Santan prapti k upay 2022 Tula Rashi

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तुला राशि संतान प्राप्ति 2022, Tula Rashi Santan Yog 2022
हर मां बाप के लिए औलाद का सुख जीवन का सबसे बड़ा सुख होता है, अगर घर में संतान न हो तो घर बहुत सूना हो जाता है और इस सूनेपन का दर्द वही समझ सकता है जिसे इस दर्द को महसूस किया हो. अक्सर देखा जाता है कि शादी शुदा दंपति संतान सुख पाने के लिए हरसंभव उपाय करते हैं, हर किसी की सलाहनुसार पूजा पाठ व अनुष्ठान करते हैं किंतु इसके बाद भी वे मनोनुकूल सिद्धि को प्राप्त नहीं कर पाते. हताश होकर वे पूजा-पाठ अनुष्ठान आदि को ही ढकोसला समझने लगते हैं जबकि ऐसा कतई नहीं है. ज्योतिष मानते हैं कि हर राशि के लोगों को अपनी राशि के अनुसार ही देवी-देवताओं की पूजा करने से वांछित फल की प्राप्ति हो सकती है. इसलिए तुला राशि के जो जातक अब तक निसंतान हैं वो अपनी राशि के अनुसार पूजा पाठ कर व कुछ उपाय कर इस साल 2022 में संतान सुख को प्राप्त कर सकते हैं. आइये इस खबर में जानते हैं कि साल 2022 में संतान सुख के लिए तुला राशि के जातकों को ज्योतिष के परामर्श के अनुसार किस देवी देवता की पूजा करनी चाहिए व कौन कौन से उपाय करने चाहिए.

तुला राशि को संतान प्राप्ति न होने के कारण 2022
1. दंपति की कुण्डली में नाड़ी दोष होना
2. परिवार में पितृ दोष होना
3. पति का शुक्र ग्रह उचित स्थिति में न होना
4. पत्नी का बृहस्पत ग्रह नीच का होना
5. पूर्व जन्म में हुए सर्पशाप, पितृश्राप, माताश्राप, भ्राताश्राप, प्रेतश्राप या कुलदेवता श्राप आदि

तुला राशि संतान प्राप्ति के उपाय 2022, तुला राशि वालों को पुत्र प्राप्ति के उपाय 2022
A. इष्ट देव की पूजा से होगी तुला राशि को 2022 में संतान प्राप्ति
इष्ट देव का अर्थ है अपनी राशि के पसंद के देवता. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अपनी राशि के अनुसार इष्ट देव (Isht Dev) की पूजा करना विशेष रूप से महत्वपूर्ण होता है और इससे व्यक्ति को मनोवांछित फल की प्राप्ति भी होती है. इसका कारण ये है कि इष्ट देव का संबंध हमारे कर्मों और हमारे जीवन से होता है. इष्ट देव की पूजा करने से ये फायदा होता कि कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर इष्ट देव प्रसन्न हैं तो यह सभी दोष व्यक्ति को अधिक परेशान नहीं करते. इसलिए अगर तुला राशि का कोई दंपति संतान सुख से वंचित है तो वह अपने राशि के अनुसार ईष्ट देव यानी की मां दुर्गा व कालभैरव या शनिदेव को अपना इष्टदेव मानकर पूजा कर साल 2022 में संतान सुख पा सकता है. जानकारी हो कि तुला (Libra) राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है और इसलिए इनकी इष्ट देवी मां दुर्गा हैं, उन्हें इनकी आराधना करनी चाहिए. मां दुर्गा के साथ ही तुला राशि के जातक कालभैरव और शनिदेव को अपना इष्टदेव मानकर पूजा कर सकते हैं.
तुला राशि का स्वामी ग्रह – शुक्र
तुला राशि इष्टदेव – मां दुर्गा, कालभैरव, शनिदेव
यहां जानिए कि संतान सुख की प्राप्ति के लिए तुला राशि के जातक किस तरह से करें मां दुर्गा व शनिदेव की पूजा-

1. 2022 में संतान प्राप्ति के लिए शनिदेव पूजन विधि
साल 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए तुला राशि के जातक अपने इष्टदेव शनिदेव की विधिवत् पूजा करें. शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा व व्रत करने से विशेषफल की प्राप्ति होती है. श्रावण मास में शनिवार का व्रत प्रारम्भ करना अति मंगलकारी है. शनिदेव की पूजा के लिए श्रद्धालु सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें व स्वच्छ काले रंग का वस्त्र धारण करें. अब घर के मंदिर में तेल का दीपक जलाएं और गणेश जी के पूजन से पूजा प्रारंभ करें. शनि देव को नीले लाजवन्ती का फूल, तिल, तेल, गुड़ अर्पण करें. अब भगवान शिव औऱ हनुमान जी को भी फल और फूल चढ़ाएं. शनि चालीसा का पाठ करें. पूजा के अंत में 21 बार शनिदेव महाराज के मंत्रों ओम शनैश्चराय विदमहे सूर्यापुत्राय धीमहि।। तन्नो मंद: प्रचोदयात।। का जाप करें और अंत में कपूर से आरती करें. शनिदेव की पूजा के पश्चात उनसे अपने अपराधों एवं जाने अनजाने जो भी आपसे पाप कर्म हुआ हो उसके लिए क्षमा याचना करें.

2. 2022 में संतान प्राप्ति के लिए कालभैरव पूजन विधि
कालभैरव पूजन के लिए सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठ कर नित्य-क्रिया आदि कर स्वच्छ हो जाएं और साफ वस्त्रों को धारण करें. एक लकड़ी के पाट पर सबसे पहले शिव और पार्वतीजी के चित्र को स्थापित करें. फिर काल भैरव के चित्र को स्थापित करें. जल का छिड़काव करने के बाद सभी को गुलाब के फूलों का हार पहनाएं या फूल चढ़ाएं. अब सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं और साथ ही धूप जलाएं. अब हल्दी से सभी को तिलक लगाएं. अब शिव और पार्वतीजी का पूजन करें और उनकी आरती उतारें. फिर भगवान भैरव का पूजन करें, उन्हें काले तिल, उड़द अर्पित करें और उनकी आरती उतारें. इस दौरान शिव चालीसा और भैरव चालीसा पढ़ें. ह्रीं उन्मत्त भैरवाय नमः का जाप करें. इसके उपरान्त काल भैरव की आराधना करें. अब पितरों को याद करें और उनका श्राद्ध करें. व्रत के सम्पूर्ण होने के बाद काले कुत्‍ते को मीठी रोटियां खिलाएं या कच्चा दूध पिलाएं.

3. 2022 में संतान प्राप्ति के लिए दुर्गा पूजा विधि
साल 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए तुला राशि के जातक मां दुर्गा की विधिवत् पूजा करें. बता दें किसी भी शुभ कार्य या पूजन में सबसे पहले भगवान गणेश का नाम लेना मंगलकारी रहता है. क्योंकि गणेश जी प्रथम पूज्‍य हैं, इसीलिए पूजन की शुरुआत भगवान गणेश का नाम लेकर करें. इसके पश्‍चात् मां दुर्गा की पूजा करें. सबसे पहले अपने मन में दुर्गा माँ का आवाह्न करें और उन्‍हें आसन दें. अब दुर्गा माँ को पहले पंचामृत और फिर जल से स्‍नान करवाएं. अब माता दुर्गा को वस्त्र अर्पित करें. वस्त्रों के बाद आभूषण पहनाएं. अब हाथ मैं अक्षत पुष्प लेकर श्री जगदम्बायै दुर्गा देव्यै नम:, दुर्गादेवीमावाहया​मि मंत्र बोलते हुए दुर्गा माँ का आवाहन करें. अब मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं, अब मां को कुमकुम, अक्षत, सिंदूर, इत्र ,गुड़हल का पुष्प और माला अर्पित करे. मिठाइयाँ एवं फलों का नैवेद्य अर्पित करे. श्री दुगा चालीसा का पाठ करे. अंत मैं दुर्गा माँ की आरती करे. दुर्गा पूजा के बाद अज्ञानतावश पूजा में कुछ कमी रह जाने या गलतियों के लिए दुर्गा माँ के सामने हाथ जोड़कर निम्नलिखित मंत्र का जप करते हुए क्षमा याचना करे
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि l यत पूजितं मया देवी, परिपूर्ण तदस्त्वैमेव l
आवाहनं न जानामि, न जानामि विसर्जनं l पूजा चैव न जानामि, क्षमस्व परमेश्वरि l
इस प्रकार विधिवत् माता दुर्गा का पूजन करने से तुला राशि के लोगों की संतान सुख की कामना अवश्य ही पूर्ण होगी.

B. 2022 में संतान प्राप्ति के लिए करें शुक्रवार का व्रत
शुक्रवार का व्रत धन, विवाह, बच्चे और भौतिकवादी सुख प्राप्त करने के लिए किया जाता है. इसलिए तुला राशि के जो दंपति इस साल 2022 में संतान सुख पाना चाहते हैं वे शुक्रवार का व्रत अवश्य रखें. यह व्रत आपको मां संतोषी के लिए रखना है. यह व्रत आप किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार से शुरू कर सकते हैं. यह व्रत 16 शुक्रवार तक करना चाहिए. इस व्रक की विधि इस प्रकार है-
शुक्रवार व्रत विधि-  सूर्योदय से पूर्व उठें. घर की सफाई कर स्नानादि से निवृत्त हो जाएं. घर के ही किसी पवित्र स्थान पर संतोषी माता की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. संपूर्ण पूजन सामग्री तथा किसी बड़े पात्र में शुद्ध जल भरकर रखें. जल भरे पात्र पर गुड़ और चने से भरकर दूसरा पात्र रखें. संतोषी माता की विधि-विधान से पूजा करें. इसके पश्चात संतोषी माता की कथा सुनें. तत्पश्चात आरती कर सभी को गुड़-चने का प्रसाद बांटें. अंत में बड़े पात्र में भरे जल को घर में जगह-जगह छिड़क दें तथा शेष जल को तुलसी के पौधे में डाल दें. ध्यान रखें कि इस व्रत के दौरान शुक्रवार के दिन व्रत करने वाले स्त्री-पुरुष खट्टी चीज अचार और खट्टे फल का न ही स्पर्श करें और न ही खाएँ. गुड़ और चने का प्रसाद स्वयं भी अवश्य खाएं. व्रत करने वाले के परिवार के लोग भी उस दिन कोई खट्टी चीज नहीं खाएँ. इसी प्रकार मनचाहे फल व संतान प्राप्ति के लिए भक्तजन 16 शुक्रवार का नियमित उपवास रखें. अंतिम शुक्रवार को व्रत का विसर्जन करें. विसर्जन के दिन उपरोक्त विधि से संतोषी माता की पूजा कर 8 बालकों को खीर-पुरी का भोजन कराएं तथा दक्षिणा व केले का प्रसाद देकर उन्हें विदा करें. अंत में स्वयं भोजन ग्रहण करें. उपर दिए गए विधि से अगर आप इस साल 2022 में मां संतोषी का व्रत करते हैं तो मां संतोषी शीघ्र ही आपको संतान प्राप्ति का वरदान देंगी.

C- शुक्र ग्रह के उपाय से तुला राशि को 2022 में मिलेगा संतान सुख
तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है. यदि आपकी कुंडली में शुक्र खराब है तो संतान सुख में बाधा आ सकती है. माना जाता है कि यदि पति का शुक्र ग्रह उचित स्थिति में न हो तो संतान का सुख नहीं मिलता है. इसलिए तुला राशि के शुक्र मजबूत करने के लिए यहां दिए जा रहे निम्नलिखित उपाय कर संतान का सुख पा सकते हैं-
1. संतान प्राप्ति के लिए शुक्र के बीज मंत्र ‘ओम शुं शुक्राय नम:’ का जप करें. इस मंत्र के नियमित जप से सिर्फ पौरुष वृद्धि होती है और संतान सुख की प्राप्ति होती है.
2. जिन लोगों का शुक्र ग्रह कमजोर है, उन्हें 21 बार या 31 बार शुक्रवार का व्रत करना चाहिए. यह व्रत करने से शुक्र मजबूत होता है और मां दुर्गा की भी कृपा प्राप्त होती है. इस व्रत के प्रभाव से सुख, सौभाग्य और समृद्धि बढ़ती है.
3. ज्योतिषशास्त्र के अनुसार, अगर विवाह के काफी साल गुजर गए हैं और अभी तक बच्चे की किलकारियां आंगन में नहीं गूंजी हैं तो शुक्रवार के दिन मदार पेड़ की जड़ को उखाड़ लें और फिर उसको निसंतान दंपत्ति के कमरे में बांध दें. ऐसा करने से हर प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है और संतान प्राप्ति की बाधा खत्म होती है.
4. फिरोजा रत्न धारण करें. इस रत्न को पहनने से शुक्र भी अनुकूल होता है और राहु-केतु की प्रतिकूलता में भी कमी आती है. बृहस्पति ग्रह का यह नीला रत्न उपचारात्मक शक्तियों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इस रत्न को धारण करने से संतान प्राप्ति के साथ-साथ जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है. प्राचीन संस्कृति में फिरोजा रत्न को लोग संतान प्राप्ति और धन वृद्धि के लिए पहनते थे.
5. शुक्र को प्रबल बनाने के लिए आपको सफेद कपड़े, सुंदर वस्त्र, चावल, घी, चीनी आदि का दान करना चाहिए. इनके अलावा आप श्रृंगार सामग्री, कपूर, मिश्री, दही आदी का भी दान कर सकते हैं.
6. शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनकर ओम द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: मंत्र का जाप 5, 11 या 21 बार करना चाहिए. इससे तुला राशि के लोगों का शुक्र प्रबल होता है.
7. संतान सुख पाने के लिए ग्यारह शुक्रवार तक किसी कन्या को सफेद मिठाई खिलाएं. यह टोटका करने से मां दुर्गा प्रसन्न होकर आपकी कामना पूर्ण करती है.
8. शुक्र के लिए हीरा, सोना, स्फटिक भी दान करने के लिए कहा जाता है, लेकिन यह सबके लिए संभव नहीं है.
9. जिनका शुक्र कमजोर है, उनको हीरा पहनना चाहिए, इसके लिए आप किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य की मदद ले सकते हैं.
10. शुक्र को मजबूत करने के लिए भोजन में चीनी, चावल, दूध, दही और घी से बने भोज्य पदार्थ खाना चाहिए. किसी को कोई सेहत संबंधी समस्या हो तो परहेज करें.
11. आप शुक्र का उपरत्न कुरंगी, दतला, तुरमली या सिम्मा धारण कर सकते हैं.
12. महिलाओं का सम्मान करने, साफ-सफाई रखने और इत्र आदि का प्रयोग करने से भी शुक्र ग्रह मजबूत होता है.
13. शुक्र की स्थिति ठीक करने के लिए गौपालन एवं उसकी सेवा करें. ऐसा करने से संतान प्राप्ति में आ रही बाधाएं दूस होती हैं.

D. लाल किताब के उपाय से 2022 में होगी संतान प्राप्ति
1. लाल किताब के अनुसार, इस साल 2022 में तुला राशि के लोगों को संतान प्राप्ति में बाधा आ रही है तो वे एक चांदी का तार लें और उसको अग्नि में डाल दें. फिर उस तार को दूध में डाल दें और पी जाएं, ऐसा आप लगातर 40 दिनों तक करें. ऐसा करने से कुंडली में शुक्र की स्थिति मजबूत होती है, जिससे सभी शारीरिक समस्याओं का अंत होता है और संतान की कामना की पूर्ति होती है.
2. लाल किताब के अनुसार तुला राशि के जातक 2022 में संतान सुख की प्राप्ति हेतु प्रत्येक गुरुवार को गणपतिजी का पूजन करें.
3. लाल किताब के अनुसार 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए शुक्रवार का व्रत रखकर मां लक्ष्मी की उपासना करें.
4. तुला राशि के जातक 2022 में संतान सुख की प्राप्ति हेतु सिरहाने पानी का लोटा रखकर सोएं और सुबह उस लोटे के पानी को बाहर डाल दें या कीकर के वृक्ष में डाल दें. लाल किताब से जुड़े इस उपाय को कर आप मनवांक्षित फल पा सकते हैं.
5. तुला राशि के जातक 2022 में संतान सुख की प्राप्ति हेतु मंदिर में पीले केले का प्रसाद वितरित करें.
6. 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए काले कपड़े पहनने से परहेज करें. शुक्रवार को स्काई ब्लू कपड़े पहनें.
7. तुला राशि के जातक 2022 में संतान सुख की प्राप्ति हेतु मांस-शराब से दूर रहें.
8. 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए चांदी का एक सिक्का अपने पास हमेशा रखें.

E. पितृ दोष के उपाय से तुला राशि को 2022 में मिलेगा संतान सुख
पितृ दोष होने पर व्‍यक्ति के जीवन में संतान का सुख नहीं मिल पाता है. अगर मिलता भी है तो कई बार संतान विकलांग होती है, मंदबुद्धि होती है या फिर चरित्रहीन होती है या फिर कई बार बच्‍चे की पैदा होते ही मृत्‍यु हो जाती है. इसलिए 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए जरूरी है कि तुला राशि के लोग अपनी कुंडली में मौजूद पितृ दोष का उपाय करें.
1. पूर्वजों के निधन की तिथि पर ब्राह्मणों को श्रृद्धापूर्वक भोजन करवाएं और यथाशक्ति दान भी करें.
2. कुंडली में पितृ दोष होने पर व्‍यक्ति को दक्षिण दिशा में पितरों की फोटो लगाकर उनको रोजाना माला चढ़ाकर उनका स्‍मरण करना चाहिए. पूर्वजों का आशीर्वाद मिलने के साथ ही पितृदोष के प्रभाव समाप्‍त होने लगेंगे.
3. शाम के वक्‍त रोजाना दक्षिण दिशा में एक दीपक जरूर जलाएं. रोजाना नहीं जला सकते हैं तो कम से कम पितर पक्ष में जरूर जलाएं.
4. कुंडली में पितृदोष दूर करने के लिए किसी गरीब कन्‍या का विवाह करने या फिर विवाह में मदद करने से भी आपको लाभ होता है.
5. 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए घर के पास में लगे पीपल के पेड़ पर दोपहर में जल चढ़ाएं. पुष्‍प, अक्षत, दूध, गंगाजल और काले तिल भी चढ़ाएं. पितरजनों को याद करें.

F. नाड़ी दोष के उपाय से तुला राशि को 2022 में मिलेगा संतान सुख
विवाह के समय कुंडली मिलान में बनने वाले दोषों में से एक है नाड़ी दोष. इस दोष के होने पर वैवाहिक स्थिति कभी ठीक नहीं रहती, दंपत्ति संतान सुख से वंचित रह सकते हैं साथ ही वर-वधू के जीवन पर मृत्यु का संकट मंडराया रहता है. नाड़ी दोष निवारण के लिए भगवान शिव की पूजा की जाती है. पूरे विधि-विधान से महामृत्युंजय मंत्र का जप करते हुए शिव को प्रसन्न किया जाता है. शिवजी की कृपा से ही नाड़ी दोष शांत होता है.
1. लड़का या लड़की दोनों मध्य नाड़ी के हो, तो पुरुष के प्राणों को भय रहता है. इस स्थिति में पुरुष के प्राणों की रक्षा के लिए महामृत्युंजय जाप करना चाहिए.
2. वर यावधु दोनों की नाड़ी आदि या अन्त्य हो, तो स्त्री के प्राणों को खतरा रहता है,इसलिए इस स्थिति में कन्या के प्राणों की रक्षा करने के लिए महामृत्युंजयका जाप करना चाहिए.
3. नाड़ी दोष होने पर संकल्प लेकर किसी ब्राह्मण को गौदान या स्वर्णदान करना चाहिए.
4. नाड़ी दोष के प्रभाव को कम करने के लिए आपको अपनी सालगिराह पर अपने वजन के बराबर अन्न दान और ब्राह्मण को भोजन कराकर वस्त्र दान करनेचाहिए.
5. नाड़ी दोष निवारण पूजा के द्वारा नाड़ी दोष को हटाया जा सकता है.
6. नाड़ी दोष को दूर करने के लिए विष्णु पूजा कर सकते है.

G. ज्योतिर्लिंग पर पूजा करने से 2022 में होगी संतान प्राप्ति
देवाधिदेव भगवान् महादेव सर्वशक्तिमान हैं. भगवान भोलेनाथ ऐसे देव हैं जो थोड़ी सी पूजा से भी प्रसन्न हो जाते हैं. संहारक के तौर पर पूज्य भगवान शंकर बड़े दयालु हैं. उनके अभिषेक से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसी प्रकार विभिन्न राशि के व्यक्तियों के लिए शास्त्र अलग-अलग ज्योतिर्लिंगों की पूजा का महत्व बताया गया है. भगवान शंकर के पृथ्वी पर 12 ज्योतिर्लिंग हैं. भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों को अपना अलग महत्व है. शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर के ये सभी ज्योतिर्लिंग प्राणियों को दु:खों से मुक्ति दिलाने में मददगार है. इन सभी ज्योतिर्लिंगों को 12 राशियों से भी जोड़कर देखा जाता है. तुला राशि के व्यक्ति को रामेश्वर ज्योतिर्लिंग पर पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है. तमिलनाडु स्थित भगवान राम द्वारा स्थापित रामेश्वर ज्योतिर्लिंग का संबंध तुला राशि से है. भगवन राम ने सीता की तलाश में समुद्र पर सेतु निर्माण के लिए इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी. महाशिवरात्रि के दिन इनके दर्शन से दांपत्य जीवन में प्रेम और सद्भाव बना रहता है. जो लोग इस दिन रामेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन नहीं कर सकें वह दूध में बताशा मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं और आक का फूल शिव को अर्पित करें. रामेश्‍वरम/ रामलिंगेश्‍वर ज्योतिर्लिंग हिन्दुओं के चार धामों में से एक धाम है. यह तमिलनाडु राज्य के रामनाथपुरम जिले में स्थित है. श्री रामेश्वर तीर्थ तमिलनाडु प्रांत के रामनाड जिले में है. मन्नार की खाड़ी में स्थित द्वीप जहां भगवान राम का लोक-प्रसिद्ध विशाल मंदिर है. श्री रामेश्वर जी का मंदिर एक हजार फुट लम्बा, छः सौ पचास फुट चौड़ा तथा एक सौ पच्चीस फुट ऊँचा है.

H. ग्रहों की शांति से 2022 में मिलेगा संतान सुख
ग्रहों के कारण संतान सुख में बाधा आ रही हो, तो 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए ग्रहों की शांति का उपाय करें. सूर्य के लिए हरिवंश पुराण का पाठ करें. चंद्रमा के लिए सोमवार का व्रत रख कर शिव की उपासना करनी चाहिए. मंगल के लिए महारुद्र या अतिरुद्र यज्ञ कराएं. बुध के लिए महाविष्णु की उपासना करें. गुरु के लिए पितरों का श्राद्ध करें. शुक्र के लिए गौपालन एवं उसकी सेवा करें. शनि के लिए महामृत्युंजय का जप एवं हवन करें. राहु के लिए नागपाश यंत्र की पूजा व बुधवार को व्रत रख करना चाहिए. ऐसे लोगों के लिए कन्यादान करना भी श्रेष्ठ माना गया है. केतु के लिए ब्राह्मण भोजन करा कर उन्हें वस्त्र भेंट करें. इसके अलावा “नवग्रह शांति पाठ”, संतान प्राप्ति में बेहद मददगार होता है इस पाठ से सारे दोष से निवारण मिलता है.

I. संतान प्राप्ति के अन्य उपाय 2022
1. 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए रोज रात गर्म पानी के साथ अजवाइन खाएं.
2. संतान सुख की प्राप्ति के लिए ‘ऊं बुं बुधाय नम:’ मंत्र का जाप करें.
3. 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन बरगद के पत्ते को धोकर साफ करके उस पर कुमकुम से स्वस्तिक बनाकर उस पर थोड़े से चावल और एक सुपारी रखकर सूर्यास्त से पहले किसी मंदिर में अर्पित कर दें और प्रभु से संतान का वरदान देने के लिए प्रार्थना करें निश्चय ही संतान की प्राप्ति होगी.
4. 2022 में संतान प्राप्ति की इच्छुक स्त्रियों को 9 वर्ष से कम आयु की कन्याओं के चरण छुने चाहिए, इस प्रकार जल्द ही उनके घर मे बच्चो की किलकारियां गूंज सकती है.
5. 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए संतान गोपाल यंत्र की स्थापना करें व सवा लाख संतान गोपाल मंत्र का जाप करने से और दस मुखी रुद्राक्ष धारण करने से भी जल्दी ही संतान प्राप्ति होती है.
6. 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए प्रतिदिन भोजन में से कुछ अंश गाय आदि जानवरों को दें.
7. 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए दिन में तंदूर की मीठी रोटियां बनाकर आवारा कुत्तों को खिलाएं.
8. यदि बार-बार गर्भपात होता है, तो शुक्रवार के दिन एक गोमती चक्र लाल वस्त्र में सिलकर गर्भवती महिला के कमर पर बांध दें. गर्भपात नहीं होगा.
9. जिन स्त्रियों के सिर्फ कन्या ही होती है, उन्हें शुक्र मुक्ता पहना दी जाये, तो एक वर्ष के अंदर ही पुत्र-रत्न की प्राप्ति होगी.
10. उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में नीम की जड़ लाकर सदैव अपने पास रखने से निसंतान दम्पति को 2022 में संतान सुख अवश्य प्राप्त होता है.

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