Biography of Tanaji

तानाजी की जीवनी, तानाजी की बायोग्राफी, तानाजी के युध्द, तानाजी की कविता, जीजाबाई की प्रतिज्ञा, Tanaji Ki Jivani, Tanaji Biography In Hindi, Tanaji War, Tanaji Poetry, Pledge Of Jijabai

तानाजी की जीवनी, तानाजी की बायोग्राफी, तानाजी के युध्द, तानाजी की कविता, जीजाबाई की प्रतिज्ञा, Tanaji Ki Jivani, Tanaji Biography In Hindi, Tanaji War, Tanaji Poetry, Pledge Of Jijabai

तानाजी की जीवनी
हमारे भारतवर्ष की धरती पर कई महान वीरों जन्म लिया देश के लिए बड़ी बड़ी लड़ाइयां लड़ कर भारत के इतिहास के सुनहरे पन्नों में अपना नाम दर्ज कराया. लेकिन वक़्त के साथ-साथ उनका महत्व धीरे-धीरे भुला दिया गया हैं. ऐसे ही एक योद्धा तानाजी मालुसरे भी हैं. तानाजी मराठा साम्राज्य के सेनापति थे. वीर छत्रपति शिवाजी राव के बारे में तो आपने सुना ही होगा उनके काल में उन्होंने ढेरों लड़ाइयां लड़ी और उन्हें जीतकर कई के लिए अपने नाम कर लिए. आज हम उनके ही सबसे अजीज दोस्त तानाजी मालुसरे की बात कर रहे हैं. तो आइए जानते हैं तानाजी मालुसरे जैसे वीर योद्धा के बारे में विस्तार से….

नाम – तानाजी मालुसरे
दूसरा नाम – सरदार कलौजी
उपनाम – तानाजी
जन्म – 1600 ई
जन्म स्थान – गोन्दोली गॉव, सतारा जिला, महाराष्ट्र
राष्ट्रीयता – भारतीय
मृत्यु – 1670
शौक – सैन्य प्रदर्शन
व्यवसाय – वीर सिपाही

तानाजी से जुड़ी कुछ अन्य बातें
पिता का नाम – स्वर्गीय श्री सरदार कलोजी
माता का नाम – पार्वती बाई
पत्नि का नाम – सावित्री मालुसरे
प्रेरणा स्त्रोत – शिवाजी राव पेशवा
बेटे – 1 ( रायबा मालुसरे)
खाने में पसंद – शाकाहारी

तानाजी का प्रारंभिक जीवन
मराठा साम्राज्य में वीर योद्धा तानाजी मालुसरे का जन्म 1600 ईसवीं में हुआ था. उनका जन्म महाराष्ट्र के ही एक छोटे से गांव जो सातारा जिले में आता था उस गांव का नाम गोदोली में हुआ था. तानाजी के पिता सरदार कलोजी और माता पार्वती बाई कलोजी थी वे दोनों ही एक हिंदू कोली परिवार से ताल्लुक रखते थे. तानाजी को बचपन से ही बच्चों की तरह खेल खेलने का नहीं बल्कि तलवारबाजी का शौक रहा था जिसके चलते वे छत्रपति शिवाजी से मिले और बचपन से ही उनके मित्र बन गए. उनकी वीरता के चर्चे दूर-दूर तक हुआ करते थे और उनकी वीरता के चलते ही उन्हें मराठा साम्राज्य में एक उच्च पद के रूप में मुख्य सूबेदार के रूप में नियुक्त कर दिए गए.

तानाजी और शिवाजी की मित्रता बचपन से ही इतनी घनिष्ठ थी कि दोनों एक-दूसरे के बिना कोई भी काम करते नहीं थे भले ही वे युद्ध में लड़ना क्यों ना हो. औरंगजेब के खिलाफ उन दोनों ने युद्ध में हिस्सा लिया और युद्ध के दौरान ही औरंगजेब के द्वारा उन्हें बंदी बना लिया गया. बाद में दोनों ने मिलकर योजना बनाई और औरंगजेब के किले से वे दोनों एक साथ भाग निकले.

तानाजी का मराठा साम्राज्य में महत्वपूर्ण योगदान
सूबेदार के रूप में मराठा साम्राज्य के लिए तानाजी ने सदैव ही अपने महत्वपूर्ण योगदान को निभाते हुए अपना समर्पण दिखाया. उन्होंने देश के हालातों को देखते हुए बचपन में ही देश को पूर्ण स्वराज कराने की कसम धारण कर ली थी. बस फिर क्या था वे अपनी इस कसम को पूरा करने के लिए युद्ध के मैदान में उतर चले. इतिहास के पन्नों में उन्हें कोंडाणा किले के युद्ध मे लहराए गए अपने परचम को लेकर एक अहम स्थान मिला.

तानाजी ने जीजाबाई की प्रतिज्ञा का किया सम्मान
उस समय शिवाजी की ओर से तानाजी को यह संदेश मिला कि माता जीजाबाई ने यह प्रतिज्ञा की है कि जब तक वह कोडाना किले को मराठा साम्राज्य में शामिल नहीं कर लेती तब तक वह अन्न जल का त्याग करती हैं. उनकी यह प्रतिज्ञा तुरंत ही शिवाजी द्वारा तानाजी तक पहुंचाई गई और जैसे ही तानाजी को यह बात पता चली वह घर में चल रही अपने पुत्र के विवाह उत्सव की तैयारियों को छोड़कर माता जीजाबाई की प्रतिज्ञा को पूरी करने निकल पड़े.

तानाजी का कोंडाणा किले का युद्ध
तानाजी और शिवाजी एक दूसरे की सहमति के बिना कोई भी काम नहीं करते थे इसी के चलते शिवाजी ने उनको सिंह गढ़ के किले को जीत कर अपने नाम करने की सलाह दी और उन्हें सिंह गढ़ के किले पर चढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित किया. सिंह गढ़ का यह किला मुंबई के पुणे क्षेत्र में स्थापित था. शिवाजी की कोई भी बात ना डालने वाले तानाजी अपनी सेना को लेकर सिंह गढ़ के किले को जीतने के लिए निकल पड़े. वह एक ऐसा मजबूत किला था जो चारों तरफ से मुगल सैनिकों से गिरा हुआ था लगभग 5000 सैनिक राजा उदय भान की देखरेख में उस किले की रक्षा कर रहे थे. उदय भान सत्ता की लालच में आकर एक हिंदू नेता होते हुए भी मुगलों का साथ दे रहा था यह बात शिवाजी और तानाजी को बिल्कुल भी गवारा नहीं थी.

तानाजी पुत्र का विवाह छोड़ निकले युद्ध पर
जब तानाजी ने युद्ध के लिए प्रस्थान करने की योजना बनाई तब उस समय उनके पुत्र रायबा का विवाह होने वाला था. परंतु देश के लिए लड़ने वाले सैनिकों को अपने परिवार से कहीं अधिक अपना देश प्यारा होता है वह अपने देश को ही अपना परिवार मानकर प्राथमिकता देते हैं ऐसा ही कुछ तानाजी ने किया जब वह अपने बेटे के विवाह को छोड़कर युद्ध की ओर प्रस्थान कर गए. तानाजी और उनकी सेना में इस कदर स्वराज का भूत चढ़ा हुआ था कि वे किसी भी हालत में कोंडाना किले को अपने नाम करना चाहते थे.

रात के काले घने अंधेरे में उन्होंने कोंडाणा किले को अपने सैनिकों के साथ मिलकर चारों तरफ से घेर लिया और धीरे-धीरे सारे सैनिक महल के अंदर जा घुसे. उस किले की बनावट कुछ इस प्रकार थी कि उसमें किसी का भी घुस पाना बेहद मुश्किल था. लेकिन तानाजी की चतुर और चालाक बुद्धि की मदद से उन्होंने अपनी पूरी सेना के साथ मिलकर उस किले पर घमासान आक्रमण कर दिया. उनके इस आक्रमण ने मुगल सैनिकों को पलभर के लिए भी समझने का मौका नहीं दिया.

मुगल सैनिकों को इस बात का अंदाजा तक नहीं हुआ कि उन पर यह हमला कैसे और किस तरफ से हुआ है वे इस बात को समझ पाते इससे पहले ही मराठा सेना उन पर पूरी तरह से टूट पड़ी. बहुत ही वीरता के साथ तानाजी ने यह युद्ध लड़ा और आखिर में युद्ध लड़ते लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हो गए. अपने जीवन काल के दौरान उन्होंने छत्रपति शिवाजी के साथ बहुत युद्ध लड़े भी और उनमें जीत भी हासिल की.

सिंह गढ़ का यह युद्ध उन्होंने अपनी जान देकर जीत लिया और इतिहास के सुनहरे पन्नों में अपना नाम भी दर्ज करा लिया. जब यह वीरगति को प्राप्त हो गए तो यह युद्ध वहीं पर नहीं थमा उनके मामा और उनके भाई ने मिलकर इस युद्ध को पूरा लड़ा और आखिर में जीत प्राप्त करके कोंडाणा किले पर अपना स्वामित्व हासिल कर लिया और वहां पर मराठा झंडा लहरा कर अपनी जीत को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ फैला दिया. उनकी मृत्यु की बात जब शिवाजी तक पहुंची तब उन्होंने बेहद अधिक शौक के साथ यही कहा कि किला तो जीत लिया परंतु हमने मराठा साम्राज्य का एक वीर शेर खो दिया.

तानाजी की याद में उस किले को सिंह गढ़ के किले के नाम से पहचान दी गई. तानाजी के युद्ध पराक्रम में उनका साथ उनके भाई सूर्या जी माला सूर्य और मामा शेलार ने उनका साथ दिया और उन दोनों की वीरता ने भी उन्हें इतिहास के सुनहरे पन्नों में रोशन कर दिया. कोंडाना किले की इस लड़ाई को जीतने के लिए तानाजी ने 5000 मुगल सैनिकों के लिए सिर्फ 342 सैनिक चुने जिन्होंने अपनी वीरता का पराक्रम दिखाते हुए उसके लिए पर अपना विजय परचम लहराया.

मराठा साम्राज्य के वीर सैनिक सदैव ही देश के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान देते हैं उन्हीं में से एक तानाजी मालेसुर भी रहे. तानाजी के इस पराक्रम को सराहाते हुए शिवाजी ने पुणे और उसके आसपास के क्षेत्र में उनकी कई सारी प्रतिष्ठाएँ स्थापित कराई. जो आज भी इतिहास के सुनहरे पन्नों को रोशन करती हैं और वहां पर रहने वाले लोगों को गर्व व सम्मान से जीने का हक देती है. तानाजी की जीत के बाद उनको सम्मान व श्रद्धांजलि देते हुए पुणे में स्थित वाकडेवाडी नामक स्थान का नाम बदलकर नरबीर तानाजी रखा गया.

तानाजी की वीरता की कविता
वीर सावरकर द्वारा मराठी भाषा में तानाजी पर लिखी कविता का अंश निम्नानुसार हैं.

जयोऽस्तु ते श्रीमहन्‌मंगले शिवास्पदे शुभदे ।
स्वतंत्रते भगवति त्वामहम् यशोयुतां वंदे ॥१॥
स्वतंत्रते भगवती या तुम्ही प्रथम सभेमाजीं ।
आम्ही गातसों श्रीबाजीचा पोवाडा आजी ॥२॥
चितूरगडिंच्या बुरुजानो त्या जोहारासह या ।
प्रतापसिंहा प्रथितविक्रमा या हो या समया ॥३॥
तानाजीच्या पराक्रमासह सिंहगडा येई ।
निगा रखो महाराज रायगड की दौलत आयी ॥४॥
जरिपटका तोलीत धनाजी संताजी या या ।
दिल्लीच्या तक्ताचीं छकलें उधळित भाऊ या ॥५॥
स्वतंत्रतेच्या रणांत मरुनी चिरंजीव झाले ।
या ते तुम्ही राष्ट्रवीरवर या हो या सारे ॥६॥

ये भी पढ़े –

  1. विवेकानंद की जीवनी, स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय, स्वामी विवेकानंद की बायोग्राफी, Swami Vivekananda In Hindi, Swami Vivekananda Ki Jivani
  2. शहीदे आज़म भगत सिंह की जीवनी, शहीद भगत सिंह की बायोग्राफी हिंदी में, भगत सिंह का इतिहास, भगत सिंह का जीवन परिचय, Shaheed Bhagat Singh Ki Jivani
  3. महात्मा गांधी की जीवनी, महात्मा गांधी का जीवन परिचय, महात्मा गांधी की बायोग्राफी, महात्मा गांधी के बारे में, Mahatma Gandhi Ki Jivani
  4. डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जीवनी, डॉ. भीम राव अम्बेडकर का जीवन परिचय हिंदी में, डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अनमोल विचार, Dr. B.R. Ambedkar Biography In Hindi
  5. सुभाष चन्द्र बोस की जीवनी, सुभाष चंद्र बोस की जीवनी कहानी , नेताजी सुभाष चन्द्र बोस बायोग्राफी, सुभाष चन्द्र बोस का राजनीतिक जीवन, आजाद हिंद फौज का गठन
  6. महादेवी वर्मा की जीवनी , महादेवी वर्मा की बायोग्राफी, महादेवी वर्मा की शिक्षा, महादेवी वर्मा का विवाह, Mahadevi Verma Ki Jivani
  7. तानसेन की जीवनी , तानसेन की बायोग्राफी, तानसेन का करियर, तानसेन का विवाह, तानसेन की शिक्षा, Tansen Ki Jivani, Tansen Biography In Hindi
  8. वॉरेन बफे की जीवनी, वॉरेन बफे की बायोग्राफी, वॉरेन बफे का करियर, वॉरेन बफे की पुस्तकें, वॉरेन बफे के निवेश नियम, Warren Buffet Ki Jivani, Warren Buffet Biography In Hindi
  9. हरिवंश राय बच्चन की जीवनी, हरिवंश राय बच्चन की बायोग्राफी, हरिवंश राय बच्चन की कविताएं, हरिवंश राय बच्चन की रचनाएं, Harivansh Rai Bachchan Ki Jivani
  10. रामधारी सिंह दिनकर की जीवनी , रामधारी सिंह दिनकर की बायोग्राफी, रामधारी सिंह दिनकर के पुरस्कार, रामधारी सिंह दिनकर की रचनाएं, Ramdhari Singh Dinkar Ki Jivani
  11. मन्नू भंडारी की जीवनी, मन्नू भंडारी की बायोग्राफी, मन्नू भंडारी का करियर, मन्नू भंडारी की कृतियां, Mannu Bhandari Ki Jivani, Mannu Bhandari Biography In Hindi
  12. अरविन्द घोष की जीवनी, अरविन्द घोष की बायोग्राफी, अरविन्द घोष का करियर, अरविन्द घोष की मृत्यु, Arvind Ghosh Ki Jivani, Arvind Ghosh Biography In Hindi
  13. सम्राट अशोक की जीवनी, सम्राट अशोक की बायोग्राफी, सम्राट अशोक का शासनकाल, सम्राट अशोक की मृत्यु, Ashoka Samrat Ki Jivani, Ashoka Samrat Biography In Hindi
  14. मिल्खा सिंह की जीवनी, मिल्खा सिंह की बायोग्राफी, मिल्खा सिंह का करियर, मिल्खा सिंह का विवाह, मिल्खा सिंह के पुरस्कार, Milkha Singh Ki Jivani, Milkha Singh Biography In Hindi
  15. अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी, अटल बिहारी वाजपेयी की रचनाएं, अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं, Atal Bihari Vajpayee, Atal Bihari Vajpayee Biography In Hindi