नागालैण्ड राज्य

नागालैण्ड की स्थापना 1 दिसम्बर 1963 को भारत के 16वें राज्य के रूप मे हुई थी। नागालैण्ड भारत का एक उत्तर पूर्वी राज्य है। असम घाटी के किनारे बसे कुछ क्षेत्रों को छोड़कर राज्य का अधिकतर हिस्सा पहाड़ी है। राज्य के कुल क्षेत्रफल का केवल 9% हिस्सा समतल जमीन पर है। नागालैण्ड में सबसे उँची चोटी माउंट सरामति है जिसकी समुंद्र तल से उँचाई 3840 मी है। यह पहाड़ी और इसकी शृंखलाएँ नागालैंड और बर्मा के बीच प्राकृतिक अवरोध का निर्माण करती हैं। यह राज्य वनस्पतियों और जीवों की समृद्ध विविधता का घर है।

नागालैंड राज्य अपनी समृद्ध संस्कृति, विविधता और प्राकृतिक सौंदर्य के लिए जाना जाता है। नागालैंड की जनसंख्या मुख्यतः नगा जनजातियों की है, जो अपनी परंपराओं, त्योहारों और हस्तशिल्प के लिए प्रसिद्ध हैं। यहाँ की पहाड़ियाँ, घने जंगल और जलप्रपात इसे एक अद्वितीय पर्यटन स्थल बनाते हैं। नागालैंड की राजधानी कोहिमा है, जबकि दीमापुर इसका सबसे बड़ा शहर है। राज्य का मुख्य त्योहार “हैफू” है, जो कृषि के मौसम के अंत का जश्न मनाने के लिए मनाया जाता है। यहां 17 जिले हैं| नागालैण्ड की सीमा पश्चिम में असम से, उत्तर में अरुणाचल प्रदेश से, पूर्व मे बर्मा से और दक्षिण मे मणिपुर से मिलती है।

नागालैण्ड की राजधानी क्या है और कहां है?

नागालैंड राज्य की राजधानी कोहिमा है, जो की राज्य के मध्य में स्थित है। यह शहर समुद्र तल से लगभग 1,444 मीटर की ऊँचाई पर बसा हुआ है, जिससे इसका मौसम ठंडा और सुहावना रहता है। कोहिमा का नाम “कोहिमा” शब्द से आया है, जिसका अर्थ है “कोही” की भूमि, जो यहाँ की एक प्रमुख जनजाति का नाम है। इस शहर में कई ऐतिहासिक स्थल और सांस्कृतिक धरोहरें हैं, जो इसे एक महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल बनाते हैं।

कोहिमा न केवल नागालैंड की प्रशासनिक केंद्र है, बल्कि यह नागालैंड राज्य की सांस्कृतिक पहचान का भी एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहाँ पर “कोहिमा वार मेमोरियल” है, जो द्वितीय विश्व युद्ध के दौरान शहीद हुए सैनिकों की याद में बनाया गया था। इसके अलावा, कोहिमा में विभिन्न नागा जनजातियों के त्योहारों और परंपराओं का आयोजन किया जाता है, जो यहाँ की विविधता को दर्शाते हैं। यह शहर अपनी अद्भुत प्राकृतिक सुंदरता और जीवंत संस्कृति के लिए पर्यटकों को आकर्षित करता है।

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