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स्वार्थी चमगादड़ हिंदी कहानी
Hindi Kids Story Selfish Bat- बहुत पुरानी बात है। एक बार पशुओं और पक्षियों में झगड़ा हो गया। चमगादड़ों ने इस लड़ाई में किसी का पक्ष नहीं लिया। उन्होंने सोचा, हम पक्षियों की भाँति उड़ते हैं, इसलिए पक्षियों में शामिल हो सकते हैं। मगर पक्षियों की तरह हमारे पंख नही होते हम अंडे़ भी नही देते। इसलिए हम पशु दल में भी शामिल हो सकते हैं। हम पक्षी भी हैं और पशु भी हैं। इसलिए दोनों में से जो पक्ष जीतेगा, उसी में हम मिल जाँएगे। अभी तो हम इस बात का इंतजार करें कि इनमे से कौन जीतता है।
पशुओं और पक्षियों में युद्ध शुरू हुआ। एक बार तो ऐसा लगा कि पशु जीत जाएँगे चमगादड़ों ने सोचा, अब शामिल होने का सही वक्त आ गया है। वे पशुओं के दल में शामिल हो गए। कुछ समय बाद पक्षी-दल जीतने लगा। चमगादड़ों को इससे बड़ा दुःख हुआ। अब वे पशुओं को छोड़कर पक्षी-दल में शामिल हो गए।
अंत में युद्ध खत्म हुआ। पशुओं और पक्षियों ने आपस में संधि कर ली। वे एक-दूसरे के दोस्त बन गए। दोनों ने चमगादड़ों का बहिष्कार कर दिया। स्वार्थी चमगादड़ अकेले पड़ गए।
तब चमगादड़ वहाँ से दूर चले गए और अंधेरे कोटरों में छुप गए। तब से वे अंधेरे कोटरो में ही रहते हैं। केवल शाम के धुँधले में ही वे बाहर निकलते हैं। इस समय पक्षी अपने घोंसलों में लौट आते हैं और जंगली जानवर रात में ही अपनी गुफा से बाहर निकलते हैं।
शिक्षा -स्वार्थी मित्र किसी को अच्छा नहीं लगता।
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