Ganje Bhaang Ki Lat Se Chutkara Nasha Band Karne Ke Gharelu Tarike Afeem Ganja Charas Hash Ka Nasha Chudane Ka Upay Dawa Ayurvedic Gharelu Ilaaj 

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अफीम चरस गाँजा स्मैक का नशा बंद कैसे करें

भारत में गाँजा चरस अफीम भांग के पौधे यानी कैनबिस के फल और फूल के इस्तेमाल को अपराध की श्रेणी में रखा है. इन का प्रयोग सिर्फ मेडिकल यूज़ में ही किया जा सकता है , अगर आप इनका प्रयोग नशे के लिए आ फिर बेचते है तो ये बहुत बड़ा अपराध है। इन चीज़ो को रखने के लिए सज़ा इस बात पर तय होती है कि उसकी मात्रा कितनी है. अगर यह कमर्शियल मात्रा में है तो ज़्यादा मात्रा वाली सज़ा का प्रावधान लागू होता है और अगर कम से कमर्शियल मात्रा के बीच है तो 10 साल तक की कठोर कैद और एक लाख रुपये तक जुर्माना संभव है.

गांजा भांग की लत से छुटकारा

यदि आप गाँजा चरस अफीम भांग का उपयोग करते रहते हैं, तो आप को कई प्रकार के रोग हो सकते हैं. आपकी याददाश्त प्रभावित हो सकती है और आप प्रेरणा विहीन महसूस कर सकते हैं. इससे आपका काम, आपका सामाजिक जीवन और परिवार के रिश्ते भी प्रभावित हो सकते हैं.जब आप धूम्रपान बंद कर देते हैं तो वे फिर से ठीक हो सकते हैं. भांग और गांजे पर हुए एक शोध से पता चला है कि भांग का नशा करने वालों की बुद्धि का सही तरीके से विकास नहीं हो पाता है और तो और इनका सेवन करने पर अक्ल मंद पड़ जाती है, जिसकी भरपाई फिर कभी नहीं हो पाती है. हम आपके साथ कुछ टिप्स शेयर कर रहे है जो आपको इन चीज़ो से दूर रखने में मदद करेगी , लेकिन एक बात धयान रहे की बुरी आदत तभी बंद हो सकती है जब आप खुद फैसला लेंगे और पूरी ईमानदारी से नशा बंद करने की कोशिश करेंगे –

घरेलु उपाय – अफीम चरस गाँजा स्मैक का नशा बंद करने के घरेलु उपाय 

  1. अंगूर है मददगार – अंगूर से तुरंत आपको एनर्जी मिलती है. धतूरा, गांजा, भांग या फिर शराब जैसी चीजों की लत से छुटकारा पाने के लिए अंगूर का सेवन करें.लगभग एक महीने तक लगातार अंगूर खाने से इन चीज़ो के लिए आपकी लत कम होती है.
  2. खजूर भी है लाभदायक – मादक पदार्थो की लत छुड़ाने के लिए खजूर भी कारगर साबित हो सकता है. अगर आप भी इन की लत छोड़ना चाहते हैं तो पानी में कुछ खजूर घिसकर दिन में दो या तीन बार खाएं.
  3. करेले है हेल्थी – नशे की लत से मुक्ति पाने के लिए रोज सुबह करेले का रस पीएं। स्वाद में कड़वा लगने वाला करेला शरीब की लत से मुक्ति दिलाता है।करेला हेल्थ के लिए भी बहुत लाभदायक होता है , साथ ही डैमेज किडनी को रिकवर करता है.
  4. सेब का रस भी करे मदद – सेब का रस भी नशे की लत को कम करने में मदद करता है , दिन में कई बार सेब के रस का सेवन करने से लत छूटसकती है। इसके अलावा जिन्हें अन्य किसी तरह के नशे की आदत है, तो वह दिनभर में 3 या 4 बार सेब के रस का सेवन करें.
  5. ब्राह्मी है लाभदायक –ब्राह्मी का उपयोग नशा बंद करने के लिए किया जाता है , भांग का सेवन करने वाले व्यक्ति को भांग का सेवन करते समय भांग की मात्रा के बराबर ब्राह्मी बूटी को मिला लेना चाहियें फिर उसका सेवन करना चाहियें. धीरे धीरे आप भांग की मात्रा कम करते जाएँ और ब्राह्मी बूटी की मात्रा बढ़ते जाएँ. निश्चित रूप से आप कुछ ही दिनों में भांग पीने की आदत से मुक्त हो जाओगे.
  6. घृत का उपयोग – घृत का उपयोग नशा छुडवाने के लिए एक अच्छा तरीका है , आप 50 से 100 ग्राम घृत लाकर व्यक्ति को पिलायें. जल्द ही उनकी नशे के प्रति लत कम हो जायेगा.
  7. इलायची है चमत्कारी – आप 10 ग्राम इलायची के बीज घोटकर नशे के लत वाले को पीला सकते हो या फिर मुँह को व्यस्त रखने के लिए भी इलायची को चबा सकते है.
  8. पुदीने का रस – पुदीने एक दिव्य औषधि है , आप प्रतिदिन सुबह शाम 20 ग्राम पुदीने का रस भी जरुर पिलायें, ये हेल्थ के लिए अच्छा तो है ही साथ ही नशे की आदत भी काम करेगा.
  9. दही का लाभ – गांजे के नशे से परेशान व्यक्तियों को दही और खट्टा मटठा पिलाने से भी उनकी गांजा पीने की आदत काम होती है और धीरे धीरे छूटती है. दही शरीर के लिए भी लाभदायक है.
  10. अंगूर के रस में काली मिर्च जीरा पाउडर और काला नमक – एक कप अंगूर के रस में काली मिर्च का चूर्ण, थोडा जीरा पाउडर और काला नमक मिलकर पिलाने से उनकी भांग, धतुरा, गांजा और कनेर जैसे नशे नशों की लत दूर होती है.
  11. खुद को बिजी रखें – किसी भी एडिक्शन से परेशान है और छोड़ना चाहते हैं तो खुद को बिजी रखें. ज्यादातर मामलों में लोग टेंशन के कारण नशा करते हैं. ऐसे में अगर आप बिजी रहेंगे तो टेंशन और नशा दोनों से बच पाएंगे.

चिकित्सा – गांजे अफीम चरस स्मैक की लत छुड़ाने की चिकित्सा, Ganja Charas Ka Ilaaj

गांजा की लत छुड़ाने के लिए वर्तमान में कोई दवाएं उपलब्ध नहीं हैं, लेकिन व्यवहारिक बदलाव प्रभावी साबित होता है. निम्नलिखित व्यवहारिक उपचारों से इलाज थोड़ा असरदार होता है –

  1. संज्ञानात्मक उपचार – व्यवहार चिकित्सा संज्ञानात्मक-व्यवहार चिकित्सा, मनोचिकित्सा का ही एक प्रकार हैं. इस थेरेपी में लोगों को आत्म-नियंत्रण बढ़ाने, ड्रग के उपयोग को रोकने और अन्य समस्याओं को दूर करने के लिए समस्या की जड़ को पहचानने और सही करने की रणनीतियां सिखाई जाती है.
  2. आकस्मिकता प्रबंधन उपचार –आकस्मिकता प्रबंधन थेरेपी के अंतर्गत प्रभावित व्यक्ति के व्यवहार की लगातार निगरानी की जाती है. उसको आत्म नियंत्रण के प्रयास में छोटी-छोटी सफलताओं पर सकारात्मक पुरस्कारों से प्रेरित किया जाता है.
  3. मोटिवेशनल एनहांसमेंट थेरेपी उपचार –मोटिवेशनल एनहांसमेंट थेरेपी व्यक्ति के अंदर तेजी से, आंतरिक रूप से प्रेरित बदलाव उत्पन्न करने के लिए डिजाइन किया गया व्यवस्थित तरीका है. यह थेरेपी व्यक्ति के इलाज का प्रयास नहीं करती है, बल्कि उपचार के साथ जुड़ाव और फायदे के लिए व्यक्ति की आंतरिक क्षमता को प्रेरित करती है.
  4. साफ घर और साफ मन करेगा चमत्कार –आपके जीवन से भाँग गांजे का नशा साफ़ करने की प्रक्रिया मानसिक होने के साथ पर्यावरण के रूप में भी है। घर पर एक पूर्ण साफ सफाई के साथ अपने जीवन के अगले अध्याय को चिह्नित करें। किसी भी पुराने यादगार धूम्रपान सामान जैसे राख ट्रे, पाइप, आदि को बाहर फेंक दें। धूम्रपान की गंध को दूर करने के लिए अपने सभी कपड़े, मुलायम सामान और बिस्तर धोएं.

अफीम चरस गाँजा स्मैक का नशा बंद करने के लिए योगासन और व्यायाम 

  1. सूर्य नमस्कार –इससे त्वचा में निखार आता है. वजन बढ़ाने में कारगर है. एनर्जी लेवल बढ़ाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. पाचन तंत्र बेहतर होता है। शरीर में लचीलापन आता हैऔर ऊर्चा मिलती है.
  2. सूक्ष्म व्यायाम –सर्वाइकल में राहत के लिए मददगार. पूरा दिन शरीर चुस्त रहता है। थकान नहीं रहती है। शरीर योग और प्राणायाम के लिए तैयार होता है.
  3. यौगिक जॉगिंग –शरीर को सुडौल और फिट बताता है. शरीर को ऊर्जावान बनाता है। सभी अंगों को एक्टिव करता है.
  4. स्थित कोणासन –शरीर को ऊर्जा मिलती है. बालों का विकास होता है. तनाव और चिंता से राहत मिलती है। एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है.
  5. ताड़ासान –शरीर के दर्द को दूर करता है. थकान दूर होती है. स्फूर्ति मिलती है. एकाग्रता बढ़ती है. वजन कम करने में मददगार है। घुटने और पीठ दर्द से राहत मिलती है.
  6. भुजंगासन –इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है. अस्थमा को दूर भगाता है.फेफड़े स्वस्थ और मजबूत बनते हैं. तनाव, चिंता और डिप्रेशन दूर होता है. शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है. किडनी को स्वस्थ बनाता है. लीवर से जुड़ी दिक्कतों को दूर करता है. रीढ़ की हड्डी मजबूत करता है.
  7. पवनमुक्तासन –पेट के लिए उत्तम योगासन है. पेट की समस्याओं से निजात मिलती है. चर्बी को दूर करता है। मोटापा कम करने में मददगार है. पेट की मांसपेशियां सक्रिय होती है. गैस, कब्ज और अपच की समस्या को दूर करता है। भोजन को पचाने में मददगार है.
  8. योग मुद्रासन –पेट से जुड़े रोगों से मुक्ति मिलती है.पाचन तंत्र बेहतर होता है. पेट की चर्बी खत्म होती है.वजन घटाने में मदद मिलती है। डायबिटीज की बीमारी से फायदा होता है। किडनी को स्वस्थ रखता है. रीढ़ की हड्डी को लचीली बनाता है। मन और शरीर को शांत बनाता है। इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है.
  9. मंडूकासन –इम्यून सिस्टम बेहतर होता है. पेट से जुड़े रोग दूर होते हैं. पाचन तंत्र को सही करता है. तनाव से छुटकारा मिलता है। साइनस और माइग्रेन में लाभकारी है.
  10. वक्रासन –फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है.रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। पाचन तंत्र बेहतर होता है. वजन कम करने में मदद करता है। किडनी लीवर को हेल्दी बनाता है। रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है. नर्वस सिस्टम को ठीक करता है.डिप्रेशन को दूर करने में मददगार है.
  11. शलभासन –तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है. पेट से जुड़ी समस्याओं को खत्म करता है। शरीर को लचीला बनाता है.
  12. उत्तानपादासन –शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है. तनाव और डिप्रेशन दूर करता है.
  13. शीर्षासन –अस्थमा को दूर करने में मददगार है. तनाव और चिंता दूर करता है.एकाग्रता को बढ़ाता है। चेहरे की झुर्रियां गायब हो जाती हैं। चेहरे में चमक आती है। सुंदरता बढ़ती है. आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार है। तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है. दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। आत्मविश्वास को बढ़ाता है.

अफीम चरस गाँजा स्मैक का नशा बंद करने के लिए प्राणायाम

  1. भस्त्रिका प्राणायाम –अस्थमा रोग को दूर करता है. रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. वजन घटाने में कारगर है। शुगर को कंट्रोल करने में मददगार है. तनाव और चिंता दूर करता है। इससे लंग मजबूत बनता है.
  2. कपालभाति –फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलता है.पाचन क्रिया को सुधारता है। पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है. वजन घटना में मदद मिलती है.
  3. अनुलोम-विलोम –ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है. शरीर को स्वस्थ रखता है। तनाव और चिंता दूर करने में सहायक है.
  4. उद्गीथ प्राणायाम –वजन घटाने में मदद करता है. नर्वस सिस्टम को ठीक करता है. पाचन से जुड़ी दिक्कतों को दूर करता है. ब्लड प्रेशर सामान्य होता है.

अफीम चरस गाँजा स्मैक का नशा छुड़ाने में परिवार सहायक

अफीम चरस गाँजा स्मैक का नशा बंद करने के लिए परिवार वाले कर सकते हैं ऐसे मदद – मरीज को नशे की लत से बाहर लाने में परिवारअहम भूमिका निभा सकता है। इतना ही नहीं मरीज को पीड़ा, तनाव, शर्म और अपराधबोध से मुक्त कराने में मदद कर सकता है-

  • फैमिली मेंबर्स, फ्रेंड्स, टीचर्स, हेल्थ सेंटर्स द्वारा, प्रेरणा देकर, बार-बार नशा करने से रोककर मदद कर सकते हैं.
  • अडिक्शन की राह पर बढ़ रहे शख्स को नशे से बीमारी होने का कारण बताकर मदद कर सकते हैं.
  • गलत धारणाओं को दूर करके मदद करें. मरीज को नशा छोड़ने और काउंसिलिंग और जरूरत पड़ने पर दवा लेने के लिए मोटिवेट करके भी हेल्प करें.
  • नशे की तलब लगने वाली परस्थितियों के बारे में जागरुक करके उसकी मदद करें.
  • किसी को मरीज के साथ बदसलूकी की इजाजत न दें.
  • यदि आपके स्वयं के जीवन का कोई जरूरी पहलू खतरे में है तो काउंसलर की मदद लें.
  • फैमिली को भी अडिक्शन संबंधित जानकारी होनी चाहिए. इससे उनका मरीज के प्रति गुस्सा कम होता है. इससे घर में इस मुद्दे पर बेवजह कलह भी कम होता है.
  • पेशंट को समझना और दोष न देना सबसे ज्यादा जरूरी है.
  • परिवार का तनावग्रस्त होना भी कॉमन है.इसके लिए उन्हें भी प्रफेशनल हेल्प की जरूरत होती है.
  • मरीज के छोटे-छोटे प्रयासों की सराहना करें और नेगेटिव कॉमेंट्स पास करने से बचें.

दवा के साथ काउंसलिग भी है जरूरी

अगर कोई नशे अडिक्ट हो गया है तो उसे विशेष डॉक्टर से मिलने में हिचकिचाना नहीं चाहिए. ऐसा कोई शख्स फैमिली, फ्रेंड्स या दफ्तर में हो तो उसे साइकायट्रिस्ट के पास ले जा सकते हैं. फैमिली को पीड़ित इंसान का साथ देना जरूरी है , कोई जानबूझकर नशा कर रहा है और छोड़ना नहीं चाहता, जैसी बात नहीं सोचनी चाहिए. बीमारी है तो इसका इलाज भी है. मरीज को इलाज तक पहुंचने में और इलाज में मदद करे. मरीज को फिर से सुधरने के लिए कुछ मौका दें, थोड़ा वक्त दें.
नशा डिप्रेशन की ओर भी ले जाता है. नशा में मौजूद केमिकल ब्रेन के एक खास हिस्से को प्रभावित करता है. इससे डिप्रेशन हो सकता है. दरअसल, नशा करने की वजह से जीवन में दूसरी कई समस्याएं भी आ जाती हैं. मसलन: घर-बार छूटना, नौकरी छूटना, पैसे की परेशानी, पर्सनल लाइफ में किसी और तरह की समस्या होना, नशे के कारण अपराधबोध होना या हीन भावना से ग्रस्त होना. इन समस्याओं से भी डिप्रेशन की समस्या हो सकती है. इलाज के दौरान अगर मरीज सिर्फ नशे की लत का शिकार है तो सिर्फ उसी का इलाज किया जाता है. अगर वह नशे और डिप्रेशन, दोनों का शिकार होता है तो दोनों का साथ-साथ इलाज किया जाता है.

क्या बताते हैं काउंसलिंग में

काउंसलिंग मानसिक मजबूती के लिए बहुत जरूरी है , मनोवैज्ञानिक यह काम बखूबी करते हैं। समझाने, रास्ता दिखाने और उत्साह बढ़ाकर असंभव से दिखने वाले काम को वे संभव बना सकते हैं. इससे मरीज को सीधे फायदा होता है।नशे के बुरे प्रभावों और इससे निकलने के रास्ते की जानकारी देकर अडिक्शन से बचाया जा सकता है.

  • काउंसलिंग में नशे के बुरे नतीजों के बारे में पूरी जानकारी दी जाती है.
  • इससे निकलने के आसान रास्ते की जानकारी दी जाती है.
  • जब एक बार नशा छूट जाए तो फिर आगे इसे कैसे छोड़े रखें या तलब से दूर रहें.
  • नशा करने वाले यार-दोस्तों से कैसे दूर रहें.
  • नशा करने वाली जगह से कैसे दूर रहें.
  • अपने विचारों को कैसे बदलें, यह भी बताते हैं.
  • सोसाइटी-घर में जो कॉमेंट्स होते हैं, उन्हें कैसे हैंडल करें.
  • स्ट्रेस को कैसे हैंडल करें.
  • कामकाज पर कैसे लौटें.
  • वर्कप्लेस पर किस तरह की समस्या आ सकती है जो उन्हें नशे की ओर जाने के लिए मजबूर कर सकती है.
  • परिवार-दोस्तों की भी काउंसलिंग होती है.

सही इलाज के लिए कहां जाएं

National Drug Dependence Treatment Centre, AIIIMS – Website Link 
अडिक्शन के इलाज के लिए यह देश की सबसे बेहतरीन संस्था है। नशे के इलाज के लिए ओपीडी में जो मरीज आते हैं, उन सभी का रजिस्ट्रेशन हो जाता है। यह सेंटर गाजियाबाद में है। यहां के बारे में डिटेल्ड जानकारी यहां ले सकते हैं.

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