Mithun Raashi Walon Ko Kiski Pooja Karni Chahiye

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परिचय- मिथुन राशि

सभी 12 राशियों की संख्या में मिथुन तीसरी राशि है. इसका उद्भव मिथुन तारामंडल से माना जाता है. जब चंद्रमा मिथुन राशि पर चलता है, तो उस समय पैदा हुए व्यक्ति की राशि मिथुन होती है. मिथुन राशि का स्वामी बुध है और इष्ट देव गणेशजी और विष्णुजी हैं. इस राशि का चिन्ह युवा दंपति है. यह चिह्न जातक के आकर्षक और दोस्ताना स्वभाव को दर्शाता है. मिथुन लग्न में जन्म लिए जातक बुद्धिमान और वाक्पटु होते हैं. कई बार बहुत अधिक बोलने के कारण इनके बनते काम बिगड़ जाते हैं. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर मिथुन राशि के लोगों के जीवन में कोई समस्या है और हर सम्भव प्रयास के बाद भी सफलता नहीं मिल रही तो आपको कहीं और जाने की जरूरत नहीं है. आप स्वयं अपनी राशि के अनुसार पूजा-पाठ व उपाय कर शीघ्र सफलता प्राप्त कर सकते हैं. आइए जानते हैं मिथुन राशि के जातकों को किसकी पूजा करनी चाहिए?, कौन सा व्रत करना चाहिए, किस मंत्र का जाप करना चाहिए, क्या दान करना चाहिए और कौन से उपाय करने चाहिए ताकि उन्हें मनचाहा फल प्राप्त हो सके-

मिथुन राशि वालों को किसकी पूजा करनी चाहिए?

मिथुन राशि वालों को किसकी पूजा करनी चाहिए?, Mithun Raashi Walon Ko Kiski Pooja Karni Chahiye?
मिथुन राशि के लोगों को विशेष फल की प्राप्ति के लिए अपनी राशि के इष्ट देव गणेशजी और विष्णुजी की पूजा करनी चाहिए. इष्ट देव की विधिवत पूजा करने से ये फायदा होता कि कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर इष्ट देव प्रसन्न हैं तो यह सभी दोष व्यक्ति को अधिक परेशान नहीं करते. यहां जानिए गणेशजी और विष्णुजी की संपूर्ण पूजा विधि-
गणेश जी की पूजा विधि – भगवान गणेश की पूजा करने के लिए बुधवार के दिन सुबह उठकर स्नानआदि कर स्वच्छ वस्त्र पहन लें. शुद्ध आसन में बैठकर सभी पूजन सामग्री पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि को एकत्रित कर क्रमश: पूजा करें. उन्हें दुर्वा को धोकर ही चढ़ाना चाहिए. ध्यान रखें कि श्री गणेश को तुलसी दल व तुलसी पत्र भूल से भी न चढ़ाएं. भगवान गणेश को मोदक (लड्डू) अधिक प्रिय होते हैं इसलिए उन्हें देशी घी से बने मोदक का प्रसाद भी चढ़ाएं. अब मंत्र ॐ श्री गं गणपतये नम: का 108 बार जप करें. श्रीगणेश सहित प्रभु शिव व गौरी, नन्दी, कार्तिकेय सहित सम्पूर्ण शिव परिवार की पूजा करें. गणेश भगवान की पूजा के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करना भी फलदायी है. अगर समय का अभाव है तो 12 वें अध्याय और कुंजीकास्तोत्र का पाठ कर लेना चाहिए, इससे आपको भगवान गणेश का आशीर्वाद प्राप्त होगा.

भगवान विष्‍णु की पूजा विधि – गुरुवार का दिन भगवान विष्णु की पूजा के लिए अत्यंत ही शुभ और मंगलकारी माना गया है. मान्यता है कि गुरुवार के दिन भगवान विष्णु की पूजा करने से वे शीघ्र ही प्रसन्न होते हैं और उनकी साधना-आराधना से साधक को जीवन से जुड़े सभी सुखों की प्राप्ति होती है. भगवान विष्णु की पूजा के लिए प्रात:काल सूर्योदय से पहले उठें व स्नान-ध्यान के बाद पीले रंग के वस्त्र धारण करें. इसके बाद उगते हुए सूर्यनारायण को जल में हल्दी मिलाकर अर्ध्य दें. इसके बाद भगवान विष्णु को पहले पंचामृत और फिर जल से स्‍नान करवाएं. उन्हें पीले रंग के वस्त्र पहनाएं और आभूषण यज्ञोपवीत पहनाएं. पूजा में पीले रंग के फूल और पीले रंग की मिठाई चढ़ाएं. भगवान विष्णु को हल्दी का तिलक लगाएं और उसे प्रसाद स्वरूप अपने माथे पर भी लगाएं. मान्यता है कि हल्दी के इस प्रसाद से भगवान विष्णु की कृपा बरसती हैं और सुख-सौभाग्य की प्राप्ति होती है. सुगंधित इत्र अर्पित करें और माथे पर तिलक लगाएं. तिलक के लिए अष्‍टगंध का प्रयोग कर सकते हैं. अब धूप और दीप अर्पित करें. भगवान विष्‍णु को तुलसीदल विशेष प्रिय है इसलिए विष्‍णु पूजन में इसका प्रयोग जरूर करें. भगवान विष्‍णु के पूजन में चावलों का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिए आप इनके स्‍थान पर तिल का प्रयोग कर सकते हैं. घी का दीपक जलाएं और आरती करें. आरती के बाद नेवैद्य अर्पित करें और ऊं नमो नारायणाय नम: मंत्र का जाप करें. इस पूजा से प्रसन्न होकर भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी अवश्य ही आपको मनचाहा फल देंगे.

मिथुन राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए?

मिथुन राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए, Mithun Rashi Vaalon Ko Kaun Sa Vrat Karna Chahiye
जैसा कि हम आपको पहले ही बता चुके हैं, मिथुन राशि का स्वामी ग्रह बुध है, इसलिए मिथुन राशि के जातकों को शुभ फल की प्राप्ति के लिए बुधवार का व्रत करना चाहिए. हिंदू मान्यताओं के अनुसार बुधवार को भगवान गणेश और बुध देव की पूजा की जाती है. बुधवार का व्रत करने से घर में सुख, शांति व समृद्धि आती है, जीवन में किसी भी चीज की कमी नहीं होती तथा अरिष्ट ग्रहों की शांति होती है. बुधवार का व्रत करने वाले व्यक्ति की बुद्धि भी बढ़ती है. जानिए बुधवार व्रत के बारे में-
कब से शुरू करें बुधवार व्रत – बुधवार व्रत का प्रारंभ शुक्ल पक्ष के प्रथम बुधवार से करें. 21 व्रत रखें.
बुधवार व्रत विधि – बुधवार के दिन सुबह उठकर संपूर्ण घर की सफाई करें. तत्पश्चात स्नानादि से निवृत्त हो जाएं. इस दिन हरा वस्त्र धारण करें. इसके बाद पवित्र जल का घर में छिड़काव करें. घर के ही किसी पवित्र स्थान पर भगवान बुध या शंकर भगवान की मूर्ति अथवा चित्र किसी कांस्य पात्र में स्थापित करें. पूजन आरंभ करने से पूर्व व्रत/पूजा का संकल्‍प लें. सबसे पहले हाथों में जल, पुष्‍प और चावल लें. संकल्‍प में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस साल, वार, तिथि और उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी मनोकामना बोलें. अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें. किसी भी शुभ कार्य या पूजन में सबसे पहले प्रथम पूज्‍य भगवान गणेश का नाम लिया जाता है. सबसे पहले गणेश जी की पूजा करें. गणेश जी को स्‍नान कराएं और वस्‍त्र अर्पित करें. अब पुष्‍प और अक्षत अर्पित करें. इसके पश्‍चात् धूप, बेल-पत्र, अक्षत और घी का दीपक जलाकर भगवान बुध या शंकर भगवान की पूजा करें. इसके बाद निम्न मंत्र से बुध की प्रार्थना करें-
बुध त्वं बुद्धिजनको बोधदः सर्वदा नृणाम्‌,
तत्वावबोधं कुरुषे सोमपुत्र नमो नमः॥
बुधवार की व्रतकथा सुनकर आरती करें. इस व्रत के अंत में शंकर जी की पूजा, धूप, बेल-पत्र आदि से करनी चाहिए. इसके पश्चात गुड़, भात और दही का प्रसाद बांटकर स्वयं भी प्रसाद ग्रहण करें.

बुधवार व्रत में क्या खाएं क्या नहीं – इस दिन एक समय दही, मूंग दाल का हलवा या फिर हरी वस्तु से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए. बुधवार के व्रत में केवल एक समय ही भोजन करना चाहिए. बुधवार के व्रत में नमक नहीं खाना चाहिए.
बुधवार व्रत की उद्यापन विधि- बुधवार व्रत के अंतिम दिन सुबह स्नान आदि कर निवृत्त हो जाएं और साफ वस्त्र धारण करें. इसके बाद घर के ईशान कोण में एक चौकी स्थापित करें, उस पर हरा कपड़ा बिछाकर भगवान बुध की प्रतिमा रखें और साथ में कलश भी रखें. इसके बाद उपरोक्त विधि से पूजा करें. इसके बाद पूरे दिन व्रत रखें और शाम के समय अपने व्रत का पारण करें. ध्यान रहे व्रत का पारण पूजा में रखे प्रसाद से करें और किसी पंडित को प्रसाद के साथ कुछ पैसे दान करें. ऐसा करने से आपको अपने सभी व्रतों का फल प्राप्त होता है.

मिथुन राशि के लिए मंत्र, Mithun Rashi Ke Liye Mantra

1. ॐ बुं बुधाय नम: – सुख-शांति के लिए।
2. ॐ गं गणपतये नम: – बाधा दूर करने के लिए।
3. ॐ क्लीं ऐं सौं: – धन प्राप्ति के लिए प्रयोग कर सकते हैं।
कैसे करें मंत्र जाप
मंत्र जाप करने के लिए घर के मंदिर में भगवान की पूजा करें. पूजा में हार-फूल, प्रसाद सहित अन्य सामग्री प्रतिमा को चढ़ाएं. इसके बाद आसन पर बैठकर मंत्र का जाप 108 बार करें.

मिथुन राशि के लिए कौन सा पत्थर पहनना चाहिए?

मिथुन राशि के लिए कौन सा पत्थर/रत्न पहनना चाहिए?, Mithun Rashi Ke Liye Kaun Sa Patthar Pahanna Chaahie?, Mithun Rashi Ke Liye Stone
मिथुन राशि के स्वामी बुध ग्रह है. बुध का कमजोर होना करियर में असफलता देता है. इसलिए कुंडली में बुध की स्थिति को मजबूत करने के लिए मिथुन राशि के लोगों को पन्‍ना धारण करना चाहिए. पन्ना पत्थर/रत्न बुध ग्रह को बल प्रदान करने के लिए पहना जाता है. पन्ना मूल्यवान पत्थर/रत्नों में से एक है. जब आप पन्ना रत्न खरीदने जाते हैं, तो पन्ना पत्थर/रत्न की चमक, वजन, पारदर्शिता आदि को देखते हुए इसका मूल्य तय किया जाता है. बुध ग्रह का रंग हरा है इसलिए मिथुन राशि वालों को हरे रंग का पन्ना पहनना चाहिए. पन्ना धारण करने से जीवन में सफलता प्राप्‍ति में सहयोग मिलता है. मिथुन राशि के जातक बुधवार को सुबह स्नान करने के बाद दायें हाथ की अनामिका यानी कनिष्ठ उंगली में पन्ना धारण करें, शुभ रहेगा.
पन्ना पहनने के लाभ – पन्ना मिथुन राशि के लोगों की दृष्टि को तेज करने, उनके स्मरण शक्ति को बढ़ाने और किसी भी संदेह को दूर करने में मदद करेगा. पन्ना से अच्छी वाणी, अच्छी सेहत, धन-धान्य तथा अन्य बहुत कुछ प्राप्त होता है. पन्ना बुध को बल देने के लिए पहना जाता है. नौकरी और व्यापार में उन्नति के लिए भी इसे धारण करने की सलाह दी जाती है. हाजमा अच्‍छा करने के लिए भी इसे धारण करते हैं.
मिथुन राशि के जातक कौन सा रत्न/पत्थर धारण न करें- मिथुन राशि के जातक नीलम रत्‍न न पहनें तो यह इनके लिए लाभप्रद होगा.

मिथुन राशि के उपाय, Mithun Rashi Ke Upaay

अच्छी किस्मत व सुखी रहने के लिए मिथुन राशि के जातकों का बुध मजबूत होना चाहिए. मिथुन राशि के जातक अपनी किस्मत चमकाने के लिए व बुध को मजबूत करने के लिए निम्न उपाय करें.
1. यदि कोई व्यक्ति बुध दोष से पीड़ित है तो उसे मां दुर्गा की आराधना करनी चाहिए. रोजाना ‘ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चे’ मंत्र का 5, 7, 11, 21 या 108 बार जाप करने से बुध दोष समाप्त होता है.
2. बुधवार के दिन हरे रंग की चीजों का प्रयोग करना शुभ होता है, इसलिए यदि आपका बुध कमजोर है तो आप हमेशा अपने पास हरे रंग का रुमाल रखें. साथ ही बुधवार के दिन किसी जरूरतमंद को हरी मूंग की दाल दान करें. ऐसा करने से आपकी अच्छी किस्मत के आड़े आ रहे सभी दुख समाप्त होंगे.
3. बुध के दुष्प्रभाव को कम करने के लिए घर की पूर्व दिशा में लाल रंग का झंडा लगाएं.
4. बुध दोष से निजात पाने के लिए सोने के आभूषण धारण करना लाभकारी है.
5. बुध दोष को दूर करने के लिए मिथुन राशि के जातक हाथ की सबसे छोटी उंगली यानि कनिष्ठा उंगली में पन्ना पहनें.
6. खों से छुटकारा पाने के लिए मिथुन राशि के जातक प्रत्येक बुधवार के दिन गणेश जी को 21 दूब या दूर्वा जरूर चढ़ाएं. ऐसा करने से आपके सारे दुख समाप्त होंगे और गणेश जी का आशीर्वाद प्राप्त होगा.
7. बुधवार के दिन गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से मिथुन राशि के लोगों को विशेष लाभ मिलेगा.
8. बुधवार के दिन 7 साबुत कौड़ियां लें. कौड़ियां बाजार में पूजन सामग्री की दुकानों पर आसानी से मिल जाती हैं. इसके साथ ही एक मुट्ठी हरे खड़े मूंग लें और दोनों को एक हरे कपड़े में बांधकर चुपचाप किसी मंदिर की सीढ़ियों पर रख आएं. लेकिन ध्यान रखें कि इस संबंध में किसी को कुछ न बताएं और पूरी आस्था रखें. ऐसा करने से आपके सारे दुख दूर होंगे और जीवन में सुखों का आगमन होगा.
9. जीवन में आ रही परेशानियों से निजात पाने के लिए बुधवार के दिन गाय को घास खिलानी चाहिए.
10. बुधवार के दिन गेंहू के आटे की गोलियां बनाकर उसमें चने की दाल और थोड़ी हल्दी मिलाकर गाय को खिलाने से भी जीवन में आ रही समस्याओं से छुटकारा मिलता है.

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