हँसमुख सरदार हिंदी कहानी, Hasmukh Sardaar Hindi Kahani, हिंदी कहानी हँसमुख सरदार, Hindi Kahani Hasmukh Sardaar, किड्स स्टोरी हँसमुख सरदार इन हिन्दी, Hindi Short Story Hasmukh Sardaar
हँसमुख सरदार हिंदी कहानी, Hasmukh Sardaar Hindi Kahani
Hindi Short Story Hasmukh Sardaar- बहुत दिनों की बात है। एक बहादुर सरदार था। उसने अनेक लड़ाइयाँ लड़ी थीं और उनमें अपनी असाधारण वीरता का परिचय दिया था। वह एक मँजा हुआ तलवारबाज और कलाबाज घुड़सवार था। इतना ही नहीं, वह दिल का भी बहुत उदार था। वह सदा गरीबों और जरूरतमंद लोगों की सहायता किया करता था। असहाय लोगों की रक्षा करना वह अपना कर्तव्य समझता था। लोग उसे सच्चे दिल से प्यार करते थे। वे उसकी अच्छाइयों का गुणगान करते और उसका बहुत सम्मान करते थे।
पर इस सरदार के बारे में एक रहस्य की बात थी, जो किसी को मालूम नहीं थी। यहाँ तक की उसके घनिष्ठ मित्रों तक को भी इसका पता नहीं था। सरदार बिल्कुल गंजा था। अपने गंजेपन को छिपाने के लिए वह बालों की टोपी पहना करता था। यह टोपी उसके सिर पर इस प्रकार बैठ जाती थी कि उसके गंजेपन के बारे में किसी को रंचमात्र भी शंका नहीं होती थी।
एक बार सरदार अपने कुछ मित्रों के साथ जंगल में शिकार खेलने गया। वे अपने घोड़ों को सरपट दौड़ाते जा रहे थे कि तभी अकस्मात बड़े जोरो की आँधी आई और सरदार की बालों की टोपी उड़कर दूर जा गिरी। सरदार के गंजेपन का रहस्य खुल गया।
सरदार के मित्र उसकी गंजी खोपड़ी देखकर दंग रह गए। उन्हें सपने में भी यह ख्याल नहीं था कि उनका हँसमुख सरदार गंजा है। वे ठठाकर हँस पड़े। उन्होंने कहा, “वाह, आपका सिर तो अंडे़ की तरह सफाचट है। आप हमेशा अपने आप को जवान साबित करते रहे और हमें बेवकूफ बनाते रहे!”
“हाँ, मैं हमेशा अपना गंजापन छिपाने का प्रयास करता रहा। पर मुझे मालूम था कि एक दिन मेरा यह राज खुलकर रहेगा। जब मेरे अपने बालों ने मेरा साथ नहीं दिया तो दूसरों के बाल मेरे सिरपर सदा के लिए कैसे रह सकते हैं?” यह कहकर सरदार हो, हो करता हुआ खिलखिलाकर हँस पड़ा।
जब सरदार के मित्रों ने देखा कि वह स्वयं अपने आपपर हँस रहा है, तो वे उस पर हँसने के कारण बहुत शर्मिंदा हुए। उन्होंने सरदार से कहा, “सरदार, आप वाकई बहुत दिलदार हैं।”
शिक्षा -जो अपने पर हँस सकता है, वह कभी हँसी का पात्र नहीं बन सकता।
ये भी पढ़े –