Cesarean delivery ke baad periods in Hindi First Period After C-Section

सी सेक्शन ऑपरेशन, सिजेरियन के बाद सावधानी, सिजेरियन डिलीवरी के फायदे, सीजर डिलीवरी ऑपरेशन, सिजेरियन डिलीवरी के बाद मासिक धर्म चक्र, सिजेरियन डिलीवरी के बाद टांके में दर्द, Cesarean Delivery Ke Baad Savdhaniya, Cesarean Delivery Ke Baad Pet Me Dard, Cesarean Delivery Ke Baad Kya Nahi Khana Chahiye, Cesarean Delivery Ke Baad Infection, C Section Delivery Ke Baad Period Kab Aata Hai, सिजेरियन डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड आता है, Cesarean Delivery Ke Kitne Din Baad Period Aata Hai, Sigerian Delivery Ke Baad Masik Dharm 

सी सेक्शन ऑपरेशन, सिजेरियन के बाद सावधानी, सिजेरियन डिलीवरी के फायदे, सीजर डिलीवरी ऑपरेशन, सिजेरियन डिलीवरी के बाद मासिक धर्म चक्र, सिजेरियन डिलीवरी के बाद टांके में दर्द, Cesarean Delivery Ke Baad Savdhaniya, Cesarean Delivery Ke Baad Pet Me Dard, Cesarean Delivery Ke Baad Kya Nahi Khana Chahiye, Cesarean Delivery Ke Baad Infection, C Section Delivery Ke Baad Period Kab Aata Hai, सिजेरियन डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड आता है, Cesarean Delivery Ke Kitne Din Baad Period Aata Hai, Sigerian Delivery Ke Baad Masik Dharm 

परिचय – सिजेरियन डिलीवरी, सी–सेक्शन या सीजेरियन सेक्शन

सिजेरियन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बच्चे का जन्म सर्जरी के द्वारा होता है। इस प्रक्रिया में बच्चे का जन्म मां के पेट के निचले हिस्से और गर्भाशय में चीरा लगाकर किया जाता है। आजकल भले ही मेडिकल के स्तर पर काफी डेवलपमेंट हो गई है लेकिन फिर भी इससे प्रेग्नेंट महिला को बहुत जोखिम होता है।
सी–सेक्शन या सीजेरियन सेक्शन एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें बच्चे को शल्यक्रिया के माध्यम से जन्म दिया जाता है। योनि द्वारा जन्म के बजाय, यह प्रसव गर्भाशय और माँ के पेट पर चीरा लगाकर होता है। आज, चिकित्सा प्रौद्योगिकी और आधुनिक चिकित्सा संरक्षण में उन्नति के कारण, सी–सेक्शन प्रक्रिया सुरक्षित है, लेकिन यह माँ के लिए कई जोखिम पैदा करता है।

क्या सिजेरियन सेक्शन आपके मासिक धर्म चक्र में देरी करेगा?

क्या सी–सेक्शन का मासिक धर्म पर असर पड़ेगा? यह एक ऐसा सवाल है जो ज्यादातर गर्भवती महिलाओं के दिमाग में होता है।सी–सेक्शन के बाद यदि मासिक धर्म में देरी होती है तो इसका कारण सी–सेक्शन नहीं है। हालांकि, यह मासिक धर्म के प्रकृति पर प्रभाव नहीं डालता। आपके हार्मोन, स्वास्थ्य की स्थिति और स्तनपान के आधार पर कुछ समय बाद मासिक धर्म वापस आ जाता है। जिस तरह से आपकी माहवारी होती है, खासकर सी–सेक्शन के बाद की पहली माहवारी, थोड़ी अलग हो सकती है।

सी–सेक्शन के बाद आपका मासिक धर्म कब शुरू होगा? C Section Delivery Ke Baad Period

सी–सेक्शन के बाद पहला मासिक धर्म आने में जो समय लगता है वह मुख्य रूप से आपके हार्मोन पर निर्भर करता है। शिशु के जन्म के बाद, एच.सी.जी. अथवा ह्यूमन क्रोनिक गोनाडोट्रोपिन, एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन हार्मोन कास्तर नीचे चला जाता है। सीज़ेरियन सेक्शन के बाद आपका मासिक धर्म कब आएगा यह निर्धारित करने का एक महत्वपूर्ण कारक स्तनपान होता है।
1. यदि आप स्तनपान करवा रही हैं
सीजेरियन प्रसव के बाद आपके मासिक धर्म पर स्तनपान का प्रभाव पड़ता है क्योंकि स्तनपान हार्मोनल स्तर को प्रभावित करता है। प्रोलैक्टिन का स्तर बढ़ जाता है जिससे डिंबोत्सर्जन में देरी होती है। इसलिए स्तनपान कराने वाली महिलाओं का मासिक धर्म वापस आने मे कम से कम छह महीने लग सकते हैं। कुछ मामलों में माहवारी अनियमित भी हो सकता है। यदि स्तनपान अनियमित है तो मासिक धर्म जल्दी आ सकता है।
2. यदि आप स्तनपान नहीं करवारही हैं
जब आप स्तनपान नहीं कराती हैं, तो प्रोलैक्टिन का स्तर कम हो जाता है जिससे मासिक धर्म जल्दी आता है। कुछ मामलों में, सी–सेक्शन के ठीक छह सप्ताह बाद पहली माहवारी हो सकती है। यदि तीन महीने बाद भी माहवारी नहीं आती है, तो डॉक्टर की सलाह लेने का समय आ गया है।

सी–सेक्शन के बाद आपके मासिक धर्म चक्र को कौन से कारक प्रभावित करते हैं?

कुछ कारकों में शामिल हैं:
1- तनाव
2- आराम की कमी
3- अधिक वजन की समस्या
4- स्वास्थ्य की स्थिति
5- यदि कोई जटिलताएं हों

सिजेरियन प्रसव के बाद आपका मासिक धर्म अलग कैसे होगा?

सिजेरियन प्रसव एक शल्यक्रिया है और जैसा कि गर्भाशय पर चीरा लगाया जाता है, शरीर को ठीक होने​ के लिए समय की आवश्यकता होती है। हार्मोनल स्तर को भी सामान्य होने की आवश्यकता होती है। इसलिए पहला मासिक स्राव शरीर के हार्मोनल उतार–चढ़ाव और स्वास्थ्य लाभ के बीच होता है।

सी–सेक्शन प्रसव के बाद आपका पहला मासिक स्राव किस प्रकार का होगा?

आपके सी–सेक्शन प्रसव के बाद आपके पहले मासिक धर्म में ज्यादातर देरी नहीं होगी, क्योंकि आपकी माहवारी का समय अधिकतर आपके हार्मोन्स पर निर्भर करता है, ना कि आपके प्रसव के प्रकार पर। यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि गर्भाशय की दीवार पर लगाए गए चीरे की वजह से रक्तस्राव थोड़ा अधिक गंभीर हो सकता है।
1. मासिक धर्म दर्दनाक हो सकता है
विभिन्न महिलाओं में हार्मोनल परिवर्तन अलग–अलग हो सकते हैं। कुछ को तेज़ ऐंठन का अनुभव हो सकता है और इस प्रकार सी–सेक्शन के बाद मासिक धर्म में बहुत दर्द हो सकता है।
2. भारी स्राव हो सकता है
कुछ महिलाएं सी–सेक्शन के बाद बहुत भारी स्राव से पीड़ित हो सकती हैं और इसका कारण गर्भाशय पर शस्त्रक्रिया और गर्भाशय की दीवार को नुकसान हो सकता है। यह केवल कुछ समय के लिए होना चाहिए, लेकिन अगर यह जारी रहता है, तो डॉक्टर से मिलना उचित है।
3. कम मासिक स्राव और कम दर्द हो सकता है
कुछ मामलों में, माहवारी सामान्य से बहुत कम हो सकती है और यह दर्दनाक भी नहीं होगी। यह भी देखा गया है कि जो महिलाएं एंडोमेट्रियोसिस से पीड़ित थीं, उन्हें बच्चा होने के बाद मासिक धर्म संबंधी समस्या नहीं रही। माना जाता है, कि सी–सेक्शन के बाद कम मासिक स्राव का कारण होता है प्रोजेस्टेरोन के स्तर का बढ़ जाना। उच्च स्तर होने से एस्ट्रोजन के स्तर को संतुलित करने में मदद मिलती है,जो गर्भाशय कोशिकाओं के विकास में मदद करती है।
4. मासिक धर्म लंबे समय तक रह सकता है
हार्मोनल परिवर्तन और शरीर की स्वास्थ्य स्थिति के आधार पर, ऐसी महिलाएं होती हैं जिन्हें मासिक स्राव सामान्य से अधिक हो सकता है। आमतौर पर, ज्यादातर महिलाओं में मासिक स्राव एक सप्ताह तक चलता है, लेकिन कुछ मामलों में, पांच दिनों या उससे अधिक समय तक भारी रक्तस्राव हो सकता है और यह कम से कम 12 दिनों तक जारी रह सकता है।

सिजेरियन के बाद अनियमित मासिक धर्म

सामान्यतः, यह ज्यादातर उन महिलाओं के मामले में होता है, जो सी–सेक्शन से गुजर चुकी होती हैं। मासिक धर्म चक्र को फिर से सामान्य होने में अधिक समय नहीं लगता है। अर्थात, जल्द ही उनका 28-दिवसीय चक्र शुरू हो जाता है। लेकिन इसके साथ ही, कुछ महिलाओं में अनियमित माहवारी भी हो सकता है। यह परिस्थिति तनाव, थायरॉइड की स्थिति, वजन घटाने, या वजन बढ़ने सहित कई कारणों से हो सकती है। कुछ महिलाओं में जो 30-40 की आयु में हैं, पेरिमेनोपॉज़ पहले हो सकता है, जो अनियमित मासिक धर्म का कारण बन सकता है।

सिजेरियन सेक्शन और ट्यूबल बंधाव के बाद पहली अवधि

कई महिलाएं सी–सेक्शन के बाद ट्यूबल लिगेशन का विकल्प चुनना पसंद करती हैं। यह एक ऐसी प्रक्रिया है, जिसमें फैलोपियन ट्यूब को बाद में अधिक गर्भधारण को रोकने के उद्देश्य से या तो काट दिया जाता है या अवरुद्ध कर दिया जाता है। इस प्रक्रिया को ट्यूब के बंधे होने के रूप में भी जाना जाता है या इसे ट्यूबल नसबंदी भी कहते हैं।
सी–सेक्शन के पश्चात ट्यूबल लिगेशन का मासिक धर्म या स्वास्थ्य पर कोई प्रभाव नहीं पड़ता है। फिर भी, ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें सी–सेक्शन और ट्यूबल लिटिगेशन से गुजरने वाली महिलाओं को भारी रक्तस्राव हुआ है।

चिकित्सा सहायता कब लें?

1- अत्यधिक भारी स्राव: कुछ महिलाओं में भारी मासिक स्राव सामान्य बात है लेकिन प्रवाह की एक सीमा है। यदि आपका पैड खून से इतना अधिक भर जाता है कि आप हर घंटे पैड बदलती रहती हैं, तो यह समय आपके स्त्री रोग विशेषज्ञ से मिलने का है।
2- बुखार: अगर आपको पहले माहवारी के साथ या उसके बाद बुखार आता है, तो आपको इसका कारण जानने के लिए अपने डॉक्टर से मिलना चाहिए क्योंकि सी–सेक्शन के बाद ऐसी कोई स्थिति नहीं होनी चाहिए।
3- लंबे समय तक चलने वाला मासिक धर्म: सात दिनों तक मासिक धर्म सामान्य है, लेकिन इससे अधिक होने पर डॉक्टर से परामर्श करना चाहिए ।
4- गंभीर दर्द: पेट में ऐंठन हो सकती है लेकिन अगर आप असहनीय दर्द से पीड़ित हैं और यदि यह आपको बहुत अधिक असुविधा पहुँचा रहा है, तो डॉक्टर इसका कारण जानने के बाद समाधान सुझा सकते हैं।
5- थकावट: शरीर का थकना सामान्य है, लेकिन भारी थकावट या एनीमिया का कोई संकेत सामान्य नहीं है। जितनी जल्दी हो सके अपने डॉक्टर से मिलें।
6- माहवारी नहीं होना: कुछ मामलों मे विशेष रूप से स्तनपान कराने वाली महिलाओं के साथ, सी–सेक्शन के बाद पहली बार मासिक धर्म आने में छह महीने लग सकते हैं। अगर बहुत महीनों के बाद भी माहवारी नहीं होता है, तो ऐसे अन्य कारण भी हो सकते हैं, जिनके बारे में आपका डॉक्टर आपको सलाह दे सकता है।
इस प्रकार, आपको पता होना चाहिए कि सी–सेक्शन के बाद आपके शरीर के साथ–साथ आपके मासिक धर्म चक्र में भी बदलाव होंगे। आपके स्वास्थ्य का ध्यान रखना, तनाव मुक्त रहना और मातृत्व का आनंद लेना महत्वपूर्ण है। जब भी आवश्यक हो अपने चिकित्सक से परामर्श लें और उचित देखभाल करें।

आहार – सिजेरियन डिलीवरी के बाद माँ को क्या खाना चाहिए

1- दूध तथा दूध से बने उत्पाद: सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला के लिए दूध तथा दूध से बने उत्पादों का सेवन जैसे दूध, छाछ, पनीर, दही आदि बहुत ही लाभदायक होता है। दूध कैल्सियम का सबसे अच्छा स्रोत है, इसमें फास्फोरस, विटामिन बी, मेगनिसियम, और जिंक उच्च मात्रा में पाए जाते है। और दही तो विशेष रूप से महिला के लिए बहुत फायदेमंद है। क्योकि ये पेट में गैस नहीं बनने देती है।
2- दालें और फलिया: दालो से मिलता है अतिरिक्त पोषण। डिलीवरी के बाद माँ को अपने बच्चे को स्तनपान भी करना होता है, इसलिए उसे अधिक पोषण की आवश्यकता होती है। महिला अपने भोजन में अरहर की दाल, मसूर की दाल, मटर, सेम की फलिया चने(छोले), सोयाबीन और मूंगफली आदि जरुर शामिल करें। दालो में प्रोटीन फाइबर आयरन फोलेट (बी 9) और कैल्सियम बहुत अधिक मात्रा में मिलता है।
3- अन्डो का सेवन: सिजेरियन डिलीवरी के बाद अन्डो का सेवन लाभदायक है। अन्डो से जख्म जल्दी भरने में मदद मिलती है। एक अंडे में 77 कलोरी होती है, साथ ही साथ उच्च गुडवत्ता वाला प्रोटीन और वसा भी मौजूद होता है। और इसमें कई विटामिन और खनिज पाए जाते है। लेकिन रोज एक से ज्यादा अंडा ना खाया जाये और अंडा उबला हुआ होना चाहिए क्योकि ये गैस भी बना सकता है।
4- हरी सब्जिया: ब्रोकली और हरी पत्तेदार सब्जियो का इस्तेमाल भी ज्यादा से ज्यादा करें। ब्रोकली, हरी सब्जिया जैसे पालक, लौकी, तोरी, बीन्स में कई पोषक तत्व होते है। जो स्तनपान कराने वाली महिला के लिए जरुरी है। इसमें फाइबर, विटामिन सी, के, ए, कैल्शियम, आयरन, फोलेट, पोटेशियम प्रचुर मात्रा में उपलब्ध होता है। ये सब्जिया कब्ज को रोकने में भी मदद करती है।
5- साबुत अनाज: साबुत अनाज महिला के लिए बहुत जरुरी है। साबुत अनाजो का सेवन सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला में आवश्यक कैलोरी की मात्रा को पूरा करने में मदद करता है। साबुत अनाजो में फाइबर, विटामिन्स भरपूर मात्रा में होता है। ओट्स और किनोवा में प्रोटीन उच्च मात्रा में होता है।
6- सूखे मेवे और ताजे फल: सिजेरियन डिलीवरी के बाद महिला के लिए सूखे मेवे और ताजे फल जैसे सेब, केला, अनार, बहुत ही फायदेमंद होता है। सूखे मेवे आमतौर पर कैलोरी, फाइबर और विभिन्न विटामिन्स और खनिजो से समृद्ध होते है। सूखे मेवे में काजू, किसमिस, बादाम, सूखे बेर, और खजूर में फाइबर, पोटेशियम, आयरन, अधिक मात्रा में पाए जाते है। ताजे फलों और सूखे मेवों में प्राकृतिक शुगर भी उचित मात्रा में पाई जाती है। साथ ही ये केलोरी और पोषक तत्वों से भी भरपूर है।
7- अजवाईन वाला गुनगुना पानी पिए: एक लीटर पानी में एक चम्मच अजवाईन और दो इलाइची डाल कर पानी को एक उबाल आने दे और फिर यही पानी पिए। कोशिश करें की नार्मल पानी की जगह यही पानी पिए। ये पानी पीने से सिजेरियन डिलीवरी के बाद जो पेट बाहर आता है वो नहीं आएगा और आप जो भी खायेंगी वो आसानी से पच जायेगा। और गैस भी नहीं बनने देगा। फ्रिज का ठंडा पानी भूल कर भी ना पिए।
8- सिजेरियन डिलीवरी के बाद माँ को ऐसा आहार खाना चाहिए जो उसे आसानी से पच जाये और शक्ति प्रदान करें और बच्चे को स्तनपान कराने के लिए दूध के उत्पादन में सहायता प्रदान करे। कुछ भी ऑयली बिलकुल ना खाए। क्योकि गैस बनने पर टांको में दर्द बढ़ सकता है। आराम करें अपना ख्याल रखें।

स्वास्थ्य से सम्बंधित आर्टिकल्स – 

  1. बीकासूल कैप्सूल खाने से क्या फायदे होते हैं, बिकासुल कैप्सूल के लाभ, Becosules Capsules Uses in Hindi, बेकासूल, बीकोस्यूल्स कैप्सूल
  2. शराब छुड़ाने की आयुर्वेदिक दवा , होम्योपैथी में शराब छुड़ाने की दवा, शराब छुड़ाने के लिए घरेलू नुस्खे , शराब छुड़ाने का मंत्र , शराब छुड़ाने के लिए योग
  3. कॉम्बिफ्लेम टेबलेट की जानकारी इन हिंदी, कॉम्बिफ्लेम टेबलेट किस काम आती है, Combiflam Tablet Uses in Hindi, Combiflam Syrup Uses in Hindi
  4. अनवांटेड किट खाने के कितने दिन बाद ब्लीडिंग होती है, अनवांटेड किट खाने की विधि Hindi, अनवांटेड किट ब्लीडिंग टाइम, अनवांटेड किट की कीमत
  5. गर्भाशय को मजबूत कैसे करे, कमजोर गर्भाशय के लक्षण, गर्भाशय मजबूत करने के उपाय, बच्चेदानी का इलाज, बच्चेदानी कमजोर है, गर्भाशय योग
  6. जिम करने के फायदे और नुकसान, जिम जाने से पहले क्या खाएं, जिम जाने के बाद क्या खाएं,  जिम जाने के फायदे, जिम जाने के नुकसान,  जिम से नुकसान
  7. माला डी क्या है, Mala D Tablet Uses in Hindi, माला डी कैसे काम करती है, Maladi Tablet, माला डी गोली कब लेनी चाहिए
  8. Unienzyme Tablet Uses in Hindi, Unienzyme गोली, यूनिएंजाइम की जानकारी, यूनिएंजाइम के लाभ, यूनिएंजाइम के फायदे,यूनिएंजाइम का उपयोग
  9. मानसिक डर का इलाज, फोबिया का उपचार, डर के लक्षण कारण इलाज दवा उपचार और परहेज, डर लगना, मानसिक डर का इलाज, मन में डर लगना
  10. हिंदी बीपी, उच्च रक्तचाप के लिए आहार, High Blood Pressure Diet in Hindi, हाई ब्लड प्रेशर में क्या नहीं खाना चाहिए, हाई ब्लड प्रेशर डाइट
  11. क्या थायराइड लाइलाज है, थ्रेड का इलाज, थायराइड क्‍या है, थायराइड के लक्षण कारण उपचार इलाज परहेज दवा,  थायराइड का आयुर्वेदिक
  12. मोटापा कम करने के लिए डाइट चार्ट, वजन घटाने के लिए डाइट चार्ट, बाबा रामदेव वेट लॉस डाइट चार्ट इन हिंदी, वेट लॉस डाइट चार्ट
  13. हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण और उपचार, हाई ब्लड प्रेशर, बीपी हाई होने के कारण इन हिंदी, हाई ब्लड प्रेशर १६० ओवर ११०, बीपी हाई होने के लक्षण
  14. खाना खाने के बाद पेट में भारीपन, पेट में भारीपन के लक्षण, पतंजलि गैस की दवा, पेट का भारीपन कैसे दूर करे, पेट में भारीपन का कारण
  15. योग क्या है?, Yoga Kya Hai, योग के लाभ, योग के उद्देश्य, योग के प्रकार, योग का महत्व क्या है, योग का लक्ष्य क्या है, पेट कम करने के लिए योगासन, पेट की चर्बी कम करने के लिए बेस्‍ट योगासन

सी सेक्शन ऑपरेशन, सिजेरियन के बाद सावधानी, सिजेरियन डिलीवरी के फायदे, सीजर डिलीवरी ऑपरेशन, सिजेरियन डिलीवरी के बाद मासिक धर्म चक्र, सिजेरियन डिलीवरी के बाद टांके में दर्द, Cesarean Delivery Ke Baad Savdhaniya, Cesarean Delivery Ke Baad Pet Me Dard, Cesarean Delivery Ke Baad Kya Nahi Khana Chahiye, Cesarean Delivery Ke Baad Infection, C Section Delivery Ke Baad Period Kab Aata Hai, सिजेरियन डिलीवरी के कितने दिन बाद पीरियड आता है, Cesarean Delivery Ke Kitne Din Baad Period Aata Hai, Sigerian Delivery Ke Baad Masik Dharm