Kumbh Raashi Walon Ko Kiski Pooja Karni Chahiye

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कुंभ राशि – परिचय

सभी 12 राशियों की संख्या में ग्यारहवीं राशि कुंभ है. कुंभ राशि का स्वामी शनि है जिसके कारण इस राशि के लोगों के ऊपर शनि ग्रह का विशेष प्रभाव देखने को मिलता है. इस राशि का प्रतीक चिह्न घड़ा है. कुंभ राशि के लोग शारीरिक रूप से सुस्त लेकिन वैचारिक रूप से बलवान होते हैं. ये खोजकर्ता, साहसी और दूरदर्शी होते हैं. कुंभ राशि में जन्मा व्यक्ति आधुनिक, स्वतंत्र और स्वतंत्रता-प्रेमी होता है. कुंभ राशि के लोगों को अपने जीवन में कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. अगर आप किसी संकट में हैं और उससे बाहर निकलने का कोई रास्ता नजर नहीं आ रहा, सारे उपाय करके थक चुके हैं पर जीवन में सफलता नहीं मिल रही तो आप अपने राशिनुसार पूजा पाठ और कुछ उपाय कर शीघ्र ही लाभ पा सकते हैं. आइए जानते हैं कुंभ राशि के जातकों को किसकी पूजा करनी चाहिए?, कौन सा व्रत करना चाहिए, किस मंत्र का जाप करना चाहिए, क्या दान करना चाहिए व कौन से उपाय करने चाहिए ताकि उन्हें मनचाहा फल प्राप्त हो सके-

कुंभ राशि वालों को किसकी पूजा करनी चाहिए?

कुंभ राशि वालों को किसकी पूजा करनी चाहिए?, Kumbh Raashi Walon Ko Kiski Pooja Karni Chahiye?
ज्योतिष में कुंभ राशि के स्वामी ग्रह शनिदेव माने गए हैं. शनिदेव के साथ-साथ इस राशि पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है और कुंभ राशि भगवान शिव को अतिप्रिय भी है. इसलिए कुंभ राशि के जातकों को शनिदेव के साथ साथ भगवान शंकर की पूजा करनी चाहिए. यहां जानिए मनोकामना पूर्ति के लिए कुंभ राशि के जातक कैसे करें शिव जी और शनिदेव की पूजा-
1. शनिदेव की पूजा विधि – शनिदेव की पूजा के लिए शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान कर स्वच्छ काले रंग का वस्त्र धारण कर लें. घर के मंदिर में तेल का दीपक जलाएं. प्रथम पूज्य गणेश जी के पूजन से पूजा प्रारंभ करें. अब शनि देव को नीले लाजवन्ती का फूल, तिल, तेल, गुड़ अर्पण करें. पूजा के अंत में 21 बार शनिदेव महाराज के मंत्रों ओम शनैश्चराय विदमहे सूर्यापुत्राय धीमहि.. तन्नो मंद: प्रचोदयात.. का जाप करें. पूजा के अंत में कपूर से शनिदेव की आरती करें. शनि चालीसा का पाठ करें. पूरे दिन उपवास करें और शाम को पूजा दोहराकर पूजा का समापन करें. पूजा संपन्न होने के पश्चात अपने अपराधों एवं जाने अनजाने हुए पाप के लिए शनिदेव से क्षमा याचना करें. शनि महाराज की पूजा के पश्चात राहु और केतु की पूजा भी जरूर करें. अपने अच्छे दिन लाने के लिए कुभ राशि के जातक शनिदेव की पूजा के बाद पीपल में जल दें और पीपल में सूत्र बांधकर सात बार परिक्रमा करें.

2. शिव जी की पूजा विधि- भगवान शंकर की पूजा के लिए प्रात:काल जल्दी उठकर स्नान आदि कर साफ वस्त्र पहन लें. घर के मंदिर में दीपक जलाएं और भगवान शिव के साथ सभी देवी- देवताओं का गंगा जल से अभिषेक करें. उन्हें पुष्प चढ़ाएं और सात्विक चाजों का भोग भी लगाएं. पूजा के अंत में भगवान शिव की आरती उतारें. ध्यान रखें कि भगवान शंकर की पूजा में तुलसी दल का इस्तेमाल नहीं किया जाता है. अगर आप शिवलिंग की पूजा कर रहें हैं तो शंख से जल अर्पित न करें. शिवलिंग पर केवड़े और केतकी का पुष्प अर्पित न करें, हल्दी का इस्तेमाल भी न करें. ना ही नारियल पानी चढ़ाएं.

कुंभ राशि वालों को कौन सा व्रत करना चाहिए?

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कुंभ राशि के स्वमी शनिदेव हैं इसलिए कुंभ राशि के जातकों को शनिदेव की कृपा पाने के लिए शनिवार का व्रत करना चाहिए. शनिवार के दिन व्रत करने से शनि ग्रह का दोष समाप्त होता है, साढ़ेसाती और ढैय्या से छुटकारा मिलता है. इस व्रत को करने से भविष्य में आने वाले प्रकोप से भी बचाव होता है, बिगड़ा काम पूरा होता है, कार्यक्षेत्र में सफलता मिलती है तथा सुख-समृद्धि, मान-सम्मान और धन-यश की भी प्राप्ति होती है. यहां जानिए कुंभ राशि के लोग कैसे करें शनिवार का व्रत-
कब से शुरू करें शनिवार व्रत – वैसे तो शनिवार का व्रत कभी भी शुरू किया जा सकता है, लेकिन श्रावण मास में शनिवार का व्रत प्रारंभ करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है.
शनिवार के कितने व्रत करना चाहिए – यह व्रत लगातार 7, 11, 21, 51 शनिवार तक करना चाहिए. ध्यान रखें कि महिलाओं को शनि देव की मूर्ति या उनके शिला रूप को छूना नहीं चाहिए. धर्म-शास्‍त्रों के मुताबिक ऐसा करने से महिलाओं पर शनि की नकारात्‍मक ऊर्जा का प्रभाव पड़ता है.
शनिवार के व्रत की विधि- शनिवार का व्रत करने के लिए ब्रह्म मुहूर्त में उठें. नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें व नीले या काले रंग के वस्त्र पहन लें. अब सबसे पहले पीपल के वृक्ष पर जल अर्पण करें. लोहे से बनी शनि देव की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं. फिर इस मूर्ति को चावलों से बनाए चौबीस दल के कमल पर स्थापित करें. इसके बाद काले तिल, फूल, धूप, काला वस्त्र व तेल आदि शनिदेव को अर्पित करें. शनि चालीसा, स्तोत्र, शनि व्रत कथा (उपवास कथा) का पाठ और आरती से भगवान की पूजा करें. पूजन के बाद कुंभ राशि के लोग पीपल के वृक्ष के तने पर सूत के धागे से सात बार परिक्रमा करें. इसके पश्चात शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे. केतवेअथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भव॥ मंत्र से शनि देव की प्रार्थना करें- इसी तरह हर शनिवार व्रत रखना चाहिए.

शनिवार व्रत में क्या खाएं क्या नहीं – शनिवार के व्रत में एक समय के भोजन का विधान है. उड़द की दाल की खिचड़ी अथवा दाल खाई जाती है. शनिवार को दूध, दही, मसूर दाल ना खाएं. इस दिन शराब से दूर रहें. इस दिन सरसों का तेल खाने से भी बचना चाहिए.
शनिवार व्रत की उद्यापन विधि- शनिदेव के व्रत का उद्यापन विधिपूर्वक 7, 11, 21, 51 अथवा जितने भी व्रत करने का आपने संकल्प किया था उतने शनिवार के व्रत के बाद आखिरी शनिवार को करना चाहिए. उद्यापन के लिए व्रत के आखिरी शनिवार को प्रात:काल नित्य कर्मो से निवृत होकर स्नान के जल में गंगा जल व काले तिल डालकर स्नान करें साथ में ॐ प्राम प्रीम प्रौम सः शनैश्चराय नमः का जाप करें. अब उपरोक्त विधि से पूजा करें. इसके बाद शनि देव के बीज मंत्र का कम से कम 108 बार या अपनी श्रद्धा अनुसार इससे अधिक बार मंत्रों का जाप करें या महाराज दशरथ कृत शनि स्तोत्र के द्वारा भी शमी की लकड़ी व संकट नाशक सामग्री की यज्ञ कुंड में आहूति देते हुए यज्ञ करें. हवन पूरा होने के बाद छायापात्र का दान तथा शनि देव से संबंधित सामग्रियों का दान गरीब और भिखारियों में करें. आखिर में भोजन कर व्रत का उद्यापन करें.

कुंभ राशि के लिए मंत्र, Kumbh Rashi Ke Liye Mantra

1. ॐ शं शनैश्चराय नम: – का जप करें
2. ॐ ह्रीं ऐं क्लीं श्रीं – लक्ष्मी के लिए जपें
कैसे करें मंत्र जाप – मंत्र जाप करने के लिए स्नान कर शुद्ध हो जाएं और साफ कपड़े पहन लें. सबसे पहले घर के मंदिर में भगवान की पूजा- अर्चना करें. पूजा में हार-फूल, प्रसाद सहित अन्य सामग्री प्रतिमा को चढ़ाएं. इसके बाद आसन पर बैठकर उपरोक्त मंत्र का जाप 108 बार करें.

कुंभ राशि के लिए कौन सा पत्थर पहनना चाहिए?

कुंभ राशि के लिए कौन सा पत्थर पहनना चाहिए?, Kumbh Rashi Ke Liye Kaun Sa Patthar Pahanna Chaahie?, Kumbh Rashi Ke Liye Stone
कुंभ राशि के स्वामी शनि है और शनि का रंग काला है इसलिए कुंभ राशि के जातकों को ब्लू नीलम धारण करने की सलाह दी जाती है. नीलम पत्थर/रत्न शनि ग्रह का रत्न है इसलिए शनि ग्रह के लिए नीलम रत्न पहना जाता है. कुंभ के अलावा शनि की राशि मकर को भी नीलम पहनने की सलाह दी जाती है. आप शनिवार के दिन सुबह स्नान करने के बाद दायें हाथ की मध्यमा उंगली में नीलम पत्थर/रत्न को धारण कर सकते हैं.
नीलम पहनने से लाभ – कुंभ राशि के जातकों के लिए नीलम रत्न शुभ है. यह रत्न कुंभ राशि के लोगों को व्यवसाय में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है. कुंभ राशि के लोग यदि नीलम पत्थर/रत्न धारण करते हैं, तो इससे उन्हें आर्थिक लाभ, स्वास्थ्य लाभ, यश-कीर्ति और आत्मविश्‍वास मिलता है. यह व्यक्ति में दूरदृष्टि, कार्यकुशलता और ज्ञान को बढ़ाता है. नीलम पत्थर/रत्न को बहुत सोच-समझकर और ज्योतिष की सलाह पर ही धारण करना चाहिए, क्योंकि पूर्ण रूप से फलित नहीं होने पर यह रत्न धारण करने से राजा को भी रंक बनते देर नहीं लगती. माना जाता है कि नीलम आसमान पर उठाता है और खाक में मिला भी देता है. इसीलिए कुंडली की जांच करने के बाद ही नीलम रत्न पहनें. सामान्यत: उन्हीं लोगों को यह रत्न धारण करने की सलाह दी जाती है जिनकी कुंडली में शनि कमजोर स्थिति में हो.
कुंभ राशि के जातक कौन सा पत्थर/रत्न धारण न करें- पुखराज कुंभ राशि के लिए नुकसानदायक हो सकता है. इसलिए कुंभ राशि के लोग इस पत्थर/रत्न को न पहनें.

कुंभ राशि के उपाय, Kumbh Rashi Ke Upaay

1. शनिदेव से जुड़े दोष दूर करने के लिए शिव की उपासना एक सिद्ध उपाय है. नियमपूर्वक शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करने से शनि के प्रकोप का भय नहीं रहता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं. इस उपाय से शनि द्वारा मिलने वाला नकारात्मक परिणाम समाप्त हो जाता है.
2. शनिदोष को दूर करने के लिए कुंभ राशि के जातक प्रत्येक शनिवार को 11 बार महाराज दशरथ द्वारा लिखा गया दशरथ स्तोत्र का पाठ करें. शनि महाराज ने स्वयं दशरथ जी को वरदान दिया था कि जो व्यक्ति आपके द्वारा लिखे गये स्तोत्र का पाठ करेगा उसे मेरी दशा या शनि दशा के दौरान कष्ट का सामना नहीं करना होगा.
3. शनिदेव (Shani Dev) की कृपा पाने के लिए कुंभ राशि के जातक हर शनिवार शाम को किसी शनि मंदिर (Shani Mandir) में ओम शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करें.
4. शनिदेव की कृपा पाने के लिए कुंभ राशि के जातक अपने माता-पिता का सम्मान और उनकी सेवा करें. यदि आप अपने माता-पिता से दूर रहते हैं तो उन्हें फोन से या फिर मन ही मन प्रतिदिन प्रणाम करें.
5. शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए शनि यंत्र की स्थापना करें. हर रोज इसके सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि यंत्र की विधि-विधान से पूजा करें. ऐसा करने वालों पर शनि की कुदृष्टि नहीं होती तथा व्यक्ति का भाग्योदय होता है.
6. पीपल के वृक्ष के नीचे हर शनिवार को सरसों के तेल का दीपक जलाएं. इसके बाद ॐ शं शनैश्चराय नमः मंत्र का जाप करते हुए वृक्ष की नौ बार परिक्रमा करें, लाभ मिलेगा.

7. शनिवार को पीपल का एक पत्ता उठा लाएं. उस पर सुगंध लगाएं. पत्ते को अपने पर्स में रख लें. हर महीने पत्ते को बदल लें, इस उपाय से भी कुंभ राशि के जातकों की किस्मत में काफी सकारात्मक बदलाव होता है.
8. शनिवार के दिन काली गाय के माथे पर कुमकुम से तिलक लगाएं. इसके बाद उसे बूंदी का लड्डू खिलाएं. फिर उसके दाहिने सींग को अपने हाथ से छूकर आशीर्वाद लें. ऐसा करने से आपके सारे कष्ट दूर हो जाएंगे.
9. दुखों से छुटकारा पाने के लिए कुंभ राशि के जातक बछड़े की सेवा करें.
10. मनोकामना पूर्ति के लिए कुंभ राशि के जातक शनिवार के दिन किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर 11 फूल और 11 बेलपत्र से बनी माला चढ़ाएं.
11. शनिवार के दिन एक कटोरे में सरसों का तेल निकालें और उस तेल में अपना चेहरा देखें. फिर वो तेल किसी को दान कर दें. ऐसा करने से आपको जीवन के तमाम दुखों से छुटकारा मिलेगा.
12. घर में शनिवार के दिन शमी का वृक्ष लगाएं. नियमित रूप से शमी वृक्ष की पूजा करें. इससे न सिर्फ आपके घर का वास्तुदोष दूर होगा बल्कि शनिदेव की कृपा भी बनी रहेगी और किस्मत के सितारें भी बुलंद होंगे.
13. शनिवार के दिन उड़द दाल की खिचड़ी खाने से भी शनि दोष के कारण प्राप्त होने वाले कष्ट में कमी आती है.

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