Biography of Milkha Singh

मिल्खा सिंह की जीवनी, Milkha Singh Biography in Hindi, मिल्खा सिंह जीवनी, मिल्खा सिंह की बायोग्राफी, Milkha Singh Ki Jivani, मिल्खा सिंह का करियर, मिल्खा सिंह का विवाह, बायोग्राफी ऑफ मिल्खा सिंह, मिल्खा सिंह के पुरस्कार, Milkha Singh Biography in Hindi, Milkha Singh Career, Milkha Singh Vivah, Milkha Singh Awards, मिलखा सिंह की जीवनी, मिल्खा सिंह का जन्म कब हुआ

मिल्खा सिंह की जीवनी, Milkha Singh Biography in Hindi, मिल्खा सिंह जीवनी, मिल्खा सिंह की बायोग्राफी, Milkha Singh Ki Jivani, मिल्खा सिंह का करियर, मिल्खा सिंह का विवाह, बायोग्राफी ऑफ मिल्खा सिंह, मिल्खा सिंह के पुरस्कार, Milkha Singh Biography in Hindi, Milkha Singh Career, Milkha Singh Vivah, Milkha Singh Awards, मिलखा सिंह की जीवनी, मिल्खा सिंह का जन्म कब हुआ

मिल्खा सिंह की जीवनी, Milkha Singh Biography in Hindi
आज हम आपको बताने जा रहें है भारत के जाने माने धावक के बारें में जिनका नाम है मिल्खा सिंह इन्होने रोम के 1960 ग्रीष्म ओलंपिक और टोक्यो के 1964 ग्रीष्म ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व किया था. उनको उड़न सिख का उपनाम दिया गया था. 1960 के रोम ओलंपिक खेलों में उन्होंने पूर्व ओलंपिक कीर्तिमान को ध्वस्त किया लेकिन पदक से वंचित रह गए. इस दौड़ के दौरान उन्होंने ऐसा राष्ट्रिय कीर्तिमान स्थापित किया जो लगभग 40 साल बाद जाकर टूटा.

पूरा नाम: – मिल्खा सिंह
जन्म: – 20 नवम्बर 1929
पत्नी- निर्मल सैनी (1963 से 2021)
जन्म स्थान: – गोविन्दपुरा (वर्तमान में पाकिस्तान)
पद/कार्य: – पूर्व 400 मीटर धावक
मृत्यु – 18 जून 2021

मिल्खा सिंह का प्रारंभिक जीवन
बता दें कि मिल्खा सिंह का जन्म 20 नवम्बर 1929 को अविभाजित भारत के पंजाब में एक सिख राठौर परिवार में हुआ था. अपने माँ-बाप की कुल 15 संतानों में वह एक थे. उनके कई भाई-बहन बाल्यकाल में ही गुजर गए थे. भारत के विभाजन के बाद हुए दंगों में मिलखा सिंह ने अपने माँ-बाप और भाई-बहन खो दिया. अंततः वे शरणार्थी बन के ट्रेन द्वारा पाकिस्तान से दिल्ली आए. दिल्ली में वह अपनी शदी-शुदा बहन के घर पर कुछ दिन रहे. कुछ समय शरणार्थी शिविरों में रहने के बाद वह दिल्ली के शाहदरा इलाके में एक पुनर्स्थापित बस्ती में भी रहे.

ऐसे भयानक हादसे के बाद उनके ह्रदय पर गहरा आघात लगा था. अपने भाई मलखान के कहने पर उन्होंने सेना में भर्ती होने का निर्णय लिया और चौथी कोशिश के बाद सन 1951 में सेना में भर्ती हो गए. बचपन में वह घर से स्कूल और स्कूल से घर की 10 किलोमीटर की दूरी दौड़ कर पूरी करते थे और भर्ती के वक़्त क्रॉस-कंट्री रेस में छठे स्थान पर आये थे इसलिए सेना ने उन्हें खेलकूद में स्पेशल ट्रेनिंग के लिए चुना था.

मिल्खा सिंह का विवाह
आपको बता दें कि मिल्खा सिंह ने भारतीय महिला वॉलीबॉल के पूर्व कप्तान निर्मल कौर से सन 1962 में विवाह किया. कौर से उनकी मुलाकात सन 1955 में श्री लंका में हुई थी. इनके तीन बेटियां और एक बेटा है. इनका बेटा जीव मिल्खा सिंह एक मशहूर गोल्फ खिलाडी है. सन 1999 में मिल्खा ने शहीद हवलदार बिक्रम सिंह के सात वर्षीय पुत्र को गोद लिया था. मिल्खा सम्प्रति में चंडीगढ़ शहर में रहते हैं.

मिल्खा सिंह का धावक के तौर पर करियर
सेना में उन्होंने कड़ी मेहनत की और 200 मी और 400 मी में अपने आप को स्थापित किया और कई प्रतियोगिताओं में सफलता हांसिल की. उन्होंने सन 1956 के मेर्लबोन्न ओलिंपिक खेलों में 200 और 400 मीटर में भारत का प्रतिनिधित्व किया पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अनुभव न होने के कारण सफल नहीं हो पाए लेकिन 400 मीटर प्रतियोगिता के विजेता चार्ल्स जेंकिंस के साथ हुई मुलाकात ने उन्हें न सिर्फ प्रेरित किया बल्कि ट्रेनिंग के नए तरीकों से अवगत भी कराया.

इसके बाद सन 1958 में कटक में आयोजित राष्ट्रिय खेलों में उन्होंने 200 मी और 400 मी प्रतियोगिता में राष्ट्रिय कीर्तिमान स्थापित किया और एशियन खेलों में भी इन दोनों प्रतियोगिताओं में स्वर्ण पदक हासिल किया. साल 1958 में उन्हें एक और महत्वपूर्ण सफलता मिली जब उन्होंने ब्रिटिश राष्ट्रमंडल खेलों में 400 मीटर प्रतियोगिता में स्वर्ण पदक हासिल किया. इस प्रकार वह राष्ट्रमंडल खेलों के व्यक्तिगत स्पर्धा में स्वर्ण पदक जीतने वाले स्वतंत्र भारत के पहले खिलाडी बन गए. इसके बाद उन्होंने सन 1960 में पाकिस्तान प्रसिद्ध धावक अब्दुल बासित को पाकिस्तान में पिछाडा जिसके बाद जनरल अयूब खान ने उन्हें उड़न सिख कह कर पुकारा.

मिल्खा सिंह का सन् 1960 का रोम ओलिंपिक खेल
रोम ओलिंपिक खेल शुरू होने से कुछ वर्ष पूर्व से ही मिल्खा अपने खेल जीवन के सर्वश्रेष्ठ फॉर्म में थे और ऐसा माना जा रहा था की इन खेलों में मिल्खा पदक जरूर प्राप्त करेंगे. रोम खेलों से कुछ समय पूर्व मिल्खा ने फ्रांस में 45.8 सेकंड्स का कीर्तिमान भी बनाया था. 400 में दौड़ में मिल्खा सिंह ने पूर्व ओलिंपिक रिकॉर्ड तो जरूर तोड़ा पर चौथे स्थान के साथ पदक से वंचित रह गए. 250 मीटर की दूरी तक दौड़ में सबसे आगे रहने वाले मिल्खा ने एक ऐसी भूल कर दी जिसका पछतावा उन्हें आज भी है. उन्हें लगा की वो अपने आप को अंत तक उसी गति पर शायद नहीं रख पाएंगे और पीछे मुड़कर अपने प्रतिद्वंदियों को देखने लगे जिसका खामियाजा उन्हें भुगतना पड़ा और वह धावक जिससे स्वर्ण की आशा थी कांस्य भी नहीं जीत पाया. मिल्खा को आज तक उस बात का मलाल है. इस असफलता से सिंह इतने निराश हुए कि उन्होंने दौड़ से संन्यास लेने का मन बना लिया पर बहुत समझाने के बाद मैदान में फिर वापसी की.

इसके बाद 1962 के जकार्ता में आयोजित एशियन खेलों में मिल्खा ने 400 मीटर और 4 X 400 मीटर रिले दौड़ में स्वर्ण पदक जीता. उन्होंने 1964 के टोक्यो ओलिंपिक खेलों में भाग लिया और उन्हें तीन स्पर्धाओं (400 मीटर, 4 X 100 मीटर रिले और 4 X 400 मीटर रिले) में भाग लेने के लिए चुना गया पर उन्होंने 4 X 400 मीटर रिले में भाग लिया पर यह टीम फाइनल दौड़ के लिए क्वालीफाई भी नहीं कर पायी.

मिल्खा द्वारा रोम ओलिंपिक में स्थापित राष्ट्रिय कीर्तिमान को धावक परमजीत सिंह ने सन 1998 में तोड़ा.

मिल्खा सिंह का रोम ओलिंपिक के बाद का जीवन
सन 1958 के एशियाई खेलों में सफलता के बाद सेना ने मिल्खा को जूनियर कमीशंड ऑफिसर के तौर पर पदोन्नति कर सम्मानित किया और बाद में पंजाब सरकार ने उन्हें राज्य के शिक्षा विभाग में खेल निदेशक के पद पर नियुक्त किया. इसी पद पर मिल्खा सन 1998 में सेवानिवृत्त हुए.

वर्ष 1958 में भारत सरकार ने उन्हें पद्मश्री से सम्मानित किया पर मिल्खा ने सन 2001 में भारत सरकार द्वारा अर्जुन पुरस्कार के पेशकश को ठुकरा दिया.

मिल्खा सिंह ने अपने जीवन में जीते सारे पदकों को राष्ट्र के नाम कर दिया. शुरू में उन्हें जवाहर लाल नेहरु स्टेडियम में रखा गया था पर बाद में उन्हें पटियाला के एक खेल म्यूजियम में स्थानांतरित कर दिया गया. वर्ष 2012 में उन्होंने रोम ओलिंपिक के 400 मीटर दौड़ में पहने जूते एक चैरिटी की नीलामी में दे दिया.

वर्ष 2013 में मिल्खा ने अपनी बेटी सोनिया संवलका के साथ मिलकर अपनी आत्मकथा The Race of My Life लिखी. इसी पुस्तक से प्रेरित होकर हिंदी फिल्मों के मशहूर निर्देशक राकेश ओम प्रकाश मेहरा ने भाग मिल्खा भाग नामक फिल्म बनायी. इस फिल्म में मिल्खा का किरदार मशहूर अभिनेता फरहान अख्तर ने निभाया.

मिल्खा सिंह की उपलब्धियां
1958 के एशियाई खेलों में 200 मी व 400 मी में स्वर्ण पदक, 1958 के कॉमनवेल्थ खेलों में स्वर्ण पदक, 1962 के एशियाई खेलों में स्वर्ण पदक.

मिल्खा सिंह की मृत्यु 
सिंह को 24 मई 2021 को COVID-19 के कारण हुए निमोनिया के साथ मोहाली के फोर्टिस अस्पताल में गहन चिकित्सा इकाई में भर्ती कराया गया था। कुछ समय के लिए उनकी हालत स्थिर बताई गई, लेकिन 18 जून 2021 को रात 11:30 बजे IST पर उनका निधन हो गया। उनकी पत्नी निर्मल सैनी की कुछ दिन पहले 13 जून 2021 को भी COVID-19 के कारण मृत्यु हो गई थी।

ये भी पढ़े –

  1. विवेकानंद की जीवनी, स्वामी विवेकानंद का जीवन परिचय, स्वामी विवेकानंद की बायोग्राफी, Swami Vivekananda In Hindi, Swami Vivekananda Ki Jivani
  2. शहीदे आज़म भगत सिंह की जीवनी, शहीद भगत सिंह की बायोग्राफी हिंदी में, भगत सिंह का इतिहास, भगत सिंह का जीवन परिचय, Shaheed Bhagat Singh Ki Jivani
  3. महात्मा गांधी की जीवनी, महात्मा गांधी का जीवन परिचय, महात्मा गांधी की बायोग्राफी, महात्मा गांधी के बारे में, Mahatma Gandhi Ki Jivani
  4. डॉ. भीम राव अम्बेडकर की जीवनी, डॉ. भीम राव अम्बेडकर का जीवन परिचय हिंदी में, डॉ. भीमराव अम्बेडकर के अनमोल विचार, Dr. B.R. Ambedkar Biography In Hindi
  5. सुभाष चन्द्र बोस की जीवनी, सुभाष चंद्र बोस की जीवनी कहानी , नेताजी सुभाष चन्द्र बोस बायोग्राफी, सुभाष चन्द्र बोस का राजनीतिक जीवन, आजाद हिंद फौज का गठन
  6. महादेवी वर्मा की जीवनी , महादेवी वर्मा की बायोग्राफी, महादेवी वर्मा की शिक्षा, महादेवी वर्मा का विवाह, Mahadevi Verma Ki Jivani
  7. तानसेन की जीवनी , तानसेन की बायोग्राफी, तानसेन का करियर, तानसेन का विवाह, तानसेन की शिक्षा, Tansen Ki Jivani, Tansen Biography In Hindi
  8. वॉरेन बफे की जीवनी, वॉरेन बफे की बायोग्राफी, वॉरेन बफे का करियर, वॉरेन बफे की पुस्तकें, वॉरेन बफे के निवेश नियम, Warren Buffet Ki Jivani, Warren Buffet Biography In Hindi
  9. हरिवंश राय बच्चन की जीवनी, हरिवंश राय बच्चन की बायोग्राफी, हरिवंश राय बच्चन की कविताएं, हरिवंश राय बच्चन की रचनाएं, Harivansh Rai Bachchan Ki Jivani
  10. रामधारी सिंह दिनकर की जीवनी , रामधारी सिंह दिनकर की बायोग्राफी, रामधारी सिंह दिनकर के पुरस्कार, रामधारी सिंह दिनकर की रचनाएं, Ramdhari Singh Dinkar Ki Jivani
  11. मन्नू भंडारी की जीवनी, मन्नू भंडारी की बायोग्राफी, मन्नू भंडारी का करियर, मन्नू भंडारी की कृतियां, Mannu Bhandari Ki Jivani, Mannu Bhandari Biography In Hindi
  12. अरविन्द घोष की जीवनी, अरविन्द घोष की बायोग्राफी, अरविन्द घोष का करियर, अरविन्द घोष की मृत्यु, Arvind Ghosh Ki Jivani, Arvind Ghosh Biography In Hindi
  13. सम्राट अशोक की जीवनी, सम्राट अशोक की बायोग्राफी, सम्राट अशोक का शासनकाल, सम्राट अशोक की मृत्यु, Ashoka Samrat Ki Jivani, Ashoka Samrat Biography In Hindi
  14. अटल बिहारी वाजपेयी की जीवनी, अटल बिहारी वाजपेयी की रचनाएं, अटल बिहारी वाजपेयी की कविताएं, Atal Bihari Vajpayee, Atal Bihari Vajpayee Biography In Hindi