बैताल पचीसी: दूसरी कहानी: पति कौन ?, विक्रम -बेताल की कहानियाँ, बैताल पच्चीसी की कहानियाँ, Baital Pachisi Second Story: Pati Kaun?, Vikram-Baital Stories In Hindi, Vikram-Baital ki Kahani In Hindi, Vikram-Baital Stories In Hindi
बैताल पचीसी, दूसरी कहानी पति कौन
बैताल पचीसी 25 कथाओं का एक ग्रन्थ है. जिसके रचयिता बेतालभट्ट बताये जाते हैं जो न्याय के लिये प्रसिद्ध राजा विक्रम के नौ रत्नों में से एक थे. बैताल पचीसी की कथायें राजा विक्रम की न्याय-शक्ति को दर्शाती हैं. इस ग्रंथ के अनुसार बेताल प्रतिदिन राजा विक्रम को एक कहानी सुनाता है और अन्त में राजा से ऐसा सवाल पूछता है, राजा को उसका जवाब देना ही पड़ता है. उसने शर्त लगा रखी है कि अगर राजा बोलेगा तो वह उससे रूठकर फिर से पेड़ पर जा लटकेगा. लेकिन यह जानते हुए भी सवाल सामने आने पर राजा चुप नहीं रह पाता और बोल पड़ता है. आज हम आपके लिए बैताल पचीसी की सभी कहानियां लेकर आए हैं ताकि आप मुफ्त में ये कहानी पढ़ सकें. हर एक कहानी के नीचे बाकि की कहानियों का लिंक भी प्रकाशित किया गया है ताकि आप सभी कहानियों को एक ही जगह पर पढ़ सकें.
बैताल पचीसी: दूसरी कहानी: पति कौन ? Vikram-Betal Stories In Hindi – 2nd Story
यमुना के किनारे धर्मस्थान नामक एक नगर था. उस नगर में गणाधिप नाम का राजा राज करता था. उसी में केशव नाम का एक ब्राह्मण भी रहता था. ब्राह्मण यमुना के तट पर जप-तप किया करता था. उसकी एक पुत्री थी, जिसका नाम मालती था. वह बड़ी रूपवती थी. जब वह ब्याह के योग्य हुई तो उसके माता, पिता और भाई को चिन्ता हुई. संयोग से एक दिन जब ब्राह्मण अपने किसी यजमान की बारात में गया था और भाई पढ़ने गया था, तभी उनके घर में एक ब्राह्मण का लड़का आया. लड़की की माँ ने उसके रूप और गुणों को देखकर उससे कहा कि मैं तुमसे अपनी लडकी का ब्याह करूँगी. होनहार की बात कि उधर ब्राह्मण पिता को भी एक दूसरा लड़का मिल गया और उसने उस लड़के को भी यही वचन दे दिया. उधर ब्राह्मण का लड़का जहाँ पढ़ने गया था, वहाँ वह एक लड़के से यही वादा कर आया.
कुछ समय बाद बाप-बेटे घर में इकट्ठे हुए तो देखते क्या हैं कि वहाँ एक तीसरा लड़का और मौजूद है. दो उनके साथ आये थे. अब क्या हो? ब्राह्मण, उसका लड़का और ब्राह्मणी बड़े सोच में पड़े. दैवयोग से हुआ क्या कि लड़की को साँप ने काट लिया और वह मर गयी. उसके बाप, भाई और तीनों लड़कों ने बड़ी भाग-दौड़ की, ज़हर झाड़नेवालों को बुलाया, पर कोई नतीजा न निकला. सब अपनी-अपनी करके चले गये.
दु:खी होकर वे उस लड़की को श्मशान में ले गये और क्रिया-कर्म कर आये. तीनों लड़कों में से एक ने तो उसकी हड्डियाँ चुन लीं और फकीर बनकर जंगल में चला गया. दूसरे ने राख की गठरी बाँधी और वहीं झोपड़ी डालकर रहने लगा. तीसरा योगी होकर देश-देश घुमने लगा.
एक दिन की बात है, वह तीसरा लड़का घूमते-घामते किसी नगर में पहुँचा और एक ब्राह्मणी के घर भोजन करने बैठा. जैसे ही उस घर की ब्राह्मणी भोजन परोसने आयी कि उसके छोटे लड़के ने उसका आँचल पकड़ लिया. ब्राह्मणी से अपना आँचल छुड़ता नहीं था. ब्राह्मणी को बड़ा गुस्सा आया. उसने अपने लड़के को झिड़का, मारा-पीटा, फिर भी वह न माना तो ब्राह्मणी ने उसे उठाकर जलते चूल्हें में पटक दिया. लड़का जलकर राख हो गया. ब्राह्मण बिना भोजन किये ही उठ खड़ा हुआ. घरवालों ने बहुतेरा कहा, पर वह भोजन करने के लिए राजी न हुआ. उसने कहा जिस घर में ऐसी राक्षसी हो, उसमें मैं भोजन नहीं कर सकता.
इतना सुनकर वह आदमी भीतर गया और संजीवनी विद्या की पोथी लाकर एक मन्त्र पढ़ा. जलकर राख हो चुका लड़का फिर से जीवित हो गया.
यह देखकर ब्राह्मण सोचने लगा कि अगर यह पोथी मेरे हाथ पड़ जाये तो मैं भी उस लड़की को फिर से जिला सकता हूँ. इसके बाद उसने भोजन किया और वहीं ठहर गया. जब रात को सब खा-पीकर सो गये तो वह ब्राह्मण चुपचाप वह पोथी लेकर चल दिया. जिस स्थान पर उस लड़की को जलाया गया था, वहाँ जाकर उसने देखा कि दूसरे लड़के वहाँ बैठे बातें कर रहे हैं. इस ब्राह्मण के यह कहने पर कि उसे संजीवनी विद्या की पोथी मिल गयी है और वह मन्त्र पढ़कर लड़की को जिला सकता है, उन दोनों ने हड्डियाँ और राख निकाली. ब्राह्मण ने जैसे ही मंत्र पढ़ा, वह लड़की जी उठी. अब तीनों उसके पीछे आपस में झगड़ने लगे.
इतना कहकर बेताल बोला, “राजा, बताओ कि वह लड़की किसकी स्त्री होनी चाहिए?”
राजा ने जवाब दिया, “जो वहाँ कुटिया बनाकर रहा, उसकी.”
बेताल ने पूछा, “क्यों?”
राजा बोला, “जिसने हड्डियाँ रखीं, वह तो उसके बेटे के बराबर हुआ. जिसने विद्या सीखकर जीवन-दान दिया, वह बाप के बराबर हुआ. जो राख लेकर रमा रहा, वही उसकी हक़दार है.”
राजा का यह जवाब सुनकर बेताल फिर पेड़ पर जा लटका. राजा को फिर लौटना पड़ा और जब वह उसे लेकर चला तो बेताल ने तीसरी कहानी सुनायी.
यहां पढ़ें बैताल पच्चीसी की बाकि की कहानियां
- पहली कहानी बैताल पचीसी: पापी कौन ? Baital Pachisi First Story: Papi Kaun?
- दूसरी कहानी बैताल पचीसी: पति कौन ? Baital Pachisi Second Story: Pati Kaun?
- तीसरी कहानी बैताल पचीसी: सबसे ज्यादा पुण्य किसका?, Baital Pachisi 3rd Story: Sabse Jyada Punya Kiska?
- चौथी कहानी बैताल पचीसी: ज्यादा पापी कौन?, Baital Pachisi Fourth Story: Jyada Paapi Kaun?
- पाँचवीं कहानी बैताल पचीसी : असली वर कौन?, Baital Pachisi Fifth Story: Asali Var Kaun?
- छठी कहानी बैताल पचीसी : पत्नी किसकी ?,aital Pachisi Sixth Story: Patni Kiski?
- सातवीं कहानी बैताल पचीसी : किसका पुण्य बड़ा?, Baital Pachisi Seventh Story:Kiska Punya Bada?
- आठवीं कहानी बैताल पचीसी : सबसे बढ़कर कौन ?,Baital Pachisi Eighth Story: Sabse Badhkar Kaun?
- नौवीं कहानी बैताल पचीसी : सर्वश्रेष्ठ वर कौन?, Baital Pachisi Ninth Story: Sarva Shrestha Var Kaun?
- दसवीं कहानी बैताल पचीसी : सबसे अधिक त्यागी कौन?, Baital Pachisi Tenth Story: Sabse Adhik Tyagi Kaun?
- ग्याहरवीं कहानी बैताल पचीसी : सबसे अधिक सुकुमार कौन?, Baital Pachisi Eleventh Story: Sabse Adhik Sukumar Kaun?
- बारहवीं कहानी बैताल पचीसी : दीवान की मृत्यु क्यूँ ?Baital Pachisi Twelfth Story: Diwan Ki Mrityu Kyon?
- तेरहवीं कहानी बैताल पचीसी : अपराधी कौन?, Baital Pachisi Thirteenth Story: Apradhi Kaun?
- चौदहवीं कहानी बैताल पचीसी : चोर ज़ोर-ज़ोर से क्यों रोया और फिर हँसा?, Baital Pachisi Fourteenth Story: Jor Jor Se Kyon Roya Aur Fir Hansa?
- पन्द्रहवीं कहानी बैताल पचीसी: क्या चोरी की गयी चीज़ पर चोर का अधिकार होता है? Baital Pachisi Fifteenth : Kya Chori Ki Gayi Chize Par Chor Ka Adhikar Hota Hai?
- सोलहवीं कहानी बैताल पचीसी : सबसे बड़ा काम किसने किया?, Baital Pachisi Sixteenth Story: Sabse Bada Kaam Kisne Kiya?
- सत्रहवीं कहानी बैताल पचीसी : अधिक साहसी कौन?,Baital Pachisi Seventeenth Story: Adhik Sahsi Kaun?
- अठारहवीं कहानी बैताल पचीसी : विद्या क्यों नष्ट हो गयी?Baital Pachisi Eighteenth Story: Vidya Kyon Nasht Ho Gayi?
- उन्नीसवीं कहानी बैताल पचीसी: पिण्ड दान का अधिकारी कौन?, Baital Pachisi Nineteenth Story: Pind Daan Ka Adhikari Kaun?
- बीसवीं कहानी बैताल पचीसी : बालक क्यों हँसा?, Baital Pachisi Twentieth Story: Balak Kyo Hansaa?
- इक्कीसवीं कहानी बैताल पचीसी : सबसे ज्यादा प्रेम में अंधा कौन था?, Baital Pachisi Twenty-first Story: Sabse Jyada Prem Me Andha Kaun Tha?
- बाईसवीं कहानी बैताल पचीसी: शेर बनाने का अपराध किसने किया?,Baital Pachisi Twenty-Second Story: Sher Bnaane Ka Apradh Kisne Kisne Kiya?
- तेइसवीं कहानी बैताल पचीसी ते: योगी पहले क्यों रोया, फिर क्यों हँसा?,Baital Pachisi Twenty-Third Story: Yogi Pahle Kyo Roya Fir Kyo Hansaa?
- चौबीसवीं कहानी बैताल पचीसी : माँ-बेटी के बच्चों में क्या रिश्ता हुआ? Baital Pachisi Twenty-fourth Story: Maa Beti Ke Bacchon Me Kya Rishta Hua?
- पच्चीसवीं कहानी बैताल पचीसी , Baital Pachisi Twenty-fifth Story
Vikram Aur Betaal, Vikram Betal, Vikram Betal Stories, Vikram Betal Story, Betaal Pachisi, Vikram Betal Ki Kahani, Baital Pachisi, Vikram Aur Betaal, Vikram Aur Betaal Ki Kahaniya in Hindi, Vikram Aur Betaal Stories, विक्रम बेताल की कहानियाँ, Story of Vikram Betal in Hindi, Vikram Betal Story in Hindi, Vikram and Betal Stories in Hindi, Vikram Vetal Story, Betal Pachisi, बेताल पच्चीसी की कहानियाँ, Kahaniya Vikram Betaal Ki, Vikram and Betal Stories, Vikram Vetal Story in Hindi, Vikram Betaal