Corona Virus Kya Hai how to save from coronavirus symptoms of coronavirus

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Corona Virus Kya Hai, Covid ka Ilaj

कोरोना वायरस संक्रमण क्या है?

कोरोनावायरस से होने वाला संक्रमण एक तरह का वायरल इन्फेक्शन है, जो मुख्य रूप से श्वसन तंत्र, नाक और गले को प्रभावित करता है. यदि संक्रमण गंभीर नहीं है, तो इससे सामान्य सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण विकसित होने लगते हैं. हालांकि, अगर कोरोनावायरस से जूझ रहे मरीज का ठीक से खअयाल नहीं रखा गया तो ये संक्रमण गंभीर रूप ले सकता है, इससे होने वाले लक्षण भी गंभीर हो सकते हैं और मरीज की जान भी जा सकती है.
कोरोनावायरस – कोरोनावायरस, कोरोनाविरिडाई (Coronaviridae) परिवार का एक सदस्य है. कोरोना एक लेटिन शब्द है, जिसका मतलब क्राउन (सिर का ताज) होता है. कोरोनाविरिडाई की सतह पर क्राउन जैसा उभार होता है, इसलिए इस परिवार से वायरसों का नाम कोरोनावायरस पड़ गया.

मनुष्यों में कोरोना वायरस के प्रकार

वैसे तो मनुष्यों में अभी तक कोरोनावायरस के कुल सात प्रकार पाए गए हैं. इनमें से चार आम प्रकार के होते हैं, जो सर्दी-जुकाम और ऊपरी श्वसन तंत्र में संक्रमण का कारण बनते हैं. बाकि के तीन मनुष्यों में गंभीर व जानलेवा संक्रमण पैदा कर देते हैं.
पहले 4 आम प्रकार के कोरोनावायरस
1. 229ई (अल्फा कोरोनावायरस)
2. एनएल63 (अल्फा कोरोनावायरस)
3. ओसी43 (बीटा कोरोनावायरस)
4. एचकेयू1 (बीटा कोरोनावायरस)
गंभीर व जानलेवा प्रकार के कोरोनावायरस
5. एसआरएएस-सीओवी (SARS-CoV)
6. एमईआरएस-सीओवी (MERS-CoV)
7. सीओवीआईडी-19 (COVID-19)

3 तरह के गंभीर व जानलेवा कोरोनावायरस 

मनुष्यों में गंभीर व जानलेवा संक्रमण पैदा करने वाले एसआरएएस-सीओवी (SARS-CoV), एमईआरएस-सीओवी (MERS-CoV) और सीओवीआईडी-19 (COVID-19) के बारे में जानिए विस्तार से-

एसआरएएस-सीओवी (SARS-COV)

एसएआरए-सीओवी कोरोनावायरस का एक ऐसा प्रकार है, जो “सिवियर एक्युट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम” नामक वायरल संक्रमण का कारण बनता है. यह सबसे पहले वर्ष 2003 में एशिया में पाया गया था. डब्लूएचओ के अनुसार 2003 में एसएआरएस संक्रमण चीन के दक्षिण भागों से शुरु हुआ था और धीरे-धीरे 37 देशों तक फैल गया था. इस दौरान 8098 लोग बीमार पड़ गए थे और 774 लोगों की मृत्यु हो गई थी.

एमईआरएस-सीओवी (MERS-COV)

कोरोनावायरस का यह प्रकार “मिडल ईस्ट रेस्पिरेटरी सिंड्रोम” (MERS) का कारण बनता है, यह भी एक प्रकार का वायरल संक्रमण है, जिसे “कैमल फ्लू” के नाम से भी जाना जाता है. ऐसा माना जाता है कि एमईआरएस-सीओवी मुख्य रूप से अरबी प्रायद्वीपों के जानवरों से आया है. इसके कुछ निशान ऊंटों में भी पाए गए हैं और इसलिए यह भी माना जा रहा है कि एमईआरएस-सीओवी ऊंटों से मनुष्यों में फैला है. एक अध्ययन के अनुसार एमईआरएस-सीओवी से संक्रमित हर 10 में से 3 लोगों की मृत्यु हो जाती है.

सीओवीआईडी-19 (COVID-19)

सीओवीआईडी-19 कोरोनावायरस इसका सबसे नया प्रकार है. सीओवीआईडी-19 की पहचान सबसे पहले 31 दिसंबर 2019 में चीन के वुहान शहर में की गई थी. रिपोर्ट के अनुसार 31 दिसंबर 2019 से 20 जनवरी 2020 तक सीओवीआईडी-19 के लगभग 278 मामले सामने आए हैं. डब्लूएचओ की रिपोर्ट के अनुसार चीन के अलावा सीओवीआईडी-19 से होने वाली मृत्यु के साउथ कोरिया, ईटली और ईरान समेत कई देशों में मामले सामने आ चुके हैं.

कैसे फैलता है कोरोना वायरस संक्रमण

सर्दी-जुकाम की तरह कोरोनावायरस संक्रमण भी तेजी से फैलता है. संक्रमित व्यक्ति के छींकने, खांसने या बोलने के दौरान उसके मुंह से निकली द्रव की सूक्ष्म बूंदे हवा के माध्यम से एक स्वस्थ व्यक्ति को संक्रमित कर सकती हैं. विशेष रूप से स्वच्छता और सावधानी बरत कर कोरोनावायरस के संपर्क में आने से बचा जा सकता है. सामान्य वायरल इन्फेक्शन की तरह यह कुछ समय में अपने आप ठीक हो जाता है. हालांकि इसके लक्षणों को कम करने के लिए डॉक्टर मरीज को कुछ विशेष दवाएं दे सकते हैं. इलाज के दौरान मरीज को अस्पताल में भर्ती भी किया जा सकता है, ताकि यह संक्रमण अन्य लोगों में फैलने से रोका जाए.

कारण – कोरोना वायरस संक्रमण के कारण

मनुष्यों को संक्रमित करने वाले वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति या वस्तु को छूने से एक स्वस्थ व्यक्ति में फैलते हैं. लोग मुख्य कारणों से कोरोनावायरस के संपर्क में आते हैं –
1. किसी संक्रमित व्यक्ति द्वारा खांसने या छींकने पर संक्रमित हुई हवा में सांस लेना
2. संक्रमित व्यक्ति के साथ एक कमरे में रहना या उसके पास खड़े होकर उससे बात करना
3. संक्रमित व्यक्ति को छूना या उससे हाथ मिलाना
4. किसी ऐसी वस्तु या सतह को छूना जिसपर कोरोनावायरस हो, उदाहरण के लिए संक्रमित व्यक्ति द्वारा दूषित की गई वस्तु
5. कुछ दुर्लभ मामलों में कोरोनावायरस मल से दूषित वस्तुओं के माध्यम से भी फैल सकता है.
6. ऐसे क्षेत्रों में रहना जहां इस वायरस का अधिक प्रकोप हो
7. अस्पताल या लेबोरेटरी में काम करना
8. घर में कोई व्यक्ति पहले से ही कोरोनावायरस से संक्रमित हो

लक्षण – कोरोना वायरस के लक्षण

कोरोना वायरस के मरीजों में निम्न लक्षण दिखाई देते हैं

  1. जुखाम
  2. खांसी
  3. गले में दर्द
  4. बदन दर्द होना
  5. सांस लेने में दिक्कत
  6. बुखार
  7. ठंड लगना
  8. लगातार सिरदर्द रहना
  9. कमजोरी महसूस होना

कोविड का परीक्षण, कोरोनावायरस की जांच

यदि डॉक्टर को लगता है कि आपको कोरोनावायरस है, तो इसकी पुष्टि करने के लिए वे कुछ टेस्ट कर सकते हैं. कोरोनावायरस संक्रमण की जांच करने के लिए मुख्य रूप से दो प्रकार के टेस्ट पहला – मोलिक्यूलर टेस्ट व दूसरा सेरोलॉजी टेस्ट किए जाते हैं. इसके अलावा परीक्षण के दौरान मरीज से उसके द्वारा महसूस किए जा रहे लक्षणों के बारे में पूछा जा सकता है. साथ ही साथ मरीज से कुछ सवाल भी पूछे जा सकते हैं, जिनमें उनके द्वारा हाल ही में की गई कोई यात्रा या फिर किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से संबंधित बातें पूछी जाती हैं. यहां जानिए क्या है मोलिक्यूलर टेस्ट और सेरोलॉजी टेस्ट –
मोलिक्यूलर टेस्ट 
इसमें मुख्य रूप से रियल-टाइम रिवर्स-ट्रांसक्रिप्शन पोलीमरेज चेन रिएक्शन (RT-PCR) टेस्ट किया जाता है. इस वायरस की मदद से शरीर में वायरल आरएनए की जांच की जाती है.
सेरोलॉजी टेस्ट 
इसमें मुख्य रूप से एलिसा टेस्ट और एंजाइम-लिंक्ड इम्यूनोसोरबेंट एस्से शामिल हैं. इन टेस्टों की मदद से शरीर में कोरोनावायरस संक्रमण के विरोध में शरीर द्वारा बनाई गई एंटीबॉडीज की पहचान की जाती है.

बचाव – कोरोना वायरस से बचाव के उपाय

संपर्क में आने से खुद को बचाना ही इस संक्रमण की रोकथाम करने का सबसे अच्छा तरीका है. हालांकि अब कोरोनावायरस की रोकथाम के लिए दवा व टीकाकरण उपलब्ध है, पर टीकाकरण के बावजूद आपको कुछ सावधानियां बरतने आवश्यकता है. यहां जानिए कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के उपाय-
1– हमेशा बाहर से आने के बाद अपने हाथ साबुन और पानी या अल्कोहल युक्त हैंड रब से साफ करें.
2– खांसते और छींकते वक्त अपनी नाक और मुंह को टिश्यू या मुड़ी हुई कोहनी से ढकें.
3– जिन्हें सर्दी या फ्लू जैसे लक्षण हों, उनके साथ करीबी संपर्क बनाने से बचें.
4– यदि कोई व्यक्ति कोरोनावायरस से संक्रमित है, तो उसके ज़्यादा नज़दीक ना जाएं.
5– यदि आपने किसी संक्रमित व्यक्ति को या उसके कपड़ों को छू लिया है, तो अपने हाथों को कम से कम 20 सेकेंड तक रगड़ कर धोएं.
6– ऐसी जगहों पर न जाएं जहां कोरोनावायरस का प्रकोप अधिक है.

इलाज – कोरोना वायरस संक्रमण का इलाज

कोरोनावायरस से होने वाले संक्रमण से बचने के लिए वैक्सीन लगवाना आवश्यक है. वैसे तो कोरोनावायरस संक्रमण से ग्रस्त ज्यादातर लोग अगर अपने खाने पीने का ख्याल रखें तो कुछ समय बाद अपने आप ही ठीक हो जाते हैं. हालांकि जिन लोगों में इस संक्रमण के कारण गंभीर लक्षण विकसित हो गए हैं, डॉक्टर उन्हें कुछ दवाएं भी दे सकते हैं. ये दवाएं मुख्य रूप से मरीज के लक्षणों व स्थिति की गंभीरता को कम करने में मदद करती हैं. मरीज के लक्षणों को कम करने के लिए आप डॉक्टर द्वारा बताए गए निम्न उपचार कर सकते हैं –
1. शरीर में पानी की कमी न हो इसके लिए मरीज को पर्याप्त मात्रा में तरल पदार्थ लेना चाहिए
2. बुखार के लिए एंटीपायरेटिक दवाएं जैसे पैरासिटामोल लें.
3. गले में दर्द के लिए कुछ विशेष प्रकार की एंटीबायोटिक दवाएं लें
4. घर पर ही रहे व रहे वआराम करें
5. मरीज को , ताकि संक्रमण को फैलने से रोका जाए. लक्षणों को नियंत्रित करने और संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए कुछ मामलों में डॉक्टर मरीज को अस्पताल में भी भर्ती कर सकते हैं.

डॉक्टर को कब दिखाएं?

यदि आपको सर्दी-जुकाम जैसे लक्षण महसूस हो रहे हैं और वे 2-3 दिनों तक लगातार बने हुए है, तो आपको बिना देर किए डॉक्टर को दिखा लेना चाहिए. इसके अलावा यदि आपको उपर दिए गए कोरोनो वायरस के लक्षणों में से कोई भी लक्षण महसूस हो रहे हो, तो भी आपको डॉक्टर से जांच करवाकर पुष्टि कर लेनी चाहिए.
यदि आप किसी ऐसे क्षेत्र में घूमने गए हैं जहां पर वर्तमान में या पहले कभी कोरोनावायरस फैल चुका है. ऐसे में चाहे आपको कोई लक्षण महसूस हो रहा हो या न हो रहा हो फिर भी डॉक्टर से जांच करवा लेना जरूरी है.

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