कर्नाटक राज्य

कर्नाटक राज्य भारत के दक्षिणी भाग में स्थित एक विविध और सांस्कृतिक राज्य है, जो अपनी समृद्ध विरासत, अद्भुत प्राकृतिक सौंदर्य और विकसित IT उद्योग के लिए प्रसिद्ध है। बेंगलुरु, जिसे सिलिकॉन वैली के रूप में जाना जाता है, कर्नाटक राज्य की राजधानी है और यह तकनीकी नवाचारों का केंद्र है। कर्नाटक में ऐतिहासिक स्थलों की भरपूरता है, जैसे कि मैसूर का महल, हंपी के प्राचीन मंदिर और बेलूर-हलेबिदु के चोल मंदिर। यहाँ की संस्कृति में कर्नाटकी संगीत, नृत्य और पारंपरिक त्योहारों का महत्वपूर्ण स्थान है, जैसे कि दशहरा। राज्य की भौगोलिक विविधता इसे अद्भुत परिदृश्य, समुद्र तटों और पहाड़ियों से भरपूर बनाती है, जो पर्यटकों को आकर्षित करती है।

कर्नाटक राज्य (Karnataka), जिसे कर्णाटक के नाम से भी जाना जाता है, दक्षिण भारत के प्रमुख राज्य में से एक है। इस राज्य का गठन 1 नवंबर 1956 को राज्य पुनर्गठन अधिनियम के अधीन किया गया था। पहले कर्नाटक को मैसूर राज्य कहा जाता था। 1973 में पुनर्नामकरण कर इसका नाम कर्नाटक कर दिया गया। इसकी सीमाएं पश्चिम में अरब सागर, उत्तर पश्चिम में गोआ, उत्तर में महाराष्ट्र, पूर्व में आंध्र प्रदेश, दक्षिण-पूर्व में तमिल नाडु एवं दक्षिण में केरल से लगती हैं। इसका कुल क्षेत्रफल 74,922 वर्ग मील (1,19,976 कि॰मी॰²) है, जो भारत के कुल भौगोलिक क्षेत्र का 5.63% है। ३१जिलों के साथ यह राज्य छठा सबसे बड़ा राज्य है। राज्य की आधिकारिक और सर्वाधिक बोली जाने वाली भाषा कन्नड़ है।

कर्नाटक की राजधानी क्या है और कहां है?

कर्नाटक राज्य की राजधानी बेंगलुरु है (Bengaluru), जो राज्य के दक्षिण-पूर्व भाग में स्थित है। बेंगलूरु का पूर्व नाम बंगलूर या बैंगलोर था। इसे तकनीकी और सूचना प्रौद्योगिकी का केंद्र माना जाता है, और यह भारत के सबसे तेजी से बढ़ते शहरों में से एक है। बेंगलुरु का मौसम साल भर सुहावना रहता है, जिससे यह एक लोकप्रिय हिल स्टेशन और रहने के लिए पसंदीदा स्थान बन गया है। यहाँ कई प्रमुख शैक्षणिक संस्थान, अनुसंधान केंद्र और बहुराष्ट्रीय कंपनियों के कार्यालय हैं। बेंगलुरु अपनी हरे-भरे पार्कों, ऐतिहासिक इमारतों और जीवंत सांस्कृतिक जीवन के लिए भी जाना जाता है, जैसे कि लालबाग Botanical Garden और बेंगलुरु पैलेस।

बेंगलुरु शहर 1004 ई॰ तक यह गंग वंश का भाग था। चोल शासकों ने इस पर 1015 ई॰ से 1116 ई॰ तक राज्य किया। इसके बाद होयसल राजवंश का अधिकार रहा। 1357 ई॰ में यह विजयनगर में जुड़ गया। फिर शाहजी भोसले ने इस पर राज्य किया। सन् 1698 में मुगल शासक औरंगज़ेब ने इसे चिक्काराजा वोडयार को दे दिया। 1759 ई॰ में हैदर अली ने इस पर अधिकार किया। टीपू सुल्तान ने इस पर 1799 ई॰ तक राज्य किया। इसके बाद इसकी बागडोर अंग्रेजों के हाथ में चली गयी। और अब यह स्वतंत्र भारत के एक राज्य की राजधानी है।

Read More –