Makar Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge

मकर राशि के अच्छे दिन कब आएंगे, Makar Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge, मकर राशि की किस्मत कब चमकेगी?, मकर राशि का अच्छा समय कब आएगा?, मकर राशि की परेशानी, मकर राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं?, Makar Rashi Ki Kismat Kab Chamkegi?, Makar Rashi Ka Achchha Samay Kab Aaega?, Makar Rashi Ki Pareshani, Makar Rashi Vale Dukhi Kyon Rehte Hain?, मकर राशि का अच्छा वक्त कब आएगा, Makar Rashi Ka Achchha Vakt Kab Aaega

मकर राशि के अच्छे दिन कब आएंगे, Makar Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge, मकर राशि की किस्मत कब चमकेगी?, मकर राशि का अच्छा समय कब आएगा?, मकर राशि की परेशानी, मकर राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं?, Makar Rashi Ki Kismat Kab Chamkegi?, Makar Rashi Ka Achchha Samay Kab Aaega?, Makar Rashi Ki Pareshani, Makar Rashi Vale Dukhi Kyon Rehte Hain?, मकर राशि का अच्छा वक्त कब आएगा, Makar Rashi Ka Achchha Vakt Kab Aaega

मकर राशि के अच्छे दिन कब आएंगे, Makar Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge
राशि चक्र की दसवीं राशि मकर है. जिनके नाम का प्रथम अक्षर Bho, Jaa, Jee, Khee, Khoo, Khe, Kho, Gaa, Gee, भो, जा, जी, खी, खू, खे, खो, गा, गी इत्यादि से प्रारंभ होता उनकी राशि मकर होती है. ये सभी अक्षर मकर राशि से संबध रखते है. इस राशि में मंगल उच्च का होता है, यह शनि के अधिकार क्षेत्र की राशि है. मकर रशि मे गुरु नीच होता है अर्थात वह यहाँ पर अपना सबसे निम्न फल देता है. इस राशि के जातकों के जीवन में कई उतार चढ़ाव आते रहते हैं. अगर आपकी राशि मकर है तो आप यहां दिए जा रहे कुछ उपाय कर अपने दुखों से छुटकारा पा सकते है और अपने अच्छे दिन ला सकते हैं-

मकर राशि के अच्छे दिन कब आएंगे, मकर राशि का अच्छा समय कब आएगा?, मकर राशि का अच्छा वक्त कब आएगा, Makar Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge, Makar Rashi Ka Achchha Samay Kab Aaega?, Makar Rashi Ka Achchha Vakt Kab Aaega
इष्ट देव की पूजा से मकर राशि के अच्छे दिन आएंगे
अरुण संहिता (लाल किताब) के अनुसार व्यक्ति के पूर्व जन्म में किए गए कर्म के आधार पर ही उसके इष्ट देवता का निर्धारण होता है. इष्ट देव का अर्थ है अपनी राशि के पसंद के देवता. मकर राशि का स्वामी ग्रह शनि है और इनके इष्टदेव काली माता, भैरव या शनिदेव और हनुमान जी हैं. मकर राशि के जातकों को अपना अच्छा दिन लाने के लिए अपने इष्ट देव काली माता, भैरव या शनिदेव, हनुमान जी की पूजा करना चाहिए. इष्ट देव की पूजा करने से ये फायदा होता कि कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर इष्ट देव प्रसन्न हैं तो यह सभी दोष व्यक्ति को अधिक परेशान नहीं करते. यहां जानिए कि मकर राशि के जातक किस तरह से अपने इष्ट देव काली माता, भैरव या शनिदेव, हनुमान जी की पूजा करें ताकि आप जल्द ही अपने जीवन में अच्छे दिन ला सके.

1. काली माता की पूजा से मकर राशि के अच्छे दिन आएंगे
अगर मकर राशि के जातक अपने अच्छे दिन लाना चाहते हैं तो शनिवार के दिन काली माता की पूजा करें. माता काली की पूजा के लिए शनिवार के दिन सुबह उठकर दैनिक क्रिया से निवृत्त हो जाएं और स्नान कर स्वच्छ कपड़े पहन लें. शनिवार के दिन काले रंग के कपड़े पहनना शुभ रहता है. अब घर के मंदिर या घर के आस-पास स्थित किसी माता काली के मंदिर में जाकर कुश की सहायता से माता काली की फोटो अथवा मूर्ति के ऊपर तीन बार पानी का छिड़काव करें. उसके बाद आपको माता काली के चरणों में फूल अर्पण करें. माता काली के चरणों में और माथे पर रोली, चंदन और कुमकुम का तिलक लगाएं. इसके बाद धूपबत्ती बत्ती जलाकर माता काली के साथ-साथ मंदिर के अन्य देवी देवताओं को भी दिखाएं और तीन बार बोलें सभी देवी देवताओं की जय , सभी संतो की जय, सभी पितरों की जय. इसके बाद वहीं जमीन पर बैठकर माता काली की आरती या फिर माता काली की चालीसा का पाठ करें. पाठ पूरा होने के बाद माता काली के चरणों में प्रणाम करें, पानी में अच्छत डालकर माता काली के चरणों में या फिर आसपास स्थित किसी नीम के पेड़ में डाल दें और मन ही मन हाथ जोड़कर माता काली से अपनी मनोकामना को पूरा करने की प्रार्थना करें. लगातार ऐसा कुछ महीनों तक करने से निश्चित ही माता काली आप पर प्रसन्न होंगी और आपकी सभी मनोकामना को पूरी करेंगी अर्थात् आपके अच्छे दिन आएंगे.

2. शनिदेव की पूजा से मकर राशि के अच्छे दिन आएंगे
शनिवार के दिन प्रात: ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करने के बाद स्वच्छ काले रंग का वस्त्र पहन ले. इस दिन गणेश जी के पूजन से पूजा प्रारंभ करें. अब शनिदेव की प्रतिमा की विधिवत पूजा करें. इसके बाद शिव जी को फल और फूल चढ़ाएं. शनि देव को नीले लाजवन्ती का फूल, तिल, तेल, गुड़ अर्पण करें. शनि देव के नाम से तेल का दीपोत्सर्ग करें. पूजा के अंत में 21 बार शनिदेव महाराज के मंत्रों ओम शनैश्चराय विदमहे सूर्यापुत्राय धीमहि.. तन्नो मंद: प्रचोदयात.. का जाप करें और अंत में कपूर से आरती करें. शनि चालीसा का पाठ करें. शनिवार के दिन शनिदेव की पूजा के पश्चात उनसे अपने अपराधों एवं जाने अनजाने हुए पाप कर्म के लिए क्षमा याचना करें. शनि महाराज की पूजा के पश्चात राहु और केतु की पूजा भी अवश्य करें. इस दिन शनि भक्त पीपल के पेड़ में जल दें और पीपल में सूत्र बांधकर सात बार परिक्रमा करें और शाम को पूजा दोहराकर पूजा का समापन करें. उपर दी गई विधि के अनुसार शनिदेव की पूजा करें, इससे जल्द ही आपके अच्छे दिन आ जाएंगे.

2. काल भैरव की पूजा से मकर राशि के अच्छे दिन आएंगे
अगर शनिवार के दिन मकर राशि के लोग काल भैरव की पूजा करें तो शीघ्र ही उनेक अच्छे दिन आएंगे. काल भैरव की पूजा के लिए सुबह जल्दी उठें और स्नान कर साफ वस्त्र पहन लें. इस दिन काले रंग के कपड़े पहनें. एक लकड़ी के पाट पर सबसे पहले शिव और पार्वतीजी की मूर्ति या चित्र को स्थापित करें. फिर काल भैरव के चित्र को स्थापित करें. जल का छिड़काव करने के बाद सभी को गुलाब के फूलों का हार पहनाएं या फूल चढ़ाएं. अब काल भैरव के सामने चौमुखी दीपक जलाएं और साथ ही धूप जलाएं. कंकू, हल्दी से सभी को तिलक लगाकर हाथ में गंगा जल लेकर अब व्रत या पूजा करने का संकल्प लें. अब शिव और पार्वती जी का पूजन करें. फिर भगवान भैरव का पूजन करें. भैरव जी को काले तिल, उड़द अर्पित करें. हलुआ, पूरी और मदिरा भैरव नाथ के प्रिय भोग हैं. इसके अलावा भैरव नाथ को इमरती, जलेबी और 5 तरह की मिठाइयां भी अर्पित करें. अब भैरव नाथ की आरती उतारें. इस दौरान शिव चालीसा और भैरव चालीसा पढ़ें. इसके बाद ह्रीं उन्मत्त भैरवाय नमः का जाप करें. इसके उपरान्त काल भैरव की आराधना करें. अब पितरों को याद करें और उनका श्राद्ध करें. पूजा सम्पूर्ण होने के बाद काले कुत्‍ते को मीठी रोटियां खिलाएं या कच्चा दूध पिलाएं. हो सके तो आज के दिन बिल्वपत्रों पर सफेद या लाल चंदन से ॐ नमः शिवाय लिखकर शिव लिंग पर चढ़ाएं. इस प्रकार उपर दी गई विधि से काल भैरव की पूजा करें, इससे जल्द ही आपके अच्छे दिन आएंगे.

4. हनुमान जी की पूजा से मकर राशि के अच्छे दिन आएंगे
मकर राशि के जातक अगर अपना अच्छा दिन लाना चाहते हैं तो मंगलवार या शनिवार के दिन हनुमान जी की पूजा करें. मंगलवार या शनिवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि कर निवृत हो जाएं और लाल वस्त्र धारण करें. कोशिश करें की आपने जो वस्त्र पहना है वह सिला हुआ ना हो. अब घर के ईशान कोण को साफ कर यहां पर एक चौकी स्थापित करें और उस पर लाल वस्त्र बिछाएं. फिर उस पर हनुमान जी की मूर्ति स्थापित करें और वहां पर भगवान श्री राम और माता सीता की भी प्रतिमा भी अवश्य रखें. इसके बाद घी का दीपक और धूप दीप जलाकर सुंदर कांड का पाठ करें और हनुमान जी के मंत्र ॐ हं हनुमते नम: का जाप करें. फिर लाल फूल, लाल सिंदूर और चमेली का तेल चढ़ाएं. भगवान को गुड़, केले और लड्डू का भोग लगाएं. इसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ कर हनुमान जी की आरती करें. आरती के बाद परिवार के सदस्यों को प्रसाद वितरित करें. वहीं यदि आपने व्रत रखा है तो ध्यान रहे कि आपको इस दिन सिर्फ एक बार शाम के समय भोजन करना है. इस दौरान आप अपने खाने में केवल मीठा भोजन सम्मिलित करें. दिन में आप दूध, केले और मीठे फलहार को शामिल करें.

B. शनिवार का व्रत करने से मकर राशि के अच्छे दिन आएंगे
अपने अच्छे दिन लाने के लिए मकर राशि के जातक शनिवार का व्रत अवश्य रखें. शनि की कुदृष्टि से राजाओं तक का वैभव पलक झपकते ही नष्ट हो जाता है. शनि की साढ़े साती दशा जीवन में अनेक दुःखों, विपत्तियों का समावेश करती है. सभी ग्रहों में शनि का मनुष्य पर सबसे हानिकारक प्रकोप होता है. अतः मनुष्य को शनि की कुदृष्टि से बचने के लिए व अपने अच्छे दिन लाने के लिए शनिवार का व्रत करते हुए शनि देवता की पूजा-अर्चना करनी चाहिए. वैसे तो शनिवार का व्रत कभी भी शुरू किया जा सकता है, लेकिन श्रावण मास में शनिवार का व्रत प्रारंभ करने का विशेष महत्व माना गया है. यहां जानिए कैसे करें शनिवार का व्रत ताकि जल्द ही आपके जीवन में आ सके अच्छे दिन-
शनिवार का व्रत करने के लिए मकर राशि के लोग ब्रह्म मुहूर्त में उठकर नदी या कुएं के जल से स्नान करें. ऐसा न हो सके तो नहाने के पानी में गंगाजल डालकर स्नान करें. स्नान के बाद स्वच्छ कपड़े पहन लें. तत्पश्चात पीपल के वृक्ष पर जल अर्पण करें. लोहे से बनी शनि देव की मूर्ति को पंचामृत से स्नान कराएं. फिर इस मूर्ति को चावलों से बनाए चौबीस दल के कमल पर स्थापित करें. इसके बाद काले तिल, फूल, धूप, काला वस्त्र व तेल आदि से पूजा करें. पूजन के दौरान शनि के इन 10 नामों का उच्चारण करें- कोणस्थ, कृष्ण, पिप्पला, सौरि, यम, पिंगलो, रोद्रोतको, बभ्रु, मंद, शनैश्चर. पूजन के बाद मकर राशि के लोग पीपल के वृक्ष के तने पर सूत के धागे से सात बार परिक्रमा करें. इसके पश्चात निम्न मंत्र से शनि देव की प्रार्थना करें-
शनैश्चर नमस्तुभ्यं नमस्ते त्वथ राहवे.
केतवेअथ नमस्तुभ्यं सर्वशांतिप्रदो भव॥
इसी तरह 7 शनिवार तक व्रत करते हुए शनि के प्रकोप से सुरक्षा के लिए व अच्छे दिन लाने के लिए शनि मंत्र की समिधाओं में, राहु की कुदृष्टि से सुरक्षा के लिए दूर्वा की समिधा में, केतु से सुरक्षा के लिए केतु मंत्र में कुशा की समिधा में, कृष्ण जौ, काले तिल से 108 आहुति प्रत्येक के लिए देनी चाहिए. फिर अपनी क्षमतानुसार ब्राह्मणों को भोजन कराएं तथा लौह वस्तु, धन आदि का दान करें. इस दिन एक समय ही भोजन करें. इसके अलावा इस दिन चीटियों को आटा डालना फलदायी माना गया है. इस तरह शनि देव का व्रत रखने से मकर राशि के लोग दुर्भाग्य को भी सौभाग्य में बदल सकते हैं तथा अपने अच्छे दिन ला सकते हैं.

मकर राशि की किस्मत कब चमकेगी?, Makar Rashi Ki Kismat Kab Chamkegi?
A. शनि दोष दूर करने से चमकेगी मकर राशि की किस्मत
1. शनिवार के दिन उड़द दाल की खिचड़ी खाने से भी शनि दोष दूर होता है, व्यक्ति के कष्ट मिट जाते हैं और किस्मत चमक उठती है.
2. शनिदेव से जुड़े दोष दूर करने या फिर उनकी कृपा पाने के लिए शिव की उपासना एक सिद्ध उपाय है. नियमपूर्वक शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करने से शनि के प्रकोप का भय जाता रहता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं. इस उपाय से शनि द्वारा मिलने वाला नकारात्मक परिणाम समाप्त हो जाता है.
3. शनिदेव (Shani Dev) की कृपा पाने व अपनी किस्मत चमकाने के लिए हर शनिवार शाम को किसी शनि मंदिर (Shani Mandir) में ओम शं शनैश्चराय नम: मंत्र का जाप करें.
4. मंगलवार के दिन हनुमान जी के मंदिर में तिल का दीया जलाने से भी शनि पीड़ा से मुक्ति मिलती है.
5. शनि को खुश करने के लिए ज्योतिषशास्त्र में कुछ मंत्रों का भी उल्लेख किया गया है. जैसे शनि वैदिक मंत्र ओम शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये. शं योरभि स्रवन्तु न:.
6. प्रत्येक शनिवार के दिन शनि महाराज पीपल के वृक्ष में निवास करते हैं. इसदिन जल में चीनी एवं काला तिल मिलाकर पीपल की जड़ में अर्पित करके तीन बार परिक्रमा करने से शनि प्रसन्न होते हैं और व्यक्ति के किस्मत के सितारें बुलंद होते हैं.
7. शनिवार के दिन शाम को सूर्यास्त के पूर्व पीपल या बरगद के पेड़ के नीचे सरसों के तेल का दीपक जलाना चाहिए. ध्यान रहे कि दीपक जलाने से पहले व्यक्ति को स्नान आदि करके पवित्र हो जाना चाहिए. इससे भक्तों पर शनिदेव की कृपा दृष्टि बनी रहती है.
8. प्रत्येक शनिवार को 11 बार महाराज दशरथ द्वारा लिखा गया दशरथ स्तोत्र का पाठ करें. शनि महाराज ने स्वयं दशरथ जी को वरदान दिया था कि जो व्यक्ति आपके द्वारा लिखे गये स्तोत्र का पाठ करेगा उसे मेरी दशा या शनि दशा के दौरान कष्ट का सामना नहीं करना होगा.
9. शनिवार के दिन शाम को सूर्यास्त के बाद हनुमान जी की पूजा करें और हनुमान चालीसा का पाठ करें तथा उन्हें सिंदूर अर्पित करें और काली तिल्ली के तेल से दीपक जलाएं. ऐसा करने से आप पर कभी भी शनि की बुरी नजर नहीं पड़ेगी.
10. शनि से जुड़े दोष दूर करने या फिर उनकी कृपा पाने के लिए शिव जी की उपासना एक सिद्ध उपाय है. नियमपूर्वक शिव सहस्त्रनाम या शिव के पंचाक्षरी मंत्र का पाठ करने से शनि के प्रकोप का भय नहीं रहता है और सभी बाधाएं दूर होती हैं. इस उपाय से शनि द्वारा मिलने वाला नकारात्मक परिणाम समाप्त हो जाता है और किस्मत अच्छी होती है.
11. शनिदेव को प्रसन्न करने व अपनी किस्मत चमकाने के लिए शनि यंत्र की स्थापना करें. हर रोज इसके सामने सरसों के तेल का दीपक जलाकर शनि यंत्र की विधि-विधान से पूजा करें. माना जाता है कि ऐसा करने वालों पर शनि की कुदृष्टि नहीं पड़ती.
12. काले कपड़े में शमी वृक्ष की जड़ को बांधकर अपनी दायी बाजू पर धारण करने पर शनिदेव आपका बुरा नहीं करेंगे और आपका भाग्योदय होगा.
13. अपने माता-पिता का सम्मान और उनकी सेवा करें. यदि आप अपने माता-पिता से दूर रहते हैं तो उन्हें फोन से या फिर मन ही मन प्रतिदिन प्रणाम करें. ऐसा करने से शनिदेव की कृपा बरसेगी.
14. घर में शमी का वृक्ष लगाएं. यदि यह वृक्ष शनिवार के दिन लगाया जाय तो अति उत्तम होगा. नियमित रूप से शमी वृक्ष की पूजा करें. इससे न सिर्फ आपके घर का वास्तुदोष दूर होगा बल्कि शनिदेव की कृपा भी बनी रहेगी. मान्यता है कि इससे शनिदेव की कृपा से मनोकामनाएं पूर्ण होंगी और व्यक्ति की किस्मत चमक उठेगी.

B. ज्योर्तिलिंग पर पूजा करने से चमकेगी मकर राशि की किस्मत
भगवान शंकर के पृथ्वी पर 12 ज्योर्तिलिंग हैं, इन सभी ज्योतिर्लिंगों का अपना अलग महत्व है. भगवान शंकर के 12 ज्योतिर्लिंगों को 12 राशियों से जोड़कर भी देखा जाता है. विभिन्न राशि के व्यक्तियों के लिए शास्त्रों मे अलग-अलग ज्योतिर्लिंगों की पूजा का महत्व बताया गया है. इस आधार पर मकर राशि के जातकों को अपनी किस्मत चमकाने के लिए त्रयम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग की पूजा करनी चाहिए. त्रयम्बकेश्वर ज्योर्तिलिंग का संबंध मकर राशि से है. त्रयंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र राज्य के नासिक जिले में त्रिम्बक शहर में स्थित है. त्रिम्बक शहर नासिक शहर से 28 किलोमीटर दूर है. ज्योतिर्लिंग की अदभुत विशेषता यह है कि यहां भक्तों को ब्रह्मा, विष्णु एवं शिव के प्रतीक तीन चेहरों के दर्शन होते हैं. इस प्राचीन मंदिर की स्‍थापत्य शैली पूरी तरह से काले पत्थर पर अपनी आकर्षक वास्तुकला और मूर्तिकला के लिए जाना जाता है. मंदिर लहरदार परिदृश्य और रसीला हरी वनस्पति की पृष्ठभूमि पर ब्रह्मगिरि पर्वत श्रृंखला की तलहटी में स्थित है. गोदावरी जो भारत में सबसे लंबी नदी है के तीन स्त्रोत ब्रहमगिरि पर्वत से उत्पन्न होकर राजमहेंद्रु के पास समुद्र से मिलती है. महाशिवरात्रि के दिन मकर राशि वाले व्यक्ति को गंगाजल में गुड़ मिलाकर शिव का जलाभिषेक करना चाहिए. शिव को नीले रंग का फूल और धतूरा चढ़ाना चाहिए. मकर राशि वालों को त्रयम्बकेश्वर का ध्यान करते हुए ओम नमः शिवाय मंत्र का 5 माला जाप करना चाहिए. मान्यता के अनुसार भगवान भोलेनाथ सर्वशक्तिमान हैं. भगवान भोलेनाथ ऐसे देव हैं जो थोड़ी सी पूजा से भी प्रसन्न हो जाते हैं. संहारक के तौर पर पूज्य भगवान शंकर बड़े दयालु हैं. उनके अभिषेक से मकर राशि के व्यक्ति की किस्मत चमक उठती है और उनकी सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

मकर राशि की परेशानी, Makar Rashi Ki Pareshani
1. मकर राशि वाले जातकों की सबसे बड़ी परेशानी यह है कि उनका पारिवारिक जीवन संघर्षमय रहता है.
2. कई बार आर्थिक नियोजन की लापरवाही के कारण मकर राशि की आर्थिक स्थिति संघर्ष की बन जाती है.
3. मकर राशि के जातक आत्म-केंद्रित होते हैं. इस राशि के व्यक्ति स्वभाव से थोड़े जिद्दी भी हो सकते हैं.
4. इस राशि के जातकों का स्वभाव थोड़ा सा सेल्फिश, गुस्सैल और अहंकारी होता है.
5. मकर राशि के लोगों को चिंतन पक्षाघात (एनालिसिस पैरालिसिस) की समस्‍या होती है.

मकर राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं?, Makar Rashi Vale Dukhi Kyon Rehte Hain?
मकर राशि के जातकों को कई बार उनके परिवार के सदस्य ही दुख पहुंचा देते हैं. परिवार के लोग, यहां तक कि इनकी संतान भी इन्हें कुछ नहीं समझती है. इस राशि के व्यक्ति स्वभाव से थोड़े जिद्दी होते हैं, और अपने जिद्द के चलते ही कई बार ये खुद को ही नुकसान पहुंचा लेते हैं. मकर राशि के लोगों में अत्‍यधिक परिश्रम की कमी होती हैं. ये ज्यादा मेहनत नहीं करना चाहते, इस वजह से इनकी तरक्की में देरी होती है, इस बात को लेकर ये काफी चिंतित और दुखी रहते हैं.

दुखों से छुटकारा पाने के उपाय, Dukho Se Chutkara Paane Ke Upay
1. यदि मकर राशि के जातक अपने दुको से छुटकारा पाना चाहते हैं तो शनिवार के दिन किसी शिव मंदिर में जाकर शिवलिंग पर 11 फूल और 11 बेलपत्र से बनी माला चढ़ाएं.
2. मकर राशि के लोग अपने कष्ट दूर करने के लिए शनिवार के दिन रोज रात में एक कटोरे में सरसों का तेल भरकर अपने पलंग के नीचे रखें. सुबह उस तेल में पकौड़े बनाकर कुत्तों को खिलाएं. इसके अलावा सरसों के तेल का पराठा या तेल लगी रोटी को काली गाय या काले कुत्ते को खिलाएं.
3. शनिवार के दिन काली गाय के माथे पर कुमकुम से तिलक लगाएं. इसके बाद उसे बूंदी का लड्डू खिलाएं. फिर उसके दाहिने सींग को अपने हाथ से छूकर आशीर्वाद लें ऐसा करने से व्यक्ति को दुखों से छुटकारा मिलेगा.
4. शनिवार के दिन एक कटोरे में सरसों का तेल निकालें और उस तेल में अपना चेहरा देखें. फिर वो तेल किसी को दान कर दें. ऐसा करने से जीवन के तमाम कष्ट दूर होंगे और जीवन में सुखों का आगमन होगा.
5. मकर राशि के लोग बछड़े की सेवा करें. इससे आपके जीवन में आने वाले तमाम कष्टों से निजात मिलेगा.
6. हर शनिवार के दिन काले कुत्ते को रोटी खिलाएं तथा गरीब एवं जरूरतमंद लोगों को काले वस्तुओं का दान करें, ऐसा करने से भी कष्ट दूर होंगे.

मकर राशि के अच्छे दिन कब आएंगे, Makar Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge, मकर राशि की किस्मत कब चमकेगी?, मकर राशि का अच्छा समय कब आएगा?, मकर राशि की परेशानी, मकर राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं?, Makar Rashi Ki Kismat Kab Chamkegi?, Makar Rashi Ka Achchha Samay Kab Aaega?, Makar Rashi Ki Pareshani, Makar Rashi Vale Dukhi Kyon Rehte Hain?, मकर राशि का अच्छा वक्त कब आएगा, Makar Rashi Ka Achchha Vakt Kab Aaega