period mein guruwar ka vrat karna chahie ya nahi period ke panchve din poja kar sakte hain mahavari period ke kitne din baad pooja karni chaahie period khatam hone ke kitne din bad chahie

पीरियड में गुरुवार का व्रत करना चाहिए या नहीं, पीरियड के पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं, पीरियड के कितने दिन बाद पूजा करनी चाहिए, माहवारी के कितने दिन बाद पूजा करनी चाहिए, पीरियड के कितने दिन बाद पूजा करना चाहिए, पीरियड खत्म होने के कितने दिन बाद पूजा करनी चाहिए, पीरियड के कितने दिन बाद पूजा कर सकते हैं, क्या पीरियड में पूजा कर सकते हैं, Period Ke Kitne Din Bad Puja Karna Chahie, Kya Periods Me Vrat Karna Chahiye, Period Me Fast Rakh Sakte Hai

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पीरियड में गुरुवार का व्रत करना चाहिए या नहीं

पीरियड के कितने दिन बाद पूजा करनी चाहिए – हिन्दू नियमो के अनुसार, मासिक धर्म या माहवारी (Periods) के दिनों में महिलाओं को धार्मिक कार्यों में शामिल नहीं होना चाहिए. इसको लेकर बहुत सारे विचार है की महिलाओ को क्या करना चाहिए क्या नहीं।मासिक धर्म या माहवारी दिनों में महिलाओं को मंदिर जाने की इजाजत नहीं होती साथ ही पूजा पाठ के सामान और मूर्ति को हाथ लगाना भी अशुभ माना जाता है. जी हां, ये तो सही है कि मासिक धर्म के समय महिलाओं को पूजा-पाठ इत्यादि करने से मना किया जाता है. पहले के जमाने में तो नियम बहुत हि कड़े और कष्ट दायी थे. पुराने वक्त में पीरियड्स के समय महिलाएं जमीन पर चटाई बिछाकर सोती थी, किसी कार्य में भाग नहीं लेती थी, यहां तक कि रसोई घर में भी उन्हें जाने से मना किया जाता था. अच्छी बात ये है कि बदलते जमाने के साथ लोगों की सोच भी बदली है और पहले की अपेक्षा धीरे धीरे ही सही पर समाज में इन चीजों को लेकर जागरुकता फैली है.
महिलाएं अपने परिवार की उन्नति के लिए बहुत कुछ करती है जैसे की कड़े व्रत रखना और उनको पालन करना, ये सब वो अपने घर परिवार के लिए करती है की भगवान उनके घर में सुख शांति रखे. जैसे 16 सोमवार का व्रत हो या फिर गुरुवार का व्रत हो महिलाएं सुख और समृद्धि के लिए नियमों का पालन करते हुए व्रत करती है.अब सवाल यह आता है कि किसी भी व्रत के बीच में अगर किसी महिला को पीरियड्स आ जाए तो ऐसे में उसे क्या करना चाहिए? जैसा कि हम सभी जानते हैं कि यह एक बेहद साधारण सी समस्या है जिसका सामना लगभग सभी लड़कियों को कभी न कभी करना ही पड़ता है. दिनभर भूखे रहकर, सारे नियमों का पालन करने के बाद शाम के वक्त या पूजा के समय माहवारी आ जाए तो मूड का बिगड़ जाता है. तो ऐसे समय में क्या करना चाहिए, क्या व्रत भंग कर देना सही है, बिल्कुल भी नहीं. आज हम आपको बताने जा रहे हैं कि ऐसे में आपको क्या करना चाहिए और क्या नहीं करना चाहिए.

क्या पीरियड में पूजा कर सकते हैं?

व्रत के दौरान माहवारी आ जाए तो क्या करें – यदि व्रत के बीच किसी महिला को मासिक धर्म या माहवारी आ जाए तो उपवास या व्रत तोड़ने की कोई आवश्यकता नहीं है. आप बाकियों से दूरी बनाकर सभी नियमों का पालन कर सकती हैं. पूजा-पाठ से दूरी बनाकर अन्य नियमों का ठीक वैसे ही पालन करें जैसे कि सामान्य दिनों में करती हैं. इससे भी आपको व्रत का उतना ही फल मिलेगा. यह प्रकृति का चक्र है, इसमें इंसान का कोई हाथ नहीं और न ही इसमें कुछ गलत है. किसी भी कार्य या ईश्वर के प्रति आस्था इंसान के मन और विचारों से जुड़ा हुआ है, शरीर तो महज एक जरिया है. इसीलिए पूरी मन और श्रद्धा से माहवारी के दिनों में भी आप अपनी परंपराओं को बरकरार रखकर सभी नियम कानूनों का पालन कर सकती हैं.

माहवारी में व्रत का पालन कैसे करें?

व्रत के संकल्प के दौरान मासिक चक्र आने पर व्रत को लेकर हर स्त्री के मन में शंका, संशय और व्रत भंग होने के कारण धर्म दोष की पीड़ा रहती है. इन व्रतों में मुख्यत: प्रतिमाह आने वाले एकादशी, संकष्टी चतुर्थी, प्रदोष व्रत आदि हैं. यह धर्मसंकट उस समय ज्यादा पीड़ादायक होता है. जब महिलाएं विशेष कामनाओं की प्राप्ति के लिए सोलह सोमवार या सोलह शुक्रवार के व्रत रखती है. शास्त्रों में व्यावहारिक रुप से इसका उपाय भी बताया गया है-
मासिक च्रक के दौरान व्रत पालन को लेकर संशय दूर करने के लिए सबसे पहली बात यह है कि व्रत संख्या में उस दिन को न गिना जाए. इस दौरान व्रत रखें. किंतु यह भी जरुरी है कि किसी भी तरह से भगवान की उपासना और देव पूजा में शामिल न होवें. यही नियम मासिक और सोलह सोमवार आदि संकल्प व्रतों में व्यवहार में अपनाए. इससे व्रत भंग का दोष नहीं लगता और व्रत धर्म का पालन भी हो जाता है.
ऐसा करने पर मात्र व्रत की अवधि बढ़ जाती है. जैसे अगर आपने १६ सोमवार का व्रत लिया है तो १६ सप्ताह के जगह पर मासिक चक्र के दिन आए सोमवार को न गिनने से यह व्रत अवधि १७ वें सप्ताह के सोमवार पर पूरी होती है. दूसरा संशय यह कि अगर व्रत के दिन ही स्त्री को मासिक धर्म आ जाए. तब क्या करें. तब भी ऊपर लिखी बात का ही पालन करें यानि मासिक चक्र आते ही देवकार्य और पूजा से अलग हो जाएं, किंतु व्रत रख सकती हैं.

पीरियड या माहवारी के दौरान व्रत से संबंधित सवाल और जवाब

व्रत के दौरान अगर पीरियड या माहवारी आ जाए तो क्या करना चाहिए और क्या नहीं इससे जुड़े सवाल और उनके जवाब-
सवाल- क्या पीरियड में व्रत रख सकते हैं, पीरियड में गुरुवार का व्रत करना चाहिए या नहीं
जवाब- हां बिल्कुल आपको व्रत रखना चाहिए, मान लीजिये कि नवरात्रि में कुछ व्रत करने के बाद अगर आपका मासिक धर्म आ जाता है अथवा आपने करवाचौथ का व्रत रखा है और शाम को मासिक धर्म आ जाए तो क्या करेंगी आप ? आपको इस व्रत को पूरा करना ही पड़ेगा. परंतु इसके पश्चात पूजा पाठ नहीं करें. आपको माहवारी के दौरान किये जाने वाले व्रत से भी उतना ही फल मिलेगा जितना आम दिनों में मिलता है और भगवान प्रसन्न होंगे क्योंकि इसमें आपकी गलती नहीं है. ये प्रकृति का चक्र है, जो कभी भी किसी भी दिन हो सकता है. इसीलिए बिना किसी संकोच के चिंता नहीं करें.

सवाल- पीरियड के पांचवें दिन पूजा कर सकते हैं, पीरियड के कितने दिन बाद पूजा करनी चाहिए
जवाब- हिन्दू शास्त्रों में कहा गया है कि मासिक धर्म आने पर किसी भी महिला को चार या फिर पांच दिन के लिए किसी भी प्रकार की पूजा-अर्चना एवं गृहस्थी के कार्यों से दूरी बना लेनी चाहिए. मनुस्मृति और भविष्यपुराण में यह भी कहा गया है कि इन चार दिनों में पति-पत्नी को ब्रह्मचर्य का पालन करते हुए साथ शयन नहीं करना चाहिए. इसके अलावा आप 3 दिन के बाद देवी की पूजा कर सकती हैं. मासिक धर्म के तीसरे और चौथे दिन भगवान की मूर्ति को नहीं छूना चाहिए जब तक स्त्री को पीरियड के चार दिन पुरे न हो गये हों.
सवाल- मासिक धर्म या माहवारी के समय क्या नहीं खाना चाहिए?
जवाब- पीरियड के दौरान गर्म चाजों से दुरी बना लेनी चाहिए इनके सेवन से बचना चाहिए. इसके अलावा चाय और कॉफी का सेवन न करें तो बेहतर होगा क्योंकि इसमें कैफ़ेन अधिक मात्रा में पाई जाती है जो पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द को बढ़ा सकती है और मूड स्विंग की समस्या भी पैदा कर सकती है. इसके अलावा ज्यादा मीठे, खट्टे चीजों के सेवन से बचें.

सवाल- पीरियड के समय गुरुवार, सोमवार, या करवा चौथ की पूजा कैसे करें?
जवाब- अगर गुरुवार, सोमवार, या करवा चौथ के दिन या उससे पहले माहवारी आ जाए तो व्रत शुरू होने से पहले पर्याप्त मात्रा में पानी पियें. क्योंकि पूरे दिन हाइड्रेट यानि शरीर में जल की मात्रा संतुलित रहने से आपको पीरियड्स के दौरान पेट में दर्द नहीं होगा. सुबह सरगी में सेब और नट्स जरूर खाएं. इसके अलावा शाम की पूजा को छोड़ दें. पर चाँद को जरूर देखें और अपना व्रत पूरा करें. क्योंकि पूजा पाठ आपके मन, आत्मा और आपके विचार से होता है.
सवाल- माहवारी के दौरान महिलाओ को क्या करना चाहिए?
जवाब:  पीरियड्स के दौरान महिलाओं को खास तौर पर स्वच्छता का ख्याल रखना चाहिए. महिलाओं को हर महीने मासिक धर्म से गुजरना पड़ता है. ऐसे समय में उन्हें सैनिटरी नैपकिन, टिशू पेपर, हैंड सैनिटाइजर, तौलिए, एंटीसेप्टिक दवा हमेशा अपने साथ रखनी चाहिए. ताकि किसी भी तरह के इंफेक्शन से बचा जा सके और सेहत भी अच्छी रहे. और हाँ कपड़े का प्रयोग बिलकुल भी ना करें, कपडे से इन्फेक्शन का खतरा बढ़ जाता है.

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