कुछ समय पहले टीवी पर एक इश्तहार आता था जिसमें सब झूम झूम कर कहा करते थे कि
“जो तेरा है वो मेरा है जो मेरा है वो तेरा” इस थीम को ध्येय वाक्य बना लिया चीन ने और चौदह देशों से सटी अपनी सीमाओं पर यही फार्मूला अपना लिया और हर तरफ हाथ पांव मारने लगा कि कहीं कुछ भी हासिल हो जाये ,जमीन की इतनी तलब कि तिब्बत और हांगकांग से जी नहीं भरा तो अब रूस के एक शहर पर अपना दावा ठोंक दिया कि वो रूस का आधुनकि व्लादिवोस्टोक शहर ,चीन का चार सौ साल पुराना हसेनवाई शहर है ,जो उनके मन्चूरियन प्रान्त का हिस्सा था ।यही हाल रहा तो कुछ दिन में चीन हर उस जगह दावा ठोंक देगा जहां-जहां मन्चूरियन या चायनीज डिश खायी जाती है ,लेकिन रूस तो आखिर रूस ही ठहरा उसने ड्रैगन को ऐसी घुड़की दी कि अब चीन आंखे दिखाने की हिमाकत नहीं कर सकता ,फिर उसकी आंखें हैं ही कितनी बड़ी ये देखने की बात है ।
रूस के शहर के दावे से उबरे ही थे लोग कि जापान की जलीय सीमा पर अपना विस्तारवाद का शिगूफा चीन ने छोड़ दिया ,लेकिन जापान अपने चमत्कारी उत्पादों के लिये भी जाना जाता है न कि चीन की तरह हल्के और नकली उत्पादों से। भारत में भी लोग जापानी उत्पादों के चमत्कारों से अभिभूत रहते हैं ।बहुत पहले राजकपूर साहब ने जब “मेरा जूता है जापानी ” गाया तो वो पूरे देश की जुबान पर चढ़ गया था ,लोगों ने गाते गाते जापानी जूते की तलाश शुरू कर दी ,बाद में पता चला कि जापनियों के बनाये गए जूते छोटे साइज के होते हैं जबकि हमारे देश के लोगों के पैर लम्बे भी ज्यादा होते हैं और चौड़े भी ,लेकिन आज एक दूसरे को आंखे दिखा रहे चीन और जापान की जूतों को लेकर खूब आदान प्रदान हुआ ।
कयास न लगाएं साहब ये जूतमपैजार नहीं थी,बल्कि छोटे साइज के जापानी जूतों की चीन में बढ़ती मांग थी ,क्योंकि चीन में महिलाओं की खूबसूरती का मानक पैरों का छोटा होना भी माना जाता है।चीन की इस जनाना जरूरत को जापान ने जूतों का निर्यात करके पूरा किया ।
भारत में जापानी जूते का गीत तो लोगों की जुबान पर खूब चढ़ा ,मगर जापानी उत्पाद उतने लोकप्रिय नहीं हुए। अलबत्ता नीम -हकीमों ने अपने दावों में कुछ काल्पनिक जापानी तेलों को जोड़ लिया और पुरानी दिल्ली की गलियां रंग डाली। जो इंसान अपनी कमिश्नरी से भी बाहर न गया हो और टाट -पट्टी बिछाकर इलाज करता हो वो भी दो चार रंगीन शीशियों को दिखाकर चमत्कारी जापानी तेल के उत्साहवर्धक नतीजों का दावा करता है और लोगबाग उन पर गाहे बगाहे यकीन भी करते हैं –
“कोई निजात की सूरत नहीं रही,नहीं सही
मगर निजात की कोशिश तो एक मिसाल हुई “
लेकिन चीन से किसी को निजात नहीं ,पाक बड़ी गलबहियां डाले था चीन से ,इधर सुना है कि पूरा पाकिस्तान ही चीन को पट्टे पर दिए जाने की योजना चल रही है ।वैसे भी पाकिस्तान को “स्टेटलेस स्टेट” यूँ ही नहीं कहा जाता ,यही तो उस मुल्क की खूबी है कि वहां कोई भी अपना स्टेट बसा सकता है ,कोई भी कुछ भी कर सकता है ।चीन ने भी यही किया ,दुनिया का दबाव पड़ा ,फटकार पड़ी कि कोरोना चीन वालों के चमगादड़,सांप खाने से फैला है तो चीन ने सापों और चमगादड़ों का व्यापार बन्द कर दिया।शिनजियांग प्रान्त के सिर्फ एक गांव में तीस लाख सांपो का स्टॉक था ,जिसे चीनी सरकार ने जंगल में छोड़ने का निर्णय लिया ।चीन के पर्यावरणविदों ने आगाह किया कि इससे चीन के जंगलों का जैविक सन्तुलन बिगड़ जायेगा ,अब उड़ती उड़ती खबर आ गयी है कि चीन ने वो तीस लाख साँप पाकिस्तान के जंगलों में छोड़ दिये हैं ,पाकिस्तान के टीवी चैंनल आगाह कर रहे हैं कि उनकी फसलें तो टिड्डी खा गयीं और बन्दों को सांप खा जाएंगे।
पाकिस्तान ने क्या रहनुमा चुना है ,बन्दे का कमाल कॉन्फिडेन्स है ।जिस देश की जीडीपी का आधे से ज्यादा हिस्सा कर्जे चुकाने में चला जाये ,जिस देश मे आटे -दाल के लाले हों,जिस मुल्क में आतंकवादी बनना युवाओं का कैरियर हो ,उस मुल्क के सदर ने फरमाया कि हम भारत के अस्सी करोड़ लोगों को कैश ट्रांसफर योजना के तहत मदद करना चाहते हैं। इसे ही कहते हैं “घर में नहीं दाने, अम्मा चली भुनाने “।
पाकिस्तान के रहनुमा के इस प्रस्ताव पर पाकिस्तान के लोगों ने खूब तफरी ली और लाकडाउन में उनका खूब मनोरंजन हुआ ,ये दावा वैसा ही था जैसा इमरान खान नियाजी ने पिछले साल किया था कि कराची के समुद्र में उन्हें तेल -गैस का इतना बड़ा भंडार मिला है कि पाकिस्तान के न सिर्फ सारे कर्जे निपट जाएंगे ,बल्कि पाकिस्तान दुनिया के सबसे अमीर और खुशहाल मुल्कों में आ जायेगा।
फैशन की दुनिया में एक कहावत है कि “प्लेबॉय की बातों का बहुत एतबार नहीं करना चाहिये”
इमरान नियाजी तो अभी भी प्ले बॉय और छैला बनने के शुरुर से बाहर नहीं निकले हैं,क्योंकि भारत में जब तीन तलाक का मुद्दा डिस्कशन में था ,तभी नियाजी साहब ने तीसरी शादी कर ली । किसी को बंग्ला या गाड़ी दहेज में मिलती है सुना है उन्हें दो जिन्नात मिले हैं ,जो उनके काबू में हैं और उनका हुक्म मानते हैं।
वैसे भी पाकिस्तान कमाल का मुल्क है ,वो दुनिया का पहला मुल्क है जो बहुत दूर तक सोचता है ,कोरोना फैलने पर उसने दवा -इलाज ,रिज्क की फिक्र नहीं की ,अलबत्ता कब्रें खुदवानी शुरू कर दी –
” रहनुमाओं की अदाओं पे फिदा है दुनिया
इस डूबती दुनिया को बचा लो यारों “
चीन ,भारत से नहीं उलझ पाया ,पहले भारत से ही निकले मुल्क पाकिस्तान को बरगलाया उनका बहुत बड़ा हिस्सा ले लिया,अब उसकी नजर भारत के छोटे भाई कहे जाने वाले मुल्क नेपाल पर है ।
पहले नेपाल को उकसाया ,भारत के खिलाफ,बयानबाजी,गोली बारी करवाई ,अब उनके सरबरा ओली की हिमाकत से उस मुल्क की उम्मीदों पर ओले पड़ रहे हैं ,और दो भाई जैसे मुल्कों के बीच हुए विवाद से कुछ कामरेड बहुत खुश हुए और “ओले ,ओले कह कर नाचने लगे।लेकिन उनको ये आईडिया नहीं था कि बिहार रेजिमेंट भी दुश्मन को अपनी धुन पर नचाना जानती है ।भारत में लोग हिंदी -चीनी भाई भाई का नारा तो सुन लेते हैं लेकिन सन्देश बड़ा स्पष्ट है कि अब हम “चीनी कम “युग की तरफ बढ़ रहे हैं। ये चोट आर्थिक बहुत ज्यादा है ,बिलबिलाते हुए चीन कह रहा है कि गलवान में जो हुआ वो उसके लिये “भूली दास्तां “जैसा है ।लेकिन हिंदुस्तान इस बार नहीं भूला ,उसने बॉर्डर पर न सिर्फ लात -घूंसे की चोट दी ,बल्कि देश मे आर्थिक बहिष्कार से ड्रैगन की चूलें हिला दीं।उन्हें बड़ी गलतफहमी थी कि उनके धौंस में हिंदुस्तान आ जायेगा –
“यूँ ही हमेशा उलझती रही है जुल्म से खल्क
न उसकी रस्म नयी है ,न अपनी रीत नयी है
यूँ ही हमेशा खिलाये हैं हमने आग में फूल
न उनकी हार नयी है,न अपनी जीत नयी है “
गलवान घाटी में बिहार के पराक्रम से देश के लोग बहुत गर्वित हैं ,सेटेलाइट पर जब उस पार की की हिमाकत की तस्वीरों के परिणाम आते हैं तो लोग चाय का आर्डर देते हुए बोलते हैं
“चीनी कम “और गुनगुनाते लगते हैं –
“जिया हो बिहार के लाला “।
ये भी पढ़े –
- विवेकानंद की जीवनी, स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय, स्वामी विवेकानंद की बायोग्राफी, Swami Vivekananda In Hindi, Swami Vivekananda Ki Jivani
- शहीदे आज़म भगत सिंह की जीवनी, शहीद भगत सिंह की बायोग्राफी हिंदी में, भगत सिंह का इतिहास, भगत सिंह का जीवन परिचय, Shaheed Bhagat Singh Ki Jivani
- महात्मा गांधी की जीवनी, महात्मा गांधी का जीवन परिचय, महात्मा गांधी की बायोग्राफी, महात्मा गांधी के बारे में, Mahatma Gandhi Ki Jivani
- डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जीवनी, डॉ. भीम राव अम्बेडकर का जीवन परिचय हिंदी में, डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अनमोल विचार, Dr. B.R. Ambedkar Biography In Hindi
- सुभाष चन्द्र बोस की जीवनी, सुभाष चंद्र बोस की जीवनी कहानी , नेताजी सुभाष चन्द्र बोस बायोग्राफी, सुभाष चन्द्र बोस का राजनीतिक जीवन, आजाद हिंद फौज का गठन
- महादेवी वर्मा की जीवनी , महादेवी वर्मा की बायोग्राफी, महादेवी वर्मा की शिक्षा, महादेवी वर्मा का विवाह, Mahadevi Verma Ki Jivani
- तानसेन की जीवनी , तानसेन की बायोग्राफी, तानसेन का करियर, तानसेन का विवाह, तानसेन की शिक्षा, Tansen Ki Jivani, Tansen Biography In Hindi
- वॉरेन बफे की जीवनी, वॉरेन बफे की बायोग्राफी, वॉरेन बफे का करियर, वॉरेन बफे की पुस्तकें, वॉरेन बफे के निवेश नियम, Warren Buffet Ki Jivani, Warren Buffet Biography In Hindi
- हरिवंश राय बच्चन की जीवनी, हरिवंश राय बच्चन की बायोग्राफी, हरिवंश राय बच्चन की कविताएं, हरिवंश राय बच्चन की रचनाएं, Harivansh Rai Bachchan Ki Jivani
- रामधारी सिंह दिनकर की जीवनी , रामधारी सिंह दिनकर की बायोग्राफी, रामधारी सिंह दिनकर के पुरस्कार, रामधारी सिंह दिनकर की रचनाएं, Ramdhari Singh Dinkar Ki Jivani
- मन्नू भंडारी की जीवनी, मन्नू भंडारी की बायोग्राफी, मन्नू भंडारी का करियर, मन्नू भंडारी की कृतियां, Mannu Bhandari Ki Jivani, Mannu Bhandari Biography In Hindi
- अरविन्द घोष की जीवनी, अरविन्द घोष की बायोग्राफी, अरविन्द घोष का करियर, अरविन्द घोष की मृत्यु, Arvind Ghosh Ki Jivani, Arvind Ghosh Biography In Hindi
- सम्राट अशोक की जीवनी, सम्राट अशोक की बायोग्राफी, सम्राट अशोक का शासनकाल, सम्राट अशोक की मृत्यु, Ashoka Samrat Ki Jivani, Ashoka Samrat Biography In Hindi
- मिल्खा सिंह की जीवनी, मिल्खा सिंह की बायोग्राफी, मिल्खा सिंह का करियर, मिल्खा सिंह का विवाह, मिल्खा सिंह के पुरस्कार, Milkha Singh Ki Jivani, Milkha Singh Biography In Hindi
- अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी, अटल बिहारी वाजपेयी की रचनाएं, अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं, Atal Bihari Vajpayee, Atal Bihari Vajpayee Biography In Hindi