमंद को हरी मूंग की दाल दान करें. इससे बुध ग्रह मजबूत होता है.
3- बुध के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए घर की पूर्व दिशा में लाल रंग का झंडा लगाना चाहिए.
4- बुध दोष से निजात पाने के लिए सोने के आभूषण धारण करना लाभकारी माना जाता है.
5- यदि कन्या राशि का कोई व्यक्ति बुध दोष से पीड़ित है तो उसे मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए. रोजाना ‘ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ मंत्र का 5, 7, 11, 21 या 108 बार जाप करने से बुध दोष समाप्त होता है.
6- कन्या राशि के लोगों को बुध दोष को दूर करने के लिए हाथ की सबसे छोटी उंगली यानि कनिष्ठा उंगली में पन्ना पहनना भी काफी लाभकारी माना जाता है. लेकिन इसके लिए किसी पंडित या ज्योतिष की सलाह लेना बेहद जरूरी है.

E. ज्योतिर्लिंग पर पूजा करने से होगी संतान सुख की प्राप्ति
देवाधिदेव भगवान् महादेव सर्वशक्तिमान हैं. भगवान भोलेनाथ ऐसे देव हैं जो थोड़ी सी पूजा से भी प्रसन्न हो जाते हैं. संहारक के तौर पर पूज्य भगवान शंकर बड़े दयालु हैं. उनके अभिषेक से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसी प्रकार विभिन्न राशि के व्यक्तियों के लिए शास्त्र अलग-अलग ज्योतिर्लिंग की पूजा का महत्व बताया गया है. भगवान शंकर के पृथ्वी पर 12 ज्योतिर्लिंग हैं. भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों को अपना अलग महत्व है. शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर के ये सभी ज्योजिर्लिंग प्राणियों को दु:खों से मुक्ति दिलाने में मददगार है. इन सभी ज्योतिर्लिंगों को 12 राशियों से भी जोड़कर देखा जाता है.
कन्या राशि के व्यक्ति को भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग पर पूजा करने से संतान सुख की प्राप्ति होती है. महाराष्ट्र में भीमा नदी के किनारे बसा भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग कन्या राशि का ज्योतिर्लिंग हैं. इस राशि वाले भीमाशंकर को प्रसन्न करने के लिए दूध में घी मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं. भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग को मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है. भारत के बारह ज्योतिर्लिंग में भीमाशंकर का स्थान छटवां है जो महाराष्ट्र के पूणे से लगभग 110 किमी दूर सहाद्रि नामक पर्वत पर स्थित है. श्रावण के महीने में भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग के दर्शन का महत्व बहुत बढ़ जाता है क्योंकि ऐसी मान्यता है कि इस ज्योतिर्लिंग के दर्शन करने मात्र से व्यक्ति को समस्त दु:खों से छुटकारा मिल जाता है. यह मंदिर अत्यंत पुराना और कलात्मक है. भीमाशंकर मंदिर नागर शैली की वास्तुकला से बनी एक प्राचीन और नयी संरचनाओं का समिश्रण है.

F. कन्या राशि वालों के लिए लाल किताब के उपाय
1- संतान सुख की प्राप्ति के लिए कन्या राशि के लोग बुधवार के दिन दुर्गा माता के मंदिर में जाएं और उन्हें हरे रंग की चूड़ियां चढ़ाएं. ॐ ब्रां ब्रीं ब्रौं स: बुधाय नम: मंत्र का जाप करें, इसके अलावा गणेश मंत्र या दुर्गा माता के मंत्र का भी जाप कर सकते हैं.
2- संतान गोपाल यानी बाल गोपाल पूजा भी संतान प्राप्ति के लिए श्रेष्ठ उपाय माना गया है. भगवान श्री कृष्ण के बचपन का रूप बाल गोपाल कहलाता है. कहते हैं कि श्री कृष्ण के इस रूप की पूजा करने से गोद जल्द भर जाती है. ये पूजा विवाहित जोड़ों को करनी चाहिए.
संतान गोपाल मंत्र- ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं ग्लौं देवकीसुत गोविन्द वासुदेव जगत्पते देहि मे तनयं कृष्ण त्वामहं शरणं गतः.
3- संतान सुख की प्राप्ति के लिए कन्या राशि के लोग बुधवार के दिन श्री गणेश को घी और गुड़ का भोग लगाएं. बाद में यह घी व गुड़ गाय को खिला दें.
4- संतान सुख की प्राप्ति के लिए कन्या राशि के लोग बुधवार के दिन दुर्गा मंदिर के बाहर बैठी किसी कन्या को बुधवार के दिन भोजन कराएं.
5- महिलाओं का सम्मान करें और बुधवार के दिन इन्हें मिठाई खिलाएं.
संतान प्राप्ति के लिए कन्या राशि के लोग बुधवार के दिन 9 कन्याओं को हरे रंग का रुमाल बांटें.
6- संतान सुख की प्राप्ति के लिए कन्या राशि के लोग कन्या, बेटी, बहन, साली, बुआ, मौसी और विधवाओं की सेवा करें.
7- बुधवार के दिन तुलसी का गिरा हुआ पत्ता धोकर खाना बहुत शुभ होता है.
8– संतान सुख की प्राप्ति के लिए कन्या राशि के लोग बुधवार के दिन गाय को हरा चारा खिलाएं.

G- नाड़ी दोष का उपाय कन्या राशि के लोग पाए संतान सुख
विवाह के समय कुंडली मिलान में बनने वाले दोषों में से एक है नाड़ी दोष. इस दोष के होने पर वैवाहिक स्थिति कभी ठीक नहीं रहती, दंपत्ति संतान सुख से वंचित रह सकते हैं साथ ही वर-वधू के जीवन पर मृत्यु का संकट मंडराया रहता है. नाड़ी दोष निवारण के लिए भगवान शिव की पूजा की जाती है. पूरे विधि-विधान से महामृत्युंजय मंत्र का जप करते हुए शिव को प्रसन्न किया जाता है. शिवजी की कृपा से ही नाड़ी दोष शांत होता है.
1. वर और कन्या दोनों की नाड़ी मध्य में हो तो पुरुष को प्राण का भय रहता है. इस स्थिति में पुरुष को महामृत्युंजय जाप कराना अति आवश्यक होता है. अगर वर और कन्या दोनों की नाड़ी आदि हो तो स्त्री को प्राण का भय रहता है. इस स्थिति में कन्या महामृत्युजंय जाप कराना अति आवश्यक होता है.
2. पूजा के पहले दिन 5 से 7 ब्राह्मण, पूजा करानेवाले लोग पूजा घर या मंदिर में साथ बैठकर भगवान शिव की आराधना करते हैं. शिव परिवार की पूजा करने के बाद मुख्य पंडितजी अपने सहायकों सहित कन्या और वर की कुंडली में स्थित नाड़ी दोष के निवारण के लिए सवा लाख महामृत्युंजय मंत्र के जप का संकल्प लेते हैं.
3. नाड़ी दोष का प्रभाव कम करने के लिए किसी ब्राह्मण को गोदान या स्वर्णदान करना चाहिए. इसके अलावा सालगिराह पर अपने वजन के बराबर अन्न दान करना चाहिए. साथ ही ब्राह्मणों को भोजन और वस्त्र दान करने से नाड़ी दोष शान्त हो जाता है.
4. पीयूष धारा के अनुसार स्वर्ण दान, गऊ दान, वस्त्र दान, अन्नादान, स्वर्ण की सर्पाकृति बनाकर प्राण-प्रतिष्ठा तथा महामृत्युञ्जय जप करवाने से नाड़ी दोष शान्त हो जाता है.

H- पितृ दोष के उपाय से मिलेगा कन्या राशि के लोगों को संतान सुख
मानव जीवन में कई तरह के दोष होते हैं जिनमें से एक है पितृदोष, अपने पूर्वजों के अंतिम संस्कार किसी भी प्रकार की भूल हो जाने के कारण लोगों में पितृदोष चढ़ जाता है और संतान सुख में बाधा आने लगती है. यहां दिए जा रहे उपाय कर कन्या राशि के लोग पितृदोष दूर कर भविष्य में संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं.
1- पितृदोष दूर करने के लिए शिव लिंग पर तांबे का सर्प अनुष्ठानपूर्वक चढ़ाएं.
2- प्रत्येक सोमवार को ‘ॐ हर-हर महादेव’ कहते हुए दही से भगवान शिव का अभिषेक करें.
3- पितृदोष दूर करने के लिए पारद के शिवलिंग बनवाकर घर में प्राण प्रतिष्ठित करवाएं.
4- पितृदोष से जुड़े कष्टों से बचने के लिए प्रतिदिन भगवान शिव के ‘ॐ नमः शिवाय’ मंत्र का प्रतिदिन एक माला जप करें और जब नाग पंचमी आए तो उस दिन विशेष रूप से व्रत रखें. 5- साथ ही साथ चांदी के नाग प्रतिमा वाली अंगूठी पहनें.
पितृदोष दूर करने के लिए सूर्य अथवा चन्द्र ग्रहण के दिन सात अनाज से तुला दान करें.
6- कालसर्प योग यंत्र की प्राण प्रतिष्ठा करवाकर नित्य पूजन करें. इससे पितृदोष दूर होता है.
7- पितृ दोष दूर करने के लिए अपने मकान की दक्षिण दिशा में पूर्वजों की तस्वीर लगाएं।
8- पितृदोष से बचने के लिए अपने घर एवं दुकान में मोर पंख लगाएं.
9- पितृदोष से जुड़े कष्टों से बचने के लिए ताजी मूली का दान करें.
10- मुठ्ठी भर कोयले के टुकड़े नदी या बहते हुए पानी में बहायें.
11- पितृदोष से बचने के लिए बहते हुए पानी में नारियल बहाएं.
12- यदि आपकी कुंडली में पितृदोष आपके लिए बड़े कष्टों का कारण बन रहा है तो उससे मुक्ति पाने के लिए प्रतिदिन ‘सर्प सूक्त’ का पाठ उत्तम उपाय है.
13- यदि आपकी कुंडली में पितृदोष हो तो पितृपक्ष में पितरों को प्रसन्न करने के लिए अपने पूर्वजों के द्वारा बनवाए घर में जाकर धूप-दीप दिखाना चाहिए और पूरे पितृपक्ष में ‘ॐ पितृय: नम:’ मंत्र का जाप करना चाहिए.

I- संतान प्राप्ति के अन्य उपाय
ग्रहों के कारण संतान सुख में बाधा आ रही हो, तो सूर्य के लिए हरिवंश पुराण का पाठ करें. चंद्रमा के लिए सोमवार का व्रत रख कर शिव की उपासना करनी चाहिए. मंगल के लिए महारुद्र या अतिरुद्र यज्ञ कराएं. बुध के लिए महाविष्णु की उपासना करें. गुरु के लिए पितरों का श्राद्ध करें. शुक्र के लिए गौपालन एवं उसकी सेवा करें. शनि के लिए महामृत्युंजय का जप एवं हवन करें. राहु के लिए नागपाश यंत्र की पूजा व बुधवार को व्रत रख करना चाहिए. ऐसे लोगों के लिए कन्यादान करना भी श्रेष्ठ माना गया है. केतु के लिए ब्राह्मण भोजन करा कर उन्हें वस्त्र भेंट करें.

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