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हस्तरेखा, हथेली में तराजू का चिन्ह, हथेली में शुभ चिन्ह, Hastrekha Gyan In Hindi, Hatheli Me Taraju Ka Nishan, हथेली में त्रिशूल का चिन्ह, सूर्य रेखा पर त्रिशूल के चिह्न, अगर आपकी हथेली में भी है ये निशान तो समझ जाइये जल्द होने वाले हैं मालामाल, हथेली पर विभिन्न चिन्हों का महत्व, हथेली में मछली का चिन्ह, हथेली में शंख का चिन्ह, Hath Me Trishul Ka Chinh, Hatheli Me Shubh Chinh, Hatheli Me Sankh Ka Chinh

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हथेली पर विभिन्न चिन्हों का महत्व
हमारी किस्मत की लकीरें हमारे हाथों में दर्ज होती हैं। हमारी हथेलियों में बनी विभिन्न रेखाएं हमारी किस्मत के हर एक पन्ने के बारे में हमें बताती हैं. कई लोगों की हथेलियों में ध्यान से देखने पर रेखाओं के मिलन से बने चिह्न दिखाई पड़ते हैं और सामुद्रिक शास्त्र में इन्हीं चिह्नों के बारे बताया गया है। अलग-अलग लोगों की हथेलियों में विभिन्न प्रकार के चिह्न, जैसे तराजू, त्रिशूल, कमल आदि का चिह्न देखने को मिलता है।
हथेली में तराजू का चिह्न
सबसे पहले बात करेंगे तराजू के चिह्न की. जिस किसी की हथेली में तराजू का चिह्न होता है, उसके लिये ये बहुत शुभ होता है. इस निशान का मतलब होता है कि आप के हाथ में लक्ष्मी का योग बन रहा है. देवी मां की कृपा आप पर हमेशा बनी रहती है। आपका जीवन धन-सम्पत्ति, वैभव से भरा रहेगा और आपके परिवार में खुशहाली बनी रहेगी।

हथेली में त्रिशूल का चिह्न
हथेली में त्रिशूल का चिह्न होना बहुत ही शुभ होता है. त्रिशूल भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है. इसलिए जिस किसी के हाथ में त्रिशूल का चिह्न होता है उस पर भगवान शिव की कृपा बनी रहती है. ये लोग बहुत ही भाग्यवान होते हैं. इनका भाग्य इनका साथ कभी नहीं छोड़ता. त्रिशूल का हाथ के किसी भी हिस्से में होना शुभ ही होता है, साथ ही यह हाथ की जिस रेखा या पर्वत पर होता है उसका सौभाग्य भी बढ़ा देता है।
हाथ की विभिन्न रेखाओं पर त्रिशूल के चिह्न होने से अलग-अलग फल मिलता है और वो भी कई गुना बढ़कर. हमारे हाथों की तीन रेखाएं हृदय रेखा, भाग्य रेखा और सूर्य रेखा पर त्रिशूल का होना हमें विभिन्न बातों से परिचित कराता है. सबसे पहले हृदय रेखा. यदि किसी के हाथ में हृदय रेखा गुरु पर्वत, यानि तर्जनी उंगली के नीचे तक जा रही हो और अंत में त्रिशूल का चिन्ह बना हो तो उस व्यक्ति का राजयोग बनता है. ऐसे व्यक्ति राजा के समान हर तरह की सुख-सुविधा से संपन्न रहते हैं. इन्हें जीवन में कभी किसी तरह का दुख नहीं होता और ये आराम से अपना जीवन व्यतीत करते हैं. इनको समाज में बहुत गौरव, मान-सम्मान मिलता है।

सूर्य रेखा पर त्रिशूल के चिह्न
इन दोनों रेखाओं पर त्रिशूल का चिह्न होने से क्या फल मिलता है ? यदि हथेली में भाग्य रेखा के अंत में त्रिशूल का चिह्न बना हो और उसकी शाखाएं गुरु पर्वत, शनि पर्वत और सूर्य पर्वत की ओर जा रही हो तो राजयोग बनता है. अगर किसी के मंगल पर्वत पर त्रिशूल का चिह्न हो तो शिवयोग बनता है. ऐसे जातक भाग्यशाली होने के साथ-साथ प्रतिभावान भी होते हैं. इनमें गुणों का भंडार होता है और इन्हें सभी तरह के सुख मिलते हैं.यदि सूर्य रेखारिंग फिंगर के नीचे तक रहती है और उसके अंत में त्रिशूल का चिन्ह बना हो तो उस व्यक्ति को समाज में बहुत नाम, शोहरत मिलती है. सूर्य रेखापर त्रिशूल का चिह्न होने पर व्यक्ति को सरकारी क्षेत्र में खूब लाभ मिलता है और उच्च पद की प्राप्तिहोती है।

हथेली में मछली का चिन्ह
यदि किसी व्यक्ति की हथेली पर मछली का चिन्ह हो तो इसे भी शुभ माना जाता है। यह एक चमत्‍कारी चिन्‍ह होता है। यदि किसी के हाथ में यह चिन्‍ह होता है तो उनके साथ हमेशा ही चमत्‍कार होते रहते हैं। यह सभी चमत्कार उनके हित में होते हैं। देखा जाए तो मछली बेहद शुभ चिन्‍हों में से एक माना गया है। यदि यही चिन्ह जीवन रेखा या भाग्य रेखा पर हो तो वह व्यक्ति भाग्यशाली होता है और यह निशान लंबी आयु का भी प्रतीक है।

हथेली में शंख का चिन्ह
हस्तरेखा विज्ञान में शंख को अनेक चिन्हों में सबसे महत्वपूर्ण और शुभ चिह्न माना गया है। यह जिसके भी हाथ में होता है वह अत्यंत भाग्यशाली होता है। शंख का चिह्न हथेली में किसी भी स्थान पर हो सकता है। सभी जगह इसका महत्व, प्रभाव और फल अलग-अलग होता है। आइए जानते हैं हथेली में शंख का चिह्न होने का क्या अर्थ होता है…
1. हथेली के ठीक बीचों-बीच में शंख का चिह्न सबसे ज्यादा शुभ माना गया है। जिस व्यक्ति की हथेली में ऐसा शंख होता है वह अत्यंत भाग्यशाली होता है। पूरे जीवन ऐसा व्यक्ति ऐश्वर्यशाली जीवन व्यतीत करता है।
2. हथेली में तर्जनी अंगुली के मूल में गुरु पर्वत होता है। यदि इस स्थान पर शंख का चिह्न हो तो व्यक्ति समाज और देश का प्रभावशाली और सम्मानित व्यक्ति होता है।
3. हथेली में मध्यमा अंगुली के मूल में शनि पर्वत होता है। यदि इस पर शंख का चिह्न बना हुआ है तो व्यक्ति प्रकांड विद्वान, ज्योतिष, तंत्र-मंत्र और वेदों का ज्ञाता होता है।

4. हथेली में अनामिका अंगुली के मूल में सूर्य पर्वत होता है। यदि इस पर शंख है तो व्यक्ति प्रशासनिक सेवाओं में उच्च पद हासिल करता है। देश का मंत्री बनता है। धन-संपत्ति की इसके पास कोई कमी नहीं रहती है।
5. हथेली में कनिष्ठिका अंगुली के मूल में बुध पर्वत होता है। यदि इस पर शंख हो तो व्यक्ति देश-विदेश से व्यापार करके खूब धन अर्जित करता है।
6. अंगूठे के मूल में शुक्र पर्वत होता है और इस पर शंख का होना इस बात का सूचक है कि व्यक्ति को समस्त भौतिक सुख-सुविधाएं, भोग, ऐश्वर्य, स्त्री सुख आदि प्राप्त रहेगा।
7. चंद्र पर्वत पर शंख का चिह्न होने से व्यक्ति दूरस्थ देशों और समुद्र पारीय देशों से व्यापार करके धन अर्जित करता है।
8. शंख का चिह्न होने की शर्त यह है कि यह पूर्ण रूप से स्पष्ट बना हुआ होना चाहिए। यदि शंख का चिन्ह कहीं से टूटा हुआ हो तो यह शुभ नहीं होता है। ऐसा शंख अपना पूर्ण शुभ प्रभाव नहीं दिखाता।

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