क्या आप भी भगवान पर हँसते है हिंदी कहानी, Kya Aap Bhi Bhagwan Par Haste Hai Hindi Kahani, Do You Also Laugh At God Hindi Story, Motivational Story Do You Laugh At God

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क्या आप भी भगवान पर हँसते है हिंदी कहानी, Motivational Story Do You Laugh At God
ऋषि अष्टावक्र का शरीर कई जगह से टेढ़ा-मेढ़ा था इसलिए वे अच्छे नहीं दिखते थे। एक दिन जब ऋषि अष्टावक्र राजा जनक की सभा में पहुंचे तो उन्हें देखते ही सभा के सभी सदस्य हंस पड़े। ऋषि अष्टावक्र सभा के सदस्यों को हंसता देखकर वापस लौटने लगे।
यह देखकर राजा जनक ने ऋषि अष्टावक्र से पूछा-‘‘भगवन ! वापस क्यों जा रहे है?”
ऋषि अष्टावक्र ने उत्तर दिया- ‘‘मैं मूर्खों की सभा में नहीं बैठता।’’
ऋषि अष्टावक्र की बात सुनकर सभा के सदस्य नाराज हो गए और उनमें से एक सदस्य ने क्रोध में पूछ ही लिया- ‘‘हम मूर्ख क्यों हुए? आपका शरीर ही ऐसा है तो हम क्या करें’’
तभी ऋषि अष्टावक्र ने उत्तर दिया – ‘‘तुम लोगों को यह नहीं मालूम कि तुम मुझ पर नहीं, सर्वशक्तिमान ईश्वर पर हंस रहे हो। मनुष्य का शरीर तो हांडी की तरह है जिसे ईश्वर रूपी कुम्हार ने बनाया है। हांडी की हंसी उड़ाना क्या कुम्हार की हंसी उड़ाना नहीं हुआ?’’
अष्टावक्र का तर्क सुनकर सभी सभा सदस्य लज्जित हो गए और उन्होंने ऋषि अष्टावक्र से क्षमा मांगी।
दोस्तों हम में से ज्यादात्तर लोग भी कभी न कभी किसी मोटे, दुबले या काले व्यक्ति को देखकर हँसते है और उनका मजाक उड़ाते है कि वह कैसा भद्दा दिखता है| जब हम ऐसा करते है तो हम ईश्वर, अल्लाह या भगवान का मजाक उड़ाते है न कि उस व्यक्ति का|
“इन्सान के व्यक्तित्व का निर्माण उसका रंग, शरीर या कपड़े नहीं करते बल्कि व्यक्तित्व का निर्माण मनुष्य के विचार एंव उसका आचरण करते है|”
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