Tula Rashi-ke Acche Din Kab Aaenge

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तुला राशि के अच्छे दिन कब आएंगे, Tula Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge
राशिचक्र की सातवीं राशि तुला है. तुला का राशि स्वामी शुक्र है और इसका तत्व वायु होता है. यह पश्चिम दिशा की स्वामिनी है. जिनके नाम का प्रथम अक्षर Ra, Raa, Ree, Roo, Re, Ro, Taa, Tee, Too, Te रा, र, री, रू, रे, रो, ता, टी, तू, ते इत्यादि से प्रारंभ होता उनकी राशि तुला होती है. ये सभी अक्षर तुला राशि से संबध रखते है.तुला राशि का चिन्ह तराजू यानी तुला है, जो दर्शाता है कि विचारों से सम और हर बात को पूरी तरह तौलकर देखने वाला जातक तुला राशि का होगा. लेकिन कई बार तुला राशि के लोग अपने ही अलग स्वभाव के कारण परेशानी में पड़ जाते हैं. इसलिए अगर तुला राशि के जातक किसी समस्या से जूझ रहे हैं तो वे इस खबर में जानें कि उनके अच्छे दिन कब और कैसे आएंगे, तुला राशि की परेशानी क्या है, तुला राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं और परेशानी से छुटकारा पाने के उपाय-

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A . इष्ट देव की पूजा से तुला राशि के अच्छे दिन आएंगे
तुला राशि के जो जातक अपने अच्छे दिन लाना चाहते हैं वे अपने इष्ट देव कू पूजा करें. इष्ट देव का अर्थ है अपनी राशि के पसंद के देवता, जिनका संबंध हमारे कर्मों और हमारे जीवन से होता है. इष्ट देव की पूजा करने से कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर इष्ट देव प्रसन्न हैं तो यह सभी दोष व्यक्ति को अधिक परेशान नहीं करते. आपको पता हो कि तुला (Libra) राशि का स्वामी शुक्र ग्रह है और इसलिए इनकी इष्ट देवी मां दुर्गा हैं, मां दुर्गा के साथ ही तुला राशि के जातक शिव जी के दूसरे रूप कालभैरव और शनिदेव को अपना इष्टदेव मानकर पूजा कर सकते हैं. अगर तुला राशि का कोई अपने जीवन में सुख और अच्छे दिन लाना चाहता है तो अपने राशि के अनुसार ईष्ट देव यानी की मां दुर्गा व कालभैरव या शनिदेव की विधिवत पूजा करें.

1. दुर्गा पूजन से तुला राशि के अच्छे दिन आएंगे
तुला राशि के जातक अपने अच्छे दिन लाने के लिए अपनी इष्ट देवी मां दुर्गा का पूरे मन व श्रद्धा के साथ पूजा करें. किसी भी शुभ कार्य या पूजन में सबसे पहले प्रथम पूज्‍य भगवान गणेश का नाम लेना मंगलकारी रहता है इसीलिए मां दुर्गा की पूजा से पहले गणेश जी की पूजा करें. गणेश जी की पूजा के बाद मां दुर्गा की पूजा करें. सबसे पहले अपने मन में दुर्गा माँ का आवाह्न करें और उन्‍हें आसन दें. अब दुर्गा माँ को पहले पंचामृत और फिर जल से स्‍नान करवाएं. अब माता दुर्गा को वस्त्र अर्पित करें. वस्त्रों के बाद आभूषण पहनाएं. अब हाथ मैं अक्षत पुष्प लेकर श्री जगदम्बायै दुर्गा देव्यै नम:, दुर्गादेवीमावाहया​मि मंत्र बोलते हुए दुर्गा माँ का आवाहन करें. अब मां दुर्गा के समक्ष घी का दीपक जलाएं, मां को कुमकुम, अक्षत, सिंदूर, इत्र ,गुड़हल का पुष्प और माला अर्पित करें. मिठाइयाँ एवं फलों का नैवेद्य अर्पित करें. श्री दुगा चालीसा का पाठ करे. अंत मैं दुर्गा माँ की आरती करें. दुर्गा पूजा के बाद अज्ञानतावश पूजा में कुछ कमी रह जाने या गलतियों के लिए दुर्गा माँ के सामने हाथ जोड़कर निम्नलिखित मंत्र का जप करते हुए उनसे क्षमा याचना करें-
मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरि l यत पूजितं मया देवी, परिपूर्ण तदस्त्वैमेव l
आवाहनं न जानामि, न जानामि विसर्जनं l पूजा चैव न जानामि, क्षमस्व परमेश्वरि l
इस प्रकार विधिवत् माता दुर्गा का पूजन करने से तुला राशि के लोगों को लाभ मिलेगा और जल्द ही उनके अच्छे दिन आएंगे.

2. शनिदेव पूजन से तुला राशि के अच्छे दिन आएंगे
तुला राशि के जो जातक अपने अच्छे दिन लाना चाहते हैं वे शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा व व्रत करें, इससे उन्हें विशेषफल की प्राप्ति होगी. श्रावण मास में शनिवार का व्रत प्रारम्भ करना अति मंगलकारी है. शनिदेव की पूजा के लिए सुबह जल्दी उठकर स्नान कर लें व स्वच्छ काले रंग का वस्त्र पहन लें. अब घर के मंदिर में तेल का दीपक जलाएं और गणेश जी के पूजन से पूजा की शुरुआत करें. शनि देव को नीले लाजवन्ती का फूल, तिल, तेल, गुड़ अर्पण करें. अब भगवान शिव औऱ हनुमान जी को भी फल और फूल चढ़ाएं. शनि चालीसा का पाठ करें. पूजा के अंत में 21 बार शनिदेव महाराज के मंत्र ओम शनैश्चराय विदमहे सूर्यापुत्राय धीमहि।। तन्नो मंद: प्रचोदयात।। का जाप करें और अंत में कपूर से आरती करें. शनिदेव की पूजा के पश्चात उनसे अपने अपराधों एवं जाने अनजाने हुए पाप कर्म के लिए क्षमा याचना करें.

3. कालभैरव पूजन से तुला राशि के अच्छे दिन आएंगे
तुला राशि के जो व्यक्ति अपने अच्छे दिन लाना चाहते हैं वे कालभैरव की पूजा करें. कालभैरव की पूजा के लिए सुबह ब्रह्ममुहूर्त में उठ कर नित्य-क्रिया आदि कर स्वच्छ हो जाएं और साफ वस्त्रों को पहन लें. एक लकड़ी के पाट पर सबसे पहले शिव और पार्वतीजी के चित्र या मूर्ति को स्थापित करें. फिर काल भैरव के चित्र या मूर्ति को स्थापित करें. उनपर जल का छिड़काव कर स्नान कराएं. इसके बाद सभी को गुलाब के फूलों का हार पहनाएं या फूल चढ़ाएं. अब सरसों के तेल का चौमुखी दीपक जलाएं और साथ ही धूप जलाएं. अब हल्दी से सभी को तिलक लगाएं. अब शिव और पार्वतीजी का पूजन करें और उनकी आरती उतारें. फिर भगवान भैरव का पूजन करें, उन्हें काले तिल, उड़द अर्पित करें और उनकी आरती उतारें. इस दौरान शिव चालीसा और भैरव चालीसा पढ़ें. ह्रीं उन्मत्त भैरवाय नमः मंत्र का जाप करें. इसके उपरान्त काल भैरव की आराधना करें. अब पितरों को याद करें और उनका श्राद्ध करें. व्रत के सम्पूर्ण होने के बाद काले कुत्‍ते को मीठी रोटियां खिलाएं या कच्चा दूध पिलाएं. इस विधि से पूजन करने पर तुला राशि के जातकों के शीघ्र ही अच्छे दिन आएंगे.

शुक्रवार का व्रत करने से तुला राशि के अच्छे दिन आएंगे
इसलिए तुला राशि के जो जातक अपने अच्छे दिन लाना चाहते हैं वे शुक्रवार का व्रत अवश्य रखें. यह व्रत उन्हें मां संतोषी के लिए रखना है. यह व्रत आप किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के पहले शुक्रवार से शुरू कर सकते हैं. यहां जानिए शुक्रवार व्रत की संपूर्ण विधि-
शुक्रवार व्रत विधि – शुक्रवार का व्रत संतोषी माता को समर्पित है. संतोषी माता का व्रत करने के लिए शुक्रवार के दिन सूर्योदय से पूर्व उठें, ओर घर कि सफाई करने के बाद पूरे घर में गंगा जल छिडक कर शुद्ध कर लें. इसके पश्चात स्नान आदि से निवृ्त होकर, घर के ईशान कोण दिशा में एक एकान्त स्थान पर माता संतोषी की मूर्ति या चित्र स्थापित करें. संपूर्ण पूजन सामग्री तथा किसी बड़े पात्र में शुद्ध जल भरकर रखें. जल भरे पात्र पर गुड़ और चने से भरकर दूसरा पात्र रखें. संतोषी माता की विधि-विधान से पूजा करें. इसके पश्चात संतोषी माता की कथा सुनें. तत्पश्चात आरती कर सभी को गुड़-चने का प्रसाद बांटें. गुड़ और चने का प्रसाद स्वयं भी अवश्य खाएं. अंत में बड़े पात्र में भरे जल को घर में जगह-जगह छिड़क दें तथा शेष जल को तुलसी के पौधे में डाल दें. इसी प्रकार 16 शुक्रवार का नियमित उपवास रखें. अंतिम शुक्रवार को व्रत का विसर्जन करें. विसर्जन के दिन उपरोक्त विधि से संतोषी माता की पूजा कर 8 बालकों को खीर-पुरी का भोजन कराएं तथा दक्षिणा व केले का प्रसाद देकर उन्हें विदा करें. अंत में स्वयं भोजन ग्रहण करें. ध्यान रखें कि इस व्रत में खट्टी चीजों (अचार और खट्टा फल) को न ही स्पर्श करें और न ही सेवन करें. व्रत करने वाले के परिवार के लोग भी उस दिन कोई खट्टी चीज नहीं खाएँ. उपर दी गई विधि से अगर आप 16 शुक्रवार तक व्रत करेंगे तो शीघ्र ही आपके अच्छे दिन आएंगे और सारे कष्टों का निवारण भी होगा.

तुला राशि की किस्मत कब चमकेगी?, Tula Rashi Ki Kismat Kab Chamkegi?
B- शुक्र ग्रह के उपाय से तुला राशि की किस्मत चमकेगी
तुला राशि का स्वामी ग्रह शुक्र है. माना जाता है कि यदि कुंडली में शुक्र खराब है या उचित स्थिति में नही है तो जीवन कष्टों से भर जाता और किस्मत भी मुंह मोड़ लेती है. इसलिए तुला राशि के जातकों को अपनी किस्मत चमकाने के लिए अपने कुंडली के शुक्र को मजबूत करने के लिए कुछ उपाय करने होंगे, जो इस प्रकार हैं-
1. शुक्र को मजबूत करने के लिए शुक्र के बीज मंत्र ‘ओम शुं शुक्राय नम:’ का जप करें. इस मंत्र के नियमित जप से आपके सारे दुख मिट जाएंगे और किस्मत भी चमक उठेगी.
2. जिन लोगों का शुक्र ग्रह कमजोर है, उन्हें 21 बार या 31 बार शुक्रवार का व्रत करना चाहिए. यह व्रत करने से शुक्र मजबूत होता है और मां दुर्गा की भी कृपा प्राप्त होती है. इस व्रत के प्रभाव से किस्मत चमक उठती है और जीवन में सुख, सौभाग्य और समृद्धि प्राप्त होता है.
3. फिरोजा रत्न धारण करें. इस रत्न को पहनने से शुक्र भी अनुकूल होता है और राहु-केतु की प्रतिकूलता में भी कमी आती है. बृहस्पति ग्रह का यह नीला रत्न उपचारात्मक शक्तियों के लिए सबसे अच्छा माना जाता है. इस रत्न को धारण करने से जीवन में सुख-समृद्धि भी आती है.
4. शुक्र को प्रबल बनाने के लिए आपको सफेद कपड़े, सुंदर वस्त्र, चावल, घी, चीनी आदि का दान करना चाहिए. इनके अलावा आप श्रृंगार सामग्री, कपूर, मिश्री, दही आदी का भी दान कर सकते हैं. इस उपाय से आपको लाभ मिलेगा.
5. शुक्रवार को सफेद वस्त्र पहनकर ओम द्रां द्रीं द्रौं स: शुक्राय नम: मंत्र का जाप 5, 11 या 21 बार करना चाहिए. इससे तुला राशि के लोगों का शुक्र प्रबल होता है और किस्मत के सितारें भी बुलंद होते हैं.
6. शुक्र के लिए हीरा, सोना, स्फटिक भी दान करने के लिए कहा जाता है, लेकिन यह सबके लिए संभव नहीं है.
7. जिनका शुक्र कमजोर है, उनको हीरा पहनना चाहिए, इसके लिए आप किसी अच्छे ज्योतिषाचार्य की मदद ले सकते हैं.
8. शुक्र को मजबूत करने के लिए भोजन में चीनी, चावल, दूध, दही और घी से बने भोज्य पदार्थ खाना चाहिए. किसी को कोई सेहत संबंधी समस्या हो तो परहेज करें.
9. आप शुक्र का उपरत्न कुरंगी, दतला, तुरमली या सिम्मा धारण कर सकते हैं, इससे भी किस्मत चमक उठेगी.
10. महिलाओं का सम्मान करने, साफ-सफाई रखने और इत्र आदि का प्रयोग करने से भी शुक्र ग्रह मजबूत होता है.
11. शुक्र की स्थिति ठीक करने के लिए गौपालन एवं उसकी सेवा करें. ऐसा करने से अवश्य ही लुला राशि के जातकों की किस्मत चमक उठेगी.

C. रामेश्वर ज्योतिर्लिंग पर पूजा करने से चमकेगी तुला राशि की किस्मत
भगवान शंकर के पृथ्वी पर 12 ज्योतिर्लिंग हैं. भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों का अपना अलग महत्व है. शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर के ये सभी ज्योतिर्लिंग प्राणियों को दु:खों से मुक्ति दिलाने में मददगार है. इन सभी ज्योतिर्लिंगों को 12 राशियों से भी जोड़कर देखा जाता है. तमिलनाडु रामनाथपुरम जिले में स्थित भगवान राम द्वारा स्थापित रामेश्वर ज्योतिर्लिंग का संबंध तुला राशि से है. भगवन राम ने सीता की तलाश में समुद्र पर सेतु निर्माण के लिए इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना की थी. तुला राशि के जो जातक अपनी किस्मत चमकाना चाहते हैं और जीवन में सुख पाना चाहते हैं वे रामेश्वर ज्योतिर्लिंग पर पूजा करें. महाशिवरात्रि के दिन रामेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन से दांपत्य जीवन में प्रेम और सद्भाव बना रहता है. जो लोग इस दिन रामेश्वर ज्योतिर्लिंग का दर्शन नहीं कर सकें वह दूध में बताशा मिलाकर शिवलिंग को स्नान कराएं और आक का फूल शिव को अर्पित करें. रामेश्‍वरम/ रामलिंगेश्‍वर ज्योतिर्लिंग हिन्दुओं के चार धामों में से एक धाम है.  यहां भगवान राम का लोक-प्रसिद्ध विशाल मंदिर है. श्री रामेश्वर जी का मंदिर एक हजार फुट लम्बा, छः सौ पचास फुट चौड़ा तथा एक सौ पच्चीस फुट ऊँचा है.

तुला राशि की परेशानी, Tula Rashi Ki Pareshani
1. तुला राशि की परेशानी सबसे बड़ी परेशानी है उनकी भावुकता, इस राशि के जातक भावुक होते हैं और प्रायः उनकी भावुकता उन्हें धोखा दे जाती है.
2. तुला राशि का जातक अधिकांश समय चिंतामग्न रहता है.
3. इस राशि के लोग न्याय, जनस्वतंत्रता, जनाधिकार और सौंदर्य से लगाव रखते हैं. कभी-कभी इस कारण उन्हें निराशाओं का सामना करना पड़ता है.
4. तुला राशि की परिशानी ये है कि इस राशि का जातक वकीलों, विद्वानों एवं धार्मिक क्षेत्र में नामी लोगों से शत्रुता रखता है.
5. इस राशि का व्यक्ति स्वयं अपने लिए परेशानी उत्पन्न करता है और अपनी मृत्यु का कारण भी स्वयं ही बनता है.

तुला राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं?, Tula Rashi Vale Dukhi Kyon Rehte Hain?
तुला राशि के लोग अन्य लोगों के समक्ष खुद को छोटा अनुभव करते हैं जिसकी वजह से उन्हें कभी-कभी आलोचना का शिकार होना पड़ता है, और इस तरह हुए आलोचना के बारे में सोच सोच कर तुला राशि के जातक काफी दुखी हो जाते हैं. तुला राशि का जातक ज्यादातर समय चिंता करते हुए बिताता है. इस राशि के लोग न्याय, जनस्वतंत्रता, जनाधिकार और सौंदर्य से बहुत लगाव रखते हैं, और जब इनके जीवन में इनका अभाव होता है तो ये दुख में चले जाते हैं. तुला राशि के लोग वकीलों, विद्वानों एवं धार्मिक क्षेत्र में नामी लोगों से शत्रुता रखते हैं. अपनी शत्रुता के चलते कई बार ये व्यक्ति स्वयं अपने लिए संकट व कष्ट उत्पन्न करता है और अपनी मृत्यु का कारण भी स्वयं ही बनता है.

दुखों से छुटकारा पाने के उपाय, Dukho Se Chutkara Paane Ke Upay
अपनी परेशानियों और दुखों को दूर करने के लिए हिन्दू पद्धति में तुला राशि के जातकों के लिए कुछ उपाय बताये गए हैं, जो इस प्रकार हैं-
1. मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ‘ॐ द्रां द्रीं द्रौं सः शुक्राय नमः’ मंत्र का 1600 बार जाप करें और जल्दी सफलता पाने के लिए इसी मंत्र का 6400 बार जाप करना फायदेमंद रहेगा.
2. शुक्ल पक्ष में किसी भी दिन बरगद के पत्ते को धोकर साफ करके उस पर कुमकुम से स्वस्तिक बनाकर उस पर थोड़े से चावल और एक सुपारी रखकर सूर्यास्त से पहले किसी मंदिर में अर्पित कर दें. ऐसा करने से अवश्य ही आपके दुखों का निवारण होगा.
3. कष्ट के समय रामरक्षा, गायत्री जप, रामभजन या फिर सत्संग करें और माणिक्य या हीरे में से कोई भी एक रत्न धारण करें.
4. दुखों से छुटकारा पाने के लिए 9 वर्ष से कम आयु की कन्याओं के चरण छुवें.
5. अपने दुखों को दूर करने के लिए आप शंकर, हनुमान, देवी, दत्त या कुल देवता की उपासना और उनका स्मरण करें.
6. कष्टों के निवारण के लिए तुला राशि के जातक प्रतिदिन भोजन में से कुछ अंश गाय आदि जानवरों को दें.
7. दिन में तंदूर की मीठी रोटियां बनाकर आवारा कुत्तों को खिलाएं, लाभ मिलेगा.
8. उत्तर फाल्गुनी नक्षत्र में नीम की जड़ लाकर सदैव अपने पास रखने से जीवन में सुखों का आगमन होता है.
9. तुला राशि के लोगों के लिए सफेद वस्तुओं जैसे सफेद वस्त्र, सफेद पुष्प, चावल, मिश्री, दूध, सुगन्ध, दही, श्वेत चंदन आदि का दान और शुक्रवार का व्रत हमेशा लाभकारी रहता है.

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