मेहनत और रचनात्मक मेहनत का अंतर हिंदी कहानी, Mehnat Aur Rachnatmak Mehanat Ka Antar Hindi Kahani, Difference Between Hard Work And Creative Hard Work Hindi Story, Hindi Story Hard Work Vs Creative Work

मेहनत और रचनात्मक मेहनत का अंतर हिंदी कहानी, Mehnat Aur Rachnatmak Mehanat Ka Antar Hindi Kahani, Difference Between Hard Work And Creative Hard Work Hindi Story, Hindi Story Hard Work Vs Creative Work
मेहनत और रचनात्मक मेहनत का अंतर हिंदी कहानी
एक समय की बात है एक गरीब मजदूर था. वह हर रोज कड़ी मेहनत करके पास में ही स्थित पहाड़ी से पत्थर तोड़ता और बाजार में जाकर उसे बेच देता जिससे उसका रोज का घर खर्च मुश्किल से निकल जाता.
एक दिन वह पत्थर बेचने एक कारीगर की दुकान पर गया तो उसने देखा कि कारीगर बहुत सुन्दर पत्थर व्यापारी को हजारों रूपये में बेच रहा था. उसने कारीगर को पूछा कि यह इतने कीमती पत्थर कहाँ मिलते है. कारीगर ने कहा कि यह वही पत्थर है जो तुमने मुझे बेचा था, मैंने तुम्हारे पत्थर के छोटे छोटे टुकड़े करके इनको अपनी कारीगरी से सुन्दर बनाया है.
कारीगर की बात सुनकर मजदूर बड़ा दुखी हुआ उसने कहा – “दुनिया में मेहनत की कोई कीमत ही नहीं. मैं रोज 12 घंटे कड़ी धूप में मेहनत करके पत्थर तोड़कर लाता हूँ लेकिन मुझे 100-200 रूपये मुश्किल से मिलते है और तुम छ:-सात घंटे आराम से बैठकर काम करते हो फिर भी तुम्हारी आमदनी मुझसे सौ गुना अधिक है.”
कारीगर ने कहा – किसी वस्तु का मूल्य इस बात से निर्धारित नहीं होता कि वह कितनी मेहनत करके बनाई गयी है, उसका मूल्य इस बात से निर्धारित होता है कि उसकी उपयोगिता क्या है या वह कितनी उपयोगी है.
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