Santan prapti k upay 2022 Singh Rashi

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सिंह राशि संतान प्राप्ति 2022, सिंह राशि पुत्र प्राप्ति योग व उपाय 2022
संतान प्राप्ति का सुख दुनिया में सबसे बड़ा सुख है. प्रत्येक शादी शुदा दंपति की चाहत होती है कि उन्हें भी संतान हो, उनके घर भी बच्चे की किलकारी गूंजे. लेकिन कुछ दंपति किसी कारणवश इस सुख से वंचित ही रह जाते हैं. तमाम उपाय व पूजा-पाछ करने के बाद भी उन्हें संतान सुख नहीं मिलता तो वो निराश होकर पूजा पाठ को ही ढ़कोसला समझने लगते हैं, जबकि ऐसा बिक्कुल भी नही है. ज्योतिषी मानते हैं कि प्रत्येक राशि के जातक अपने राशिनुसार पूजा पाठ करें और कुछ उपाय करें तो उन्हें अवश्य ही संतान का सुख प्राप्त होता हैं. माना जाता है कि अपनी राशि के अनुसार ही देवी-देवताओं की पूजा करने से वांछित फल की प्राप्ति हो सकती है. आज हम बात कर रहे हैं सिंह राशि की. तो अगर आपकी राशि सिंह है और आप अब तक संतान सुख को प्राप्त नहीं कर सके हैं तो आप यहां दिए जा रहे उपाय कर अवश्य ही साल 2022 में संतान सुख प्राप्त कर सकते हैं. सिंह राशि के जातक जानिए संतान सुख प्राप्त न होने के कारण और उपाय-

संतान प्राप्ति न होने के ज्योतिषीय कारण 2022
1. दंपति की कुण्डली में नाड़ी दोष होने पर संतान नहीं होती यदि होती भी है तो उनमें शारीरिक विकार होता है. उसके लिए विवाह करने से पहले ही ज्योतिष के उपाय करें.
2. परिवार में पितृ दोष लगने के कारण संतान प्राप्ति में विघ्न उत्पन्न होते है.
3. पूर्व जन्म में हुए सर्पशाप, पितृश्राप, माताश्राप, भ्राताश्राप, प्रेतश्राप या कुलदेवता श्राप आदि के चलते संतान विलंब से होती है या नहीं भी होती है.
4. पिछले जन्म में अगर आपने पेड़-पौधे भी कटवाये हैं, तो यह स्थिति उत्पन्न हो जाती है. इसलिए कुंडली की विधिवत विवेचना कर इसका उपाय अपेक्षित है.

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A . संतान प्राप्ति के लिए सिंह राशि के लोग करें इष्ट देवी की पूजा 2022
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अपनी राशि के अनुसार ही देवी-देवताओं की पूजा करने से वांछित फल की प्राप्ति हो सकती है. इसका कारण ये है कि इष्ट देव का संबंध हमारे कर्मों और हमारे जीवन से होता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इष्ट देव की पूजा करने से व्यक्ति को अच्छे और शुभ फल की प्राप्ति होती है. साथ ही जिन्हें संतान नहीं हो रही है उन राशियों के जातक को संतान सुख की प्राप्ति होती है. अरुण संहिता जिसे लाल किताब के नाम से भी जाना जाता है, के अनुसार व्यक्ति के पूर्व जन्म में किए गए कर्म के आधार पर इष्ट देवता का निर्धारण होता है और इसके लिए जन्म कुंडली देखी जाती है. कुंडली का पंचम भाव इष्ट का भाव माना जाता है. इस भाव में जो राशि होती है उसके ग्रह के देवता ही हमारे इष्ट देव कहलाते हैं. इष्ट देव की पूजा करने से ये फायदा होता कि कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर इष्ट देव प्रसन्न हैं तो यह सभी दोष व्यक्ति को अधिक परेशान नहीं करते. क्योंकि इस खबर में हम बाक कर रहे हैं सिंह राशि की, तो आपको बता दें कि सिंह राशि वालों का स्वामी ग्रह सूर्य है और उनके इष्ट देव हनुमान जी और मां गायत्री हैं. इसलिए अगर सिंह राशि के दंपति संतान सुख से वंचित है तो वह अपने राशि के अनुसार ईष्ट देव हनुमान जी और मां गायत्री की पूजा कर इस साल 2022 में संतान सुख पा सकते है.
सिंह राशि ग्रह स्वामी- सूर्य
सिंह राशि ईष्टदेव- हनुमान जी और मां गायत्री
यहां जानिए सिंह राशि के जातक इस साल 2022 में संतान प्राप्ति के लिए कैसे करें हनुमान जी और मां गायत्री की पूजा-

1. हनुमान जी की पूजा से 2022 में मिलेगा संतान सुख – हनुमान जी की पूजा सही विधि के साथ मंगलवार के दिन करना अत्यंत शुभ माना जाता है. कहते हैं कि हनुमान जी की पूजा जितनी सरल है उतनी ही कठिन भी है. हनुमान जी की पूजा के लिए मंगलवार के दिन सुबह उठकर स्नान आदि करने के बाद लाल रंग के वस्त्र पहन लें. कोशिश करें कि इस दिन आपने जो वस्त्र पहने हैं वे सिले हुए न हों. घर में पूजा करने के लिए ईशान कोण को साफ करें. अब यहां पर एक चौकी की स्थापना करें और उस पर लाल वस्त्र बिछाएं. इसके बाद उस पर हनुमान जी की प्रतिमा स्थापित करें. साथ ही भगवान श्री राम और माता सीता की मूर्ति रखना न भूलें. इसके बाद बजरंग बली के आगे घी का दीपक जलाएं. दीप, धूप जलाकर सुंदर कांड का पाछ करें और हनुमान जी के मंत्रों का जाप करें. फिर लाल फूल, लाल सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं. इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ करें और हनुमान जी की आरती करें. मंगलवार के दिन भगवान को गुड़, केले और लड्डू का भोग लगाएं और परिवार के सदस्यों को प्रसाद वितरित करें. अगर आपने मंगलवार का व्रत रखा है तो ध्यान रखें कि इसमें शाम के समय एक बार ही भोजन करना होता है. इस दौरान खाने में सिर्फ मीठा भोजन ही शामिल करें. साथ ही दिन में केले, दूध और मीठे फलाहार शामिल कर सकते हैं.

2. मां गायत्री पूजन से 2022 में मिलेगा संतान प्राप्ति का सुख – अथर्ववेद में बताया गया है कि मां गायत्री से आयु, प्राण, संतान, प्रजा, पशु, कीर्ति, धन एवं ब्रह्मवर्चस मिलता है. विधि और नियमों से की गई गायत्री उपासना रक्षा कवच बनाती है. जिससे परेशानियों के समय उसकी रक्षा होती है. देवी गायत्री की उपासना करने वालों की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. मां गायत्री की पूजा करने के लिए सुबह जल्दी उठकर गंगाजल युक्त पानी से स्नान कर सूर्य देव को अर्घ्य दें. इसके बाद घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें. सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें. मां गायत्री का ध्यान करें. गायत्री मंत्र ‘ऊं भूर्भुव: स्व: तत्सवितुर्वरेण्यं भर्गो देवस्य धीमहि. धियो यो न: प्रचोदयात्..’ का जप करें. गायत्री मंत्र का कम से कम 5 बार जरूर जाप करें. इसके बाद माता गायत्री को साक्षी मानकर उनकी प्रतिमा अथवा तस्वीर की पूजा फल, फूल, धूप-दीप, अक्षत चन्दन, जल आदि से करें. मां को सात्विक चीजों का भोग लगाएं. संभव हो तो मां गायत्री के लिए व्रत उपवास करें.

B. रविवार व्रत और सूर्य देव की पूजा से मिलेगा 2022 में संतान सुख
रविवार का दिन सूर्य देवता को समर्पित है. जीवन में सुख-समृद्धि, धन-संपत्ति और शत्रुओं से सुरक्षा व संतान प्राप्ति का सुख पाने के लिए रविवार का व्रत सर्वश्रेष्ठ है. रविवार का व्रत करने व कथा सुनने से निसंतान दंपति को संतान सुख मिलता है व व्रती की सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं. सूर्य का व्रत एक वर्ष तक (30 रविवारों तक) या 12 रविवारों तक करना चाहिए. महिलाएं मासिक धर्म के दौरान व्रत न रखें और उसकी गिनती रविवार व्रत में न करें. उसके अगले रविवार को व्रत रखें. व्रत पूरा होने के बाद व्रत का उद्यापन कर दें. 2022 में संतान प्राप्ति का सुख पाने के लिए सिंह राशि के लोग यहां दी जा रही विधि से रविवार व्रत और सूर्य देव की पूजा करें-
रविवार व्रत की संपूर्ण विधि- रविवार को सूर्योदय से पहले उठें, स्नानादि से निवृत्त होकर स्वच्छ लाल रंग के कपड़े पहन लें. रोली या लाल चंदन, लाल पुष्प, अक्षत, दूर्वा मिश्रित जल आदि से सूर्य को अर्घ्य दें. अर्घ्य देते समय ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः सूर्याय नमः मंत्र का मन में ही जाप करें. इसके बाद घर के ईशान कोण (उत्तर-पूर्व) पर भगवान सूर्य की मूर्ति, चित्र या सूर्य मंत्र स्थापित करें. इस व्रत को शुरू करने से पहले सूर्यदेव का स्मरण कर संकल्प लें कि -हे सूर्य देवता मैं आने वाले 12 या 30 रविवार तक व्रत करने का संकल्प लेती हूं/लेता हूं, अत: मेरी यह व्रत पूजा स्वीकार करें. अब व्रत की शुरुआत करें और पूजा करें. सबसे पहले जल, कुमकुम, चंदन पुष्प से छींटे देकर सूर्य देवता को स्नान कराएं. इसके बाद सूर्य भगवान को किसी ऋतु फल का भोग लगाएं. लाल चंदन, कुमकुम या रोली का तिलक लगाकर रविवार व्रतकथा सुनने के बाद आरती करें. इसके बाद सूर्य देव का स्मरण करते हुए ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं स: सूर्याय नम: इस मंत्र का 12 या 5 अथवा 3 माला जप करें. शाम में सूर्यास्त के समय भी एक बार फिर से लोटे में जल, चंदन, चावल (अक्षत) और लाल पुष्प डालकर सूर्यदेवता को अर्ध्य दें.
रविवार के दिन नमक नहीं खाएं. इस व्रत में इलायची मिश्रित गुड़ का हलवा, गेहूं की रोटियां या गुड़ से निर्मित दलिया, दूध, दही, घी और चीनी सूर्यास्त के पूर्व भोजन के रूप में ग्रहण करें. यदि निराहार रहते हुए सूर्य छिप जाये तो दूसरे दिन सूर्य उदय हो जाने पर अर्घ्य देने के बाद ही भोजन करें. इस विधि से पूजा करने पर सूर्य देव अवश्य ही प्रसन्न होकर आपको इस साल 2022 में संतान सुख का आशीर्वाद देंगे.

C. ज्योतिर्लिंग पर पूजा करने से 2022 में होगी संतान सुख की प्राप्ति
देवाधिदेव भगवान् महादेव सर्वशक्तिमान हैं. भगवान भोलेनाथ ऐसे देव हैं जो थोड़ी सी पूजा से भी प्रसन्न हो जाते हैं. संहारक के तौर पर पूज्य भगवान शंकर बड़े दयालु हैं. उनके अभिषेक से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं. इसी प्रकार विभिन्न राशि के व्यक्तियों के लिए शास्त्र अलग-अलग ज्योतिर्लिंग की पूजा का महत्व बताया गया है. भगवान शंकर के पृथ्वी पर 12 ज्योतिर्लिंग हैं. भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों को अपना अलग महत्व है. शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर के ये सभी ज्योजिर्लिंग प्राणियों को दु:खों से मुक्ति दिलाने में मददगार है. इन सभी ज्योतिर्लिंगों को 12 राशियों से भी जोड़कर देखा जाता है.
इसलिए सिंह राशि के व्यक्ति को वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग पर पूजा करने से विशेष फल प्राप्त होता है. सिंह राशि के जातकों को इस साल 2022 में संतान सुख की प्राप्ति के लिए बाबा वैद्यनाथ ज्योतिर्लिंग की पूजा करनी चाहिए. महाशिवरात्रि के दिन शिवलिंग को जल में दूध, दही, गंगाजल व मिश्री मिलाकर ॐ जटाधराय नमः मंत्र का जाप करते हुए अभिषेक करना चाहिए. झारखण्ड के देवघर स्थित प्रसिद्ध तीर्थस्थल बैद्यनाथ धाम भगवान शंकर के द्वादश ज्योतिर्लिंग में से नौवां ज्योतिर्लिंग है. यह ज्योतिर्लिंग सर्वाधिक महिमामंडित है.यूं तो यहां प्रतिदिन हजारों श्रद्धालु आते हैं लेकिन सावन में यहां भक्तों का हुजूम उमड़ पड़ता है. सावन में यहां प्रतिदिन करीब एक लाख भक्त ज्योतिर्लिग पर जलाभिषेक करते हैं. पौराणिक मान्यताओं के मुताबिक यह ज्योतिर्लिंग लंकापति रावण द्वारा यहां लाया गया था और यहां पर सच्चे मन व श्रद्धा से पूजा पाठ करने से भगवान शिव अवश्य ही प्रसन्न होते है व श्रद्धालु को संतान सुख का आशीर्वाद देते हैं.

D. नाड़ी दोष निवारण उपाय से 2022 में मिलेगा संतान सुख
विवाह के समय कुंडली मिलान में बनने वाले दोषों में से एक है नाड़ी दोष. इस दोष के होने पर वैवाहिक स्थिति कभी ठीक नहीं रहती, दंपत्ति संतान सुख से वंचित रह सकते हैं साथ ही वर-वधू के जीवन पर मृत्यु का संकट मंडराते रहता है. नाड़ी दोष निवारण के लिए भगवान शिव की पूजा की जाती है. पूरे विधि-विधान से महामृत्युंजय मंत्र का जप करते हुए शिव को प्रसन्न किया जाता है. शिवजी की कृपा से ही नाड़ी दोष शांत होता है. यहां जानिए नाड़ी दोष को शांत करने के उपाय-
1. महामृत्युंजय मंत्र का जप सबसे आसान उपाय है. वर और कन्या दोनों की नाड़ी मध्य में हो तो पुरुष को प्राण का भय रहता है. इस स्थिति में पुरुष को महामृत्युंजय जाप कराना अति आवश्यक होता है. अगर वर और कन्या दोनों की नाड़ी आदि हो तो स्त्री को प्राण का भय रहता है. इस स्थिति में कन्या महामृत्युजंय जाप कराना अति आवश्यक होता है.
2. ब्राह्मण को स्वर्ण-नाड़ी, अनाज, कपड़ा और गाय भेंट करना भी नाडी दोष के निवारण का एक तरीका है.
3. नाड़ी दोष वाली महिला का विवाह भी वास्तविक विवाह से पहले भगवान विष्णु से होता है और इसे नाड़ी दोष अपवाद और उपाय माना जाता है.

E. पितृ दोष के निवारण से 2022 में पाएं सिंह राशि के लोग संतान सुख
जो लोग अपने पितृ का तर्पण, श्राद्ध या पिंडदान नहीं करते हैं. उनसे पितृ नाराज होकर जाते है और वे पितृ दोष के भागीदार होते हैं. माना जाता है कि जिन लोगों के कुंडली में पितृ दोष होता है उन्हें संतान सुख नहीं मिल पाता इसलिए इस दोष से मुक्ति पाना बेहद जरूरी है.सिंह राशि के लोगों को पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए पितृ पक्ष में प्रतिदिन अपने पितरों का तर्पण करना चाहिए. जल, जौं और काले तिल समेत पुष्पों के साथ तर्पण करना चाहिए. पूर्वजों की पसंद का खाना बनाकर किसी ब्राह्मण को भोजन जरूर कराना चाहिए. इससे पित्तरों का आशीर्वाद मिलता है और पितृ दोष दूर होता है. इसके अलावा पित्तरों के नाम पर श्रीमद् भागवत कथा, गीता, गरूड़ पुराण, नारायण बली, त्रिपिंडी श्राद्ध या महामृत्युंजय मंत्र का जाप करना उत्तम माना गया है. ऐसा करने से पितरों की आत्मा तृप्त होती है और पितृ दोष से मुक्ति मिलती है.

F. 2022 में संतान प्राप्ति के लिए लाल किताब के उपाय
1. उपाय तो मंत्र-तंत्र-यंत्र एवं ज्योतिष में बहुत है पर आवश्यकता है तो मात्र श्रद्धा व पूर्ण विश्वास की. यदि ईश्वर पर पूर्ण विश्वास एवं श्रद्धा है तो ‘संतान गोपाल साधना’ करें, निश्चित रूप से मनोकामना पूर्ण होगी. यह प्रयोग हजारों बार सफल होते देखा गया है, जो नि:संतान हैं, उनके लिए इससे बढ़ कर कोई उपाय है ही नहीं.
2. धन्योऽपि गृहस्थ आश्रम : चार आश्रम, ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ व संन्यास आश्रम में से गृहस्थ आश्रम की महिमा ऋषि-महर्षियों ने भी प्रतिपादित की है. देव भी गृहस्थाश्रम सुख भोगने के लिए पृथ्वी लोक पर बार-बार जन्म लेते हैं.
3. संतान सुख की प्राप्ति के लिए सिंह राशि के लोग शराब और माँस का सेवन न करें, किसी से मुफ्त में कुछ न लें, यात्रा के समय अपने मुँह में कोई मीठी वस्तु रखें, दादी माँ से आशीर्वाद लें, आग को दूध से बुझाएँ, सूर्य को अर्घ्य दें, रविवार का व्रत रखें, थोड़ा थोड़ा गुड़ खाते रहें, रात को दो रोटियाँ आग में जलाएँ.
4. यदि बच्चे जन्म लेते ही मृत्यु को प्राप्त हो जाते हों तो ऐसी स्थिति में गर्भधारण करते ही गर्भवती स्त्री की कलाई पर लाल रंग का धागा बांधना चाहिए. संतान होने पर वह धागा मां की कलाई से खोलकर बच्चे की कलाई पर बांध दें एवं मां की कलाई पर दूसरा धागा बांध दें. यह धागा 18 माह तक बंधा रहे, इस बात का विशेष ध्यान रखें.

G. संतान प्राप्ति के लिए नवग्रह पूजा 2022
इस साल 2022 में संतान प्राप्ति के लिए आप नवग्रह पूजा कर सकते हैं. इसके लिए आप किसी ज्योतिष विशेषज्ञ से घर या मंदिर में हवन व अभिषेक कराकर नव ग्रहों की शांति की पूजा करवा सकते हैं. ग्रहों के कारण संतान सुख में बाधा आ रही हो, तो सूर्य के लिए हरिवंश पुराण का पाठ करें. चंद्रमा के लिए सोमवार का व्रत रख कर शिव की उपासना करनी चाहिए. मंगल के लिए महारुद्र या अतिरुद्र यज्ञ कराएं. बुध के लिए महाविष्णु की उपासना करें. गुरु के लिए पितरों का श्राद्ध करें. शुक्र के लिए गौपालन एवं उसकी सेवा करें. शनि के लिए महामृत्युंजय का जप एवं हवन करें. राहु के लिए नागपाश यंत्र की पूजा व बुधवार को व्रत रख करना चाहिए. ऐसे लोगों के लिए कन्यादान करना भी श्रेष्ठ माना गया है. केतु के लिए ब्राह्मण भोजन करा कर उन्हें वस्त्र भेंट करें. कहा जाता है कि ऐसा करने से सभी कमजोर ग्रह मजबूत होकर अपना शुभ प्रभाव देने लगते हैं और निंसतान दंपत्ति के घर किलकारियां गूजने लगती है.

H. 2022 में संतान सुख के लिए अन्य उपाय
1. 2022 में संतान सुख के लिए मंगलवार को हनुमान जी का व्रत रखें. यदि व्रत रखना संभव न हो सके तो हनुमान जी की पूजा अवश्य करें. इस दौरान हनुमान चालीसा या बजरंग बाण का पाठ अवश्य करें. ऐसा करने से अवश्य ही आपकी मनोकामना पूर्ण होगी.
2. 2022 में संतान प्राप्ति के लिए सिंह राशि के जातक बछड़े वाली गाय की सेवा करें. गाय को मीठी रोटी खिलाएं,
3. 2022 में संतान सुख प्राप्त करने के लिए सिंह राशि के जातक कोई भी महत्वपूर्ण कार्य मंगलवार को करें तो श्रेष्ठ फल प्राप्त होगा.
4. संतान की इच्छा रखने वाली स्त्रियों को “सर्प-पूजन” करना चाहिए, इससे संतान दोष दूर हो जाता है.
5. प्रत्येक मंगलवार को हनुमान जी के मंदिर में जाकर बूंदी का प्रसाद चढ़ाकर बांटना शुभ रहेगा. इससे जीवन में आने वाली अकस्मात परेशानियां दूर हो जाएंगी और संतान सुख की प्राप्ति होगी.
6. सिंह राशि वालों के लिए बेहतर होगा कि बहन, बुआ और बेटियों को अक्‍सर उपहार देते रहें. इससे अवश्य ही 2022 में संतान सुख की प्राप्ति होगी.
7. यदि बच्चे न होते हों या होते ही मर जाते हों, तो मंगलवार के दिन मिट्टी की हांडी में शहद भरकर श्मशान में दबायें.
8. 2022 में हनुमान जी को चोला चढ़ाये और चने का भोग लगाएं.
9. गरीबो को गुड़ बांटे तथा हनुमान जी को गुलाब की माला अर्पित करें.

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