Kanya Raashi Walon Ko Kiski Pooja Karni Chahiye

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परिचय – कन्या राशि

सभी 12 राशियों की संख्या में छठी राशि कन्या है. कन्या राशि का स्वामी बुध है और इष्ट देव गणेशजी और विष्णुजी हैं. कन्या राशि का चिन्ह हाथ में फ़ूल की डाली लिये कन्या है. इस चिन्ह में लड़की मानवता को दर्शाती है, इसलिए कन्या राशि के जातक मानवतावादी, बुद्धिमान एवं चतुर होते है और वे सदा दूसरों की सहायता के लिए तैयार रहते हैं, ज्योतिष शास्त्र के अनुसार अगर कन्या राशि के जीवन में किसी भी प्रकार की समस्या है और हर सम्भव प्रयास के बाद भी उन्हें सफलता नहीं मिल रही तो उन्हें कहीं और किसी के पास जाने की जरूरत नहीं है. वे खुद अपनी राशि के अनुसार पूजा-पाठ व उपाय कर शीघ्र सफलता प्राप्त कर सकते हैं और हर प्रकार की समस्या से निजात पा सकते है. आइए जानते हैं कन्या राशि के जातकों को किसकी पूजा करनी चाहिए?, कौन सा व्रत करना चाहिए, किस मंत्र का जाप करना चाहिए, क्या दान करना चाहिए व कौन से उपाय करने चाहिए ताकि उनकी हर मनोकामना पूर्ण हो सके.

कन्या राशि वालों को किसकी पूजा करनी चाहिए?

कन्या राशि वालों को किसकी पूजा करनी चाहिए?, Kanya Raashi Walon Ko Kiski Pooja Karni Chahiye?
कन्या राशि के जातक अगर अपनी राशि के इष्टदेव की पूजा करें तो उन्हे विशेष फल की प्राप्ति होगी, क्योंकि कन्या राशि के इष्टदेव गणेशजी और विष्णुजी हैं, इसलिए कन्या राशि के जातकों को मनोकामना पूर्ति के लिए विघ्नहर्ता श्री गणेश और भगवान विष्णु जी की पूजा करनी चाहिए. यहां जानिए भगवान गणेश और विष्णु जी की पूजा विधि-
1- गणेश जी की पूजा विधि गणेश जी की पूजा करने के लिए कन्या राशि के लोग बुधवार के दिन सुबह जल्दी उठें व स्नान ध्यान आदि से निवृत्त हो जाएं. घर के पूजा स्थल पर पूर्व या उत्तर दिशा की और मुख करके शुद्ध आसन पर बैठें. इसके बाद पूजा के लिए एक साफ चौकी पर लाल कपड़ा बिछाकर श्री गणेश की मूर्ति या तस्वीर स्थापित करें. श्रीगणेश सहित प्रभु शिव व गौरी, नन्दी, कार्तिकेय सहित सम्पूर्ण शिव परिवार की मूर्ति भी रखें व उनकी भी पूजा करें. अब सभी पूजन सामग्री जैसे पुष्प, धूप, दीप, कपूर, रोली, मौली लाल, चंदन, मोदक आदि को क्रमवत् व पूरी श्रद्धा के साथ गणेश भगवान को अर्पित करें. श्रीगणेश भगवान को मोदक (लड्डू) अधिक प्रिय होते हैं इसलिए उन्हें देशी घी से बने मोदक का प्रसाद भी चढ़ाएं. ध्यान रखें कि भगवान श्रीगणेश को तुलसी दल व तुलसी पत्र नहीं चढ़ाना चाहिए. उन्हें दुर्वा को धोकर ही चढ़ाना चाहिए. अब गणेशजी को सूखे सिंदूर का तिलक लगाएं, महिलाएं रोली का तिलक लगाएं. पूजा के अंत में गणेश जी की आरती उतारें. गणेश भगवान की पूजा के बाद दुर्गा सप्तशती का पाठ करना फलदायी माना जाता है. अगर समय का अभाव है तो 12 वें अध्याय और कुंजीकास्तोत्र का पाठ कर लेना चाहिए, इससे आपको भगवान गणेश व मां दुर्गा के आशीर्वाद मिलेगा और शीघ्र ही आपकी सभी मनोकामना पूर्ण होगी.

2- विष्‍णु जी की पूजा विधि – शास्‍त्रों के अनुसार बृहस्‍पतिवार के दिन विष्‍णु पूजन का विशेष महत्‍व है. इसलिए कन्या राशि के जातक विष्णु जी की पूजा करने के लिए बृहस्‍पतिवार के दिन प्रातः काल स्नान ध्यान आदि से निवृत्त हो जाएं. अपने घर में पूर्व या उत्तर दिशा की और मुख करके शुद्ध आसन पर बैठें.  सबसे पहले पूजा या व्रत का संकल्‍प लें. संकल्‍प लेने के लिए हाथों में जल, पुष्‍प और चावल लें. संकल्‍प में पूजन का साल, वार, तिथि, जगह और अपने नाम को लेकर अपनी मनोकामना बोलें. अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें. किसी भी शुभ कार्य या पूजन में सबसे पहले गणेश जी का नाम लेना मंगलकारी रहता है. इसीलिए सबसे पहले गणेश जी को स्‍नान कराएं और उन्हें वस्‍त्र, पुष्‍प और अक्षत अर्पित करें. इसके पश्‍चात् भगवान विष्‍णु की पूजा करें. भगवान विष्‍णु का आवाह्न करें और उन्‍हें आसन दें. अब विष्‍णु जी को पहले पंचामृत और फिर जल से स्‍नान करवाएं. उन्हें वस्‍त्र, आभूषण और यज्ञोपवीत पहनाएं. फूलों की माला और सुगंधित इत्र अर्पित करें. उनके माथे पर तिलक लगाएं. तिलक के लिए अष्‍टगंध का प्रयोग कर सकते हैं. अब धूप और दीप अर्पित करें. भगवान विष्‍णु को तुलसीदल विशेष प्रिय है इसलिए विष्‍णु पूजन में इसका प्रयोग जरूर करें. भगवान विष्‍णु के पूजन में चावलों का प्रयोग नहीं किया जाता है इसलिए चावल के स्‍थान पर तिल का प्रयोग करें. अब भगवान को फल व मिठाई को भोग लगाएं. पूजा के अंत में घी का दीपक जलाएं और आरती करें. आरती के बाद नेवैद्य अर्पित करें और ऊं नमो नारायणाय नम: मंत्र का जाप करें. सच्‍चे मन और भक्‍तिभाव से मां लक्ष्‍मी के स्‍वामी भगवान विष्‍णु की पूजा करने वालों को गृहस्‍थ जीवन का सुख मिलता है, सभी कष्‍ट दूर हो जाते हैं और मां लक्ष्‍मी धन और वैभव प्रदान करती हैं.

कन्या राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए?

कन्या राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए, Kanya Rashi Vaalon Ko Kaun Sa Vrat Karna Chahiye
कन्या राशि का स्वामी बुध है इसलिए कन्या राशि वालों को बुधवार का व्रत करना चाहिए. बुधवार का दिन भगवान श्री गणेश और बुध देव को समर्पित होता है. बुधवार का व्रत करने से सुख-शांति और समृद्धि की भी प्राप्ति होती है, व्यक्ति का ज्ञान बढ़ता है, व्यापार में लाभ मिलता है और कार्य क्षेत्र में आने वाली बाधाओं से छुटकारा मिलता है. मान्यता है कि जिन लोगों की कुण्डली में बुध अनुकूल परिणाम देने के लिए सक्षम नहीं है उन्हें भी इस व्रत का पालन करना चाहिए. ऐसा कहा जाता है कि जो इंसान विधि पूर्वक बुधवार का व्रत रखता है उसकी हर एक मनोकामना पूरी होती हैं. अगर आप भी बुधवार का व्रत रख रहे हैं तो यहां जानें व्रत की पूजा विधि-
कब से शुरू करें बुधवार व्रत – बुधवार व्रत को शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार से शुरू करना शुभ माना जाता है.
बुधवार के कितने व्रत करना चाहिए – बुधवार का व्रत लगातार 7, 21 या 41 बुधवार तक किया जाना चाहिए.

बुधवार के व्रत की विधि- कन्या राशि के जो जातक यह व्रत कर रहे हैं वे बुधवार के दिन सुबह स्नान के बाद हरे रंग का वस्त्र धारण करें. अब अपने घर में पवित्र जल का छिड़काव करें. भगवान बुध की मूर्ति कांस्य पात्र पर स्थापित करें. यदि पूजा के लिये भगवान बुध की प्रतिमा न मिले तो भगवान शिव शंकर की प्रतिमा से भी पूजा की जा सकती है. व्रत शुरु करने से पहले गणेश जी सहित नवग्रह पूजन करें. अब व्रत आरंभ करते समय हाथ में जल, अक्षत, पान का पत्ता, सुपारी और कुछ सिक्के लेकर एक निश्चित समय अवधि के लिए व्रत रखने का संकल्प लें. अब धूप, बेल-पत्र, अक्षत और घी का दीपक जलाकर भगवान बुध की पूजा करें. इस दिन भगवान को सफेद फूल तथा हरे रंग की वस्तुएं चढ़ाएं. इसके बाद निम्न मंत्र से बुध की प्रार्थना करें-
बुध त्वं बुद्धिजनको बोधदः सर्वदा नृणाम्‌.
तत्वावबोधं कुरुषे सोमपुत्र नमो नमः॥
अब भगवान को गुड़, भात और दही का भोग लगाएं. बुधवार की व्रतकथा सुनकर आरती करें. पूजा के बाद सभी लोगों में भगवान का प्रसाद बांटकर स्वयं भी ग्रहण करें. यथाशक्ति ब्राह्मणों को भोजन कराकर उन्हें दान दें. व्रती एक समय ही भोजन करें. ध्यान दें कि बुधवार व्रत के दौरान भागवत महापुराण का पाठ अवश्य करना चाहिए.
बुधवार के व्रत में क्या खाएं क्या नहीं – बुधवार के व्रत में नमक खाना वर्जित है. यानि इसमें आपको मीठा या फीका भोजन करना होगा.

बुधवार व्रत की उद्यापन विधि- व्रत की अवधि पूर्ण होने पर पूरी विधि और नियम के अनुसार व्रत का उद्यापन करना चाहिए. बुधवार के दिन प्रात: काल उठकर नित -क्रम कर स्नान कर लें, हरा वस्त्र पहनें, मस्तक पर सफेद चंदन, हरी इलायची घिसकर लगाएं. भगवान बुध या शंकर जी की मूर्ति कांस्य पात्र पर स्थापित करें. हाथ में जल, अक्षत, पान का पत्ता, सुपारी और कुछ सिक्के लेकर निम्न उद्यापन का संकल्प करें. (संकल्प विधि – उद्यापन का महीना, पक्ष, तिथि, दिन, नक्षत्र का नाम, अपने गोत्र का नाम, अपना नाम लेकर मैं उद्यापन कर रही हूं, ऐसा भगवान के समक्ष बोलें) अब उपरोक्त विधि से पूजा पाठ करें. अब बुध मंत्र से हवन करके पूर्णाहुति देकर 21 अथवा सामर्थ्य अनुसार ब्राह्मणों को मीठा भोजन कराएं और दक्षिणा दें. भगवान गणेश के किसी भी स्तोत्र अथवा पाठ की एक एक पुस्तक हरे वस्त्र सहित दक्षिणा में दे सकते हैं. तत्पश्चात् बंधु-बांधवों सहित स्वयं भोजन कर व्रत का उद्यापन करें.

कन्या राशि के लिए मंत्र, Kanya Rashi Ke Liye Mantra

1. ॐ बुं बुधाय नम: – सुख-शांति के लिए
2. ॐ शं शनैश्चराय नम: – बाधा दूर करने के लिए
3. ॐ ऐं श्रीं सौं: – लक्ष्मी प्राप्ति के लिए
कैसे करें मंत्र जाप – कन्या राशि के लोग अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए उपरोक्त मंत्र को पूरे मन व श्रद्धा के साथ जपें. मंत्रो का जाप करने के लिए कन्या राशि के जातक सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत होकर साफ़ कपड़े पहन लें. अब पूजास्थल पर बैठ जाएं. मंत्र जाप करने के लिए घर के मंदिर में भगवान की पूजा करें. धुप-दीप आदि लगाएं और उपरोक्त मंत्र का जप कम से कम 108 बार करें. ऐसा करने से कुछ ही महीनों में उन्हे शुभ फल मिलने लगेगा.

कन्या राशि के लिए कौन सा पत्थर पहनना चाहिए?

कन्या राशि के लिए कौन सा रत्न/पत्थर पहनना चाहिए?, Kanya Rashi Ke Liye Kaun Sa Patthar Pahanna Chaahie?, Kanya Rashi Ke Liye Stone
कन्या राशि के स्वामी बुध देव है. इनका रंग हरा है इसलिए कन्या राशि में जन्म लेने वाले लोग हरा पन्ना पहने. हरा पन्ना इस राशि के लोगों के लिए बेहद शुभ होता है. पन्ना रत्न/पत्थर बुध ग्रह को बल प्रदान करने के लिए पहना जाता है. पन्ना मूल्यवान रत्नों में से एक है. जब आप पन्ना रत्न/पत्थर खरीदने जाते हैं, तो पन्ना रत्न की चमक, वजन, पारदर्शिता आदि को देखते हुए इसका मूल्य तय किया जाता है. कन्या राशि के जातक बुधवार के दिन सुबह स्ऩान करने के बाद सोने की अंगूठी में 3 या 6 रत्ती का पन्ना जड़वाकर कनिष्ठा अंगुली में धारण करना चाहिए.
पन्ना पहनने से लाभ और नुकसान – पन्ना पत्थर कन्या राशि के जातकों को अधिक व्यावहारिक और विश्लेषणात्मक बनने में मदद करता है. पन्ना रत्न/पत्थर प्रेरणा और धीरज का एक तत्व माना जा सकता है क्योंकि यह रक्षा और प्रोत्साहित करने में मददगार होता है. कन्या राशि वाले लोग यदि पन्ना रत्न धारण करते हैं, तो इससे इन्हें आत्मविश्‍वास, धन-वैभव और अच्छा स्वास्थ्य मिलता है. पन्ना धारण करने से स्मरण शक्ति बढ़ती है. नौकरी और व्यापार में उन्नति के लिए भी कन्या राशि के जातकों को पन्ना धारण करने की सलाह दी जाती है. पन्ना रत्न को अपनी राशिनुसार ही धारण करना चाहिए, अगर आपको रत्नों की सही जानकारी नहीं है, तो गलत रत्न/पत्थर कभी न पहनें, इसकी वजह से आपको जीवन में परेशानियां उठानी पड़ सकती है. लाल किताब के अनुसार बुध तीसरे या 12वें हो तो पन्ना नहीं पहनना चाहिए. ज्योतिष के अनुसार 6, 8, 12 का बुध स्वामी हो तो पन्ना पहनने से अचानक नुकसान हो सकता है, यदि बुध की महादशा चल रही है और बुध 8वें या 12वें भाव में बैठा है तो भी पन्ना धारण करने से समस्या उत्पन्न हो सकती है. इसलिए ज्योतिष की सलाह अनुसार ही आप कोई भी रत्न/पत्थर धारण करें.

कन्या राशि के उपाय, Kanya Rashi Ke Upaay

1. बुधवार के दिन गणेश जी को दूब या दूर्वा जरूर चढ़ाएं. यदि आप प्रत्येक बुधवार को 21 दूर्वा गणेश जी को चढ़ाएंगे तो अवश्य ही आपकी सारी परेशानिया दूर हो जाएंगी और गणेश जी का आशीर्वाद सदा आप पर बना रहेगा.
2. बुधवार के दिन गेंहू के आटे की गोलियां बनाकर उसमें चने की दाल और थोड़ी हल्दी मिलाकर गाय को खिलाए. इससे आपको बुध देव का आशीर्वाद मिलेगा व सभी मनोकामनाएं पूर्ण होंगी.
3. अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने के लिए कन्या राशि वालों को मंगलवार और शनिवार को हनुमानजी को सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाना चाहिए.
4. कन्या राशि के जातकों को कार्य क्षेत्र में सफलता पाने के लिए गुरुवार के दिन पीले चंदन का तिलक लगाना चाहिए.
5. दुखों से छुटकारा पाने के लिए कन्या राशि के जातक राम, कृष्ण, ओम या इष्ट देव का जाप करें और बुधवार का व्रत रखें.
6. मनोकामना पूर्ति के लिए कन्या राशि के जातक सोमवार के दिन गाय का दूध भगवान शिव को अवश्य चढ़ाएं.
7. कार्य में स्थिरता के लिए कन्या राशि वाले गले में तुलसी की माला धारण करें. भजपत्र पर गोरोचन से अनार की कलम द्वारा अपनी मनोकामना लिखकर पूजा घर में रख दें. जब मनोकामना पूर्ण हो जाए तो उसे बहते हुए पानी में प्रवाहित कर दें.

8. शारीरिक पीड़ा अथवा रोग से ग्रसित कन्या राशि वालों को भोजपत्र पर लाल चंदन से अपने शत्रु का नाम लिखकर उसे शहद में डूबो दें. इस उपाय को करने से आपको स्वास्थ्य लाभ मिलेगा.
9. आर्थिक जीवन मजबूत करने के लिए कन्या राशि के जातक पूजा करते समय रेशमी वस्त्र के आसन पर बैठें. इसके अलावा पूजा घर की दीवार का रंग सफेद या हल्के रंग में रखें.
10. जीवन में आर्थिक स्थिरता बनी रहे इसके लिए कमलगट्टे की माला लेकर लक्ष्मी माता के मंदिर में चढ़ाएं. यह उपाय शुक्रवार के दिन करें.
11. यदि आपके ऊपर कर्ज चढ़ा हुआ है और उससे छुटकारा पाना चाहते हैं तो इसके लिए धनतेरस से लेकर दीवाली तक कौवे को मीठे चावल खिलाएं. ऐसा करने से आपको निश्चित ही लाभ मिलेगा.
12. शिक्षा क्षेत्र में कामयाबी पाने के लिए कन्या राशि के लोग गौ माता को हरा चारा अथवा हरी सब्ज़ियां खिलाएं और उनकी पीठ पर 3 बार हाथ फेरें. ऐसा करने से अवश्य सफलता मिलेगी.
13. साल में कम से कम एक बार बुधवार के दिन अपने वजन के बराबर घास खरीदकर गौशाला में दान करें, इससे भगवान गणेश प्रसन्न होकर आपके कष्टों का निवारण करेंगे और शुभ फल देंगे.
14. बुधवार के दिन गणपति अथर्वशीर्ष का पाठ करने से विशेष लाभ मिलेगा. इसके अलावा आप गणेश मंदिर जाकर उन्हें दूर्वा अर्पित करें और लड्डू का भोग जरूर लगाएं.
15. बुधवार के दिन 7 साबुत कौड़ियां लें. कौड़ियां बाजार में पूजन सामग्री की दुकानों पर आसानी से मिल जाती हैं. इसके साथ ही एक मुट्ठी हरे खड़े मूंग लें और दोनों को एक हरे कपड़े में बांधकर चुपचाप किसी मंदिर की सीढ़ियों पर रख आएं. लेकिन ध्यान रखें कि इस संबंध में किसी को कुछ न बताएं और पूरी आस्था रखें. जरूर लाभ मिलेगा.

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