आबकारी नीति ‘घोटाला’ मामले में तिहाड़ जेल से छूटने के लगभग 40 घंटे बाद ही दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने जिस तरह से CM पद से इस्तीफा देने का ऐलान किया, उसने हर किसी को चौका दिया। आज रविवार 15 सितंबर के दिन केजरीवाल आम आदमी पार्टी के मुख्यालय पहुंचे और पार्टी नेताओं और कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए इस्तीफा देने का ऐलान किया।

अरविंद केजरीवाल ने कहा, ‘ठीक आज से 2 दिन बाद मैं CM पद से इस्तीफा दे दूंगा और मैं तब तक CM की कुर्सी पर नहीं बैठूंगा, जब तक दिल्ली की जनता अपना फैसला नहीं सुना देती कि केजरीवाल ईमानदार हैं। उन्होंने कहा- कानून की अदालत से मुझे इंसाफ मिला, अब जनता की अदालत मुझे इंसाफ देगी।’ मैं हर घर और गली में जाऊंगा और जनता के फैसले के बाद ही सीएम की कुर्सी पर बैठूंगा। इसी के साथ ही केजरीवाल ने नवंबर में महाराष्ट्र चुनाव के साथ ही दिल्ली में चुनाव कराए जाने की भी मांग की। मालूम हो कि दिल्ली चुनाव फरवरी में होने हैं।

अरविंद केजरीवाल ने कहा, उनकी छोटी सी पार्टी ने देश की राजनीति बदल दी। ‘सतेंद्र जैन, अमानतुल्ला खान भी जल्दी बाहर आएंगे। दिल्ली के लोगों ने हमारे लिए प्रार्थना की, मैं उन्हें धन्यवाद देता हूं।। मैंने जेल में कई किताबें पढ़ीं – रामायण, गीता… मैं अपने साथ भगत सिंह की जेल डायरी लाया हूं। भगत सिंह की डायरी भी पढ़ी।’ मनीष सिसोदिया ने भी कहा है कि वह भी डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री का पद तभी संभालेंगे जब जनता की अदालत से चुनकर आ जाएं।’

अब हर किसी के मन में यही सवाल उठ रहा कि आखिर दिल्ली एक्साइज पॉलिसी केस में जब वो तिहाड़ जेल में बंद थे तब इस्तीफा क्यों नहीं दिया। अब अचानक जमानत मिलने के बाद इस फैसले की वजह क्या है? वैसे केजरीवाल को लेकर ये माना जा रहा है कि शुक्रवार को सीएम केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से सशर्त जमानत मिली हैं, जिसकी वजह से दिल्ली के मुख्यमंत्री पर ये फैसला लेने का दबाव बढ़ा। कानूनी जानकारों का मानना है कि सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत की शर्तें अरविंद केजरीवाल को मुख्यमंत्री के रूप में खुलकर फैसला लेने की पूरी आजादी नहीं देती हैं। ऐसा इसलिए कहा जा रहा क्योंकि रिहाई के बाद भी वह सचिवालय या CM ऑफिस का दौरा नहीं कर सकते।

साथ ही साथ उन फाइलों के अलावा वो किसी भी फाइल पर हस्ताक्षर नहीं कर सकते हैं जिन्हें उपराज्यपाल की ओर से मंजूरी दी जानी है। केजरीवाल सरकार को इससे कई परेशानियों का सामना करना पड़ सकता था। ऐसे में उन्हे इस्तीफे वाला कदम उठाना सही लगा। पार्टी नेताओं से बात करने के बाद उन्होंने ये तय किया कि द‍िल्‍ली का मुख्यमंत्री कोई और बने। जिससे राजधानी में अटके हुए सभी जरूरी काम जल्‍द पूरा हो सके। फिलहाल केजरीवाल के नए दांव ने विपक्ष को चौंकाया ही है, अब देखना होगा कि दिल्ली की जनता इस फैसले को कैसे लेती है।
सूत्रों के अनुसार, सीएम अरविंद केजरीवाल के इस्तीफा देने के बाद मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिए जो नाम आगे चल रहे हैं, उनमें आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम शामिल है।

अरविंद केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान पर किसने क्या कहा

केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान पर BJP सांसद बांसुरी स्वराज ने कहा– ‘अरविंद केजरीवाल शराब घोटाले के किंगपिंग हैं। उन्होंने राजनीतिक ढोंग रचा है। उन्हें अगर इस्तीफा देना ही था तो दो दिन का समय क्यों मांगा क्या उनकी पार्टी में सब सही नहीं है।’
सीएम केजरीवाल के इस्तीफे के ऐलान पर बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता प्रदीप भंडारी ने कहा, “यह अरविंद केजरीवाल का पीआर स्टंट है। इसके तहत वह अपनी छवि को बहाल करना चाहते हैं। लेकिन आज पूरे देश समझ चुका है कि आम आदमी पार्टी एक भ्रष्ट पार्टी है।
दिल्ली BJP अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा – ‘जनता तीन महीने पहले ही अपना फैसला सुना चुकी है, इनको जीरो करके भेज दिया। फिर कह रहा हूं उनमें जरा सी भी नैतिकता है तो पूरा मंत्रीमंडल इस्तीफा दें।’

दिल्ली से BJP सांसद मनोज तिवारी ने कहा, ‘अरविंद केजरीवाल को पहले ही इस्तीफा देना चाहिए। कोर्ट ने इन्हें सीएम पद से हटा दिया है। वह इमोशनल कार्ड खेलने के माहिर रहे हैं।’
दिल्ली के सीएम पद को लेकर मंत्री आतिशी ने कहा – ‘हमारी विधायक दल की बैठक में आगे का फैसला तय होगा। हम तो चाहते हैं कि नवंबर में महाराष्ट्र के साथ दिल्ली में चुनाव हो, कोर्ट ने अपना फैसला दे दिया है अब हम जनता का फैसला चाहते हैं।’
कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने कहा कि हरियाणा में कांग्रेस मजबूत है। अरविंद केजरवील के इस्तीफा देने से कोई फर्क नहीं पड़ने वाला। हरियाणा में कांग्रेस जीत रही है। उन्होंने इस्तीफा क्यों दिया, ये उनकी मर्जी है, उन्हीं से पूछना चाहिए।

आम आदमी पार्टी के नेता राघव चड्ढा ने अमिताभ बच्चन की फिल्म ‘दीवार’ के एक डायलॉग का जिक्र करते हुए कहा – अब दिल्ली की जनता अपने हाथ पर लिखवाएगी- CM अरविंद केजरीवाल ईमानदार हैं। उन्होंने कहा, सीएम अरविंद केजरीवाल को दिल्ली की जनता पर भरोसा है। आने वाले विधानसभा चुनाव में एक बार फिर जनता अरविंद केजरीवाल पर विश्वास जताएगी और उन्हें जिताकर फिर से सीएम बनाएगी।
कांग्रेस नेता संदीप दीक्षित ने कहा, “राजनीतिक जीत, चुनाव की जीत और आप भ्रष्ट हैं या नहीं… ये दोनों अलग अलग चीजें हैं। जनता नेता चुन सकती है, ये नहीं बता सकती है कि आप अपराधी हैं या नहीं, यह कोर्ट का काम है।”