तमिलनाडु राज्य

तमिलनाडु गठन २६ जनवरी १९६० को हुआ था, तमिलनाडु राज्य, भारत के दक्षिणी भाग में स्थित एक सांस्कृतिक और ऐतिहासिक राज्य है, जिसे अपनी समृद्ध विरासत, प्राचीन मंदिरों और विविधता के लिए जाना जाता है। इसकी राजधानी चेन्नई है, जो एक प्रमुख आर्थिक और शैक्षिक केंद्र है। तमिलनाडु की पहचान यहाँ के भव्य हिंदू मंदिरों, जैसे मीनाक्षी मंदिर (मैदुरै) और ब्रहादेश्वर मंदिर (तंजावुर) से होती है, जो अद्वितीय वास्तुकला और धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ की संस्कृति, संगीत, नृत्य (भरतनाट्यम) और साहित्य में भी गहराई से जुड़ी हुई है।

तमिलनाडु राज्य का भूगोल भी विविध है, जिसमें समुद्र तट, पहाड़ियाँ और उपजाऊ मैदान शामिल हैं। तमिलनाडु की अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि, उद्योग और सेवा क्षेत्र पर निर्भर करती है। यहाँ की जलवायु गर्म और आर्द्र होती है, जो कृषि के लिए अनुकूल होती है। तमिलनाडु के त्योहार, जैसे पोंगल और दीपावली, यहाँ की संस्कृति का अभिन्न हिस्सा हैं और इन्हें धूमधाम से मनाया जाता है। राज्य की अद्भुत सांस्कृतिक धरोहर और प्राकृतिक सुंदरता इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाती है।

तमिलनाडु की राजधानी क्या है और कहां है?

तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई है, जो राज्य के पूर्वी तट पर स्थित है। चेन्नई शहर बंगाल की खाड़ी के किनारे बसा हुआ है और भारत के सबसे बड़े महानगरों में से एक है। चेन्नई का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व है, और इसे “मद्रास” के नाम से भी जाना जाता था। यह शहर एक प्रमुख आर्थिक और व्यापारिक केंद्र है, जहाँ सूचना प्रौद्योगिकी, ऑटोमोबाइल, फिल्म उद्योग और स्वास्थ्य सेवाओं का विकास हो रहा है।

चेन्नई में कई दर्शनीय स्थल हैं, जैसे मरीना बीच, कैथेड्रल ऑफ़ सेंट थॉमस, और वडापलानी मंदिर। यहाँ की संस्कृति में संगीत, नृत्य और कला का महत्वपूर्ण स्थान है, और यह संगीत का केंद्र भी है। चेन्नई की जलवायु गर्म और आर्द्र होती है, जिससे यहाँ साल भर गतिविधियों का आयोजन होता है। यह शहर न केवल तमिलनाडु का प्रशासनिक केंद्र है, बल्कि यह शिक्षा, स्वास्थ्य और संस्कृति का भी एक महत्वपूर्ण गढ़ है।

मद्रास शहर का नाम चेन्नई 1996 में आधिकारिक रूप से बदल दिया गया था। चेन्नई नाम परिवर्तन राज्य सरकार द्वारा किया गया था ताकि स्थानीय संस्कृति और भाषा को बेहतर ढंग से दर्शाया जा सके। “चेन्नई” नाम, जो कि चेन्नापन्ना (एक स्थानीय शासक) के नाम से लिया गया है, शहर की समृद्ध इतिहास और सांस्कृतिक विरासत को उजागर करता है। इसके बाद से “चेन्नई” नाम का उपयोग व्यापक रूप से किया जाने लगा, और यह शहर का आधिकारिक नाम बन गया।

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