Biography of Shanti Swaroop Bhatnagar

शान्ति स्वरूप भटनागर की जीवनी, शान्ति स्वरूप भटनागर की बायोग्राफी, शान्ति स्वरूप भटनागर का करियर, Shanti Swaroop Bhatnagar Ki Jivani, Shanti Swaroop Bhatnagar Biography In Hindi, Shanti Swaroop Bhatnagar Career

शान्ति स्वरूप भटनागर की जीवनी, शान्ति स्वरूप भटनागर की बायोग्राफी, शान्ति स्वरूप भटनागर का करियर, Shanti Swaroop Bhatnagar Ki Jivani, Shanti Swaroop Bhatnagar Biography In Hindi, Shanti Swaroop Bhatnagar Career

शान्ति स्वरूप भटनागर की जीवनी
भारत के प्रसिध्द वैज्ञानिको में एक नाम डॉ शांति स्वरुप भटनागर का भी शामिल है. उन्होंने भारत में राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं की स्थापना में प्रमुख भूमिका निभाई. इसलिए उन्हें भारत में राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं का जनक भी कहा जाता है. वे 19 साल तक रशायन शाष्त्र के प्राध्यापक रहे. डॉ भटनागर वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद (सी.एस.आई.आर.) की स्थापना में महत्वपूर्ण योगदान दिया और इसके पहले महा-निदेशक भी रहे. उन्हें विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यू.जी.सी.) का पहला अध्यक्ष भी बनाया गया था.

भारत में विज्ञानं और शोध के क्षेत्र में उनके योगदान के लिए वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसन्धान परिषद (सी.एस.आई.आर.) ने सन 1958 में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार की स्थापना की. यह पुरस्कार उन वैज्ञानिकों को दिया जाता है जिन्होंने विज्ञान के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान दिया हो.

नाम – डा. शांति स्वरूप भटनागर
नागरिकता – भारतीय
जन्म – 21 फ़रवरी 1894
जन्म स्थान – शाहपुर, ब्रिटिश भारत (अब पाकिस्तान में)
मृत्यु – 1 जनवरी, 1955
कार्यक्षेत्र – रसायन शास्त्र
शिक्षा – पंजाब विश्वविद्यालय युनिवर्सिटी कालेज, लंदन
प्रसिद्धि – भारतीय वैज्ञानिक
विशेष योगदान – शान्ति स्वरूप भटनागर ने राष्ट्रीय प्रयोगशालाओं की स्थापना में अमूल्य योगदान दिया.

शान्ति स्वरूप भटनागर का प्रारंभिक जीवन
शांति स्वरुप भटनागर का जन्म 21 फ़रवरी 1894 में ब्रिटिश भारत के शाहपुर जिले (अब पाकिस्तान में) के भेरा में एक हिन्दू कायस्थ परिवार में हुआ था. जब वे मात्र 8 महीने के थे तभी उनके पिता परमेश्वरी सहाय भटनागर का निधन हो गया जिसके बाद उनका बचपन उनके नाना के घर गुजरा. उनके नाना एक इंजिनियर थे अतः बालक शांति का रुझान विज्ञान और प्रद्योगिकी की ओर स्वाभाविक ही हो गया. बचपन से ही उन्हें खिलौने, इलेक्ट्रानिक बैटरियां और तारयुक्त टेलीफोन बनाने का शौक रहा. उन्होंने अपने नाना के घर से काव्य और कविता का शौक भी मिला. उनकी प्रारंभिक शिक्षा सिकंदराबाद के दयानंद एंग्लो-वैदिक हाई स्कूल में हुई. सन 1911 में उन्होंने लाहौर के नव-स्थापित दयाल सिंह कॉलेज में दाखिला लिया. यहाँ पर वे सरस्वती स्टेज सोसाइटी के सक्रीय सदस्य बन गए. भटनागर ने यहाँ एक कलाकार के तौर पर अच्छी ख्याति अर्जित कर ली थी. उन्होंने उर्दू में करामाती नामक एक नाटक लिखा. इस नाटक के अंग्रेजी अनुवाद ने उन्हें सरस्वती स्टेज सोसाइटी का साल 1912 का सर्वश्रेष्ठ नाटक पुरस्कार और पदक दिलवाया.

शांति स्वरुप भटनागर ने सन 1913 में पंजाब यूनिवर्सिटी से इंटरमीडिएट की परीक्षा प्रथम श्रेणी में पास की. इसके पश्चात उन्होंने लाहौर के फॉरमैन क्रिस्चियन कॉलेज में दाखिला लिया जहाँ से उन्होंने सन 1916 में बी.एस.सी. और सन 1919 में एम.एस.सी. की परीक्षा उत्तीर्ण की.

शान्ति स्वरूप भटनागर की उच्च शिक्षा और प्रारंभिक शोध
शांतिस्वरूप भटनागर को विदेश में पढने के लिए दयाल सिंह ट्रस्ट से छात्रवृति मिली और वे अमेरिका के लिए (वाया इंग्लैंड) रवाना हो गए पर किस्मत को कुछ और ही मंजूर था और उन्हें अमेरिका जाने वाले जहाज़ पर सीट नहीं मिल सकी क्योंकि प्रथम विश्व युद्ध के चलते जहाज़ की सभी सीटों को अमेरिकी सेनाओं के लिए आरक्षित कर दिया गया था.

उनके लिए अच्छी बात ये हुई कि ट्रस्टी ने उन्हें यूनिवर्सिटी कॉलेज लन्दन में रशायन शाष्त्र के प्राध्यापक प्रोफेसर फ्रेडरिक जी. डोनन के अंतर्गत पढ़ने की अनुमति दे दी. सन 1921 में उन्होंने डॉक्टर ऑफ़ साइंस (डी.एस.सी.) की उपाधि भी अर्जित कर ली. उनके लन्दन प्रवास के दौरान वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसन्धान विभाग ने उन्हें £250 सालाना की फेल्लोशिप भी प्रदान की थी.

अगस्त 1921 में वे भारत वापस आ गए और नव-स्थापित बनारस हिन्दू विश्वविद्यालय में रशायन शाष्त्र के प्राध्यापक (प्रोफेसर) नियुक्त हो गए और तीन साल तक अध्यापन कार्य किया. उन्होंने विश्वविद्यालय के कुलगीत की भी रचना की.

बी.एच.यू. में लगभग तीन साल गुजारने के बाद डॉ भटनागर लाहौर चले गए जहाँ उन्हें पंजाब यूनिवर्सिटी में फिजिकल केमिस्ट्री का प्रोफेसर व विश्वविद्यालय के राशायनिक प्रयोगशालाओं का निदेशक नियुक्त किया गया. यह उनके वैज्ञानिक जीवन की सबसे महत्वपूर्ण अवधि थी जिसके दौरान उन्होंने मौलिक वैज्ञानिक शोध किया. इस दौरान उन्होंने इमल्संस, कोल्लोइड्स और औद्योगिक रशायन शाष्त्र पर कार्य किया पर मैग्नेटो-केमिस्ट्री के क्षेत्र में उनका योगदान सबसे अहम् रहा.

सन 1928 में उन्होंने के.एन.माथुर के साथ मिलकर भटनागर-माथुर मैग्नेटिक इन्टरफेरेंस बैलेंस का आविष्कार किया. यह चुम्बकीय प्रकृति ज्ञात करने के लिए सबसे सम्वेदनशील यंत्रों में एक था. इसका प्रदर्शन सन 1931 में रॉयल सोसाइटी के भोज में किया गया था. बाद में एक ब्रिटिश कम्पनी ने इसका उत्पादन भी किया गया.

स्वतंत्रता के उपरान्त, होमी जहाँगीर भाभा, प्रशांत चन्द्र महलानोबिस, विक्रम साराभाई और दूसरे अन्य वैज्ञानिकों के साथ-साथ डॉ भटनागर ने भी देश में विज्ञान एवं प्रद्योगिकी के आधारभूत ढांचे और नीतियों को बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. उन्होंने कई युवा और होनहार वैज्ञानिकों का मार्गदर्शन किया और प्रोत्साहित भी किया. इनमे शामिल थे श्यामदास चटर्जी, शांतिलाल बनर्जी और आशुतोष मुख़र्जी. वे रमन इफ़ेक्ट पर सी.वी. रमन और के.एस. कृष्णन द्वारा किये जा रहे कार्यों पर भी गौर करते थे.

उन्होंने शिक्षा मंत्रालय में सचिव के पद पर कार्य किया और भारत सरकार के शिक्षा सलाहकार भी रहे. उन्होंने वैज्ञानिक श्रमशक्ति समिति रिपोर्ट 1948 के गठन और विचार-विमर्श में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

उन्होंने व्यावहारिक रसायन के क्षेत्र में महत्वपूर्ण कार्य किया और नेशनल रिसर्च डेवलपमेंट कारपोरेशन (एन.आर.डी.सी.) की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. एन.आर.डी.सी. की भूमिका है शोध और विकास के बीच अंतर को समाप्त करना. उन्होंने देश में औद्योगिक शोध आन्दोलन के प्रवर्तन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

सन 1951 में उन्होंने तेल कंपनियों से आयल रिफायनरीज स्थापित करने के लिए वार्ता हेतु एक-सदस्यीय आयोग का गठन किया जिसके परिणामस्वरूप सम्पूर्ण देश में कई आयल रिफायनरीज की स्थापना हुई.

देश की आज़ादी के उपरांत सन 1947 में वैज्ञानिक एवं औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) की स्थापना, शांति स्वरुप भटनागर के नेतृत्व में की गयी और उन्हें सी.एस.आई.आर का प्रथम महा-निदेशक भी बनाया गया. डॉ भटनागर को शोध प्रयोगशालाओं का जनक कहा जाता है. उन्होंने भारत में अनेकों बड़ी रासायनिक प्रयोगशालाओं के स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. डॉ भटनागर ने भारत में कुल बारह राष्ट्रीय प्रयोगशालाएं स्थापित कीं, जिनमें प्रमुख इस प्रकार से हैं:
1- केन्द्रीय खाद्य प्रोसैसिंग प्रौद्योगिकी संस्थान, मैसूर,
2- राष्ट्रीय रासायनिकी प्रयोगशाला, पुणे,
3- राष्ट्रीय भौतिकी प्रयोगशाला, नई दिल्ली,
4- राष्ट्रीय मैटलर्जी प्रयोगशाला, जमशेदपुर,
5- केन्द्रीय ईंधन संस्थान, धनबाद
भारत में विज्ञान के विकास में इनके महत्वपूर्ण योगदान को देखते हुए इनकी मृत्यु के उपरांत, सी.एस.आई.आर ने भटनागर पुरस्कार की शुरुआत की घोषणा की. यह पुरस्कार विज्ञान के हर क्षेत्र के कुशल वैज्ञानिकों को दिया जाता है. भारत सरकार ने डॉ शांति स्वरूप भटनागर को विज्ञान एवं अभियांत्रिकी क्षेत्र में पद्म भूषण से सन 1954 में सम्मानित किया.

शान्ति स्वरूप भटनागर की मृत्यु
काउंसिल ऑफ साइंटिफिक एंड इंडस्ट्रियल रिसर्च हर वर्ष भटनागर के सम्मान में शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार तकनीकी, इंजीनियरिंग और विज्ञान में असाधारण योगदान के लिए प्रदान करती है. 1 जनवरी 1955 को दिल का दौरा पड़ने से डॉ शांति स्वरुप भटनागर की म्रत्यु हो गई.

ये भी पढ़े –

  1. विवेकानंद की जीवनी, स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय, स्वामी विवेकानंद की बायोग्राफी, Swami Vivekananda In Hindi, Swami Vivekananda Ki Jivani
  2. शहीदे आज़म भगत सिंह की जीवनी, शहीद भगत सिंह की बायोग्राफी हिंदी में, भगत सिंह का इतिहास, भगत सिंह का जीवन परिचय, Shaheed Bhagat Singh Ki Jivani
  3. महात्मा गांधी की जीवनी, महात्मा गांधी का जीवन परिचय, महात्मा गांधी की बायोग्राफी, महात्मा गांधी के बारे में, Mahatma Gandhi Ki Jivani
  4. डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जीवनी, डॉ. भीम राव अम्बेडकर का जीवन परिचय हिंदी में, डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अनमोल विचार, Dr. B.R. Ambedkar Biography In Hindi
  5. सुभाष चन्द्र बोस की जीवनी, सुभाष चंद्र बोस की जीवनी कहानी , नेताजी सुभाष चन्द्र बोस बायोग्राफी, सुभाष चन्द्र बोस का राजनीतिक जीवन, आजाद हिंद फौज का गठन
  6. महादेवी वर्मा की जीवनी , महादेवी वर्मा की बायोग्राफी, महादेवी वर्मा की शिक्षा, महादेवी वर्मा का विवाह, Mahadevi Verma Ki Jivani
  7. तानसेन की जीवनी , तानसेन की बायोग्राफी, तानसेन का करियर, तानसेन का विवाह, तानसेन की शिक्षा, Tansen Ki Jivani, Tansen Biography In Hindi
  8. वॉरेन बफे की जीवनी, वॉरेन बफे की बायोग्राफी, वॉरेन बफे का करियर, वॉरेन बफे की पुस्तकें, वॉरेन बफे के निवेश नियम, Warren Buffet Ki Jivani, Warren Buffet Biography In Hindi
  9. हरिवंश राय बच्चन की जीवनी, हरिवंश राय बच्चन की बायोग्राफी, हरिवंश राय बच्चन की कविताएं, हरिवंश राय बच्चन की रचनाएं, Harivansh Rai Bachchan Ki Jivani
  10. रामधारी सिंह दिनकर की जीवनी , रामधारी सिंह दिनकर की बायोग्राफी, रामधारी सिंह दिनकर के पुरस्कार, रामधारी सिंह दिनकर की रचनाएं, Ramdhari Singh Dinkar Ki Jivani
  11. मन्नू भंडारी की जीवनी, मन्नू भंडारी की बायोग्राफी, मन्नू भंडारी का करियर, मन्नू भंडारी की कृतियां, Mannu Bhandari Ki Jivani, Mannu Bhandari Biography In Hindi
  12. अरविन्द घोष की जीवनी, अरविन्द घोष की बायोग्राफी, अरविन्द घोष का करियर, अरविन्द घोष की मृत्यु, Arvind Ghosh Ki Jivani, Arvind Ghosh Biography In Hindi
  13. सम्राट अशोक की जीवनी, सम्राट अशोक की बायोग्राफी, सम्राट अशोक का शासनकाल, सम्राट अशोक की मृत्यु, Ashoka Samrat Ki Jivani, Ashoka Samrat Biography In Hindi
  14. मिल्खा सिंह की जीवनी, मिल्खा सिंह की बायोग्राफी, मिल्खा सिंह का करियर, मिल्खा सिंह का विवाह, मिल्खा सिंह के पुरस्कार, Milkha Singh Ki Jivani, Milkha Singh Biography In Hindi
  15. अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी, अटल बिहारी वाजपेयी की रचनाएं, अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं, Atal Bihari Vajpayee, Atal Bihari Vajpayee Biography In Hindi