Dhanu Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge

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धनु राशि के अच्छे दिन कब आएंगे, Dhanu Rashi Ke Acche Din Kab Aaenge
राशि चक्र की नौवीं राशि धनु है. धनु राशि अग्नितत्व की राशि होती है. इसका स्वामी ग्रह गुरु है. जिनके नाम का प्रथम अक्षर Ye, Yo, Bhaa, Bhee, Bhoo, Dhaa, Phaa, Taa, Bhe,ये, यो, भा, भी, भु, धा, फा, ता, भे इत्यादि से प्रारंभ होता है उनकी राशि धनु होती है. ये सभी अक्षर धनु राशि से संबध रखते है. इस राशि का चिन्ह एक अश्व मानव है, जिसका पिछ्ला हिस्सा घोड़े का और सामने का हिस्सा मानव का है, जिसके हाथ में प्रत्यंचा चढ़ा हुआ तीर धनुष है. मानव अंग, जिसके हाथ में एक तीर धनुष है वह स्वर्ग की ओर इशारा करते हुए यह बतलाता है कि आप एक तरह के आध्यात्मिक प्रकृति वाले इंसान हैं. इसका यह भी मतलब होता है कि आप बहुत आशावादी हैं और हमेशा चीजों के उज्जवल पक्ष को ही देखते हैं. वैसे तो धनु राशि के लोग बेहद सौभाग्यशाली होते हैं, पर कई बार उनके द्वारा की गई कुछ गलतियां उनके जीवन में परेशानियों का अंबार लगा देती हैं.इसी वजह से आज हम इस खबर में बता रहे हैं कि धनु राशि के जातकों के अच्छे दिन कब और कैसे आएंगे, धनु राशि की परेशानी क्या है, धनु राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं और कौन से उपाय कर धनु राशि के जातक अपने परेशानियों से छुटकारा पा सकते हैं.

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A . इष्ट देव की पूजा से धनु राशि के अच्छे दिन आएंगे
अरुण संहिता जिसे लाल किताब के नाम से भी जाना जाता है, के अनुसार व्यक्ति के पूर्व जन्म में किए गए कर्म के आधार पर इष्ट देवता का निर्धारण होता है और इसके लिए जन्म कुंडली देखी जाती है. कुंडली का पंचम भाव इष्ट का भाव माना जाता है. इस भाव में जो राशि होती है उसके ग्रह के देवता ही हमारे इष्ट देव कहलाते हैं. इष्ट देव का अर्थ है अपनी राशि के पसंद के देवता, इस आधार पर धनु राशि का स्वामी ग्रह गुरु है और इष्टदेव विष्णु जी और लक्ष्मी जी है. व्यक्ति कि कुंडली में चाहे कितने भी ग्रह दोष क्यों न हों, अगर इष्ट देव प्रसन्न हैं तो यह सभी दोष व्यक्ति को अधिक परेशान नहीं करते, इसलिए अगर धनु राशि के जातक अपने अच्छे दिन लाना चाहते हैं तो वह अपने इष्ट देव विष्णु जी और लक्ष्मी जी की विधिवत् पूजा पाठ करें.
यहां जानिए अच्छे दिन लाने के लिए धनु राशि के जातक कैसे करें विष्णु जी और लक्ष्मी जी की पूजा-

1. भगवान विष्णु जी की पूजा से धनु राशि के अच्छे दिन आएंगे
धनु राशि के लोग अपने अच्छे दिन लाने के लिए गुरुवार के दिन विष्णु भगवान की पूजा करें. इस पूजा के लिए धनु राशि के लोग गुरुवार के दिन सुबह उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहन लें. इसके बाद एक चौकी पर साफ लाल या पीला कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान विष्णु की प्रतिमा रखें. विष्णु पूजन से पहले प्रथम पूज्य गणेश जी की पूजा करें. गणेश जी को स्नान कराएं, वस्त्र अर्पित करें, तत्पश्चात पुष्प, अक्षत अर्पित करें, फिर उसके बाद ही भगवान विष्णु का पूजन आरंभ करें. अब सबसे पहले भगवान विष्णु का आवाहन करें, उन्हें स्नान कराएं, पंचामृत एवं जल से उन को शुद्ध करें. तत्पश्चात आप विष्णु जी को वस्त्र पहनाएं, फिर आभूषण व यज्ञोपवीत के साथ साथ पीले फूलों की माला भी पहना सकते हैं. बता दें कि विष्णु जी को पीला रंग अधिक प्रिय है. इसलिए उनके आगे पीले फूल और पीले रंग के फलों का भोग लगाएं. तुलसीदल भी विष्णु जी को अत्यंत प्रिय है, इसलिए पूजा में तुलसीदल का प्रयोग अवश्य करें. ध्यान रखें भगवान विष्णु के पूजन में चावलों का प्रयोग सामान्यतः नहीं किया जाता है, तो इसकी जगह पर आप तिल का प्रयोग कर सकते हैं. अब सुगंधित इत्र के साथ माथे पर तिलक अर्पित करें. ध्यान रखें कि तिलक में अष्टगंध का प्रयोग किया जाता है. तत्पश्चात धूप, दीप अर्पित करें. इसके बाद विष्णु जी की आरती कर उन्हें नैवेद्य अर्पित करें और ॐ नमः नारायणाय…मंत्र का जाप करें. गुरुवार के दिन केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है, इसलिए केले के पेड़ की पूजा जरूर करें. इस विधि से पूजा करने से धनु राशि के लोगों के शीघ्र ही अच्छे दिन आएंगे.

2. लक्ष्मी जी की पूजा से धनु राशि के अच्छे दिन आएंगे
धनु राशि के लोग अपने अच्छे दिन लाने के लिए शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी जी की पूजा करें. लक्ष्मी जी की पूजा शुरू करने से पहले धनु राशि के लोग घर की अच्छी तरह से सफाई करें और सजाएं. पूजा की प्रक्रिया शुरू करने से पहले शुद्धिकरण अनुष्ठान के लिए पूरे घर में और परिवार के सभी सदस्यों पर गंगा जल छिड़कें. लक्ष्मी पूजा के लिए धनु राोशि के लोग जहां पर पूजा की जानी है एक चौकी स्थापित करें. फिर चौकी पर एक लाल कपड़ा बिछाएं और उस पर अनाज के दाने फैलाएं. हल्दी पाउडर से एक कमल बनाएं और उस पर देवी लक्ष्मी और गणेश जी की मूर्ति स्धापित करें. तांबे के बर्तन में तीन चौथाई पानी भरकर इसमें सिक्के, सुपारी, किशमिश, लौंग, सूखे मेवे और इलायची डाल दें. बर्तन के ऊपर आम के पत्ते गोलाकार में रखें और इसके बीच में एक नारियल रखें. कलश को सिंदूर और फूलों से सजाएं. इसके बाद गणेश जी और लक्ष्मी जी को शुद्ध जल, पंचामृत, चंदन और गुलाब जल से स्नान कराएं. फिर इन्हें हल्दी पाउडर, चंदन का लेप और सिंदूर से सजाएं. इसके बाद उनके चारों ओर माला और फूल चढ़ाएं.
लक्ष्मी पूजा से पहले गणेश जी की पूजा करें और फिर लक्ष्मी जी की पूजा करें. प्रसाद में आमतौर पर बाताशा, लड्डू, सुपारी और मेवा, सूखे मेवे, नारियल, मिठाई, घर की रसोई में बने व्यंजन होते हैं. इसके अलावा कुछ सिक्के भी पूजा में रखें. मंत्र जाप के दौरान दीपक और अगरबत्ती जलाएं और फूल चढ़ाएं. देवी माता लक्ष्मी की कहानी पढ़ें. कहानी के अंत में देवी की मूर्ति पर फूल चढ़ाएं और मिठाई का भोग लगाएं. आखिर में आरती गाकर पूजा का समापन करें. फिर देवी से समृद्धि और धन की प्रार्थना करें और प्रसाद के रूप में मिठाई का सेवन करें. पूजा में स्थापित किये कलश के जल से सिक्का निकाल कर बाकि का जल किसी पेड़ में डाल दें और नारियल व सिक्के को किसी गणेश जी के मंदिर में दान कर दें. उपर दी गई विधि से लक्ष्मी जी की पूजा करने से जल्द ही धनु राशि के जातकों के अच्छे दिन आएंगे.

B.  बृहस्पतिवार (गुरुवार) का व्रत करने से धनु राशि के अच्छे दिन आएंगे
धनु राशि के जातक अपने अच्छे दिन लाना चाहते हैं तो वे पूरे मन और श्रद्धा से बृहस्पतिवार का व्रत करें. ज्योतिष के अनुसार बृहस्पतिवार (गुरुवार) को बृहस्पतिग्रह और भगवान विष्णु का दिन माना जाता है. भगवान विष्णु को ही बृहस्पति भगवान भी कहते हैं. गुरुवार के दिन भगवान विष्णु के लिए व्रत रखा जाता है और उनकी पूजा की जाती है. भगवान बृहस्पति की पूजा करने से ज्ञान, धर्म, संतान, विवाह और भाग्य बनते हैं. कहा जाता है कि अगर किसी लड़की की शादी नहीं हो रही है तो उसे गुरुवार का व्रत करना चाहिए. वैदिक ज्योतिष में बृहस्पति को गुरु का दर्जा दिया गया है. ऐसे में गुरुवार को भगवान विष्णु की पूजा करके व व्रत करके गुरु ग्रह की कृपा पाई जा सकती है. गुरु को प्रसन्न रखकर भगवान और ग्रह दोनों को प्रसन्न किया जा सकता है. माना जाता है कि बृहस्पति देव के हानिकारक प्रभाव से व्यक्ति के खुशियों में ग्रहण लग जाता है अत: बृहस्पति देव के हानिकारक प्रभावों से बचने व अपने अच्छे दिन लाने के लिए धनु राशि के लोगों को गुरुवार का व्रत अवश्य करना चाहिए. यहां जानिए कि किस तरह से बृहस्पतिवार का व्रत कर धनु राशि के लोग अपने अच्छे दिन ला सकते हैं.
कैसे करें बृहस्पतिवार व्रत की शुरुआत – पौष माह को छोड़ कर किसी भी हिंदी महीने से बृहस्पतिवार के व्रत की शुरुआत कर सकते हैं. व्रत की शुरुआत शुक्ल पक्ष से करना शुभ माना जाता है. हर व्रत की तरह गुरुवार व्रत का भी अलग विधान होता है. नियम के अनुसार, यह व्रत 16 गुरुवार तक लगातार रखा जाता है और 17 वें गुरुवार को व्रत का उद्यापन किया जाता है. लेकिन यदि महिलाओं को इस बीच मासिक धर्म होता है तो उस गुरुवार को छोड़ कर अगले गुरुवार को व्रत करें और उसी दिन की गिनती करें.
बृहस्पतिवार व्रत की विधि – बृहस्पतिवार के दिन सुबह स्नान आदि से निवृत्त होकर भगवान विष्णु की प्रतिमा या चित्र की स्थापना करें. भगवान विष्णु को पीला वस्त्र अर्पित कर, उन्हें पीले फूल, हल्दी तथा गुड़ और चना का भोग लगाएं. हल्दी मिले जल से भगवान का अभिषेक करें. इसके बाद हाथ में गुड़ और चना लेकर बृहस्पति देव की कथा का पाठ करें. बृहस्पतिवार की आरती करें तथा दिन भर फलाहार व्रत रखें. व्रत का पारण अगले दिन स्नान और दान के साथ करें. बृहस्पतिवार के दिन व्रती केला न खाएं व केला और पीली वस्तुओं का दान करें.

C. गुरुवार के दिन ये उपाय करने से चमकेगी धनु राशि की किस्मत
यदि धनु राशि के जातक की कुंडली में बृहस्पति की स्थिति कमजोर हो तो उसे जीवन के कई क्षेत्रों में परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है, वहीमं अगर कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत हो तो व्यक्ति को बृहस्पति देव के हानिकारक प्रभावों का सामना नहीं करना पड़ता साथ ही व्यक्ति की किस्मत चमक उठती है. इसलिए अगर धनु राशि के जातक बृहस्पति देव के हानिकारक प्रभावों से बचना चाहते हैं और अपनी किस्मत को चमकाना चाहते हैं तो वे गुरुवार के दिन ये उपाय कर सकते हैं.
1. गुरुवार के दिन धनु राशि के लोग अपने नहाने के पानी में चुटकी भर हल्दी डालकर स्नान करें व नहाते वक्त ॐ नमो भगवते वासुदेवाय मंत्र का जाप करें और मस्तक पर केसर का तिलक लगाएं. इससे कुंडली में गुरु ग्रह के दोष दूर होते हैं.
2. सूर्योदय से पूर्व उठकर धनु राशि के लोग स्नान करें व भगवान् विष्णु की पूजा अर्चना करें और विष्णु सहस्रनाम का पाठ करें. गुरुवार का व्रत रखें और यदि संभव हो तो केले के पौधे में जल में गुड़ और चने की दाल मिलाकर अर्पण करें. इसके साथ ही बृस्पतिदेव की कथा या सत्यनारायण भगवान की कथा सुने. इससे जल्द ही आपके जीवन में खुशियों का आगमन होगा और किस्मक के सितारें बुलंद होंगे.
3. यदि धनु राशि के जातक के लग्न कुंडली में पंचमेश पीड़ित हैं तो उनकी आराधना करें. अच्छी किस्मत के लिए गुरु ग्रह की पूजा करें. गुरुवार के दिन गुड़ दान करें.
4. धनु राशि के लोग गुरु ग्रह को मजबूत बनाने के लिए इन मंत्रों का जाप करें-
देवानां च ऋषिणां च गुरुं काञ्चनसन्निभम्. बुद्धिभूतं त्रिलोकेशं तं नमामि बृहस्पतिम्..
ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः. ह्रीं गुरवे नमः. बृं बृहस्पतये नमः.
5. धनु राशि के लोग गुरु ग्रह को मजबूत बनाने के लिए गुरुवार का व्रत रखकर पीले वस्त्र धारण करें, पीली वस्तुओं का दान करें यथासंभव पीला भोजन ही करें.
6. गुरुवार के दिन ब्राह्मणों को भोजन कराने और उन्हें दान दक्षिणा देने से धनु राशि बिगड़ी किस्मत बन जाती है.
8. कुंडली में गुरु की स्थिति मजबूत बनाने के लिए बृहस्पतिवार के दिन न किसी को उधार दें और न ही किसी से उधार लें. धन का लेन-देन करने से गुरु कमजोर होता है.

ज्योर्तिलिंग पर पूजा करने से चमकेगी धनु राशि की किस्मत
धनु राशि के जातक अपनी किस्मत चमकाने के ज्योतिर्लिंग की पूजा करें. भगवान शंकर के पृथ्वी पर 12 ज्योर्तिलिंग हैं. भगवान शिव के सभी ज्योतिर्लिंगों को अपना अलग महत्व है. शास्त्रों के अनुसार भगवान शंकर के ये सभी ज्योतिर्लिंग प्राणियों को दु:खों से मुक्ति दिलाने में मददगार है. इन सभी ज्योर्तिलिंगों को 12 राशियों से जोड़कर भी देखा जाता है. इस आधार वाराणसी स्थित काशी विश्‍वनाथ ज्योतिर्लिंग का संबंध धनु राशि से है. काशी विश्वनाथ मंदिर सबसे प्रसिद्ध भगवान शिव का मंदिर है. यह ज्योतिर्लिंग उत्तर प्रदेश के वाराणसी के गंगा नदी के पश्चिमी तट पर स्थित है. दुनिया में यह सबसे पुराना जीवित शहर है जो मंदिरों के शहर के नाम से भी जाना जाता है. धनु राशि वाले व्यक्ति को अपनी किस्मत के सितारे चमकाने के लिए सावन के महीने तथा महाशिवरात्रि के दिन गंगाजल में केसर मिलाकर शिव को अर्पित करना चाहिए. विल्वपत्र एवं पीला अथवा लाल कनेर शिवलिंग पर चढ़ाना चाहिए. धनु राशि वालों को शिव मंत्र –ओम तत्पुरूषाय विद्महे महादेवाय धीमहि। तन्नो रूद्रः प्रचोदयात।। से पूजा करनी चाहिए. देवाधिदेव भगवान् महादेव सर्वशक्तिमान हैं. भगवान भोलेनाथ ऐसे देव हैं जो थोड़ी सी पूजा से भी प्रसन्न हो जाते हैं. संहारक के तौर पर पूज्य भगवान शंकर बड़े दयालु हैं. उनके अभिषेक से सभी प्रकार की मनोकामनाएं पूरी होती हैं.

धनु राशि की परेशानी, Dhanu Rashi Ki Pareshani
1. धनु राशि की सबसे बड़ी परेशानी ये है कि इस राशि के जातकों को बहुत जल्दी और बहुत ज्यादा गुस्सा आ जाता है.
2. धनु राशि के जातकों में अभिमान पाया जाता है जो कि इनके लिए महान शत्रु सिद्ध होता है.
3. किसी भी काम को लेकर इनका कोई भी चुनाव बुद्धिमत्तापूर्ण नहीं होता, इसलिए इन्हें बाद में इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है.
4. धनु राशि की परेशानी यह भी है कि इस राशि के लोग बेहद ही खर्चीले होते हैं, इसलिए इनके हाथ में कभी भी पैसा नहीं टिकता है.
5. धनु राशि के जातक किसी भी चीज़ या किसी भी व्यक्ति पर जल्दी विश्वास नहीं करते हैं.
6. धनु राशि के जातकों की एक परेशानी यह भी है कि ये लोग अपने अधिक बोलने की आदत और दुसरो को जानने समझने के चक्कर में कभी-कभी ये ऐसे सवाल पूछ बैठते हैं जो सामने वाले को शर्मिन्दा कर सकते हैं या ठेस पंहुचा सकते हैं.
7. इस राशि के जातक शंकालु भी होते हैं.

धनु राशि वाले दुखी क्यों रहते हैं?, Dhanu Rashi Vale Dukhi Kyon Rehte Hain?
धनु राशि के लोगों को पारिवारिक संबंधों में बिलकुल भी दिलचस्पी नहीं होती है. यहाँ तक कि ये अपने खून के रिश्तों से भी दूर रहने की कोशिश करते हैं. अपने इस आदत के चलते वे कई बार काफी दुखी हो जाते हैं और अकेलेपन से घिर जाते हैं. धनु राशि वालों को पैसा कमाने और उसे खर्च करने में बहुत आनंद मिलता है. इस राशि के जातक पैसा कहाँ से अर्जित करेंगे इस बात की ज्यादा चिंता नहीं करते. वैसे देखा जाये तो इनके पास खर्चों की हमेशा लम्बी लिस्ट होती है, जिसकी वजह से इनका पैसा नहीं बच पाता है. इन्हें जीवन में कमजोर आर्थिक स्थिति का सामना करना पड़ता है, अपनी गरीबी को लेकर इस राशि के लोग हमेशा दुखी रहते हैं और उधारी में फंस जाते हैं. किसी भी काम को लेकर इनका कोई भी चुनाव बुद्धिमत्तापूर्ण नहीं होता. सतर्कता और सावधानी से काम न लेने के कारण ये कई बार मुसीबतों में फंस जाते हैं. धनु राशि के लोग खाने और शराब पीने के मामले में बहुत लापरवाह होते हैं, जिसकी वजह से इन्हें शराब की लत लग सकती है और मोटापा व बीमारी का सामना करना पड़ सकता है.

दुखों से छुटकारा पाने के उपाय, Dukho Se Chutkara Paane Ke Upay
परेशानी और दुखों से छुटकारा पाने के लिए हिन्दू पद्धति में धनु राशि के जातकों के लिए कुछ उपाय बताये गए हैं, जो इस प्रकार हैं.
1. धनु राशि के जातकों के लिए सूर्य मंत्र ऊँ सूर्याय नम: का जाप फलदायक होता है.
2. धनु राशि के जातकों को अपने दुखों से छुटकारा पाने के लिए शनिवार का उपवास करना चाहिए. यह व्रत सदैव ही लाभप्रद रहता है.
3. धनु राशि के जातक अपनी परेशानी को दूर करने के लिए पुखराज या माणिक्य या अलेक्ज़ेंड्रा का रत्न पहन सकते हैं या फिर आप भारंगी की जड़ या खिरनी के वृक्ष की जड़ भी अपने पास में रख सकते हैं. इससे जातक के कष्ट अवश्य ही दूर होते हैं.
4. अपने दुखों को दूर करने के लिए धनु राशि के जातक कांसा, चने की दाल, खांड, घी, पीला वस्त्र, पीला पुष्प, हल्दी, पुस्तक, घोड़ा, पीला फल आदि का दान करें.
5. मनोकामनाओं की पूर्ति के लिए ॐ ह्रां ह्रीं ह्रौं सः बृहस्पतये नमः मंत्र का 19,000 जाप करें.

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