Vyangya to kyon Dhan Sanchay Amitabh Bachchan

व्यंग्य : ….तो क्यों धन संचय

Vyangya to Kyon Dhan Sanchay Amitabh Bachchan

हाल ही में एक ट्वीट ने काफी सुर्खियां बटोरी,

“पूत कपूत तो क्यों धन संचय
पूत सपूत तो क्यों धन संचय”

जिसमें अमिताभ बच्चन साहब ने सन्तान के लिये धन एकत्र ना करने का उपदेश दिया है लोगों ने इस वाक्य को आई ओपनर की संज्ञा दी है ।लोग बाग़ ये अनुमान लगा रहे हैं कि प्रयाग में जन्मे अमिताभ बच्चन अब धन संचय का कार्य रोक देंगे और प्रयागराज के स्वर्णिम इतिहास का अनुसरण करते हुए अपनी समस्त संचित निधियां दान पुण्य में लगा देंगे महाराज हर्ष की भांति और सिर्फ एक उत्तरीय अपने नश्वर शरीर पर रखेंगे, इस फोटो की अपेक्षा की ही जा रही थी कि पता लगा क़ि ये फोटोसेशन किसी अगली फिल्म के प्रचार का हिस्सा है।

लेकिन कुछ अल्प बुद्धि लोग सवाल उठा रहे हैं कि साबुन, मंजन, तेल, अगरबत्ती बेच रहे अमिताभ बच्चन किसके लिये इस बुढ़ापे में धन संचय के इतने उपाय और पाला बदल कर रहे हैं, पिछली सर्दियों में वो सेहत का राज डाबर च्यवनप्राश बता रहे थे और इस सर्दी में अपनी सेहत का राज झंडू का च्यवनप्राश बता रहे हैं टीवी पर। मगर वास्तव में शाम को फेसबुक पर लिख कर बताते हैं कि डॉक्टर ने बताया है कि शरीर की हालत बेहद खराब है, आराम करो वरना शरीर दगा दे सकता है। उधर बेटे ने भी कहा है कि वो माँ, दीदी और खुद मिलकर घर को संभाल लेंगे, दरअसल उनका आशय शूटिंग के शेडयूल से है। लेकिन अमिताभ बच्चन धन संचय के अपने अभियान पर जुटे ही हैं। एक उस्ताद शायर ने फरमाया है

“उम्र तो सारी कटी इश्के बुता में मोमिन
आखिरी वक्त में क्या खाक मुसलमां होंगे “

वैसे पूत के लिये धन संचय का अभियान चंहुँ ओर जारी ही है, जो लोग समय की धूल फांक कर बड़े हुए हैं वो चाहते हैं कि चांदी के चिम्मच वाले उनके पूत को जनता वैसे ही स्वीकृति दे दे जैसे उनकी है, लेकिन ये धृतराष्ट्र सरीखा पुत्र प्रेम लोकतंत्र में दूर तक कारगर नहीं होता, ये पुत्र प्रेम धन का संचय भी कराता है और उसका क्षय भी कराता है। धन सिर्फ रुपया, पैसा ही नहीं होता बल्कि नाम और विचारधारा भी एक पूंजी होती है जिसको पीढ़ी दर पीढ़ी सहेजा जाता है, लेकिन पद और सत्ता के लिये सबसे पहले विचारधारा की बलिवेदी पर पूंजी का संचय स्वाहा होता है जिसमें सन्तान मोह दहाड़ते हुए शेर को सर्कस का पालतू शेर बना देती है ,जंगल का शेर अपने भोजन का बंदोबस्त खुद करता है तब मदमस्त चलता है, बेपरवाह लेकिन सर्कस का शेर जानता है इस बाड़े में भोजन देने वाला आदमी ही मेरा तारनहार है सो वो उस रिंगमास्टर के कहेनुसार ही “नाच जमूरे नाच” की तर्ज पर सोते जागते बर्ताव करता है। तारीख शाहिद है कि पुत्र मोह के इस धन संचय ने अतीत में भी इस महान सभ्यता को ऐसे घाव दिए हैं जिनसे हम अभी तक उबर नहीं सके हैं। गन्ने और सरकंडे का फर्क ना जानने वालों ने किसान आंदालनों को ऐसे पाताल में पहुंचाया है कि पूछिये मत।

इस पुत्र मोह की धन संचय वाली सोच ने वो स्यापा किया साहब, कि केशव कथा कहि ना जाए।
जमूरे की नाच बड़ी दूर तक है अब देखिये ना दिल्ली के छात्रों का प्रदर्शन उनके संवैधानिक अधिकार हैं और बनारस के छात्रों का प्रदर्शन उनकी धर्मान्धता है, कुछ ऐसा ही दिखा रहा है मीडिया का बहुत बड़ा हिस्सा। किसी ने जानने की जहमत नहीं उठायी कि धर्म विज्ञान नाम की एक शाखा होती है तालीम की जो भाषा की तालीम से थोड़ी अलहदा होती है ।

बनारस के छात्र गंगा नहाने जाएँ तो वैचारिक पिछड़ापन माना जायेगा , लेकिन दिल्ली के छात्र पार्थसारथी चट्टानों पर रात भर ज्ञान प्राप्त हेतु मांग कर रहे हैं तो क्या गिला ,? सही बात है भई,, बनारस के गंगा तट पर गंगा आरती हो तो पुरातन पिछड़ापन लेकिन दिल्ली के किसी शिक्षा संस्थान में गंगा ढाबे पर “शक -सुबहा “करना लिखा और माना जाए तो वो ब्रह्मवाक्य । वैसे ये भी हैरानी की ही बात है कि जहाँ धर्म को अफीम समझा जाता हो वहाँ गंगा,पार्थसारथी, विवेकानंद जैसे नाम चल रहे हैं ये भी बहुत बड़ी बात है ।जहाँ सीताराम नाम के विद्यार्थी मुफ्त में पढ़ लिख तो सकते हैं लेकिन खबरदार अगर किसी ने उनके नाम में राम या सीता खोजने की या उनसे जोड़ने की कोशिश की तो ये उचित नहीं होगा ।

“ये क्या जगह है दोस्तों “जहाँ अफीम का नशा करके, गांजे की चिलम फूँकते हुए धर्म को अफीम कहा जाता है । आंटी की उम्र वाली एक छात्रा ने अपने से कम आयु एक टीवी चैनल की पत्रकार को “आंटी” कहकर खिल्ली उड़ाई और फिर कहा कि “ए हिंदी वाली पत्रकार ,तुम्हारा काम हमारे लिये मजा लेने की चीज है “, किसी के शब्दों पर मीमांसा करने वाले ये लोकतंत्र के उच्च शिक्षा प्राप्त प्रहरी किसी महिला रिपोर्टर से मार पीट और धक्का मुक्की से तनिक भी परहेज नहीं करते।एक शिक्षा संस्थान में उच्च शिक्षा की छात्राएं अपनी शिक्षिका के कपड़े तक फाड़ने को आमादा हो जाती हैं मानो पढ़ने वालों के ही लोकत्रांतिक अधिकार पता हैं ,पढ़ाने वालों को थोड़े ही ना हैं। कविवर नीरज के शब्दों में

“चील कौवों की अदालत में है कोयल
देखिये वक्त भला क्या सजा देता है “

कुछ तो होगा उस धुंए में जो आग का बायस बना ।आखिर क्यों जो सब कुछ देश की आँखों में खटकता है ,दिल्ली में कुछ लोगों का दिल उसी पर धड़कता है ।सस्ता भोजन,छत इंसान को चाकर बना के रख देती है और इसको छूटने की जब नौबत आती है तो विचारधारा का मुलम्मा चढ़ा लिया जाता है ,ये सहूलियत छोड़ना आसान नहीं है ,सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के शब्दों में

“दिल्ली हमका चाकर कीन्हा”

सो दिल्ली की चाकरी और अमेरिका की नौकरी का मोह जितनी जल्दी छूट जाए उतना ही बेहतर।इस संघर्ष का जन से कोई जुड़ाव नहीं ,जो स्व तक सीमित हो ,देश का आम छात्र तुमसे कहता है

“मैं तुम लोगों से इतना दूर हूँ
तुम्हारी प्रेरणाओं से मेरी प्रेरणा इतनी भिन्न है
कि जो तुम्हारे लिये विष है
मेरे लिये अन्न है”

हाँ तुम जिसे पीड़ा का सबब बता रहे हो ,देश के आम छात्र के लिये वो परिस्थितियां वरदान सरीखी हो सकती हैं अगर सबको मिले तो ,,।लेकिन वे मुक्तिबोध की विचारधारा को अपनी सुविधानुसार ही प्रयोग करते हैं।उन्हें गढ़ और मठ तोड़ने हैं मगर अपने गढ़ और मठ को बचाये रखते हुए और इस हलाहल में ये जो विवेकानन्द की प्रतिमा क्षतिग्रस्त हुई है ,ये चोट वास्तव में भारत की आत्मा पर लगी है ,,विवेकानंद तो भारतीयता के पर्याय हैं ये बात कभी गांधी और जवाहर लाल को पढ़ते तो जान पाते । और रहा सवाल विचारों के संघर्ष का , और तुम्हारी ऐसी तालीम का जिसकी गूढ़ता तुम्हारे सिवा कोई नहीं समझता ।उस पर तुर्रा ये कि तुममें से कुछ सब कुछ खारिज करने पर आमादा हैं , तो सुन लो-

“हम उन किताबों को काबिल ए जब्ती समझते हैं
जिन्हें पढ़कर लड़के बाप को खब्ती समझते हैं “

The Public लेकर आया है एक ऐसा प्लेटफॉर्म जहां आप अपनी रचना को लोगों के साथ शेयर कर सकते हैं।तो अगर आप भी लिखते हैं आर्टिकल, कहानी या फिर शेरो शायरी तो उसे खुद तक ही सीमित न रखें हमें लिख भेजें। हम आपकी रचना को आपके नाम के साथ देंगे Thepublic.in पर जगह.  E Mail [email protected]

ये भी पढ़े –

  1. विवेकानंद की जीवनी, स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय, स्वामी विवेकानंद की बायोग्राफी, Swami Vivekananda In Hindi, Swami Vivekananda Ki Jivani
  2. शहीदे आज़म भगत सिंह की जीवनी, शहीद भगत सिंह की बायोग्राफी हिंदी में, भगत सिंह का इतिहास, भगत सिंह का जीवन परिचय, Shaheed Bhagat Singh Ki Jivani
  3. महात्मा गांधी की जीवनी, महात्मा गांधी का जीवन परिचय, महात्मा गांधी की बायोग्राफी, महात्मा गांधी के बारे में, Mahatma Gandhi Ki Jivani
  4. डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जीवनी, डॉ. भीम राव अम्बेडकर का जीवन परिचय हिंदी में, डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अनमोल विचार, Dr. B.R. Ambedkar Biography In Hindi
  5. सुभाष चन्द्र बोस की जीवनी, सुभाष चंद्र बोस की जीवनी कहानी , नेताजी सुभाष चन्द्र बोस बायोग्राफी, सुभाष चन्द्र बोस का राजनीतिक जीवन, आजाद हिंद फौज का गठन
  6. महादेवी वर्मा की जीवनी , महादेवी वर्मा की बायोग्राफी, महादेवी वर्मा की शिक्षा, महादेवी वर्मा का विवाह, Mahadevi Verma Ki Jivani
  7. तानसेन की जीवनी , तानसेन की बायोग्राफी, तानसेन का करियर, तानसेन का विवाह, तानसेन की शिक्षा, Tansen Ki Jivani, Tansen Biography In Hindi
  8. वॉरेन बफे की जीवनी, वॉरेन बफे की बायोग्राफी, वॉरेन बफे का करियर, वॉरेन बफे की पुस्तकें, वॉरेन बफे के निवेश नियम, Warren Buffet Ki Jivani, Warren Buffet Biography In Hindi
  9. हरिवंश राय बच्चन की जीवनी, हरिवंश राय बच्चन की बायोग्राफी, हरिवंश राय बच्चन की कविताएं, हरिवंश राय बच्चन की रचनाएं, Harivansh Rai Bachchan Ki Jivani
  10. रामधारी सिंह दिनकर की जीवनी , रामधारी सिंह दिनकर की बायोग्राफी, रामधारी सिंह दिनकर के पुरस्कार, रामधारी सिंह दिनकर की रचनाएं, Ramdhari Singh Dinkar Ki Jivani
  11. मन्नू भंडारी की जीवनी, मन्नू भंडारी की बायोग्राफी, मन्नू भंडारी का करियर, मन्नू भंडारी की कृतियां, Mannu Bhandari Ki Jivani, Mannu Bhandari Biography In Hindi
  12. अरविन्द घोष की जीवनी, अरविन्द घोष की बायोग्राफी, अरविन्द घोष का करियर, अरविन्द घोष की मृत्यु, Arvind Ghosh Ki Jivani, Arvind Ghosh Biography In Hindi
  13. सम्राट अशोक की जीवनी, सम्राट अशोक की बायोग्राफी, सम्राट अशोक का शासनकाल, सम्राट अशोक की मृत्यु, Ashoka Samrat Ki Jivani, Ashoka Samrat Biography In Hindi
  14. मिल्खा सिंह की जीवनी, मिल्खा सिंह की बायोग्राफी, मिल्खा सिंह का करियर, मिल्खा सिंह का विवाह, मिल्खा सिंह के पुरस्कार, Milkha Singh Ki Jivani, Milkha Singh Biography In Hindi
  15. अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी, अटल बिहारी वाजपेयी की रचनाएं, अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं, Atal Bihari Vajpayee, Atal Bihari Vajpayee Biography In Hindi