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राम नाथ कोविन्द की जीवनी, Biography of Ram Nath Kovind
राम नाथ कोविन्द भारतीय राजनीतिज्ञ है जो 20 जुलाई 2017 को देश के 14 वें राष्ट्रपति के रुप में चुने गए. सर्वोच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जे. एस. खेहर ने इन्हें 25 जुलाई 2017 को भारत के राष्ट्रपति के पद की शपथ ग्रहण कराई . 19 जून 2017 को देश की सत्ताधारी राजनैतिक पार्टी बीजेपी के अध्यक्ष अमित शाह ने इनका नाम 17 जुलाई 2017 को होने वाले भारत के राष्ट्रपति चुनाव के लिए राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की तरफ से सुझाया था. रामनाथ कोविंद तत्कालिक समय में बिहार राज्य के राज्यपाल रहे, किन्तु इससे पहले ये देश की सत्ताधारी पार्टी भारतीय जनता पार्टी के नेता थे. इनका राजनैतिक सफ़र कई मोड़ से गुज़रते हुए देखा जा सकता है. इन्होने कई तरह की भूमिका में देश में भाग लिया है. इन्होने एक समाज सेवी, एक वकील और एक राज्यसभा सांसद के तौर पर काम करते हुए कमज़ोर तबके के लोगों को हर तरह से लाभ पहुँचाने की कोशिश की. राजनीति में भी इन्होने एक अहम् भूमिका निभाई और राज्यसभा में रहते हुए कई पदों पर काम किया.

नाम – राम नाथ कोविंद
जन्म – 1 ऑक्टूबर 1945
आयु – 75 वर्ष
जन्म स्थान – परौख, कानपुर देहात, उत्तर प्रदेश, भारत
राष्ट्रीयता – भारतीय
कॉलेज – कानपुर विश्वविद्यालय, कानपुर
शैक्षिक योग्यता – कॉमर्स में स्नातक, एल० एल० बी०
शौक – योग करना, पुस्तकें पढ़ना
व्यवसाय – भारतीय राजनेता एवं एडवोकेट

पसंदीदा चीजें, Favorite Things
पसंदीदा राजनेता – अटल बिहारी वाजपाई, नरेंद्र मोदी
पसंदीदा नेता – महात्मा गाँधी, बी० आर० अम्बेडकर

रामनाथ कोविंद का जन्म, Birth of Ramnath Kovind
रामनाथ कोविंद का जन्म 1 अक्टूबर 1945 में कानपुर के डेरापुर तहसील में हुआ. इनके पिता का नाम स्वर्गीय माईकू लाल तथा माता का नाम स्वर्गीय कलावती है. इनकी पत्नी का नाम सविता कोविंद है.

रामनाथ कोविंद की शिक्षा, Education of Ramnath Kovind
रामनाथ कोविंद ने पढाई करते हुए बी.कॉम और एलएलबी की डिग्री हासिल की. ये डिग्री इन्होने कानपुर विश्वविद्यालय से हासिल की. कानपूर से लॉ की पढाई पूरी करने के बाद ये दिल्ली गये. दिल्ली में इन्होने आईएएस की परीक्षा निकालने की कोशिश की, किन्तु इस प्रयास में इनके हाथ असफलता लगी. शुरु में दो बार असफलता लगने के बाद भी इन्होने हार नहीं मानी और तीसरी बार पुनः आईएएस एंट्रेंस की परीक्षा दी. इस बार ये सफल हुए, हालांकि इन्हें आईएएस पद नहीं मिला था. इन्होने नौकरी नहीं की और नौकरी की जगह लॉ का अभ्यास करना ही सही समझा.

रामनाथ कोविंद का करियर, Ramnath Kovind’s Career
रामनाथ कोविंद ने एलएलबी की डिग्री हासिल की, अतः इन्होने वकालत में भी अपना करियर आजमाया और दक्ष वकील साबित हुए. इनके करियर को दो भागों में देखा जा सकता है.
1- वकालत में करियर : वकालत करते हुए इन्होने दिल्ली हाई कोर्ट में अभ्यास किया. यहाँ पर इन्होने केंद्र सरकार के वकील रहते हुए काम किया. दिल्ली हाई कोर्ट में इनका कार्यकाल साल 1977 से 1979 तक का रहा. साल 1980 से 1993 के दौरान केंद्रीय सरकार के स्टैंडिंग कौंसिल की तरफ से इन्होने सुप्रीम कोर्ट में भी अभ्यास किया. सुप्रीम कोर्ट के जज की चयन प्रक्रिया यहाँ पढ़ें.
2- सांसद के तौर पर : साल 1994 के अप्रैल के महीने में इन्हें उत्तरप्रदेश से राज्यसभा सांसद नियुक्त किया गया. अपनी कुशल कार्यक्षमता के बल पर इन्होने इस साल लगातार 2 बार राज्यसभा सांसद का पद हासिल किया. इस तरह राज्यसभा में इनका कार्यकाल 12 वर्ष का यानि साल 2006 तक का रहा.

रामनाथ कोविंद राष्ट्रपति के पद पर आसीन, Ramnath Kovind Holds The Post of President
भारत के तत्कालिक राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी का कार्यकाल 24 जुलाई 2017 को ख़त्म होने जा रहा है. उसके अगले दिन 25 जुलाई 2017 को रामनाथ कोविंद भारत के 14 वें राष्ट्रपति के पद के लिए शपथ ग्रहण करेंगे. 20 जुलाई 2017 को वोटों की आखिरी गिनती के बाद 10,09,358 के कुल वोटों में से रामनाथ कोविंद को 7,02,044 वोटों से जीत हासिल हुई. जबकि इनकी प्रतिद्वंदी और लोकसभा की पूर्व अध्यक्ष मीना कुमार को सिर्फ 3,67,314 वोट मिले. इस तरह श्री रामनाथ कोविंद ने अपने तमाम पदों पर काम करते हुए देश के उन तबकों को नहीं भुला, जो अभी तक सही तौर पर विकास मार्ग पर नहीं आ पाए हैं. अब 25 जुलाई 2017 से इनका राष्ट्रपति का कार्यकाल शुरू होगा.

रामनाथ कोविंद की सामाजिक गतिविधियाँ, Social Activities of Ramnath Kovind
इन्होने समाज के पिछले तबके के लोगों के लिए बहुत काम किया. मुख्यतौर पर कुछ इस प्रकार हैं –
1- इन्होने अनुसूचित जाति- जनजाति, अल्पसंख्यक, महिलाओं के लिए अपने कॉलेज के दिनों से ही काम करना शुरू कर दिया था. अपने छात्र काल से ही लोक सेवा करने की वजह से इन्हें कई लोगों ने बहुत जल्द समझ लिया.
2- समाज में शिक्षा फैलाने के लिए कई बड़े कदम उठाये. अपने 12 वर्ष के राज्यसभा के सांसद के तौर पर कार्यरत रहते हुए इन्होने पिछले तबकों में शिक्षा फैलाने पर विशेष जोर दिया.
3- वकालत के दौरान अनुसूचित जाति- जनजाति और महिलाओं के लिए क़ानूनी रूप से मिलने वाली कई मुफ्त सुविधाओं को पहुँचाया. इनके प्रयासों से ही दिल्ली में फ्री लीगल ऐड सोसाइटी जैसी संस्था अस्तित्व में आ सकी.
4- इन्होने इनका कानपुर का पुश्तैनी मकान अपने गाँव वालों को दान कर दिया, जो अब बारातघर के रूप में प्रयोग किया जाता है.
5- दलितों के मध्य इनकी गहरी पैठ को देखते हुए साल 2012 के उत्तरप्रदेश चुनाव में श्री राजनाथ सिंह ने उत्तरप्रदेश के दलित क्षेत्रों में पार्टी प्रचार के लिए इनकी मदद ली थी.

राम नाथ कोविंद से जुड़ी कुछ दिलचस्प बातें, Some Interesting Things Related to Ram Nath Kovind
1- राम नाथ कोविंद का जन्म कानपुर देहात के परौख गाँव के एक मध्यम-वर्गीय परिवार में हुआ था.
2- जिस गाँव में कोविंद का जन्म हुआ था वह ब्राह्मण एवं ठाकुर बाहुल्य इलाका था जहाँ सिर्फ चार दलित घर थे.
3- कोविंद के पिताजी परौख गाँव के चौधरी थे. वो एक प्रख्यात वैद्य भी थे. उनके पास एक करियाना और वस्त्र की दूकान भी थी.
4- राम नाथ कोविंद बचपन से ही एक होनहार विद्यार्थी थे. कानपुर देहात से अपनी प्राथमिक शिक्षा अर्जित करने के उपरांत वे कानपुर चले गए जहाँ कानपुर विश्वविद्यालय से उन्होंने कॉमर्स और कानून में स्नातक किया.
5- स्नातक करने के बाद कोविंद दिल्ली चले गए जहाँ वे सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में जुट गए. दिल्ली में उनकी मुलाकात जन संघ के नेता हुकुम चंद (उज्जैन वाले) से हुई जिसके बाद उनका रूझान राजनीति की तरफ हो गया.
6- कोविंद ने अपने पेशे की शुरुआत एक वकील के तौर पर की. 1971 में वे दिल्ली बार काउंसिल के सदस्य बने.
7- 1977 से 1979 तक कोविंद ने दिल्ली उच्च न्यायलय में बतौर एडवोकेट कार्य किया. इसी अवधि के दौरान वे तत्कालीन प्रधानमंत्री मोरारजी देसाई के निजी सहायक भी रहे.
8- 1978 में वे सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड बने.
9- 1980 से 1993 तक उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में बतौर केंद्रीय सरकार के स्थाई अभिवक्ता का कार्य किया.
10- सुप्रीम कोर्ट और विभिन्न हाई कोर्ट में उन्होंने 16 साल तक वकालत की. इस अवधि के दौरान उन्होंने समाज के विभिन्न कमजोर वर्गों के लोगों को कानूनी सहायता प्रदान करने में मुख्य भूमिका निभाई.
11- एन० डी० ए० सरकार के प्रथम कार्यकाल के दौरान वे केंद्रीय सरकार द्वारा जारी एक आदेश के खिलाफ एस० सी०/एस० टी० कर्मचारी आंदोलन से जुड़े और एस० सी०/एस० टी० कर्मचारियों के खिलाफ जारी किए गए आदेश को निरस्त कराने में सफल रहे.
12- बतौर संसद सदस्य, कोविंद ने सांसद निधि कोष का पूर्णतयः इस्तेमाल करते हुए उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखण्ड के ग्रामीण इलाकों में शिक्षा से जुडी विभिन्न आधारिक संरचनाओं का निर्माण कराया.
13- अपने कार्यकाल के दौरान वे वभिन्न संसदीय समितियों के सदस्य भी रहे.
14- वे बी० आर० अम्बेडकर विश्विद्यालय, लखनऊ और भारतीय राज्यपाल प्रबंधन संस्थान, कोलकाता के प्रबंधन मंडल के सदस्य भी रहे हैं.
15- अक्टूबर 2002 में भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए उन्होंने न्यू यॉर्क स्थित संयुक्त राष्ट्र की आम सभा को संबोधित किया.
16- कोविंद भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता भी रहे हैं.
17- वे भारतीय जनता पार्टी के अनुसूचित जाति मोर्चा और अखिल भारतीय कोली समाज के अध्यक्ष भी रहे हैं.
18- 8 अगस्त को वे बिहार के 36 वें राज्यपाल बने.
19- 19 जून 2017 को एन० डी० ए० द्वारा राष्ट्रपति पद के लिए नामित किए गए.
20- 25 जुलाई 2017 को राम नाथ कोविंद ने भारत के चौदहवें राष्ट्रपति के तौर पर पद और गोपनीयता की शपथ ली.

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